कुमकुमादि तेल के फायदे – Kumkumadi Oil Benefits in Hindi

 यहां, इस लेख में मैं आपको कुमकुमादि तेल के फायदे, उपयोग, घटक द्रव्य (सामग्री) से लेकर नुकसान (दुष्प्रभाव) आदि के बारे में बताऊंगा तथा कुमकुमादि तेल का उपयोग कैसे करें के बारे में भी विस्तृत जानकारी दूंगा।

Table of Contents

कुमकुमादि तैलम (कुंकुमादि तेल) क्या है? – (What is Kumkumadi Oil (Tailam) in hindi?)

कुमकुमादि तेल जिसे कुमकुमादि तैलम या केसर तेल भी कहा जाता है, एक आयुर्वेदिक तेल है जो कई बहुमूल्य जड़ी-बूटियों से बना है। कुमकुमादि नाम संस्कृत शब्द “कुमकुम” से लिया गया है, जिसे हिंदी में ‘केसर’ के नाम से जाना जाता है और यह इस तेल का मुख्य घटक है। यह एक मालिश-तेल है जो जादुई रूप से आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है और त्वचा की कई समस्याओं का इलाज कर सकता है।

यह तेल बकरी के दूध, तिल के तेल, और जड़ी-बूटियों का एक शानदार मिश्रण है। यह लगभग सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त है। उचित मात्रा में कुमकुमादि तेल लगाने से त्वचा को अनगिनत फायदे होते हैं।

यह तेल त्वचा का रंग साफ़ (improves complexion) करता है और चमक बढ़ाता है। यह हाइपरपिग्मेंटेशन (hyperpigmentation), फाइन लाइन्स (fine lines), काले धब्बे (black spots), काले घेरे (dark circles), मुंहासे (pimples), और विभिन्न त्वचा संक्रमणों (skin infections) के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है।

कुमकुमादि तेल के घटक द्रव्य (सामग्री) क्या हैं? – (What Are The Ingredients Of Kumkumadi Tail (Oil) in Hindi?)

कुमकुमादि तेल तैयार करने के लिए उपयोग किए जाने वाले घटक द्रव्यों (सामग्री) की पूरी सूची नीचे दी गई है (1)।

काढ़े के लिए जड़ी-बूटियाँ (क्वाथ द्रव्य) – (Herbs for decoction ):  

घटक द्रव्य का सामान्य नामघटक द्रव्य का वैज्ञानिक नामघटक द्रव्य की मात्रा
केसरCrocus Sativus48 ग्राम
लाल चंदन (रक्त चंदन)Pterocarpus Santalinus48 ग्राम
मंजिष्ठाRubia Cordifolia48 ग्राम
यष्टिमधु (मुलेठी)Glycyrrhiza Glabra48 ग्राम
लाक्षा (लाख)Laccifer lacca48 ग्राम
वट वृक्ष (बरगद)Ficus benghalensis48 ग्राम
प्लक्ष (पाकड़)Ficus Lacor48 ग्राम
नील कमलNymphaea Stellata48 ग्राम
पद्म-केसर  Nelumbo Nucifera48 ग्राम  
दारुहरिद्रा (दारुहल्दी)Berberis Aristata48 ग्राम  
उशीरVetiveria zizanioides48 ग्राम
पद्मकPrunus Cerasoides48 ग्राम  
अग्निमंथPremna mucronata48 ग्राम
बेल (बिल्व)Aegle Marmelos48 ग्राम
बृहतीSolanum Indicum48 ग्राम
गोक्षुरTribulus Terrestris48 ग्राम
कंटकारीSolanum Xanthocarpum48 ग्राम
गंभारीGmelina Arborea48 ग्राम
पाटलाStereospermum Suaveolens48 ग्राम
शालपर्णी  Desmodium Gangeticum48 ग्राम
पृष्णपर्णीUraria Picta48 ग्राम
श्योनाकOroxylum Indicum48 ग्राम

