कंजेस्टिव हार्ट फेलियर – Congestive Heart Failure in Hindi

इस लेख में, हम कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी पर चर्चा करेंगे, जैसे कि इसके कारण, लक्षण, निदान, रोकथाम, जटिलताएं, उपचार, चरण, प्रकार और जोखिम कारक।

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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) क्या है? – (What is Congestive Heart Failure (CHF) in hindi?)

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (congestive heart failure) एक दीर्घकालिक प्रगतिशील स्थिति (chronic progressive condition) है। यह वह स्थिति है जिसमें हृदय शरीर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए रक्त पंप करने में असमर्थ हो जाता है।

मूल रूप से, हार्ट फेलियर का मतलब यह नहीं है कि हृदय काम करना बंद कर देता है, बल्कि यह तब होता है जब आपका हृदय सामान्य से कम कुशलता से काम करने की स्थिति में आ जाता है। कंजेस्टिव का अर्थ है फेफड़ों, बाहों, पैरों, टखनों और शरीर के अन्य अंगों में तरल पदार्थ का जमा होना। इसे अक्सर हार्ट फेलियर कहा जाता है, लेकिन कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) वास्तव में उस चरण को संदर्भित करता है जिसमें हृदय के भीतर तरल पदार्थ जमा हो जाता है और यह अकुशल रूप से पंप करता है।

यह एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जिसके लिए चिकित्सीय सहायता लेने की आवश्यकता होती है। यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह जीवन के लिए खतरा भी हो सकती है। लेकिन, यदि इसका समय पर और प्रारंभिक अवस्था में निदान किया जाता है, तो इसे रोका जा सकता है और इसका इलाज किया जा सकता है।

लेकिन उससे पहले, आइए समझते हैं कि कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) होता कैसे है।

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर कैसे होता है? – (How Does CHF Occurs in hindi?)

फ्लूइड (द्रव) के इकट्ठा हो जाने के कारण हृदय द्वारा रक्त पंप करने में अप्रभावी होना कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के रूप में जाना जाता है। हृदय में चार चैम्बर (chambers) होते हैं, जहाँ ऊपरी आधे भाग में 2 अटरिया (atria) और निचले आधे भाग में 2 वेंट्रिकल्स (ventricles) होते हैं।

वेंट्रिकल्स शरीर के ऊतकों और अंगों में रक्त पंप करने के लिए जिम्मेदार होते हैं, जबकि अटरिया (atria) परिसंचरण की प्रक्रिया में रक्त को वापस प्राप्त करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर तब विकसित होता है जब आपके हृदय के वेंट्रिकल्स शरीर में पर्याप्त मात्रा में रक्त पंप करने में असमर्थ होते हैं। अंततः, रक्त अक्सर वापस आ जाता है; तथा आपके फेफड़ों, बाहों, पैरों, टखनों और शरीर के अन्य अंगों में द्रव जमा हो जाता है।

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) के क्या कारण हैं? – (What are the causes of Congestive Heart Failure (CHF) in hindi?)

सीएचएफ हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाने वाली विभिन्न स्थितियों के परिणामस्वरूप हो सकता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

1) कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease)

कोरोनरी आर्टरी डिजीज या सीएडी एक ऐसी बीमारी है जो कोरोनरी धमनियों में रुकावट या गंभीर संकीर्णता का कारण बनती है। इन धमनियों का कार्य हृदय को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति करना है। सीएडी के कारण, हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। धमनियों के अवरुद्ध या गंभीर रूप से संकीर्ण होने की स्थिति में, हृदय को अपने कामकाज के लिए पर्याप्त पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।

2) हार्ट अटैक (Heart Attack)

कोरोनरी धमनी में अचानक रुकावट हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को रोकती है, जो अंततः हार्ट अटैक (दिल के दौरे) का कारण बनती है। हार्ट अटैक के परिणामस्वरूप हृदय की मांसपेशियों और हृदय के एक क्षेत्र को नुकसान होता है, जिससे वो ठीक से काम नहीं कर पाता है।

3) कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy)

यह वह स्थिति है जब हृदय की मांसपेशियां रक्त प्रवाह या धमनी की समस्याओं के अलावा अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जैसे नशीली दवाओं के दुरुपयोग, शराब के सेवन या संक्रमण के कारण।

4) ऐसी स्थितियाँ जो हृदय से अधिक काम करवाती हैं (Conditions That Overwork the Heart)

ऐसी स्थितियों में, हार्ट फेलियर डायबिटीज, गुर्दे की बीमारी, थायरॉयड रोग, हृदय के वाल्व का रोग, उच्च रक्तचाप, या जन्म से ही मौजूद हृदय दोष (heart defects) जैसी स्थितियों के कारण होता है।

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) के लक्षण – (Symptoms of Congestive Heart Failure (CHF) in hindi)

दोस्तो, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) के शुरुआती चरणों के दौरान आपको अपने स्वास्थ्य में कोई बदलाव नज़र नहीं आता। लेकिन अगर आपकी यह स्थिति और आगे बढ़ती है, तो आपको अपने शरीर में धीरे-धीरे बदलाव महसूस होते हैं।

