क्या आपने कभी सोचा है कि आपका शरीर आराम की स्थिति में भी कैलोरी क्यों खर्च करता है अर्थात आपको आराम की स्थिति में भी ऊर्जा की आवश्यकता क्यूँ होती है?
यही कारण है कि वजन घटाना या बढ़ाना सिर्फ खाने-पीने पर निर्भर नहीं है।
वो निर्भर करता है BMR यानी बेसल मेटाबॉलिक रेट (Basal Metabolic Rate) पर, यह आपके शरीर की “बेसिक कैलोरी जरूरत” बताता है।
दोस्तो, इस लेख में हम BMR (बेसल मेटाबॉलिक रेट) के बारे में पूरी जानकारी आसान भाषा में जानेंगे – जिसमें इसकी गणना का सही तरीका, वजन प्रबंधन में महत्व और इसे बढ़ाने के प्रभावी उपाय शामिल हैं।
तो आइए आगे इस लेख में जानते हैं कि वजन घटाने और फिटनेस के लिए BMR को कैसे समझें और उपयोग करें।
Table of Contents
1. बीएमआर (BMR) क्या है? – (What is BMR in Hindi?)
BMR का पूरा नाम बेसल मेटाबॉलिक रेट (Basal Metabolic Rate in hindi) है।
यह वह संख्या है जो बताती है कि आपका शरीर आराम की अवस्था (Resting State) में रहते हुए भी कितनी ऊर्जा (कैलोरी) खर्च करता है।
यानि अगर आप पूरे दिन कुछ भी काम न करें, न चलें-फिरें, न एक्सरसाइज करें – फिर भी आपका शरीर कुछ कैलोरी जलाता है।
क्योंकि हमें ज़िंदा रहने के लिए भी ऊर्जा (एनर्जी) चाहिए होती है।
हमें शरीर की मूलभूत जरूरतों (या बेसिक कामों) के लिए कैलोरीज (ऊर्जा) की जरूरत होती है, जैसे:
- सांस लेना
- दिल की धड़कन को चलाना
- दिमाग को एक्टिव रखना
- खून का संचार करना
- शरीर का तापमान नियंत्रित करना
- सेल्स को रिपेयर करना और नए सेल्स बनाना
आसान शब्दों में कहें तो BMR वो “कैलोरी की न्यूनतम मात्रा” जो हमारे शरीर को हर हाल में चाहिए, चाहे हम कुछ भी करें या न करें।
आपको मैं एक उदाहरण से समझाता हूँ:
मान लीजिए आपका BMR 1500 कैलोरी है। इसका मतलब है कि आप पूरा दिन सिर्फ़ आराम भी करें, तब भी आपका शरीर 1500 कैलोरी खर्च करेगा।
2. अपने BMR को जानना क्यों ज़रूरी है? – (Why is it Important to Know Your BMR in Hindi?)
हमारे शरीर को रोज़ाना एनर्जी (कैलोरी) की जरूरत होती है। यह एनर्जी हमें खाने-पीने से मिलती है। लेकिन हमें कितनी एनर्जी (कैलोरी) चाहिए अर्थात हमें कितना भोजन खाना चाहिए, यह हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है।
यहीं पर BMR हमारी मदद करता है।
अतः अपने बीएमआर को जानने से निम्नलिखित में मदद मिलती है:
1) वजन कंट्रोल करने के लिए
अगर आपको पता है कि आपका BMR कितना है, तो आप समझ पाएंगे कि आपको वजन घटाने या बढ़ाने के लिए कितनी कैलोरी लेनी चाहिए।
i) वजन घटाने के लिए
अगर आपको अपना वजन घटाना हो तो आप अपने BMR + Activity Level से कम कैलोरी लें
ii) वजन बढ़ाने के लिए
अगर आपको अपना वजन बढ़ाना हो तो आप अपने BMR + Activity Level से ज्यादा कैलोरी लें
2) ओवरईटिंग और अंडरईटिंग से बचने के लिए
अक्सर लोग अंदाज़े से खाते हैं और या तो बहुत ज्यादा खा लेते हैं (जिससे मोटापा बढ़ता है) या बहुत कम खा लेते हैं (जिससे कमजोरी और थकान होती है)।
BMR जानने से आप सही कैलोरी बैलेंस रख पाते हैं।
3) डाइट और एक्सरसाइज प्लान बनाने के लिए
फिटनेस ट्रेनर और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट भी डाइट चार्ट बनाने से पहले BMR देखते हैं।
क्योंकि अगर किसी का BMR कम है तो उसकी डाइट प्लान अलग होगी और अगर ज्यादा है तो अलग।
4) हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए
BMR समझने से हमें अपने शरीर की एनर्जी ज़रूरत का अंदाज़ा होता है।
इससे हम न सिर्फ वजन कंट्रोल कर पाते हैं, बल्कि थकान, कमजोरी और ओवरईटिंग जैसी समस्याओं से भी बचते हैं।
BMR आपके शरीर का “एनर्जी मीटर” है। यह बताता है कि आपको रोज़ाना कितनी बेसिक एनर्जी चाहिए ताकि आप सही और फिट रह सकें।
3. BMR और कैलोरी में क्या संबंध है? – (What is the Relation Between BMR and Calories in Hindi?)
कैलोरी (Calorie) असल में ऊर्जा की इकाई है। हम जो भी खाना खाते हैं, वह हमारे शरीर को कैलोरी के रूप में ऊर्जा देता है।
अब सवाल यह उठता है कि यह कैलोरी कहाँ खर्च होती है?
तो, इसका जवाब है – सबसे पहले हमारी बेसिक ज़रूरतों (BMR) में।
1) BMR = कैलोरी की न्यूनतम जरूरत
BMR हमें बताता है कि हमारे शरीर को आराम की स्थिति में कितनी कैलोरी चाहिए।
यानि अगर आप दिनभर कुछ भी न करें, तो भी आपके शरीर को उतनी कैलोरी की जरूरत पड़ेगी।
2) BMR और कुल कैलोरी खपत
हमारा शरीर जो भी कैलोरी खर्च करता है, उसे तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है:
| कैलोरी खपत का प्रकार | खर्च प्रतिशत (लगभग) | उदाहरण |
| बीएमआर (BMR or Basal Metabolic Rate) | 60–70% | सांस लेना, दिल धड़कना, दिमाग को एक्टिव रखना |
| शारीरिक गतिविधि (Physical Activity) | 20–30% | चलना, दौड़ना, जिम करना |
| भोजन का ऊष्मीय प्रभाव (Thermic Effect of Food or TEF) | 10% | खाना पचाना, पोषक तत्व सोखना |
3. उदाहरण से समझें
मान लीजिए किसी व्यक्ति का शरीर रोज़ाना कुल 2200 कैलोरी (TDEE) खर्च करता है, तो
- इसमें से लगभग 1400–1500 कैलोरी BMR में ही खर्च हो जाती है।
- बाकी कैलोरी उसकी एक्टिविटी और खाना पचाने में लगती है।
अर्थात BMR कैलोरी का सबसे बड़ा हिस्सा खर्च करता है। अतः अगर आपको वजन कम या ज्यादा करना है तो सबसे पहले आपको अपना BMR जानना जरूरी है।
4. BMR मापने के मुख्य तरीके – (Main Methods of Measuring BMR in Hindi)
BMR जानने के कई तरीके हैं। कुछ तरीके बहुत वैज्ञानिक और महंगे हैं, जो अस्पताल या रिसर्च सेंटर में ही होते हैं, जबकि कुछ आसान और घर पर करने लायक भी हैं। चलिए इन्हें विस्तार से समझते हैं:
1) लैब में मापना – सबसे सटीक तरीका
i) मेटाबोलिक चेंबर
यह एक खास कमरे जैसा होता है जहाँ आपको कुछ घंटों के लिए आराम करना होता है। कमरे में लगी मशीनें आपकी सांसों से निकली कार्बन डाइऑक्साइड और ली गई ऑक्सीजन को मापती हैं।
जैसे अगर आपका शरीर ज्यादा ऑक्सीजन ले रहा है और ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ रहा है, तो इसका मतलब है कि आपका शरीर ज्यादा कैलोरी जला रहा है।
यह तरीका सबसे सटीक माना जाता है, लेकिन यह बहुत महंगा है और हर जगह उपलब्ध नहीं है।
ii) इनडायरेक्ट कैलोरीमेट्री
इसमें आपको एक खास मास्क पहनाया जाता है। यह मास्क एक मशीन से जुड़ा होता है जो आपकी सांसों में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड मापकर 10–15 मिनट में आपका BMR बता देता है।
इसे आप “अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेस सूट वाली मशीन” जैसा समझ सकते हैं।
यह तरीका अस्पतालों और स्पोर्ट्स सेंटर्स में इस्तेमाल होता है और काफी भरोसेमंद है।
iii) डायरेक्ट कैलोरीमेट्री
इस तरीके में आपके शरीर द्वारा छोड़ी गई गर्मी को मापा जाता है। आपको एक खास बिस्तर पर लेटाया जाता है जिसमें पानी भरा होता है। जैसे-जैसे आपका शरीर गर्मी छोड़ता है, पानी का तापमान बदलता है। इस तापमान के बदलाव से आपका BMR निकाला जाता है।
यह तरीका बहुत महंगा है और आजकल कम इस्तेमाल होता है।
2) फॉर्मूला के द्वारा गणना (घर पर आसान तरीका)
अगर आपके पास लैब की सुविधा नहीं है तो आप गणितीय फॉर्मूले का इस्तेमाल कर सकते हैं।
i) हैरिस-बेनेडिक्ट फॉर्मूला (Harris-Benedict Formula in Hindi)
यह सबसे पुराना और अब भी प्रचलित तरीका है। इसमें आपके वजन, लंबाई और उम्र का इस्तेमाल किया जाता है।
क) पुरुषों के लिए हैरिस-बेनेडिक्ट फॉर्मूला (Harris-Benedict Formula For Males in Hindi):
66.5 + (13.75 × वजन kg में) + (5.003 × लंबाई cm में) – (6.75 × उम्र)
उदाहरण: 70 kg, 170 cm, 30 साल के पुरुष का BMR होगा:
66.5 + (13.75 × 70) + (5.003 × 170) – (6.75 × 30)
= 66.5 + 962.5 + 850.51 – 202.5 = 1677.01 कैलोरी
ख) महिलाओं के लिए हैरिस-बेनेडिक्ट फॉर्मूला (Harris-Benedict Formula For Females in Hindi):
655.1 + (9.563 × वजन kg में) + (1.850 × लंबाई cm में) – (4.676 × उम्र)
उदाहरण: 60 kg, 160 cm, 30 साल की महिला का BMR होगा:
655.1 + (9.563 × 60) + (1.850 × 160) – (4.676 × 30)
= 655.1 + 573.78 + 296 – 140.28 = 1384.6 कैलोरी
ii) मिफ्लिन-सेंट जोर फॉर्मूला (Mifflin-St Jeor Formula in Hindi)
यह नया और ज्यादा सही फॉर्मूला माना जाता है।
क) पुरुषों के लिए मिफ्लिन-सेंट जोर फॉर्मूला (Mifflin-St Jeor Formula For Males in Hindi):
(10 × वजन kg में) + (6.25 × लंबाई cm में) – (5 × उम्र) + 5
उदाहरण: 70 kg, 170 cm, 30 साल के पुरुष का BMR होगा:
(10 × 70) + (6.25 × 170) – (5 × 30) + 5
= 700 + 1062.5 – 150 + 5 = 1617.5 कैलोरी
ख) महिलाओं के लिए मिफ्लिन-सेंट जोर फॉर्मूला (Mifflin-St Jeor Formula For Females in Hindi) :