काढ़े (क्वाथ) के लिए 9.126 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जिसमें इन जड़ी –बूटियों को डालकर उबाला जाता है और ¼ भाग (यानि 2.304 लीटर) शेष रहने पर उतार लिया जाता है।

कल्क बनाने के लिए जड़ी-बूटियाँ (कल्क द्रव्य) – Herbs for Paste (Kalka Dravya):

घटक द्रव्य का सामान्य नामघटक द्रव्य का वैज्ञानिक नामघटक द्रव्य की मात्रा
मंजिष्ठाRubia cordifolia12 grams
यष्टिमधु (मुलेठी)Glycyrrhiza Glabra12 grams
महुआMadhuca Longifolia12 grams
लाक्षा (लाख)Laccifer Lacca12 grams
पत्रांग (पत्रंग)Caesalpinia Sappan12 grams

अन्य सामग्री – (Other Ingredients):

घटक द्रव्य का सामान्य नामघटक द्रव्य का वैज्ञानिक नामघटक द्रव्य की मात्रा
तिल तेलSesamum indicum192 मिलीलीटर
बकरी का दूध384 मिलीलीटर
गुलाब जलपर्याप्त मात्रा

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कुमकुमादि तैलम के औषधीय गुण क्या हैं? – (What Are The Medicinal Properties Of Kumkumadi Oil (Tailam) in hindi?)

कुमकुमादि तैलम (तेल) में निम्नलिखित औषधीय गुण हैं:

  • मॉइस्चराइज़र (moisturizer)
  • एंटी-हाइपरपिग्मेंटेशन (anti-hyperpigmentation)
  • रोगाणुरोधी (antimicrobial)
  • एंटीऑक्सिडेंट (antioxidant)
  • जीवाणुरोधी (antibacterial)
  • प्राकृतिक सनस्क्रीन (natural sunscreen)
  • सूजनरोधी (anti-inflammatory)

कुमकुमादि तैलम (तेल) किन शारीरिक स्थितियों में उपयोगी है अथवा इसके चिकित्सीय संकेत क्या हैं?  – (What Are The Therapeutic Indications of Kumkumadi Oil in hindi?)

कुमकुमादि तेल का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है:

  • काले धब्बे (black spots)
  • काले घेरे (dark circles)
  • कील-मुहांसों के निशान (acne or pimples scars)
  • स्किन ब्लेमिशेस (skin blemishes)
  • हाइपरपिग्मेंटेशन (hyperpigmentation)
  • कील-मुहांसे (acne or pimples)
  • बेजान और रंगहीन त्वचा (dull and complexion less skin)
  • मेलास्मा (melasma)
  • झुर्रियों वाली त्वचा (wrinkled skin)
  • घाव के निशान (scars of wounds )
  • त्वचा की रंगत में सुधार (improving complexion of the skin)
  • शुष्क त्वचा (dry skin)
  • सांवली त्वचा (dark skin)

कुंकुमादि तेल (कुमकुमादि तैलम) के फायदे और उपयोग क्या हैं? – (What Are The Benefits and Uses of Kumkumadi Oil (Kumkumadi tailam) in hindi?)

जैसा कि हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं, आपकी त्वचा के लिए इस तेल के कई फायदे और उपयोग हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कुमकुमादि तेल के फायदे और उपयोग (benefits and uses of Kumhumadi oil in hindi) क्या हैं:

1) त्वचा की बनावट को बेहतर बनाने में कुंकुमादि तेल के फायदे – (Kumkumadi Oil Benefits in improving skin texture in hindi)

कुमकुमादि तेल में सामग्री (घटक द्रव्य) के रूप में हल्दी, चंदन और केसर आदि शामिल होते हैं। इन घटक द्रव्यों के गुण इस तेल को त्वचा की बनावट को निखारने और सुधारने, तथा दाग-धब्बे, और ब्लेमिशेस को कम करने में सहायक बनाते हैं। इस प्रकार यह तेल साफ़ त्वचा प्रदान करता है।