सीएचएफ (CHF) के शुरुआती लक्षण सीएचएफ (CHF) की बदतर स्थिति को दर्शाने वाले लक्षण हृदय की गंभीर स्थिति को दर्शाने वाले लक्षण
पेशाब का अधिक आना, विशेष रूप से रात मेंसांस फूलना (जो पल्मोनरी एडिमा का संकेत हो सकता है)बेहोशी
वजन बढ़नाघरघराहट (wheezing)त्वचा का नीला पड़ना, जो फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी के कारण हो सकता है
टखनों और पैरों में सूजनफेफड़ों में जमाव के कारण खांसी आनातेजी से साँस लेना
थकावटदिल की अनियमित धड़कनछाती में दर्द, जो शरीर के ऊपरी हिस्से तक फ़ैल रहा हो

इसी तरह के लक्षण कई अन्य स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर से परामर्श करना ज़रूरी है। जिन व्यक्तियों को हार्ट फेलियर का निदान किया गया है, उन्हें अपने लक्षणों का सावधानीपूर्वक ध्यान रखना चाहिए और किसी भी अचानक हुए बदलाव को तुरंत अपने डॉक्टर को बताना चाहिए।

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) का निदान – (Diagnosis of Congestive Heart Failure (CHF) in hindi)

CHF के निदान की प्रक्रिया में, डॉक्टर शारीरिक परीक्षण, चिकित्सा इतिहास और पारिवारिक इतिहास के साथ-साथ विभिन्न परीक्षण परिणामों पर भी विचार करते हैं। वे आपके लक्षणों के बारे में पूछते हैं और उनकी समीक्षा भी करते हैं।

शारीरिक परीक्षण में, डॉक्टर:

  • आपके पैरों और पेट में तरल पदार्थ के निर्माण की जाँच करेगा
  • गर्दन में नसों की जाँच करेगा
  • दिल में किसी असामान्य आवाज़ (whooshing sounds or murmurs) की जाँच करेगा जो हार्ट फेलियर का संकेत हो सकता है
  • फेफड़ों में तरल पदार्थ के जमा होने की जाँच करने के लिए फेफड़ों की ध्वनि को सुनेगा

शारीरिक परीक्षण के बाद, डॉक्टर कुछ परीक्षण सुझा सकते हैं जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

परीक्षण (Test)यह कैसे किया जाता है यह क्या पता लगाता है
रक्त परीक्षण (Blood tests)रक्त के सैंपल (नमूना) की जांच की जाती है।किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाता है जिसका हृदय पर प्रभाव पड़ सकता है।
छाती का एक्स-रे (Chest X-ray)एक्स-रे चित्र लिया जाता है।हृदय और फेफड़ों की स्थिति दिखाता है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या ईसीजी (Electrocardiogram or ECG)हृदय के विद्युत संकेतों को रिकॉर्ड करता है।दिल की धड़कनों की लंबाई और समय दिखाता है।
इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)ध्वनि तरंगों का उपयोग एक गतिशील हृदय की छवि बनाने के लिए किया जाता है।-हृदय की संरचना और आकार दिखाता है।
-हृदय के वाल्व और हृदय के माध्यम से रक्त के प्रवाह को दिखाता है।
-दिखाता है कि हृदय कितनी अच्छी तरह से पंप कर रहा है।
-इजेक्शन फ्रैक्शन (ejection fraction ) को मापता है।
-हार्ट फेलियर को वर्गीकृत करने में मदद करता है।
-उपचार करने का मार्गदर्शन करता है।  
स्ट्रेस टेस्ट (Stress test)डॉक्टर आपको संलग्न ईसीजी मशीन के साथ ट्रेडमिल पर चलने के लिए कहेंगे। डॉक्टर आपके हृदय पर व्यायाम के प्रभाव को उत्तेजित करने के लिए आपको एक IV दवा दे सकते हैं।यह परीक्षण निर्धारित करता है कि हृदय और फेफड़ों को कितनी अच्छी तरह से ऑक्सीजन मिलती है। तथा वे कितनी अच्छी तरह से कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालते हैं।
कार्डियक कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन (Cardiac computerised tomography or (CT) scan)-आपको डोनट की आकृति के जैसी मशीन के अंदर एक टेबल पर लेटाया जाता है।   -मशीन में एक एक्स-रे ट्यूब होती है जो छाती और हृदय की तस्वीरें एकत्र करने के लिए शरीर के चारों ओर घूमती है।-इजेक्शन फ्रैक्शन (ejection fraction ) को मापता है।
-हृदय की धमनियों और वाल्वों की जाँच करता है।
-यह निर्धारित करने में डॉक्टर की मदद कर सकता है कि व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ा था या नहीं।
मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging or MRI)आपको एक लंबी, ट्यूब जैसी मशीन के अंदर एक टेबल पर लेटाया जाता है। हृदय की तस्वीरें बनाने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है। इजेक्शन अंश को मापता है-इजेक्शन फ्रैक्शन (ejection fraction ) को मापता है। 
-हृदय की धमनियों और वाल्वों की जाँच करता है।
-यह आपके डॉक्टर को यह देखने में मदद कर सकता है कि आपके हृदय को कोई क्षति हुई है या नहीं।
कोरोनरी एंजियोग्राम (Coronary angiogram)एक पतली और लचीली कैथेटर को रक्त वाहिका में डाला जाता है (आमतौर पर कमर में), और कोरोनरी आर्टरीज (coronary arteries) तक निर्देशित किया जाता है। फिर इस कैथेटर के माध्यम से एक डाई इंजेक्ट की जाती है ताकि हृदय की धमनियां एक्स-रे पर अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई दें।यह कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease) या संकुचित धमनियों (narrowed arteries) का पता लगाने में मदद करता है।
मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy)गर्दन या कमर की नस (vein) में एक छोटी सी कार्ड (cord) डालकर हृदय की मांसपेशी का एक बहुत छोटा टुकड़ा निकाला जाता है।यह हृदय की मांसपेशियों की कुछ खास बीमारियों का निदान करने में मदद करता है जो हार्ट फेलियर का कारण बन सकती हैं।