(10 × वजन kg में) + (6.25 × लंबाई cm में) – (5 × उम्र) – 161
उदाहरण: 60 kg, 160 cm, 30 साल की महिला का BMR होगा
(10 × 60) + (6.25 × 160) – (5 × 30) – 161
= 600 + 1000 – 150 – 161 = 1289 कैलोरी
3) BMR कैलकुलेटर ऐप और डिवाइस (आधुनिक तरीके)
i) स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर
ये आपकी हार्ट रेट, स्टेप्स, नींद और एक्सरसाइज मापते हैं।
इन डाटा के आधार पर ये आपका BMR और कैलोरी खर्च का अनुमान देते हैं। जैसे: Fitbit, Apple Watch, Samsung Galaxy Watch।
ii) मोबाइल ऐप्स
MyFitnessPal, Lose It जैसी ऐप्स आपकी उम्र, वजन, लंबाई डालने पर आपका BMR और TDEE निकाल देती हैं। इनमें फूड ट्रैकिंग भी होता है।
iii) ऑनलाइन कैलकुलेटर
इंटरनेट पर बहुत से फ्री BMR कैलकुलेटर हैं। आपको बस अपनी डिटेल्स इनमें डालनी होती है और ये तुरंत आपको रिज़ल्ट बता देते हैं।
iv) स्मार्ट स्केल
ये स्केल सिर्फ वजन नहीं बल्कि फैट, मसल मास और BMR भी बताते हैं। ये Bluetooth से आपके मोबाइल ऐप से जुड़ जाते हैं।
4) घर पर व्यावहारिक तरीके (अनुमान लगाने के लिए)
i) बेसल बॉडी टेंपरेचर
सुबह उठते ही ही बिस्तर से निकले बिना थर्मामीटर से शरीर का तापमान मापें। अगर कुछ दिनों तक और same time पर आपका तापमान थोड़ा ज्यादा आता है, तो यह संकेत है कि आपका BMR भी ज्यादा हो सकता है।
ii) हृदय गति मापना
आराम की स्थिति में अपनी पल्स/हार्टबीट गिनें।
- सामान्य से ज्यादा धड़कनें = generally high BMR
- कम धड़कनें = generally low BMR
BMR मापने के मुख्य तरीकों में ध्यान रखने वाली बातें:
i) सबसे सटीक तरीका: लैब टेस्ट
ii) ज्यादातर लोगों के लिए अच्छा और आसान तरीका: फॉर्मूले (Harris-Benedict या Mifflin-St Jeor) के द्वारा
iii) सुविधाजनक लेकिन अनुमानित तरीका: ऐप्स, स्मार्टवॉच, स्मार्ट स्केल
iv) केवल अनुमान के लिए तरीका: घर पर तापमान या पल्स चेक
BMR मापने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
- अगर आपको सिर्फ साधारण जानकारी चाहिए तो ऑनलाइन कैलकुलेटर काफी है।
- अगर डॉक्टर या मेडिकल कारण से जानना है तो लैब टेस्ट करवाना सबसे सही होगा।
5. BMR मापने के प्रमुख फ़ॉर्मूले – (Main Formulas for Measuring BMR in Hindi)
1) BMR निकालने या मापने का फ़ॉर्मूला क्या है? – (What is the Formula to Calculate or Measure BMR in Hindi?)
BMR निकालने का फ़ॉर्मूला एक गणित का सूत्र होता है जो आपकी उम्र, लिंग, वजन और लंबाई के आधार पर यह बताता है कि आपका शरीर दिनभर में कितनी कैलोरी बर्न (इस्तेमाल) करता है, भले ही आप पूरा दिन आराम से बिस्तर पर पड़े रहें।
2) BMR निकालने के प्रमुख फॉर्मूले – (Main Formulas to Calculate BMR in Hindi)
BMR निकालने के लिए कई तरह के फॉर्मूले बनाए गए हैं। इनमें से कुछ पुराने हैं, तो कुछ नए और ज्यादा सटीक माने जाते हैं। आइए इन्हें एक-एक करके समझते हैं।
i) हैरिस-बेनेडिक्ट फ़ॉर्मूला – Harris-Benedict Formula (1919) in Hindi
यह सबसे पुराना और पहला फ़ॉर्मूला है। यह 100 साल पहले बना था, जब लोगों की जीवनशैली अलग थी।
BMR मापने के लिए यह फॉर्मूला सरल है, लेकिन आज के हिसाब से थोड़ा कम सटीक माना जाता है।
क) पुरुषों के लिए हैरिस-बेनेडिक्ट फ़ॉर्मूला (Harris-Benedict Formula For Males in Hindi)
BMR = 66.5 + (13.75 × वजन kg में) + (5.003 × लंबाई cm में) – (6.75 × उम्र)
ख) महिलाओं के लिए हैरिस-बेनेडिक्ट फ़ॉर्मूला (Harris-Benedict Formula For Females in Hindi):
BMR = 655 + (9.563 × वजन kg में) + (1.850 × लंबाई cm में) – (4.676 × उम्र)
ग) उदाहरण:
30 साल के पुरुष का BMR जिसका वजन 70 kg और लंबाई 170 cm है:
66.5 + (13.75 × 70) + (5.003 × 170) – (6.75 × 30)
= 66.5 + 962.5 + 850.51 – 202.5
= 1677.01 कैलोरी/दिन
घ) हैरिस-बेनेडिक्ट फ़ॉर्मूला कब उपयोग करें
जब आपको एक सामान्य अनुमान चाहिए।
ii) मिफ्लिन-सेंट जोर फ़ॉर्मूला – Mifflin-St Jeor Formula (1990) in Hindi
यह आधुनिक और सबसे ज्यादा सटीक फार्मूला माना जाता है। यह आजकल के लोगों की जीवनशैली के हिसाब से बना है।
इसीलिए आजकल ज्यादातर BMR calculators इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हैं।
क) पुरुषों के लिए मिफ्लिन-सेंट जोर फ़ॉर्मूला (Mifflin-St Jeor Formula For Males in Hindi):
BMR = (10 × वजन kg में) + (6.25 × लंबाई cm में) – (5 × उम्र) + 5
ख) महिलाओं के लिए मिफ्लिन-सेंट जोर फ़ॉर्मूला (Mifflin-St Jeor Formula For Females in Hindi):
BMR = (10 × वजन kg में) + (6.25 × लंबाई cm में) – (5 × उम्र) – 161
ग) उदाहरण:
30 साल की महिला का BMR जिसका वजन 60 kg और लंबाई 160 cm है:
(10 × 60) + (6.25 × 160) – (5 × 30) – 161
= 600 + 1000 – 150 – 161
= 1289 कैलोरी/दिन
घ) मिफ्लिन-सेंट जोर फ़ॉर्मूला कब उपयोग करें:
ज्यादातर मामलों में यही सबसे अच्छा है।
iii) कैच-मकार्डल फ़ॉर्मूला – Katch-McArdle Formula in Hindi
यह खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो व्यायाम करते हैं। अर्थात यह एथलीट्स और बॉडीबिल्डर्स के लिए ज्यादा सटीक है क्योंकि इनमें मसल्स फैट से ज्यादा कैलोरी खर्च करते हैं।
यह फॉर्मूला खास उन लोगों के लिए है जिनको अपने Body Fat % और Lean Body Mass (मसल्स) की जानकारी हो।
क) कैच-मकार्डल फ़ॉर्मूला:
BMR = 370 + (21.6 × लीन बॉडी मास kg में)
ख) लीन बॉडी मास कैसे निकालें?
अब सवाल यह उठता है कि आप अपना लीन बॉडी मास कैसे निकालें, तो दोस्तो इसका फार्मूला है:
लीन बॉडी मास = कुल वजन – (कुल वजन × बॉडी फैट %)
ग) उदाहरण के लिए
70 kg वजन वाले व्यक्ति का अगर बॉडी फैट 20% है, तो उसका लीन बॉडी मास होगा
= 70 – (70 × 20/100) = 70 – 14 = 56 kg
और उसका BMR होगा
= 370 + (21.6 × 56) = 370 + 1209.6 = 1579.6 कैलोरी/दिन
घ) इस फार्मूले का कब उपयोग करें:
जब आपको अपना बॉडी फैट % पता हो।
3) फ़ॉर्मूला चुनने के लिए गाइड
| आप कौन हैं | कौन सा फ़ॉर्मूला इस्तेमाल करें | क्यों (कारण) |
| सामान्य व्यक्ति | मिफ्लिन-सेंट जोर | सबसे सटीक और आधुनिक |
| एथलीट/बॉडीबिल्डर | कैच-मकार्डल | मसल्स मास को ध्यान में रखता है |
| रिसर्च/पढ़ाई के लिए | हैरिस-बेनेडिक्ट | ऐतिहासिक डेटा के लिए उपयोगी |
4) आसान टिप्स:
i) शुरुआत के लिए मिफ्लिन-सेंट जोर फ़ॉर्मूला (Mifflin-St Jeor Formula) Use करें
ii) अगर बॉडी फैट % पता है तो कैच-मकार्डल फ़ॉर्मूला (Katch-McArdle Formula) Use करें
iii) लगातार एक ही फ़ॉर्मूला Use करें ताकि तुलना कर सकें
5) निम्न बातों का ध्यान रखें:
- ये सभी फ़ॉर्मूले अनुमान हैं
- हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है
- समय-समय पर अपने BMR की फिर से गणना करते रहें
- अगर वजन बदले तो फिर से calculate करें
6. BMR को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक – (Main Factors Affecting BMR in Hindi)
हर व्यक्ति का BMR अलग-अलग होता है। इसका कारण यह है कि हमारे शरीर की बनावट, उम्र और लाइफस्टाइल अलग होती है। आइए जानते हैं कौन-कौन से कारक BMR को प्रभावित करते हैं।
1) उम्र (Age)
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, BMR कम होता जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उम्र के साथ मसल्स कम और फैट ज्यादा हो जाता है।
उदाहरण: 20 साल की उम्र के व्यक्ति का BMR, 50 साल की उम्र के व्यक्ति से ज्यादा होता है।
2) लिंग (Gender)
पुरुषों का BMR सामान्यतः महिलाओं से अधिक होता है।
इसका प्रमुख कारण पुरुषों में मसल्स ज्यादा और फैट कम होता है, जबकि महिलाओं में फैट प्रतिशत ज्यादा होता है।
3) वजन और लंबाई (Weight & Height)
जिनका वजन और लंबाई ज्यादा होती है, उनका BMR भी ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बड़े शरीर को चलाने के लिए ज्यादा कैलोरी चाहिए।
4) मसल मास (Muscle Mass)
मसल्स फैट से ज्यादा कैलोरी जलाते हैं। जिन लोगों के शरीर में मसल्स ज्यादा होते हैं (जैसे बॉडीबिल्डर), उनका BMR भी ज्यादा होता है।
5) हार्मोनल बैलेंस (Hormonal Balance)
थायरॉयड हार्मोन (Hyperthyroidism/ Hypothyroidism) का सीधा असर BMR पर पड़ता है। हार्मोनल असंतुलन से BMR तेज या धीमा हो सकता है।
6) जेनेटिक्स (Genetics)
कुछ लोगों का BMR जन्म से ही ज्यादा या कम होता है। यानि हमारे जीन्स भी इसमें भूमिका निभाते हैं।
7) शरीर का तापमान और स्वास्थ्य (Body Temperature & Health)
अगर आपको बुखार है तो BMR बढ़ जाता है क्योंकि ऐसे समय में शरीर को ज्यादा एनर्जी चाहिए होती है। बीमारी या कमजोरी में भी BMR प्रभावित होता है।
आसान शब्दों में समझें:
“BMR = उम्र + लिंग + वजन + लंबाई + मसल्स + हार्मोन + जीन्स का मेल।
इसीलिए हर व्यक्ति का BMR अलग होता है।“
7. BMR और BMI में क्या अंतर है? – (What is the Difference Between BMR and BMI in Hindi?)
अक्सर लोग BMR (Basal Metabolic Rate) और BMI (Body Mass Index in hindi) को एक जैसा समझ लेते हैं, लेकिन दोनों का काम और उद्देश्य बिल्कुल अलग है।
तो आइए दोस्तो इस अंतर को विस्तार से समझते हैं:
1) BMR क्या बताता है? – (What does BMR tell in Hindi?)
- यह बताता है कि आपके शरीर को आराम की स्थिति में कितनी कैलोरी चाहिए।
- इसका उपयोग डाइट प्लान और कैलोरी मैनेजमेंट में किया जाता है।
2) BMI क्या बताता है? – (What does BMI tell in Hindi?)
- यह बताता है कि आपका वजन आपकी लंबाई के हिसाब से सही है या नहीं।
- इसका उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि आप Underweight, Normal, Overweight या Obese हैं।
3) मुख्य अंतर (BMR vs BMI)
| तुलना का आधार | बीएमआर – BMR (Basal Metabolic Rate) | बीएमआई – BMI (Body Mass Index) |
| परिभाषा | आराम की स्थिति में खर्च होने वाली कैलोरी | लंबाई और वजन के आधार पर स्वास्थ्य का माप |
| यूनिट | कैलोरी (Calories/Day) | स्कोर (kg/m²) |
| क्या बताता है | शरीर की एनर्जी ज़रूरत | शरीर का वजन सही है या नहीं |
| उपयोग | डाइट, वजन घटाने-बढ़ाने की प्लानिंग | मोटापा/कम वजन का आकलन |
| किससे निकलता है | वजन, लंबाई, उम्र, लिंग | वजन ÷ (लंबाई × लंबाई) |
4) उदाहरण
- एक व्यक्ति का BMR 1600 कैलोरी है, इसका मतलब उसे ज़िंदा रहने के लिए इतनी एनर्जी रोजाना चाहिए।
- उसी व्यक्ति का BMI 28 है, इसका मतलब वह Overweight कैटेगरी में आता है।
यानी BMR एनर्जी की खपत बताता है, जबकि BMI वजन का स्टेटस बताता है।
आसान शब्दों में कहें तो:
BMR = एनर्जी मीटर
BMI = हेल्थ इंडेक्स
8. हाई BMR बनाम लो BMR – किससे क्या फायदा है और क्या नुकसान? – (High BMR vs Low BMR – What are the advantages and disadvantages in Hindi?)
हर इंसान का BMR अलग होता है। कुछ लोगों का BMR तेज़ (High BMR) होता है, जबकि कुछ का धीमा (Low BMR)। इसका सीधा असर उनके वजन और एनर्जी लेवल पर पड़ता है।
1) हाई BMR (High BMR)
मतलब – शरीर आराम की स्थिति में भी ज्यादा कैलोरी खर्च करता है।
इसके फायदे:
- कैलोरी जल्दी बर्न होती है।
- मोटापा होने की संभावना कम रहती है।
- ज्यादा खाना खाने पर भी वजन जल्दी नहीं बढ़ता।
- एनर्जी लेवल अच्छा बना रहता है।
इसके नुकसान:
- जल्दी भूख लग सकती है।
- अगर सही मात्रा में खाना न मिले तो कमजोरी हो सकती है।
- मसल्स बनाने के लिए ज्यादा कैलोरी खानी पड़ती है।
2) लो BMR (Low BMR)
मतलब – शरीर आराम की स्थिति में कम कैलोरी खर्च करता है।
इसके फायदे:
- कम कैलोरी खाने पर भी शरीर काम चला लेता है।
- लंबे समय तक भूखे रहने पर भी जल्दी कमजोरी नहीं होती।
इसके नुकसान:
- वजन जल्दी बढ़ सकता है।
- कैलोरी बर्न कम होने से मोटापा बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है।
- एनर्जी लेवल कम महसूस हो सकता है।
- वजन घटाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
3) तुलना (High vs Low BMR in Hindi)
| पहलू | High BMR | Low BMR |
| कैलोरी खर्च | ज्यादा | कम |
| वजन पर असर | वजन कम/स्थिर रहने की संभावना | वजन जल्दी बढ़ने की संभावना |
| भूख | जल्दी लगती है | देर से लगती है |
| एनर्जी लेवल | अच्छा | कम |
| डाइट जरूरत | ज्यादा कैलोरी चाहिए | कम कैलोरी भी काफी |
आसान शब्दों में समझें :
High BMR वाले लोग “कैलोरी मशीन” जैसे होते हैं, जो जल्दी-जल्दी कैलोरी जला देते हैं।
Low BMR वाले लोग “स्लो मोड” में रहते हैं, जिनका शरीर धीरे-धीरे कैलोरी खर्च करता है।
9. BMR कैसे बढ़ाएं? – (How to Increase BMR in Hindi?)
BMR यानी “बेसल मेटाबॉलिक रेट” – यह वह न्यूनतम कैलोरी है जो आपका शरीर बिना कुछ किए, सिर्फ जिंदा रहने के लिए खर्च करता है।
अगर आपका BMR थोड़ा धीमा है, तो इसे बढ़ाने के लिए कुछ आसान तरीके अपनाए जा सकते हैं।
BMR बढ़ाने के आसान तरीके:
1) मांसपेशियां बढ़ाएं (Increase Muscle Mass)
क्यों?
मांसपेशियां चर्बी से 3 गुना ज्यादा कैलोरी खर्च करती हैं।
कैसे?
सप्ताह में 3-4 बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या वजन उठाने वाली एक्सरसाइज करें। इसके लिए आप जिम जा सकते हैं अन्यथा घर पर ही पुश-अप्स, स्क्वैट्स, लंजेज आदि कर सकते हैं।
आप घर पर डंबल या रेजिस्टेंस बैंड्स का भी उपयोग कर सकते हैं।
फायदा:
ज्यादा मांसपेशियां = ज्यादा कैलोरी बर्न (दिन-रात)
2) प्रोटीन युक्त डाइट लें (Eat Protein-Rich Diet)
क्यों?
प्रोटीन मसल्स बनाने और उन्हें बनाए रखने में मदद करता है। इसके इलावा प्रोटीन पचाने में शरीर को 20-30% ज्यादा कैलोरी खर्च करनी पड़ती है
क्या खाएं?
शाकाहारी: दाल, पनीर, सोयाबीन, नट्स, दही
मांसाहारी: अंडा, चिकन, मछली
फायदा:
दोहरा लाभ = मांसपेशियां बनेंगी + ज्यादा कैलोरी बर्न होगी
3) दिनभर एक्टिव रहें (Stay Active)
रोज़ाना चलना, सीढ़ियाँ चढ़ना, साइकल चलाना जैसी एक्टिविटी करें। डेस्क पर लंबे समय तक बैठे रहने से बचें। छोटी-छोटी स्ट्रेचिंग और वॉक भी मदद करती हैं।
कुछ छोटे-छोटे तरीके एक्टिव (active) रहने के:
- लिफ्ट की जगह सीढ़ियां चढ़ें
- फोन पर बात करते हुए टहलें
- हर 1 घंटे बाद 5 मिनट का ब्रेक लें
- पार्किंग दूर करके ज्यादा चलें
फायदा:
पूरे दिन मेटाबॉलिज्म एक्टिव रहता है
4) अच्छी और पर्याप्त नींद लें (Sleep Well)
क्यों?
नींद पूरी न होने से:
- भूख बढ़ाने वाला हार्मोन (Ghrelin) बढ़ता है
- भूख कम करने वाला हार्मोन (Leptin) घटता है
- मेटाबॉलिज्म 15-20% तक स्लो हो सकता है
कितनी नींद लें?
रोज 7-8 घंटे की गहरी नींद लें
5) पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ (Drink adequate amount of water)
क्यों?
- पानी की कमी से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है
- ठंडा पानी पीने से शरीर थोड़ी अतिरिक्त कैलोरी जलाता है।
कितना पानी पिएं?
दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं
6) छोटे और संतुलित भोजन लें (Eat Small Frequent Meals)
कैसे?
- दिन में 4-5 बार छोटे-छोटे भोजन (meals) लें।
- हर 3-4 घंटे में कुछ हल्का खाएं।
- लेकिन यह जरूरी है कि आप ओवरईटिंग न करें।
क्या खाएं?
फल, नट्स, सलाद, सूप, छाछ
फायदा:
पूरे दिन डाइजेस्टिव सिस्टम एक्टिव रहता है
7) मसालेदार खाना खाएं
क्यों?
कुछ मसाले मेटाबॉलिज्म बूस्ट करते हैं
कौन से मसाले?
- हरी मिर्च (Capsaicin)
इसका फायदा:
5-10% तक मेटाबॉलिज्म तेज हो सकता है
8) ग्रीन टी पिएं
क्यों?