2) यह प्राकृतिक सनस्क्रीन की तरह काम करता है – (It Acts as a natural sunscreen in hindi)

अध्ययनों में पाया गया कि यह तेल प्राकृतिक सनस्क्रीन के रूप में भी काम करता है और हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों (ultraviolet rays) से बचाता है।

2010 में किए गए ऐसे एक अध्ययन से पता चला कि होमोसैलेट लोशन (homosalate lotion) की तुलना में केसर पराग लोशन (saffron pollens lotion) में बेहतर एंटी-सोलर प्रभाव (anti-solar effects) होते हैं और यू.वी. (UV) किरणों से बचाव करता है (2)।

3) त्वचा के रोमछिद्रों को साफ करने में फायदेमंद – (Beneficial in cleaning skin pores in hindi)

कुमकुमादि तेल का प्रयोग त्वचा से गंदगी और अतिरिक्त तेल को हटाकर त्वचा के छिद्रों को साफ करने में सहायक होता है। यह मृत त्वचा को हटाने में भी सहायक है।

4) कील-मुंहासों के लिए कुंकुमादि तेल के फायदे – (Kumkumadi Tail (Oil) Benefits for Acne and Pimples in hindi)

एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण, कुमकुमादि तैलम त्वचा के संक्रमण और सूजन संबंधी स्थितियों जैसे कि कील, मुंहासे, आदि के इलाज में बहुत प्रभावी है। यह तेल त्वचा के छिद्रों को साफ करने और त्वचा से मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है। इसका नियमित उपयोग त्वचा की सिबेसियस ग्लैंड (sebaceous glands) में संक्रमण को भी रोकता है और इसलिए, मुँहासे में लालिमा और दर्द को कम करता है।

मौखिक आयुर्वेदिक दवाओं के साथ (अंतर्निहित कारण के अनुसार) कुमकुमादि तेल का बाह्य प्रयोग कील-मुँहासों के उपचार में सहायक होता है।

5) त्वचा की कोशिकाओं के पुनर्जनन को बढ़ावा देने में मदद करता है – (Helps in promoting skin cell regeneration in hindi)

कुमकुमादि तेल की नियमित मालिश त्वचा कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने और झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करने में मदद करती है। यह तेल त्वचा को तुरंत चमक प्रदान (instant glow) करने के लिए भी बहुत प्रभावी है (4)।

6) त्वचा की सूजन को ठीक करने में कुंकुमादि तेल के फायदे – (Kumkumadi Oil Benefits in healing inflamed skin in hindi)

कुमकुमादि तेल प्राकृतिक तेलों और जड़ी-बूटियों से बना है, जो त्वचा के उपचार के लिए अच्छा है (3)। इस तेल में सुखदायक (soothing), कीटाणुनाशक और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो चकत्ते, मुँहासे, संक्रमण, निशान, खुजली आदि को कम कर सकते हैं। इस प्रकार यह तेल एक उपयोगी उपाय है, जो सूजन और क्षतिग्रस्त त्वचा को ठीक करने में मदद करता है।

7) कुमकुमादि तेल त्वचा का रंग निखारता है – (Kumkumadi Tail (Oil) Improves Skin Complexion in hindi)

इस तेल के जीवाणुरोधी (antibacterial) और एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) गुण रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने और त्वचा कोशिकाओं को फिर से जीवंत (rejuvenate) करने में मदद करते हैं (4)।

इस तेल का लगातार उपयोग सन टैन (sun tan) को कम करने और त्वचा को भीतर से प्राकृतिक चमक प्रदान करने में फायदेमंद है।

कुमकुमादि तेल को बराबर मात्रा में बादाम के तेल के साथ मिलाकर रात भर अपने चेहरे पर नियमित रूप से लगाने से आपकी त्वचा की रंगत सुधार होगा और दाग-धब्बे कम होंगे।