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) के प्रकार क्या हैं? – (What are The Types of Congestive Heart Failure (CHF) in hindi?)

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के कई प्रकार हैं। यह स्थिति हृदय के ऑक्सीजन रहित हिस्से, हृदय के एक तरफ, या दोनों तरफ प्रभावित कर सकती है। कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के 2 मुख्य प्रकार (2 main types of congestive heart failure in hindi) हैं:

1) बाएं तरफ का सीएचएफ (left-sided CHF)

2) दाएं तरफ का सीएचएफ (right-sided CHF)

आइए दोनों को विस्तार से समझते हैं।

1) बाएं तरफ का सीएचएफ (Left-sided CHF in hindi)

बाएं तरफ का सीएचएफ कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का सबसे आम प्रकार है। यह स्थिति तब होती है जब बायां वेंट्रिकल अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है। जैसे-जैसे यह स्थिति बिगड़ती है, फेफड़ों में तरल पदार्थ के जमाव के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

बाएं तरफ के सीएचएफ के 2 प्रकार (2 types of left-sided CHF in hindi) हैं:

क) सिस्टोलिक हार्ट फेलियर (Systolic heart failure in hindi)

यह वह स्थिति है जब बायां वेंट्रिकल सामान्य रूप से सिकुड़ने में विफल हो जाता है। नतीजतन, रक्त को परिसंचरण में धकेलने के लिए उपलब्ध बल का स्तर कम हो जाता है; और इस बल से वंचित होने पर, हृदय ठीक से पंप नहीं कर पाता है।

ख) डायस्टोलिक फेलियर या डायस्टोलिक डिसफंक्शन (Diastolic failure or diastolic dysfunction in hindi)

यह वह स्थिति है जब बाएं वेंट्रिकल की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। चूंकि अब यह वेंट्रिकल आराम नहीं कर सकता, इसलिए दिल की धड़कनों (heartbeats) के बीच पूरी तरह से रक्त से भरने में असमर्थ होता है।

2) दाएं तरफ का सीएचएफ (right-sided CHF in hindi)

दाएं तरफ का सीएचएफ (right-sided CHF) वह स्थिति है, जब दायां वेंट्रिकल अपना काम ठीक से नहीं कर पाता। इससे पेट, निचले अंगों, और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में द्रव इकट्ठा (fluid retention) हो सकता है।

यह संभव है कि दाएं तरफ का सीएचएफ और बाएं तरफ का सीएचएफ एक ही समय में हो सकते हैं। आम तौर पर, यह बाएं हिस्से से शुरू होता है और उसके बाद, अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह दाएं हिस्से में भी हो जाता है।

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के चरण क्या हैं? – (What are The Stages of Congestive Heart Failure (CHF) in hindi?)

चरण-आधारित वर्गीकरण प्रणाली (stage-based classification system) A से D तक के अक्षरों का उपयोग करती है। डॉक्टर जोखिम कारकों का पता लगाने तथा हार्ट फेलियर को रोकने या उससे बचाव के लिए शीघ्र उपचार शुरू करने के लिए इस वर्गीकरण प्रणाली का उपयोग करते हैं।