इसमें EGCG (epigallocatechin-3-gallate) और कैफीन होता है जो मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है
कैसे पिएं?
दिन में 2-3 कप (बिना चीनी के)
9) तनाव कम करें
क्यों?
तनाव के कारण शरीर में Cortisol हार्मोन बढ़ता है जो मेटाबॉलिज्म स्लो करता है
तनाव कैसे कम करें?
- योग और मेडिटेशन करें
- गहरी सांसें लें
- संगीत सुनें
10) विटामिन D पर ध्यान दें
क्यों?
विटामिन D की कमी से मेटाबॉलिज्म स्लो होता है
कैसे लें?
- सुबह की धूप में 15-20 मिनट बैठें
- अंडे की जर्दी, मछली खाएं
ध्यान रखने वाली बातें:
- BMR एकदम नहीं बल्कि धीरे-धीरे बढ़ता है
- एक साथ सब कुछ न करें, धीरे-धीरे आदतें बदलें
- पानी ज्यादा पीने की आदत डालें
- नींद पूरी करना न भूलें
BMR बढ़ाना कोई जादू नहीं है। ये छोटी-छोटी आदतें लंबे समय में बड़ा बदलाव ला सकती हैं। सबसे ज्यादा जोर मांसपेशियां बनाने और एक्टिव रहने पर दें क्योंकि ये दोनों सबसे ज्यादा असरदार हैं।
10. BMR कैसे घटता है? – (How Does BMR Decrease in Hindi?)
BMR घटने का मतलब क्या है? – (What does decreased BMR mean in Hindi?)
जब आपका BMR घटता है, इसका सीधा मतलब है कि आपका शरीर पहले के मुकाबले कम कैलोरी बर्न (इस्तेमाल) कर रहा है। यानी अगर आप वही खाना खाएं और वही एक्टिविटी करें जो पहले करते थे, तब भी आपका वजन बढ़ने लगेगा।
BMR घटने के प्रमुख कारण – (Main reasons for decrease in BMR in Hindi)
कुछ कारणों से यह धीरे-धीरे घट सकता है। आइए जानते हैं प्रमुख कारण क्या हैं:
i) उम्र बढ़ना
30 साल की उम्र के बाद जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मसल्स की मात्रा कम होती है और फैट बढ़ता है। मसल्स कम होने से शरीर कम कैलोरी जलाता है। इसलिए 50 साल की उम्र के व्यक्ति का BMR 20 साल के व्यक्ति के मुकाबले कम होता है।
उदाहरण:
20 साल के व्यक्ति का 1800 कैलोरी BMR
50 साल के व्यक्ति का 1500 कैलोरी BMR
ii) मांसपेशियों का कम होना
मसल्स शरीर का “कैलोरी बर्नर” हैं। अगर आप एक्सरसाइज न करें या लंबे समय तक बेकार बैठे रहें तो मसल्स कम हो जाती हैं।इसका सीधा असर BMR पर पड़ता है और वो घटने लगता है।
कैसे घटती हैं मांसपेशियां?
- एक्सरसाइज न करना
- ज्यादा बैठे रहना
- पर्याप्त प्रोटीन न खाना
- बीमारी या चोट लगना
iii) बहुत कम खाना या लो-कैलोरी डाइट लेना (Very Low-Calorie Diet)
बहुत कम खाना खाने से या लो-कैलोरी डाइट लेने से शरीर स्टार्वेशन मोड (starvation mode) में चला जाता है।
स्टार्वेशन मोड क्या है?
जब आप बहुत कम कैलोरी लेते हैं, तो शरीर BMR घटाकर ऊर्जा बचाने की कोशिश करता है ताकि आप कम कैलोरी में भी जिंदा रह सके।
iv) हार्मोन्स का बिगड़ना
थायरॉइड हार्मोन:
थायरॉयड हॉर्मोन शरीर का “मेटाबॉलिज्म मैनेजर” है। इसकी कमी (Hypothyroidism) BMR घटा सकती है।
अन्य हार्मोन जो BMR को प्रभावित करते हैं:
- कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन)
- एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन
v) लंबी बीमारी या कमजोरी (Illness & Weakness)
बीमारी या शरीर कमजोर होने पर BMR थोड़ा कम हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि शरीर ऊर्जा बचाने की कोशिश करता है।
कौन सी बीमारियां?
- लंबी बीमारियां (डायबिटीज, किडनी प्रॉब्लम)
- संक्रमण (इन्फेक्शन)
- कैंसर
vi) नींद की कमी
क्या होता है?
- 5-6 घंटे सोने वालों का BMR 10-15% कम होता है।
- भूख बढ़ाने वाला हार्मोन (घ्रेलिन) बढ़ता है।
- भूख कम करने वाला हार्मोन (लेप्टिन) घटता है।
vii) पानी की कमी
कैसे प्रभावित करती है?
पानी की कमी से शरीर के सभी काम धीमे हो जाते हैं।
अतः डिहाइड्रेशन = स्लो मेटाबॉलिज्म
viii) जेनेटिक कारण
क्या होता है?
कुछ लोगों को जन्म से ही स्लो मेटाबॉलिज्म मिलता है। परिवार में अगर मोटापा हो तो यह कारण हो सकता है।
BMR घटने के संकेत:
- वजन बढ़ना शुरू हो जाना
- थकान और आलस रहना
- ठंड ज्यादा लगना
- भूख कम लगना
BMR घटना प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन इसे रोका जा सकता है। BMR घटने का मतलब है कि शरीर अब कम कैलोरी खर्च करेगा। इससे वजन बढ़ने की संभावना बढ़ती है और वजन घटाना मुश्किल हो जाता है।
11. BMR जानने से वजन घटाने/बढ़ाने में कैसे मदद मिलती है? – (How Does Knowing Your BMR Help With Weight Loss/Gain in Hindi?)
BMR यानी Basal Metabolic Rate हमें बताता है कि हमारे शरीर को आराम की स्थिति में कितनी कैलोरी चाहिए।
इस जानकारी का इस्तेमाल करके हम सही डाइट और एक्सरसाइज प्लान बना सकते हैं।
1) वजन घटाने में कैसे मदद करता है:
i) सही कैलोरी डेफिसिट पता चलना
अगर आपको अपना BMR और एक्टिविटी लेवल पता है, तो आप कैलोरी डिफ़िसिट बना सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आप जितनी कैलोरी खर्च करते हैं, उससे कम कैलोरी खाएँ।
उदाहरण के लिए:
मान लीजिए एक व्यक्ति का
BMR 1500 कैलोरी है + एक्टिविटी 500 कैलोरी = टोटल 2000 कैलोरी खर्च
वजन घटाने के लिए: 2000 – 500 = 1500 कैलोरी खाए
अर्थात उस व्यक्ति को रोजाना 2000 कैलोरी चाहिए, परंतु अगर वो रोजाना 500 कैलोरी कम खाएगा तो वह सुरक्षित तरीके से वजन घटा पाएगा।
फायदा:
इस तरह आपका शरीर स्टेबल और सुरक्षित तरीके से वजन घटाएगा।
ii) अंडर ईटिंग से बचाव
- बिना BMR जाने लोग बहुत कम खाने लगते हैं
- बहुत कम खाने से शरीर स्टार्वेशन मोड में चला जाता है
- BMR जानकर आप सही मात्रा में कैलोरी कट कर सकते हैं
2) वजन बढ़ाने में कैसे मदद करता है
सही कैलोरी सरप्लस पता चलना
वजन बढ़ाने के लिए कैलोरी सरप्लस बनाना जरूरी है। मतलब आप जितनी कैलोरी खर्च करते हैं, उससे ज्यादा कैलोरी खाएं।
उदाहरण के लिए:
एक व्यक्ति का
BMR 1300 कैलोरी + एक्टिविटी 400 = टोटल 1700 कैलोरी खर्च
वजन बढ़ाने के लिए: 1700 + 300 = 2000 कैलोरी खाए
फायदा:
यह तरीका मसल्स बनाने और स्वस्थ तरीके से वजन बढ़ाने में मदद करता है।
3) सही डाइट प्लान बनाने में मदद
i) मैक्रोन्यूट्रिएंट्स बैलेंस करना
BMR जानने से आप यह तय कर सकते हैं कि आपको प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट कितनी मात्रा में लेने चाहिए। इससे आपकी डाइट संतुलित और हेल्दी रहेगी।
ii) मील टाइमिंग प्लान करना
BMR के हिसाब से आप अपने दिनभर के मील्स बांट सकते हैं। इससे आपको हमेशा पता रहेगा कि सुबह-दोपहर-शाम कितना खाना है।
iii) चीट डेज प्लान करना
अपना BMR जानने पर आप जानते हैं कि एक दिन ज्यादा खाने से क्या होगा। इसलिए आप समझदारी से चीट डेज ले सकते हैं।
4) अन्य फायदे
i) मोटिवेशन बढ़ता है
जब आप समझते हैं कि आपके शरीर को कितनी कैलोरी चाहिए, तो आपका वजन कम करने या बढाने में मनोबल बना रहता है।
ii) एक्सरसाइज प्लानिंग
आप अपने BMR के हिसाब से एक्सरसाइज की इंटेंसिटी (intensity) तय कर सकते हैं। इससे आप कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में बैलेंस कर सकते हैं।
iii) हेल्थ मॉनिटरिंग
BMR में बदलाव से हेल्थ के बारे में पता चलता है और आपकी थायरॉयड से संबंधित प्रॉब्लम्स जल्दी पता लग सकती हैं।
5) शुरुआत कैसे करें
i) BMR कैलकुलेट करें – ऑनलाइन कैलकुलेटर से
ii) एक्टिविटी लेवल जोड़ें – अपनी दैनिक गतिविधि के हिसाब से
iii) गोल तय करें – वजन घटाना/बढ़ाना
iv) कैलोरी एडजस्ट करें – 300-500 कैलोरी कम/ज्यादा
v) मॉनिटर करें – हफ्ते में एक बार वजन चेक करें
BMR कोई जादू की छड़ी नहीं है, बल्कि एक टूल है। इससे आप अपने शरीर को बेहतर समझ सकते हैं और सही दिशा में काम कर सकते हैं। छोटे-छोटे स्टेप्स से शुरुआत करें और लगातार बने रहें।
12. बीएमआर और टीडीईई (टोटल डेली एनर्जी एक्सपेंडिचर) में अंतर – (Difference Between BMR And TDEE (Total Daily Energy Expenditure) in Hindi)
कुछ लोग BMR और TDEE को एक जैसा समझ लेते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग हैं।
1) BMR (बेसल मेटाबोलिक रेट) क्या है? – (What is BMR (Basal Metabolic Rate) in Hindi?)