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8) ब्लेमिशेस के लिए कुंकुमादि तेल के फायदे – (Kumkumadi Oil Benefits for Blemishes In Hindi)

चेहरे पर ब्लेमिशेस (blemishes)  और काले घेरे आपके चेहरे को बूढ़ा दिखाते हैं, तथा आपके आत्मविश्वास को कम करते हैं।

ब्लेमिशेस (blemishes) अधिकतर कई कारणों से होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • उम्र बढ़ना (aging)            
  • हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance)
  • अस्वास्थ्यकर आहार विकल्प (unhealthy dietary choices)
  • सूरज के संपर्क में अधिक आना – (excessive exposure to the sun)

कुमकुमादि तेल में केसर, चंदन और हल्दी जैसे कई घटक द्रव्य त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हैं। इस तेल का नियमित उपयोग ब्लेमिशेस को गायब करने और त्वचा के प्राकृतिक रंग को बहाल करने में सहायक है।

9) घाव भरने में कुंकुमादि तेल के फायदे – (Kumkumadi Oil Benefits in healing wounds in hindi)

त्वचा के रंग में सुधार लाने और त्वचा को अन्य लाभ प्रदान करने के अलावा, कुमकुमादि तेल का उपयोग त्वचा संक्रमण को रोकने और घावों को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है।

10) कुंकुमादि तेल का उपयोग निशान (दाग) के उपचार के लिए किया जाता है – (Kumkumadi Tail (Oil) is used for Scar treatment in hindi)

कुमकुमादि तेल निशान (दाग) कम करने और रंगत निखारने में मददगार है।

इसका उपयोग आमतौर पर कील-मुँहासों के दागों के इलाज के लिए किया जाता है। कील-मुँहासे ठीक हो जाते हैं और अपने पीछे बदसूरत निशान छोड़ जाते हैं, जिनसे छुटकारा पाना कठिन होता है और अक्सर आपका आत्मविश्वास कम हो जाता है। कुमकुम और हरिद्रा के गुणों से समृद्ध कुमकुमादि तेल इन दागों के इलाज में फायदेमंद है।

यह तेल आसानी से त्वचा के अंदर तक समा जाता है और दागों को हल्का कर देता है। शुरुआती दौर में इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं। बाद के चरणों में, चाय के पेड़ के तेल (tea tree oil) के साथ इस तेल का बाह्य उपयोग निशान को कम करने और हल्का करने में प्रभावी है।

11) यह तेल त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद करता है – (This Oil Helps in hydrating the skin in hindi)

कुमकुमादि तैलम (तेल) में मौजूद मंजिष्ठा और कमल पुंकेसर त्वचा के लिए प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में काम करते हैं। इस प्रकार यह तेल त्वचा को मॉइस्चराइज़ और हाइड्रेट करने में मदद करता है, तथा त्वचा को शुष्क होने से भी बचाता है।

12) यह शीतल प्रभाव प्रदान करने में मदद करता है – (It Helps in providing a cooling effect in hindi)

यदि आप नियमित रूप से कुमकुमादि तेल का उपयोग करते हैं, तो यह त्वचा को ठंडक प्रदान करता है।

13) हाइपरपिग्मेंटेशन के लिए कुंकुमादि तेल के फायदे – (Kumkumadi Tail (Oil) Benefits for Hyperpigmentation in hindi)

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होने के कारण, कुमकुमादि तैलम (तेल) त्वचा की एपिडर्मल सूजन प्रतिक्रिया (epidermal inflammatory response) को प्रभावित करता है, जो एराकिडोनिक एसिड (arachidonic acid) के ऑक्सीकरण (oxidation) को प्रेरित करता है और प्रोस्टाग्लैंडीन (prostaglandins), ल्यूकोट्रिएन्स (leukotrienes) आदि के स्राव को बढ़ाता है। ये रसायन प्रतिरक्षा कोशिकाओं और मेलानोसाइट्स की गतिविधि को बदल देते हैं, जो कि ज्यादातर हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण बनती है।