चरण (Stages)प्रमुख लक्षण (Major symptoms)आउटलुक (Outlook)
स्टेज (चरण) 1कोई संभावित संकेत या लक्षण नहीं होता।इस चरण में, सीएचएफ को निम्न द्वारा प्रबंधित किया जा सकता है:
-नियमित जांच अथवा निगरानी।
-हृदय के लिए दवाएँ।
-जीवनशैली में बदलाव।  
स्टेज (चरण) 2आप आराम के दौरान सहज महसूस कर सकते हैं। लेकिन थोड़ी या सामान्य शारीरिक गतिविधि से सांस फूलना, दिल की धड़कन तेज होना (palpitations ), थकान आदि हो सकते हैं।इस चरण में, सीएचएफ को निम्न द्वारा प्रबंधित किया जा सकता है:
-सावधानीपूर्वक निगरानी।
-हृदय के लिए दवाएँ।
-जीवनशैली में बदलाव।
स्टेज (चरण) 3आप आराम करते समय सहज महसूस कर सकते हैं, लेकिन अधिक शारीरिक गतिविधि करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। यहाँ तक कि हल्का व्यायाम भी सांस फूलना, दिल की धड़कन तेज होना (palpitations ), थकान आदि का कारण बन सकता है।  इस चरण में गंभीर उपचार (critical treatment) की आवश्यकता हो सकती है।
स्टेज (चरण) 4आप आराम करते समय भी सहज महसूस नहीं कर सकते हैं। आप बिना किसी लक्षण के कोई भी शारीरिक गतिविधि करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।सीएचएफ के इस चरण में शायद ही कोई उपचार उपलब्ध हो, लेकिन जीवन की गुणवत्ता बढाने के लिए उपशामक देखभाल (palliative care) के विकल्प उपलब्ध हैं।  

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) के जोखिम कारक क्या हैं? – (What are The Risk Factors for Congestive Heart Failure (CHF) in hindi?)

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के जोखिम कारक (risk factors for congestive heart failure in hindi) निम्नलिखित हैं:

1) आयु (Age)

उम्र बढ़ने के साथ-साथ हार्ट फेलियर का जोखिम भी बढ़ता है। 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को हार्ट फेलियर के कारण अस्पताल में भर्ती होने की सबसे अधिक संभावना होती है।

2) लिंग (Gender)

आमतौर पर, पुरुषों को महिलाओं की तुलना में हार्ट फेलियर का अधिक जोखिम होता है। जबकि, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में डायस्टोलिक हार्ट फेलियर आसानी से विकसित हो सकता है।

3) जातीयता (Ethnicity)

शोध से पता चला है कि अफ्रीकी-अमेरिकी 50 वर्ष की आयु से पहले आसानी से इस स्थिति को विकसित कर सकते हैं और इसके कारण उनकी मृत्यु भी हो सकती है।

4) पारिवारिक इतिहास और आनुवंशिकी (Family history and genetics)

जिन लोगों के परिवार में कार्डियोमायोपैथी से संबंधित इतिहास है, उनमें हार्ट फेलियर से संबंधित किसी भी समस्या के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है। कार्डियोमायोपैथी एक ऐसी स्थिति है जो हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकती है।

5) कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease)

संकीर्ण धमनियां आपके हृदय में ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति को कम कर सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। 

6) दिल का दौरा (Heart attack)

दिल का दौरा आपके हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके परिणामस्वरूप आपका हृदय उतनी कुशलता से पंप नहीं कर पाता जितना कि उसे करना चाहिए।

7) दिल की अनियमित धड़कन (Irregular heartbeats)

दिल की असामान्य धड़कन, खासकर अगर ये बहुत तेज और बार-बार हो, तो हार्ट फेलियर का कारण बन सकती है।

8) मधुमेह (Diabetes)

मधुमेह के लोगों को हार्ट फेलियर से संबंधित किसी भी स्थिति के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है। मधुमेह या मधुमेह के कारण होने वाली किडनी की बीमारी के लिए उपयोग होने वाली कुछ दवाएं स्थिति को और भी खराब कर सकती हैं।

9) मोटापा (Obesity)

मोटापे के कारण कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं जैसे टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, आदि। ये स्थितियां हार्ट फेलियर के जोखिम को बढ़ाती हैं।

10) उच्च रक्तचाप (High blood pressure in hindi)

यदि आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं तो हृदय को अपनी क्षमता से अधिक काम करना पड़ता है।

11) स्लीप एपनिया (Sleep apnea)

नींद के दौरान ठीक से सांस न ले पाने की वजह से रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है। इससे दिल की धड़कन अनियमित होने का खतरा बढ़ सकता है। ये दोनों ही समस्याएं आपके दिल को कमज़ोर कर सकती हैं।

12) लाइफ़स्टाइल फैक्टर (Lifestyle factors)

ड्रग का सेवन, बहुत ज़्यादा शराब पीना, गतिहीन जीवनशैली और धूम्रपान करना कुछ ऐसे लाइफ़स्टाइल फैक्टर हैं जो लोगों में हार्ट फ़ेलियर का कारण बनते हैं।

13) वायरस (Viruses)

कुछ वायरल संक्रमण हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

14) दवाएँ (Medications)

कुछ दवाओं के इस्तेमाल से दिल की समस्याएँ या हार्ट फ़ेलियर हो सकता है। इन दवाओं में नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs), तथा उच्च रक्तचाप, तंत्रिका तंत्र की बीमारियों, कैंसर, हृदय की अनियमित या असामान्य धड़कन, मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित स्थितियों, फेफड़े संबंधी समस्याओं, मूत्र संबंधी समस्याओं, संक्रमण, और सूजन संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएँ शामिल हैं।