BMR वह न्यूनतम ऊर्जा है जो आपका शरीर सिर्फ जिंदा रहने के लिए खर्च करता है। इसे जानकर आप समझ सकते हैं कि शरीर की बेसिक एनर्जी जरूरत कितनी है। इसे ऐसे समझें:
- अगर आप पूरा दिन सोते रहें
- बिस्तर पर लेटे-लेटे
- बिना हिले-डुले
तब भी आपका शरीर जितनी कैलोरी बर्न करेगा, वह BMR है
BMR में क्या-क्या शामिल हैं? – (What is included in BMR in Hindi)?
BMR में निम्नलिखित शामिल हैं:
- सांस लेना
- दिल की धड़कन
- दिमाग की कार्यप्रणाली
- शरीर का तापमान नियंत्रण
- कोशिकाओं का नवीनीकरण
2) टीडीईई (टोटल डेली एनर्जी एक्सपेंडिचर) क्या है? – (What is TDEE (Total Daily Energy Expenditure) in Hindi?)
TDEE (Total Daily Energy Expenditure) पूरे दिन में आपके शरीर द्वारा खर्च की गई कुल ऊर्जा है। यह बताता है कि दिनभर की सभी एक्टिविटी के साथ आपकी कुल कैलोरी जरूरत कितनी है।
इसमें सब कुछ शामिल है:
- BMR (बेसिक जीवन कार्य)
- दैनिक गतिविधियाँ (चलना-फिरना, काम करना)
- व्यायाम और वर्कआउट
- खाना पचाने में लगी ऊर्जा
3) BMR और TDEE में मुख्य अंतर
| तुलना का आधार | बीएमआर (BMR) | टीडीईई (TDEE) |
| पूरा नाम | Basal Metabolic Rate (बेसल मेटाबॉलिक रेट) | Total Daily Energy Expenditure (टोटल डेली एनर्जी एक्सपेंडीचर) |
| क्या बताता है | आराम की स्थिति में कैलोरी जरूरत | पूरे दिन की कुल कैलोरी जरूरत |
| घटक | केवल बेसिक बॉडी फंक्शन | BMR + एक्टिविटी + एक्सरसाइज + खाना पचाना (TEF) |
| उपयोग | शरीर की मिनिमम एनर्जी नीड जानने के लिए | डेली डाइट प्लान बनाने के लिए |
4) आसान उदाहरण से समझें:
मान लीजिए किसी व्यक्ति का:
- BMR: 1500 कैलोरी (सिर्फ लेटे-लेटे खर्च होने वाली कैलोरी)
- एक्टिविटी के हिसाब से TDEE: 2300 कैलोरी
इसका मतलब आराम की स्थिति में उस व्यक्ति का शरीर 1500 कैलोरी जलाएगा, और दिनभर की एक्टिविटी मिलाकर उसे कुल 2300 कैलोरी की जरूरत होगी।
5) TDEE के मुख्य हिस्से:
i) BMR – सबसे बड़ा हिस्सा
ii) शारीरिक गतिविधियाँ, जैसे
- काम के दौरान चलना-फिरना
- घर के काम
- ऑफिस का काम
iii) व्यायाम
- जिम वर्कआउट
- योग
- कार्डियो
iv) खाना पचाने की ऊर्जा
- भोजन पचाने में लगने वाली ऊर्जा
6) TDEE कैसे निकालें?
TDEE = BMR × Activity Factor
एक्टिविटी फैक्टर:
- बैठे रहने वाला (1.2)
- हल्का एक्टिव (1.375)
- मध्यम एक्टिव (1.55)
- बहुत एक्टिव (1.725)
- अत्यधिक एक्टिव (1.9)
उदाहरण के लिए एक गणना:
BMR 1600 × एक्टिविटी फैक्टर 1.55 = TDEE 2480 कैलोरी
7) याद रखने वाली कुछ महत्वपूर्ण बातें:
i) BMR हमेशा TDEE से कम होता है
ii) BMR आपकी बेसलाइन है
iii) TDEE आपकी एक्चुअल डेली नीड है
iv) वजन मैनेजमेंट के लिए TDEE जानना जरूरी है
v) BMR बदलता रहता है – वजन घटने/बढ़ने पर
“BMR और TDEE दोनों अलग-अलग चीजें हैं लेकिन एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। BMR आपको बताता है कि आपका शरीर कितनी कैलोरी बर्न कर सकता है, जबकि TDEE बताता है कि आप वास्तव में कितनी कैलोरी बर्न कर रहे हैं।“
आसान शब्दों में समझें:
BMR = शरीर का “आराम मोड” कैलोरी खर्च
TDEE = शरीर का “पूरा दिन” कैलोरी खर्च
13. अंतिम शब्द (Conclusion in Hindi)
BMR जानना आपके वजन और फिटनेस लक्ष्य को समझने का पहला कदम है।
वजन घटाना हो या बढ़ाना, सही डाइट और एक्सरसाइज तभी काम करेगी जब आप BMR और TDEE को ध्यान में रखें। मसल्स बढ़ाएँ, एक्टिव रहें, पर्याप्त नींद लें और सही मात्रा में कैलोरी लें।
यहाँ क्लिक करें और हमारे BMR Calculator का इस्तेमाल करके अपना BMR जानें
BMR के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1) BMR की गणना क्यों महत्वपूर्ण है?
BMR जानने से आपको पता चलता है कि आपके शरीर को सिर्फ जीवित रहने के लिए कितनी कैलोरी चाहिए। इस जानकारी से आप अपने वजन प्रबंधन, आहार योजना और फिटनेस लक्ष्यों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकते हैं।
2) BMR और TDEE में क्या अंतर है?
BMR (Basal Metabolic Rate): यह बताता है कि आपका शरीर आराम की स्थिति में भी ज़िंदा रहने के लिए कितनी कैलोरी खर्च करता है।
TDEE (Total Daily Energy Expenditure): यह बताता है कि आपका शरीर पूरे दिन में, आपकी सभी गतिविधियों (काम, व्यायाम, चलना-फिरना) को मिलाकर कितनी कैलोरी खर्च करता है।
मतलब, BMR = बेसिक ज़रूरत और TDEE = असली ज़रूरत
3) क्या BMR बढ़ाया जा सकता है?
हाँ, निम्नलिखित तरीकों से BMR बढ़ाया जा सकता है:
- मांसपेशियों की मात्रा (muscle mass) बढ़ाकर
- नियमित व्यायाम करके
- संतुलित आहार लेकर
- पर्याप्त नींद लेकर
- तनाव कम करके
4) उम्र के साथ BMR पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उम्र बढ़ने के साथ BMR प्राकृतिक रूप से कम होता जाता है क्योंकि:
- मांसपेशियों की मात्रा (muscle mass) घटती है
- चयापचय (metabolism ) धीमा हो जाता है
- हार्मोनल परिवर्तन होते हैं
इसलिए उम्र बढ़ने के साथ कैलोरी आवश्यकता भी कम होती जाती है।
5) BMR गणना के लिए सबसे सटीक फॉर्मूला कौन सा है?
Mifflin-St Jeor फॉर्मूला को सबसे सटीक माना जाता है, विशेष रूप से:
- सामान्य वजन वाले लोगों के लिए
- अधिक वजन वाले लोगों के लिए
- विभिन्न उम्र के वयस्कों के लिए
यह फॉर्मूला उम्र, लिंग, वजन और लंबाई के आधार पर गणना करता है।
6) क्या पुरुषों और महिलाओं का BMR अलग-अलग होता है?
हाँ, पुरुषों का BMR आमतौर पर महिलाओं से अधिक होता है। इसके मुख्य कारण हैं:
- पुरुषों में मांसपेशियों का अनुपात अधिक होता है
- शारीरिक संरचना और हार्मोनल अंतर होते हैं
- महिलाओं में शरीर में वसा का प्रतिशत अधिक होता है
7) गर्भावस्था BMR को कैसे प्रभावित करती है?
गर्भावस्था के दौरान BMR बढ़ जाता है, विशेष रूप से दूसरी और तीसरी तिमाही (trimester) में, क्योंकि शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
8) क्या थायराइड समस्याएं (thyroid problems) BMR को प्रभावित कर सकती हैं?
थायराइड हार्मोन चयापचय की गति नियंत्रित करते हैं। अतः थायराइड समस्याओं (thyroid problems) का सीधा असर BMR पर पड़ता है:
- हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) BMR को बढ़ा देता है
- हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) BMR कम कर देता है
9) क्या दवाएं BMR को प्रभावित कर सकती हैं?
कुछ दवाएं BMR पर प्रभाव डाल सकती हैं, जैसे:
i) BMR कम करने वाली दवाएं:
बीटा-ब्लॉकर्स, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स आदि
ii) BMR बढ़ाने वाली दवाएं:
थायरॉक्सिन, एफेड्रिन आदि
10) नींद की कमी BMR को कैसे प्रभावित करती है?
अपर्याप्त नींद या नींद की कमी चयापचय (metabolism) को धीमा (slow) कर सकती है और BMR कम कर सकती है। नींद की कमी से:
- कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर में वृद्धि होती है
- इंसुलिन संवेदनशीलता कम हो जाती है
अतः 5-6 घंटे से कम नींद लेने पर BMR कम हो सकता है
11) क्या डिहाइड्रेशन BMR को प्रभावित करता है?
हाँ, शरीर में पानी की कमी चयापचय दर को सीधे प्रभावित करती है:
- हल्का डिहाइड्रेशन भी मेटाबॉलिज्म को 2-3% तक धीमा कर सकता है
- पानी की कमी से शरीर के सभी कार्य प्रभावित होते हैं
इसलिए रोजाना 8-10 गिलास पानी पीना आवश्यक है।
12) अत्यधिक डाइटिंग (extreme dieting) BMR को कैसे प्रभावित करती है?
अत्यधिक डाइटिंग या बहुत कम कैलोरी वाली डाइट्स (very low calorie diets) BMR को काफी कम कर सकती हैं क्योंकि ऐसी स्थिति में शरीर “स्टार्वेशन मोड” में चला जाता है और वह ऊर्जा संरक्षण (energy conserve) करने की कोशिश करता है।
13) BMR मापने का सबसे सटीक तरीका (accurate method) कौन सा है?
इंडायरेक्ट कैलोरिमेट्री (indirect Calorimetry) को BMR मापने का सबसे accurate तरीका माना जाता है।
इंडायरेक्ट कैलोरिमेट्री (indirect Calorimetry):
यह एक वैज्ञानिक तरीका है जो आपके शरीर की oxygen consumption (O₂ uptake) और carbon dioxide production (CO₂ output) को मापकर 10–15 मिनट में आपका BMR बता देता है।
14) क्या मौसम BMR को प्रभावित करता है?