कंजेस्टिव हार्ट फ़ेलियर का इलाज – (Treatment for Congestive Heart Failure in hindi)

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का इलाज कुछ कारकों पर निर्भर करता है। हार्ट फेलियर के चरण और इसके कारण कुछ ऐसे कारक हैं, जो यह तय करते हैं कि कौन सा उपचार प्रभावी होगा और इसे कैसे किया जाना चाहिए। उपचार में जीवनशैली में बदलाव, दवाएँ और सर्जरी भी शामिल हैं।

यहाँ, हम आगे इस लेख में सीएचएफ के उपचार को इसके चरणों के आधार पर (treatment of CHF based on its stages in hindi) समझेंगे:

1) स्टेज A का इलाज – (Stage A Treatment in hindi)

स्टेज (चरण) A कंजेस्टिव हार्ट फेलियर वाले व्यक्तियों के लिए सामान्य उपचार योजना (general treatment plan) में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • नियमित रूप से व्यायाम करें जैसे कि सैर करना आदि।
  • तम्बाकू से बने उत्पादों का उपयोग करना बंद करें।
  • शराब का सेवन बंद करना।
  • एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर (angiotensin II receptor blocker) या एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम इनहिबिटर (angiotensin-converting enzyme inhibitor) का उपयोग करना, यदि व्यक्ति उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, जैसी स्थिति से पीड़ित है।

2) स्टेज B का इलाज – (Stage B Treatment in hindi)

स्टेज B कंजेस्टिव हार्ट फेलियर वाले व्यक्तियों के लिए सामान्य उपचार योजना (general treatment plan in hindi) में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • स्टेज A के सभी उपचार।
  • यदि आपको मधुमेह है और 35% या उससे कम इजेक्शन फ्रैक्शन (ejection fraction ) है या आपको दिल का दौरा पड़ चुका है, तो उपचार में एल्डोस्टेरोन एंटागोनिस्ट (aldosterone antagonist) शामिल है।
  • एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर (angiotensin II receptor blocker) या एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम इनहिबिटर (angiotensin-converting enzyme inhibitor) , यदि आप पहले से इनमें से कोई भी नहीं ले रहे हैं।
  • आवश्यकता के अनुसार इंटरवेंशन (intervention) या सर्जरी, जैसे जन्मजात हृदय रोग, वाल्व के रोग, दिल का दौरा, या कोरोनरी आर्टरी डिजीज का इलाज।

3) स्टेज C का इलाज – (Stage C Treatment in hindi)

स्टेज C कंजेस्टिव हार्ट फेलियर वाले व्यक्तियों के लिए सामान्य उपचार योजना में निम्न शामिल हैं:

  • स्टेज A और B के सभी उपचार।
  • यदि पहले से किए गए उपचार लक्षणों को रोकने के लिए प्रभावी साबित नहीं होते हैं, तो डॉक्टर नाइट्रेट (nitrate) अथवा हाइड्रैलाज़िन (hydralazine) के संयोजन वाली दवाओं का सुझाव दे सकते हैं।
  • यदि अन्य लक्षणों के साथ हृदय गति 70 बीट प्रति मिनट से अधिक है, तो डॉक्टर हृदय गति को धीमा करने के लिए कुछ दवाओं का सुझाव दे सकते हैं।
  • यदि लक्षण अभी भी मौजूद हैं, तो डॉक्टर मूत्रवर्धक (diuretic) दवा की सलाह दें सकते हैं।
  • आहार में नमक या सोडियम का सेवन कम करें।
  • नियमित रूप से वजन पर नज़र रखें। कम समय में 4 पाउंड से अधिक वजन कम या बढ़ने की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श करें।
  • डॉक्टर तरल पदार्थ के सेवन को सीमित करने का सुझाव दें सकते हैं।
  • यदि आवश्यक हो, तो बाइवेंट्रिकुलर पेसमेकर (biventricular pacemaker) या कार्डियक रीसिंक्रोनाइज़ेशन थेरेपी (cardiac resynchronization therapy ) की जा सकती है।
  • यदि आवश्यक हो, तो इम्प्लांटेबल कार्डियक डिफिब्रिलेटर थेरेपी (implantable cardiac defibrillator therapy) की जा सकती है।

4) स्टेज D का इलाज (Stage D Treatment in hindi)

स्टेज डी कंजेस्टिव हार्ट फेलियर वाले व्यक्तियों के लिए सामान्य उपचार योजना में निम्न शामिल हैं

  • स्टेज ए, बी और सी के सभी उपचार।
  • शोध उपचार (research therapies)।
  • हॉस्पिस (hospice) या पैलिएटिव केयर (palliative care)।
  • अंतःशिरा इनोट्रोपिक दवाओं (intravenous inotropic drugs ) को निरंतर देना।
  • हार्ट सर्जरी (heart surgery)।
  • वेंट्रिकुलर सहायक उपकरण (ventricular assist devices)।
  • हार्ट ट्रांसप्लांट (heart transplant)।

5) संरक्षित इजेक्शन फ्रैक्शन के साथ स्टेज C और D का इलाज  – (Treatment Plan for Stages C and D with preserved EF in hindi)

स्टेज C और स्टेज D कंजेस्टिव हार्ट फेलियर तथा संरक्षित इजेक्शन फ्रैक्शन वाले व्यक्तियों के उपचार में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • स्टेज A और B के उपचार, यह जाँचने के बाद कि क्या वह उपयुक्त है या नहीं।
  • स्वास्थ्य स्थितियां, जो हार्ट फेलियर का कारण बन सकती हैं या स्थिति को अधिक खराब कर सकती हैं, का इलाज करने के लिए दवाएँ या औषधियाँ। ऐसी स्वास्थ्य स्थितियों में गुर्दे की बीमारी, उच्च कोलेस्ट्रॉल, फेफड़ों की पुरानी बीमारी, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, शामिल हैं।
  • लक्षणों से राहत के लिए मूत्रवर्धक (diuretic)।

हार्ट फेलियर को बदतर होने से रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव – (Lifestyle Changes to Prevent Heart Failure from Getting Worse in hindi)

अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव करने से कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के लक्षणों से राहत मिल सकती है और स्थिति को कुछ हद तक बिगड़ने से रोका जा सकता है। जीवनशैली में ये बदलाव निम्नलिखित हैं:

1) अच्छी तरह से और आराम से सोएँ (Sleep well and easily)

अगर आपको सोते समय सांस फूलने जैसी परेशानी महसूस होती है, तो तकिये का इस्तेमाल करें और अपना सिर ऊपर रखें। अगर समस्या गंभीर हो रही है, तो अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

2) तनाव न लें (Avoid taking stress)

तनावग्रस्त व्यक्ति की धड़कन और रक्तचाप अक्सर सामान्य से ज़्यादा होता है। इससे हार्ट फेलियर के और भी बदतर होने की संभावना बढ़ जाती है। उन चीज़ों पर समय बिताएँ जो आपको सुकून देती हैं और जितना हो सके तनाव लेने से बचने की कोशिश करें।

3) अपने शरीर को सक्रिय रखें (Keep your body active)

अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खुद को सक्रिय रखें। कुछ मध्यम एरोबिक और व्यायाम कार्यक्रम आपको अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेंगे।

4) शराब और तरल पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें (Consume alcohol and fluids within the limit)

अगर आप शराब नहीं पीते हैं, तो यह आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए अच्छी बात है। अगर आप पीते हैं, तो आपको जितना हो सके इसका सेवन कम करने या इससे बचने की सलाह दी जाती है।

क्योंकि शराब आपकी दवा के साथ प्रतिक्रिया (interact) कर सकती है, आपके हृदय की मांसपेशियों को कमजोर कर सकती है, और हृदय की धड़कन असामान्य होने के जोखिम को बढ़ा सकती है।

यदि आपको गंभीर हार्ट फेलियर है, तो आपका डॉक्टर आपको पीने वाले तरल पदार्थों की मात्रा को सीमित करने का सुझाव भी दे सकता है।

5) खुद को बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीन लगवाते रहें (Keep Yourself Vaccinated)

किसी भी अन्य बीमारी से बचने के लिए सभी महत्वपूर्ण वैक्सीन लगवाते रहें।

अपने डॉक्टर से अपनी वैक्सीनेशन की स्थिति (vaccination status) की जाँच करवाते रहें; और यदि किसी वैक्सीन को लगवाने की आवश्यकता हो तो उसे जरूर लगवाएं।

6) अपने आहार में सैचुरेटेड या ट्रांस फैट के सेवन को सीमित करें (Limit Saturated or Trans Fat in Your Diet)

हमेशा अपने आहार में सबसे कम सैचुरेटेड या ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करने का प्रयास करें। सैचुरेटेड या ट्रांस फैट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से हार्ट फेलियर का जोखिम बढ़ता है।

7) नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें (Consume Salt Within the Limit)

अधिक मात्रा में नमक या सोडियम वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से वॉटर रिटेंशन (water retention) हो सकता है। इससे हृदय के कामकाज में कठिनाई, टखनों और पैरों में सूजन, तथा सांस लेने में तकलीफ होती है। एक बात का आपको ध्यान रखना चाहिए कि पैकेज्ड फूड में पहले से ही नमक होता है, और नमक के किसी भी अन्य विकल्प का उपयोग करते समय भी सतर्क रहें।

8) स्वस्थ आहार लें (Consume a Healthy Diet)

स्वस्थ आहार लें जिसमें लीन प्रोटीन (lean proteins), कम वसा वाले या वसा रहित डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज, सब्जियाँ और फल शामिल हों।

9) स्वस्थ वजन बनाए रखें (Maintain a healthy weight)