हाँ, ठंडे मौसम (cold weather) में BMR थोड़ा बढ़ सकता है क्योंकि शरीर को खुद को गर्म रखने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
15) क्या धूम्रपान (smoking) BMR को प्रभावित करता है?
हाँ, धूम्रपान (smoking) BMR को अस्थायी रूप से (temporarily) बढ़ा सकता है, लेकिन यह स्वस्थ (healthy) तरीका नहीं है और यह आगे चलकर कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
स्वस्थ तरीकों से BMR बढ़ाना बेहतर विकल्प है।
16) क्या कैफीन BMR को प्रभावित कर सकती है?
हाँ, कैफीन अस्थायी रूप से BMR बढ़ा सकती है।
इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
i) थर्मोजेनिक प्रभाव
कैफीन शरीर की गर्मी उत्पादन क्षमता बढ़ाती है।
ii) वसा ऑक्सीकरण
यह वसा को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया को उत्तेजित करती है।
iii) एड्रेनालाईन रिलीज
इससे हृदय गति और ऊर्जा व्यय बढ़ता है।
ध्यान रखें:
- इसका प्रभाव 3-4 घंटे तक रहता है
- नियमित सेवन से सहनशीलता विकसित हो सकती है
- BMR बढ़ाने का यह स्थायी तरीका नहीं है
- अधिक मात्रा हानिकारक हो सकती है
सबसे प्रभावी तरीका नियमित व्यायाम और संतुलित आहार द्वारा BMR में स्थायी सुधार लाना है।
17) क्या मासिक चक्र (menstrual cycle) BMR को प्रभावित करता है? अथवा क्या पीरियड्स के दौरान BMR बदलता है?
हाँ, पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में BMR (Basal Metabolic Rate) यानी बेसल मेटाबॉलिक रेट में हल्के बदलाव आ सकते हैं।
यह बदलाव शरीर में होने वाले हार्मोनल (hormonal) उतार-चढ़ाव के कारण होते हैं।
पीरियड्स के दौरान BMR में बदलाव कैसे और क्यों होता है?
i) ओवुलेशन (अंडाणु बनने के समय):
जब महिला का शरीर ओवुलेशन की प्रक्रिया से गुजरता है, तब हार्मोनल गतिविधि बढ़ जाती है। इस समय शरीर को अंडाणु बनाने और गर्भाशय की परत को तैयार करने के लिए ज्यादा ऊर्जा चाहिए होती है।
इसलिए इस समय BMR सामान्य से थोड़ा बढ़ जाता है।
ii) पीरियड्स से ठीक पहले:
पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले हार्मोन “प्रोजेस्टेरोन” का स्तर बढ़ जाता है। इससे शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ सकता है और मेटाबॉलिक दर में हल्का उतार-चढ़ाव होता है।
कई बार महिलाओं को इस समय भूख बढ़ना, थकान या हल्की बेचैनी महसूस होती है — ये सब BMR में अस्थायी बदलाव के संकेत हैं।
iii) पीरियड्स के दौरान:
इस समय शरीर खून और ऊर्जा दोनों खोता है, इसलिए BMR कभी-कभी हल्का कम भी हो सकता है।
हालांकि, यह बदलाव बहुत छोटा और अस्थायी होता है।
iv) हार्मोनल प्रभाव:
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे दो मुख्य हार्मोन हर महीने उतार-चढ़ाव करते हैं।
यही दोनों हार्मोन यह तय करते हैं कि शरीर को ऊर्जा (BMR) की कितनी जरूरत (BMR) होगी।
ध्यान दें:
- ये बदलाव छोटे और अस्थायी होते हैं
- स्थायी BMR सुधार के लिए संतुलित आहार और व्यायाम जारी रखें
- गंभीर उतार-चढ़ाव होने पर डॉक्टर से सलाह लें
18) क्या तनाव (stress) BMR को प्रभावित कर सकता है?
हाँ, लंबे समय तक तनाव में रहने से कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है। इससे BMR कम हो सकता है और वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और पर्याप्त नींद लेना फायदेमंद रहता है।
19) क्या जेनेटिक कारण (genetic factors) BMR को प्रभावित करते हैं?
हाँ, आनुवांशिकता (genetic factors) का BMR पर असर होता है, लेकिन जीवनशैली का प्रभाव अधिक महत्वपूर्ण होता है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और स्वस्थ आदतों से आनुवांशिक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
20) कितनी बार BMR की गणना करनी चाहिए?
महीने में एक बार BMR की गणना करना उचित रहता है। यदि आपके वजन में 5 किलोग्राम से अधिक का बदलाव आ जाए, तो तुरंत गणना करें। इससे आपको अपनी कैलोरी आवश्यकताओं का सही अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।
21) क्या व्यायाम के तुरंत बाद BMR मापना सही है?
नहीं, व्यायाम के तुरंत बाद BMR मापने से सही परिणाम नहीं मिलते। व्यायाम के बाद शरीर का मेटाबॉलिज्म अस्थायी रूप से बढ़ा हुआ होता है। सही नतीजों के लिए आराम की अवस्था में माप करें।
22) क्या BMR वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण है?
हाँ, BMR जानने से आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि वजन घटाने के लिए आपको कितनी कैलोरी का सेवन करना चाहिए। अपने BMR के आधार पर कैलोरी घाटा (calorie deficit) पैदा करके आप प्रभावी ढंग से वजन कम कर सकते हैं।
23) क्या शाकाहारी आहार (vegetarian diet) BMR को प्रभावित करता है?
शाकाहारी आहार का सीधा असर BMR पर नहीं होता, लेकिन संतुलित भोजन जरूरी है। यदि आहार में पर्याप्त प्रोटीन, आयरन और विटामिन B12 शामिल हों, तो BMR सामान्य बना रहता है।
अतः शाकाहारी व्यक्ति को दाल, सोया, नट्स और हरी सब्जियों को आहार में शामिल करना चाहिए।
24) क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग (intermittent fasting) BMR को प्रभावित करती है?
छोटी अवधि की इंटरमिटेंट फास्टिंग (short-term intermittent fasting) से BMR पर विशेष असर नहीं पड़ता। हालाँकि, लंबे समय तक बहुत कम कैलोरी लेने (long-term calorie restriction) से BMR कम हो सकता है।
अतः संतुलित तरीके से फास्टिंग करना और पोषण का ध्यान रखना जरूरी है।
25) क्या शराब का सेवन (alcohol consumption) BMR को प्रभावित करता है?
शराब का सेवन अस्थायी रूप से BMR बढ़ा सकता है, लेकिन यह स्वस्थ तरीका नहीं है। शराब लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है और लंबे समय में मेटाबॉलिज्म को नुकसान पहुँचा सकती है।
26) क्या प्रेग्नेंसी के बाद BMR सामान्य हो जाता है?
डिलीवरी के बाद BMR धीरे-धीरे सामान्य होने लगता है। स्तनपान बंद होने के बाद यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है। संतुलित आहार और हल्का व्यायाम इस प्रक्रिया में मददगार साबित होते हैं।
27) क्या बॉडी फैट परसेंटेज BMR को प्रभावित करता है?
शरीर में वसा का अधिक प्रतिशत BMR को कम कर सकता है, क्योंकि वसा ऊतक (fat tissue) मांसपेशियों की तुलना में कम कैलोरी जलाते हैं। मांसपेशियों की मात्रा बढ़ाकर BMR को सुधारा जा सकता है।
28) क्या BMR मापने का सबसे अच्छा समय सुबह का है?
जी हाँ, सुबह खाली पेट BMR मापना सबसे सही रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय शरीर पूरी तरह आराम की स्थिति में होता है और भोजन का प्रभाव metabolism पर नहीं होता। 8-10 घंटे के उपवास के बाद माप करने से सटीक परिणाम मिलते हैं।
29) क्या नियमित व्यायाम से BMR बढ़ता है?
बिल्कुल! नियमित व्यायाम, विशेष रूप से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, मांसपेशियों को बढ़ाती है। चूंकि मांसपेशियाँ वसा की तुलना में अधिक कैलोरी जलाती हैं, इसलिए BMR बढ़ जाता है। रोजाना 30-45 मिनट का व्यायाम लाभदायक रहता है।
30) क्या बहुत कम कैलोरी वाली डाइट (very low calorie diets) से BMR स्थायी रूप से कम हो सकता है?
बहुत कम कैलोरी लेने से BMR अस्थायी रूप से कम हो सकता है, क्योंकि शरीर ऊर्जा बचाने की कोशिश करता है। हालाँकि, सामान्य खान-पान शुरू करने पर यह फिर से ठीक हो जाता है। अतः संतुलित डाइट लेना बहुत जरूरी है।
31) क्या शरीर में पानी की कमी BMR को प्रभावित करती है?
जी हाँ, पर्याप्त पानी पीना metabolism के लिए बहुत जरूरी है। पानी की कमी होने पर शरीर के सभी कार्य धीमे पड़ जाते हैं, जिससे BMR कम हो सकता है। इसीलिए रोज 8-10 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है।
32) क्या कुछ बीमारियाँ BMR को प्रभावित कर सकती हैं?
हाँ, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), मधुमेह, और थायरॉइड विकार (thyroid disorders) जैसी बीमारियाँ BMR को प्रभावित कर सकती हैं। थायराइड हार्मोन metabolism को सीधे नियंत्रित करते हैं, इसलिए इन बीमारियों में BMR पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
33) क्या नींद की गुणवत्ता (sleep quality) BMR को प्रभावित करती है?
हाँ, खराब नींद और नींद की कमी चयापचय (metabolism) को धीमा कर सकती है। 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना BMR के लिए फायदेमंद रहता है। नींद के दौरान शरीर खुद की मरम्मत करता है।
34) क्या 40 साल की उम्र के बाद BMR कम हो जाता है?
हाँ, 40 की उम्र के बाद BMR धीरे-धीरे कम होने लगता है, क्योंकि मांसपेशियाँ कम होती जाती हैं। लेकिन नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से इस प्रभाव को कम किया जा सकता है।
35) क्या मेनोपॉज के दौरान महिलाओं का BMR कम होता है?
हाँ, मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव और मांसपेशियों की कमी के कारण BMR कम हो सकता है। एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी metabolism को धीमा कर देती है। नियमित व्यायाम और कैल्शियम युक्त आहार इस प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
36) क्या बार-बार छोटे-छोटे भोजन (frequent small meals) करने से BMR बढ़ता है?
इस विषय पर शोध मिले-जुले हैं। दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाने का BMR पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। महत्वपूर्ण यह है कि पूरे दिन में कुल कितनी कैलोरी ले रहे हैं। संतुलित मात्रा में 3-4 बार भोजन करना पर्याप्त होता है।
37) क्या मसालेदार भोजन BMR बढ़ाता है?