आपको एक आदर्श और स्वस्थ वजन बनाए रखना चाहिए। इसके अलावा, यदि आपका वजन ज़्यादा है, तो आपको वजन कम करने की कोशिश करनी चाहिए। थोड़ा सा वजन कम करने से भी आपके दिल की सेहत में सुधार हो सकता है।

10) टखनों, टांगों, और पैरों में सूजन पर नज़र रखें (Keep an Eye on Ankles, Legs, and feet for swelling)

अपने टखनों, टांगों, और पैरों में सूजन के लिए रोज़ाना ध्यान से जाँच करें। अगर यह ज्यादा हो जाती है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

11) धूम्रपान सीमित करें या छोड़ दें (Limit or quit smoking)

अगर आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो धूम्रपान छोड़ दें और यदि आप नहीं छोड़ सकते तो इसे न्यूनतम स्तर तक सीमित करें। धूम्रपान से दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, रक्तचाप बढ़ जाता है और आपकी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचता है।

धूम्रपान छोड़ने के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह कर सकते हैं और उसकी मदद ले सकते हैं।

सीएचएफ़ की जटिलताएँ – (Complications of CHF in hindi)

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (complications of congestive heart failure in hindi) की जटिलताएँ आपके समग्र स्वास्थ्य, हृदय रोग की गंभीरता और आपकी आयु आदि जैसे अन्य कारकों पर निर्भर करती हैं। कंजेस्टिव हार्ट फेलियर की कुछ जटिलताएँ नीचे दी गई हैं:

1) एनजाइना और दिल का दौरा (Angina and heart attacks)

हार्ट फेलियर की स्थिति वाले व्यक्तियों में एनजाइना और दिल के दौरे का उच्च जोखिम होता है। ऐसी स्थितियों में, ज्यादा जोर लगने वाले और अचानक परिश्रम में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

2) हृदय की अनियमित धड़कन (Arrhythmias)

हृदय की अनियमित धड़कन की स्थिति के विभिन्न प्रकार हैं, ये हैं:

क) वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया (ventricular tachycardia) और वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन (ventricular fibrillation)

ख) लेफ्ट बंडल ब्रांच ब्लॉक (Left bundle branch block or LBBB)

ग) एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation)

3) कंजेशन (Congestion or Fluid Buildup)

बाएं तरफ के हार्ट फेलियर में फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। इस स्थिति को फुफ्फुसीय शोथ (pulmonary oedema) के रूप में जाना जाता है। दाएं तरफ के हार्ट फेलियर में पेट, टांगों, और पैरों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है।

ऐसी स्वास्थ्य स्थितियों का इलाज जीवनशैली में कुछ बदलाव करके किया जा सकता है जैसे कि खाद्य पदार्थों में नमक की मात्रा कम करना आदि।

4) हृदय के वाल्व की समस्याएँ (Heart valve problems)

यदि आपके हृदय में दबाव बहुत अधिक है या कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के कारण हृदय का आकार बड़ा हो गया है, तो ऐसी स्थिति में आपके हृदय के वाल्व ठीक से काम नहीं करते हैं।

5) किडनी डैमेज या फेलियर (Kidney Damage or Failure)

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर आपके गुर्दे में रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है, जो इलाज न करने पर किडनी फेलियर का कारण बन सकता है। हार्ट फेलियर के कारण किडनी डैमेज या फेलियर के उपचार के लिए डायलिसिस की आवश्यकता हो सकती है।

6) कार्डियक कैचेक्सिया (Cardiac Cachexia)

कार्डियक कैचेक्सिया एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण अपने आप ही (वजन कम करने के लिए बिना कोई प्रयास किए) तेज़ी से वज़न घटता है (6 महीने की अवधि में कम से कम 7.5% वज़न घटता है)। इस स्थिति का मतलब है कि हार्ट फ़ेलियर की स्थिति और अधिक खराब हो रही है।

7) लिवर डैमेज (Liver damage)

कंजेस्टिव हार्ट फ़ेलियर के कारण शरीर में तरल पदार्थ (फ्लूइड) इकट्ठा हो सकता है, जो लिवर पर बहुत ज़्यादा दबाव डाल सकता है। आपके लिवर पर तरल पदार्थ का यह दबाव लिवर के लिए सही तरीके से काम करना मुश्किल बना देता है।

कंजेस्टिव हार्ट फ़ेलियर (CHF) को कैसे रोकें? – (How to Prevent Congestive Heart Failure (CHF) in hindi?)