हाँ, मसालेदार भोजन अस्थायी रूप से metabolism बढ़ा सकता है। काली मिर्च, हल्दी और अदरक जैसे मसाले शरीर का तापमान बढ़ाकर कुछ देर के लिए कैलोरी बर्न करने की दर बढ़ा सकते हैं। हालाँकि यह प्रभाव कम समय तक रहता है।
38) क्या प्रोटीन युक्त आहार BMR बढ़ाता है?
हाँ, प्रोटीन युक्त आहार BMR बढ़ाने में मदद करता है। प्रोटीन को पचाने के लिए शरीर को अधिक ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है, जिसे “थर्मिक इफेक्ट” कहते हैं। दालें, अंडे, सोया और डेयरी उत्पादों को अपने आहार में शामिल करें।
39) क्या ऑनलाइन BMR कैलकुलेटर सही होते हैं?
ऑनलाइन कैलकुलेटर एक सामान्य अनुमान दे सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह सटीक नहीं होते। ये उम्र, लिंग, वजन और लंबाई के आधार पर गणना करते हैं। सटीक जानकारी के लिए डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लेना बेहतर रहता है।
40) क्या BMR बढ़ाने के लिए कोई विशेष आहार है?
हाँ, प्रोटीन से भरपूर आहार जैसे दाल, अंडे और सोया उत्पाद BMR बढ़ाने में मदद करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन और विटामिन होते हैं जो चयापचय को सक्रिय रखते हैं। मसालेदार भोजन शरीर का तापमान बढ़ाकर अस्थायी रूप से BMR बढ़ा सकता है।
41) क्या ठंडे पानी से नहाने से BMR बढ़ता है?
हाँ, ठंडे पानी से नहाने पर शरीर को अपना सामान्य तापमान बनाए रखने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में कैलोरी खर्च होती है और BMR अस्थायी रूप से बढ़ जाता है। यह प्रभाव 1-2 घंटे तक रह सकता है।
42) क्या विटामिन की कमी BMR को प्रभावित करती है?
विटामिन B कॉम्प्लेक्स और विटामिन D की कमी चयापचय को धीमा कर सकती है। विटामिन B भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है, जबकि विटामिन D मांसपेशियों के कार्य में सहायक होता है। संतुलित आहार से इनकी कमी पूरी की जा सकती है।
43) क्या गर्म मसाले BMR बढ़ाने में मदद करते हैं?
काली मिर्च, अदरक, हल्दी और दालचीनी जैसे मसालों में थर्मोजेनिक गुण होते हैं। ये शरीर के तापमान और रक्त संचार को बढ़ाकर चयापचय दर में सुधार कर सकते हैं। नियमित सेवन से इनका हल्का लेकिन सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है।
44) क्या एरोबिक व्यायाम BMR बढ़ाता है?
एरोबिक व्यायाम जैसे दौड़ना, तैरना या साइकिल चलाना न सिर्फ कैलोरी जलाता है, बल्कि व्यायाम के बाद भी चयापचय दर को बढ़ाए रखता है। नियमित अभ्यास से मांसपेशियों की कार्यक्षमता बढ़ती है और BMR में स्थायी सुधार होता है।
45) क्या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग BMR के लिए बेहतर है?
हाँ, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग BMR बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है। वजन उठाने जैसे व्यायामों से मांसपेशियों का निर्माण होता है, जो शरीर की कैलोरी जलाने की क्षमता को बढ़ाता है। अधिक मांसपेशियाँ होने पर शरीर को आराम के समय भी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
46) क्या सुबह की धूप BMR के लिए अच्छी है?
सुबह की धूप विटामिन D का प्राकृतिक स्रोत है, जो चयापचय प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है। विटामिन D की पर्याप्त मात्रा थायराइड फंक्शन और इंसुलिन संवेदनशीलता को सुधारती है। प्रतिदिन 15-20 मिनट सुबह की धूप लेना फायदेमंद रहता है।
47) क्या तैराकी BMR बढ़ाने में मदद करती है?
तैराकी एक उत्कृष्ट कार्डियो व्यायाम (cardio exercise) है जो पूरे शरीर की मांसपेशियों को काम पर लगाती है। यह हृदय गति बढ़ाकर और ऑक्सीजन खपत में वृद्धि करके चयापचय दर को बढ़ाती है। नियमित तैराकी से दीर्घकालिक BMR सुधार संभव है।
48) क्या डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज BMR को प्रभावित करती है?
गहरी सांस लेने के व्यायाम शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाते हैं, जो कोशिकीय चयापचय प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है। यह तनाव कम करके कोर्टिसोल स्तर को संतुलित रखने में भी मदद करती है, जिससे BMR अनुकूल रहता है।
49) क्या मालिश (massage) BMR को प्रभावित कर सकता है?
मालिश (मसाज) रक्त परिसंचरण में सुधार करके और लसीका प्रणाली को उत्तेजित करके अप्रत्यक्ष रूप से चयापचय को प्रभावित कर सकती है। बेहतर रक्त प्रवाह ऊतकों को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है, जो चयापचय प्रक्रियाओं का समर्थन करता है।
50) क्या ओमेगा-3 फैटी एसिड BMR बढ़ा सकते हैं?
हाँ, ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में सूजन को कम करके और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स को सुधारकर BMR बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। अखरोट, फ्लैक्ससीड्स और फैटी फिश जैसे स्रोतों से ओमेगा-3 प्राप्त किया जा सकता है।
51) क्या विटामिन D की कमी BMR कम कर सकती है?
विटामिन D की कमी मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकती है क्योंकि यह हार्मोन नियंत्रण और मांसपेशियों के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। धूप, अंडे और फोर्टिफाइड डेयरी उत्पादों से विटामिन D प्राप्त किया जा सकता है।
52) क्या जिंक की कमी BMR प्रभावित कर सकती है?
जिंक (zinc in hindi) थायराइड हार्मोन उत्पादन के लिए आवश्यक है, जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। जिंक की कमी से थायराइड फंक्शन प्रभावित हो सकता है और BMR कम हो सकता है। बीज, नट्स और दालें जिंक के अच्छे स्रोत हैं।
53) क्या आयरन की कमी BMR कम कर सकती है?
आयरन की कमी ऑक्सीजन के परिवहन को प्रभावित कर सकती है, जिससे शरीर की ऊर्जा उत्पादन क्षमता कम हो जाती है। इससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है और BMR कम हो सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियां और फलियां आयरन के अच्छे स्रोत हैं।
54) क्या मैग्नीशियम BMR के लिए महत्वपूर्ण है?
मैग्नीशियम शरीर में 300 से अधिक एंजाइमेटिक प्रतिक्रियाओं (enzymatic reactions) में एक सहकारक के रूप में कार्य करता है, जिसमें ऊर्जा उत्पादन, प्रोटीन संश्लेषण, मांसपेशियों और तंत्रिका कार्य, तथा रक्त शर्करा नियंत्रण जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएँ शामिल हैं।
यह मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करने और BMR बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हरी सब्जियां और नट्स मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।
55) क्या नट्स और बीज BMR बढ़ा सकते हैं?
हाँ, बादाम, अखरोट और फ्लैक्ससीड्स जैसे नट्स और बीज हेल्दी फैट, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं। ये पोषक तत्व पाचन क्रिया को सक्रिय रखते हैं और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद कर सकते हैं। रोजाना एक मुट्ठी नट्स का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
56) क्या साबुत अनाज BMR के लिए अच्छे हैं?
साबुत अनाज जैसे ओट्स, ब्राउन राइस और होल व्हीट में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होता है, जो शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं। इन्हें पचाने में अधिक ऊर्जा खर्च होती है, जिससे BMR में सुधार हो सकता है।
57) क्या फर्मेंटेड फूड (fermented foods) BMR को प्रभावित कर सकते हैं?
दही, इडली और किमची जैसे फर्मेंटेड फूड (fermented foods) प्रोबायोटिक्स (probiotics) के अच्छे स्रोत हैं। ये आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट कर सकता है।
58) क्या हल्दी वाला दूध BMR के लिए अच्छा है?
हल्दी में करक्यूमिन (curcumin) नामक एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होता है, जो शरीर में सूजन को कम करके मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
59) क्या मेवे BMR बढ़ा सकते हैं?
काजू, पिस्ता और अखरोट जैसे मेवे हेल्दी फैट, प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। ये पोषक तत्व थायराइड फंक्शन और मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करके BMR को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
60) क्या प्रोबायोटिक्स BMR को प्रभावित करते हैं?
हाँ, प्रोबायोटिक्स (Probiotics) यानी अच्छे बैक्टीरिया हमारे पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज्म दोनों पर सकारात्मक असर डालते हैं।
जब हमारी आंतें (intestines) स्वस्थ रहती हैं, तो शरीर खाने से पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित कर पाता है। इससे ऊर्जा का उपयोग सही ढंग से होता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से BMR (बेसल मेटाबॉलिक रेट) को सुधारता है।
प्रोबायोटिक्स शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन के उत्पादन में भी मदद करते हैं जो भूख और ऊर्जा खर्च को नियंत्रित करते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपकी आंतें स्वस्थ हैं, तो आपका मेटाबॉलिज्म बेहतर काम करेगा और शरीर कैलोरी को अधिक प्रभावी ढंग से जलाएगा।
इसलिए, दही, छाछ, किण्वित (fermented) भोजन या प्रोबायोटिक सप्लिमेंट्स का सेवन BMR को संतुलित रखने में मददगार हो सकता है।
61) क्या नमक का सेवन BMR को प्रभावित करता है?
हाँ, नमक का सेवन अप्रत्यक्ष रूप से BMR (बेसल मेटाबॉलिक रेट) को प्रभावित कर सकता है।
नमक में मौजूद सोडियम शरीर में तरल पदार्थ (water balance) को नियंत्रित करता है। लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा नमक खाते हैं, तो शरीर में जल प्रतिधारण (water retention) की समस्या हो सकती है और रक्तचाप (blood pressure in hindi) बढ़ सकता है।
जब शरीर में पानी और सोडियम का संतुलन बिगड़ता है, तो हार्मोनल और मेटाबॉलिक प्रक्रियाएं भी प्रभावित होती हैं, जिससे BMR पर हल्का असर पड़ सकता है।
इसलिए, रोज़मर्रा के खाने में संतुलित मात्रा में (5 ग्राम प्रतिदिन के आसपास) नमक लेना सबसे बेहतर है।
बहुत ज्यादा या बहुत कम नमक — दोनों ही शरीर की ऊर्जा और चयापचय पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं।
62) क्या चाय और कॉफी BMR बढ़ाते हैं?
हाँ, कैफीन युक्त पेय जैसे चाय और कॉफी थर्मोजेनिक प्रभाव डालते हैं, जो अस्थायी रूप से BMR को बढ़ा सकते हैं। यह प्रभाव 2-3 घंटे तक रह सकता है, लेकिन नियमित सेवन से सहनशीलता विकसित हो सकती है।
63) क्या मधुमेह या डायबिटीज बीएमआर (BMR) को प्रभावित करती है?
मधुमेह, विशेष रूप से इंसुलिन प्रतिरोध, BMR को प्रभावित कर सकती है। रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव ऊर्जा उपयोग दक्षता को कम कर सकता है और चयापचय दर को धीमा कर सकता है।
64) क्या योग और ध्यान BMR को प्रभावित करते हैं?
योग और ध्यान तनाव के स्तर को कम करके BMR पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर में कमी से चयापचय दर में सुधार हो सकता है।
65) क्या खाना चबाने की आदतें BMR को प्रभावित करती हैं?
अच्छी तरह चबाकर खाना पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है। यह अप्रत्यक्ष रूप से चयापचय दर में सुधार कर सकता है और BMR को अनुकूलित करने में मदद कर सकता है।
66) क्या लंबे समय तक बैठे रहना BMR को प्रभावित करता है?
लंबे समय तक बैठे रहने से चयापचय धीमा हो सकता है और BMR कम हो सकता है। निष्क्रियता मांसपेशियों की गतिविधि को कम करती है, जो कैलोरी खर्च को प्रभावित करती है।
67) क्या व्यायाम के बाद मांसपेशियों में दर्द BMR को प्रभावित करता है?
व्यायाम के बाद मांसपेशियों में दर्द चयापचय दर को अस्थायी रूप से थोड़ा बढ़ा सकता है, क्योंकि शरीर मरम्मत प्रक्रियाओं में संलग्न होता है और इसके लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
68) क्या जन्म नियंत्रण की गोलियाँ BMR को प्रभावित करती हैं?
हाँ, हार्मोनल जन्म नियंत्रण गोलियाँ (Birth Control Pills) कुछ महिलाओं में BMR (Basal Metabolic Rate) को प्रभावित कर सकती हैं।
इन गोलियों में एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) जैसे हार्मोन होते हैं, जो शरीर के हार्मोनल संतुलन को बदल सकते हैं।
कई बार इन हार्मोन्स के कारण शरीर में पानी रुकना, भूख में बदलाव या ऊर्जा उपयोग में अंतर देखा जाता है। हालाँकि, यह प्रभाव हर महिला में अलग-अलग होता है।
कुछ महिलाओं में BMR थोड़ा बढ़ सकता है, जबकि कुछ में कोई खास फर्क नहीं पड़ता।
69) क्या एंटीबायोटिक्स BMR को प्रभावित करती हैं?
हाँ, एंटीबायोटिक्स अप्रत्यक्ष रूप से BMR को प्रभावित कर सकती हैं।
एंटीबायोटिक्स शरीर के गट माइक्रोबायोम (आंतों के अच्छे बैक्टीरिया) को कमजोर कर देती हैं, जो हमारे पाचन और मेटाबॉलिज्म में अहम भूमिका निभाते हैं।
जब ये अच्छे बैक्टीरिया कम हो जाते हैं, तो पोषक तत्वों का अवशोषण और ऊर्जा उपयोग प्रभावित हो सकता है। इससे मेटाबॉलिज्म अस्थायी रूप से धीमा पड़ सकता है और BMR पर हल्का असर आ सकता है।
एंटीबायोटिक्स लेने के बाद प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ (जैसे दही, छाछ, या किण्वित भोजन) लेना gut health और BMR दोनों को संतुलित रखने में मदद करता है।
70) BMR जानने के लिए सबसे आसान तरीका क्या है?
ऑनलाइन BMR कैलकुलेटर इस्तेमाल करना सबसे आसान और तेज़ तरीका है। इसमें बस आपको अपनी उम्र, लिंग, लंबाई और वजन डालना है। कई फिटनेस ऐप और वेबसाइट्स यह सुविधा मुफ्त में देते हैं। हालाँकि, यह एक अनुमान होता है, सटीकता के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
71) क्या BMR हर दिन बदलता है?
BMR आमतौर पर रोजाना नहीं बदलता, लेकिन निम्न कारणों से समय के साथ धीरे-धीरे बदल सकता है:
- मांसपेशियों में वृद्धि या कमी
- वजन में परिवर्तन
- उम्र बढ़ने के साथ प्राकृतिक गिरावट
- हार्मोनल परिवर्तन
72) क्या रोजाना एक ही समय पर खाना BMR के लिए फायदेमंद है?
हाँ, नियमित समय पर भोजन करने से शरीर की सर्कैडियन रिदम (body’s circadian rhythm – शारीरिक घड़ी) स्थिर रहती है, जो चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को नियंत्रित करने में मदद करती है। इससे पाचन तंत्र दक्षता से काम करता है और BMR अनुकूलित रहता है। अनियमित खान-पान से चयापचय गड़बड़ा सकता है।
73) क्या खाने की गति (speed) BMR को प्रभावित करती है?
धीरे-धीरे चबाकर खाने से पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ता है। इससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त करने में आसानी होती है और मेटाबॉलिज्म सुधर सकता है। जल्दबाजी में खाने से अपच और चयापचय दर प्रभावित हो सकती है।
74) क्या BMR गणना में जातीयता (ethnicity) की भूमिका होती है?
कुछ जातीय समूहों में चयापचय दर में मामूली अंतर हो सकता है, जैसे शरीर की संरचना या हार्मोनल विशेषताओं के कारण। हालाँकि, ये अंतर इतने महत्वपूर्ण नहीं होते कि BMR गणना को प्रभावित करें। जीवनशैली, आहार और शारीरिक गतिविधि जैसे कारकों का प्रभाव अधिक होता है।
75) BMR जानने के बाद क्या करना चाहिए?
BMR जानने के बाद अपने लक्ष्यों के अनुसार आप अपना कैलोरी सेवन (intake) समायोजित करें:
i) वजन बनाए रखने के लिए:
BMR + दैनिक गतिविधियों के अनुसार कैलोरी लें
ii) वजन घटाने के लिए:
TDEE से 400-500 कैलोरी कम लें
iii) वजन बढ़ाने के लिए:
TDEE से 400-500 कैलोरी अधिक लें
साथ ही संतुलित आहार और नियमित व्यायाम जारी रखें।
76) क्या ओमेगा-3 फैटी एसिड BMR को प्रभावित करते हैं?
हाँ, ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में सूजन कम करके और कोशिकाओं के कार्य में सुधार करके मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट कर सकते हैं। यह मछली, अखरोट और फ्लैक्ससीड्स में पाए जाते हैं।
77) खाना चबाने की आदतें BMR को कैसे प्रभावित करती हैं?
अच्छी तरह चबाकर खाने से पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ता है, जिससे मेटाबॉलिज्म में सुधार हो सकता है।
78) क्या विटामिन B की कमी BMR कम कर सकती है?
हाँ, विटामिन B कॉम्प्लेक्स (B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9, B12) भोजन को ऊर्जा में बदलने के लिए आवश्यक है। ये विटामिन चयापचय प्रक्रियाओं में कोएंजाइम (coenzyme) की तरह काम करते हैं।
इनकी कमी से:
- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा का मेटाबॉलिज्म धीमा होता है
- शरीर की ऊर्जा उत्पादन क्षमता कम होती है
अतः विटामिन B कॉम्प्लेक्स की कमी से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है और BMR कम हो सकता है।
विटामिन B कॉम्प्लेक्स के मुख्य स्रोत हैं:
साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दालें, अंडे, डेयरी उत्पाद।
79) क्या सूप पीना BMR के लिए अच्छा है?
हाँ, गर्म सूप पीने के BMR के लिए निम्नलिखित लाभ हैं:
- थर्मिक इफेक्ट: गर्म सूप शरीर का तापमान बढ़ाता है, जिससे Metabolism अस्थायी रूप से बढ़ सकता है
- हाइड्रेशन: सूप से शरीर को पानी मिलता है, जो Metabolic Processes के लिए जरूरी है
- पोषक तत्व: सब्जियों/दालों के सूप से विटामिन, मिनरल और फाइबर मिलते हैं
बेस्ट ऑप्शन:
- हरी सब्जियों का सूप
- मशरूम/टमाटर सूप
- दाल का सूप
- कम नमक और मसाले वाला सूप
ध्यान रखें:
सूप BMR बढ़ाने का सहायक उपाय है, मुख्य आहार का विकल्प नहीं।
80) क्या हर्बल चाय BMR को प्रभावित कर सकती है?
हाँ, कुछ हर्बल चाय जैसे पेपरमिंट या अदरक की चाय पाचन में सुधार करके अप्रत्यक्ष रूप से BMR को प्रभावित कर सकती हैं। ये चाय पाचन एंजाइमों को सक्रिय करती हैं और पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाती हैं, जिससे चयापचय प्रक्रियाएं अधिक कुशलता से काम करती हैं।
81) क्या हास्य चिकित्सा (laughter therapy) BMR के लिए अच्छी है?
हाँ, हास्य चिकित्सा (laughter therapy) थेरेपी BMR के लिए फायदेमंद है।
इसके मुख्य लाभ इस प्रकार हैं:
i) तनाव कम करती है
हँसने से कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर घटता है, जो चयापचय को धीमा करने के लिए जाना जाता है।
ii) हार्मोनल संतुलन
हँसने से एंडोर्फिन (खुशी के हार्मोन) रिलीज होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखने में मदद करते हैं।
iii) हृदय गति बढ़ाती है
10-15 मिनट की ठहाकों वाली हँसी हृदय गति को 10-20% तक बढ़ा सकती है, जिससे कैलोरी बर्न होती है।
iv) पाचन में सुधार
हँसने से पेट की मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
सुझाव:
- रोजाना 15-20 मिनट हँसने का अभ्यास करें
- हास्य कार्यक्रम देखें या मजाकिया किताबें पढ़ें
- दोस्तों के साथ समय बिताएं
याद रखें:
हँसी BMR बढ़ाने का सहायक तरीका है, न कि व्यायाम या संतुलित आहार का विकल्प।
अस्वीकरण (DISCLAIMER) :
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्यूंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है| हमारे किसी उपाय/नुस्खे/दवा आदि के इस्तेमाल से यदि किसी को कोई नुक्सान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी|
इन्हें भी पढ़ें :
1) जीरे से वजन कम करने के 4 तरीके Cumin Seeds For Weight Loss
2) स्वस्थ रहने के 36 नियम – 36 Health Rules In Hindi
3) जल्दी वजन कम करने के उपाय – Weight Loss Tips in Hindi
4) बॉडी फैट को कम करने के 16 उपाय – Body Fat in Hindi
5) उपवास (व्रत): प्रकार, फायदे और नुकसान – Fasting in Hindi
6) वजन कम करने के 10 घरेलू उपाय – Weight Loss Tips in Hindi