कभी-कभी कुछ जोखिम कारकों के कारण, आप कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। लेकिन आप अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव करके कंजेस्टिव हार्ट फ़ेलियर को कुछ हद तक रोक सकते हैं।

ऐसी कई चीज़ें हैं जो आप इस रोग के जोखिम को कम करने या कम से कम इसकी शुरुआत में देरी करने के लिए कर सकते हैं। तो, आइए यहाँ समझते हैं कि सीएचएफ (CHF) की रोकथाम के लिए आप अपनी जीवनशैली में क्या बदलाव कर सकते हैं।

1) धूम्रपान से बचें या इसे छोड़ दें (Avoid or quit smoking)

अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ दें और अगर आप धूम्रपान छोड़ने में सक्षम नहीं हैं, तो इसे छोड़ने में आपकी मदद करने के लिए किसी उपयुक्त कार्यक्रम (suitable program) के लिए अपने डॉक्टर से सलाह करें।

साथ ही सेकेंड हैंड स्मोकिंग (secondhand smoking) से बचें। अगर आप धूम्रपान करने वाले के साथ रहते हैं, तो उन्हें बाहर धूम्रपान करने के लिए कहें।

2) संतुलित आहार लें (Eat a well-balanced diet)

हृदय के लिए स्वस्थ आहार लें, जिसमें फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज शामिल हों। आपको एडेड शुगर (added sugars), ठोस वसा (solid fats), और रिफाइंड अनाज (refined grains) के सेवन से बचना चाहिए। आपको नमक (सोडियम) का भी सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

3) स्वस्थ वजन बनाए रखें (Maintain a healthy weight)

मोटापा या अधिक वजन होना आपके हृदय पर भारी पड़ सकता है। इसलिए, आपको स्वस्थ वजन बनाए रखना चाहिए। अगर आपका वजन आपके शरीर की लम्बाई के अनुसार आदर्श वजन नहीं है, तो आप अपने डॉक्टर से वजन घटाने के लिए परामर्श कर सकते हैं।

4) व्यायाम करें (Exercise)

मध्यम एरोबिक व्यायाम आपके हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। चलना, तैरना और साइकिल चलाना व्यायाम के अच्छे रूप हैं।

5) अन्य स्थितियों को नियंत्रित करें (Control other conditions)

अगर आप उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मधुमेह जैसी अन्य स्थितियों से पीड़ित हैं, तो आप अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार उनकी दवाएँ लें। अपनी स्थिति की निगरानी के लिए नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलें और किसी भी नए लक्षण के उत्पन्न होने पर तुरंत डॉक्टर को बताएं।

6) शराब का सेवन सीमित मात्रा में करें (Consume alcohol within the limit)

अगर आप शराब पीते हैं, तो आपको जितना हो सके शराब का सेवन कम करना चाहिए या नहीं करना चाहिए। हार्ट फेलियर के जोखिम को कम करने के लिए शराब का सेवन कम करना या इससे बचना हमेशा अच्छा होता है।

7) तनाव को कम करें और प्रबंधित करें (Reduce and manage stress)

तनाव भी उच्च हृदय गति और उच्च रक्तचाप से जुड़ा हुआ है। इस प्रकार, तनाव हार्ट फेलियर की संभावना को बढ़ा सकता है। इसलिए, आपको अपने जीवन में तनाव को कम करने के तरीके खोजने चाहिए और उन चीजों में समय बिताना चाहिए जो आपको आराम महसूस कराती हैं।

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) वाले लोगों के लिए आउटलुक क्या है? (What is the Outlook for People with Congestive Heart Failure (CHF) in hindi?)

जीवनशैली में बदलाव, दवा या सर्जरी से आपकी स्थिति में सुधार हो सकता है और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर आपको उन चीजों को करने से नहीं रोक सकता है जो आपको पसंद हैं। भविष्य के लिए आपका आउटलुक इस बात पर निर्भर करता है कि:

  • आपके लक्षण क्या हैं
  • आपकी हृदय की मांसपेशी कितनी अच्छी तरह काम कर रही है
  • आपकी उपचार योजना आपको कितना फायदा पहुंचाती है और आप उसका कितना पालन करते हैं
  • क्या आपको मधुमेह या उच्च रक्तचाप जैसी अन्य स्वास्थ्य स्थितियां भी हैं

जब कंजेस्टिव हार्ट फेलियर कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease) या कार्डियोमायोपैथी (cardiomyopathy) के परिणामस्वरूप होता है, तो ऐसे व्यक्ति का आउटलुक शुरुआती चरण में कंजेस्टिव हार्ट फेलियर वाले अन्य व्यक्ति की तुलना में कम सकारात्मक होता है।

डॉक्टर इस रोग में हो चुके नुकसान को ठीक नहीं कर सकते, लेकिन उपचार लक्षणों से राहत प्रदान कर सकता है तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।

अगर किसी को कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे निदान के लिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। जितनी जल्दी आपकी बीमारी का निदान किया जाता है, आपका आउटलुक उतना ही बेहतर होता है।

यह लेख सीएचएफ (CHF) नामक स्वास्थ्य स्थिति के बारे में है। स्थिति के खराब होने से पहले समय पर इसका इलाज करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, किसी भी स्वास्थ्य स्थिति से संबंधित किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना हमेशा फायदेमंद होता है।


1) Congestive Heart Failure (CHF): Causes, Symptoms, Treatment

2) Congestive Heart Failure – National Library of Medicine

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK430873

3) Heart Failure – MedlinePlus

https://medlineplus.gov/heartfailure.html


अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|


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