कुमकुमादि तेल में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-हाइपरपिग्मेंटेशन (anti-hyperpigmentation) गुण होते हैं, जो सूजन को कम करके और एंटीऑक्सीडेंट क्रिया का उपयोग करके इन रासायनिक प्रक्रियाओं की श्रृंखला को तोड़ देते हैं।

इस तेल का उपयोग त्वचा में मेलेनिन पिगमेंट का स्राव भी कम करने में मदद करता है, जो त्वचा का रंग गोरा करने में सहायक है।

कुमकुमादि तैलम (तेल) के नुकसान अथवा दुष्प्रभाव क्या हैं? – (What Are The Side Effects of Kumkumadi Tailam (Oil) in hindi?)

अगर सही मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो कुमकुमादि तेल कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता है।

परंतु कुछ मामलों में इस तेल के इस्तेमाल से नुकसान (दुष्प्रभाव) भी हो सकते हैं, जैसे:

  • अगर यह तेल आंखों के सीधे संपर्क में आता है, तो आँखों में जलन हो सकती है।
  • अगर किसी व्यक्ति की त्वचा तैलीय होने के साथ-साथ उसके रोमछिद्र भी खुले हैं, तो कुमकुमादि तेल के इस्तेमाल से त्वचा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, ऐसी स्थितियों में आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
  • तैलीय त्वचा वाले व्यक्ति को इस तेल का प्रयोग दिन में एक बार से अधिक नहीं करना चाहिए, अन्यथा इससे त्वचा पर अत्यधिक तैलीयपन और मुँहासे हो सकते हैं।
  • यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो आपको इस तेल का उपयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए क्योंकि इससे चकत्ते, मुहांसे, दाग-धब्बे आदि जैसे एलर्जिक रिएक्शन (allergic reactions) हो सकते हैं।
  • स्ट्रेच मार्क्स (stretch marks) के इलाज के लिए इस तेल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। लेकिन गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके उपयोग से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए, क्योंकि इससे कुछ महिलाओं में चकत्ते (rashes) हो सकते हैं।

यह सलाह दी जाती है कि इस तेल को त्वचा के एक छोटे से क्षेत्र पर लगाकर परीक्षण करें, यदि इससे दाने, खुजली या जलन जैसा कोई दुष्प्रभाव होता है; तो इसका उपयोग न करें।

कुमकुमादि तैलम (कुंकुमादि तेल) का उपयोग कैसे करें? – (How to use Kumkumadi Tailam (Oil) in hindi?)

कुमकुमादि तेल सभी प्रकार की त्वचा के लिए फायदेमंद है, लेकिन तैलीय त्वचा वाले लोगों के लिए इसे कम मात्रा में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह उनकी त्वचा को चिपचिपा बना सकता है।

कुंमकुमादि तेल का उपयोग आपको निम्न प्रकार से करना चाहिए:

1. सबसे पहले अपने चेहरे और गर्दन के क्षेत्र को उचित रूप से धोने और साफ करने के लिए अपने सामान्य फेसवॉश का उपयोग करें।

2. फिर अपने पूरे चेहरे, गर्दन और प्रभावित हिस्सों पर थोड़ी मात्रा में कुमकुमादि तेल लगाएं।

3. इस तेल की ऊपर की ओर गोलाकार गति में 5 से 10 मिनट तक धीरे-धीरे मालिश करें।

4. इस तेल को कुछ घंटों यानी लगभग 2 से 3 घंटे तक त्वचा पर लगा रहने दें।

5. अगर आपकी त्वचा फटी हुई है और बहुत ज्यादा रूखी है तो इस तेल को रात भर त्वचा पर लगा रहने दें।

आप इस तेल को दिन में 2 से 3 बार लगातार एक हफ्ते तक लगा सकते हैं। फिर इसे दिन में एक बार इस्तेमाल करना चाहिए।

कुमकुमादि तेल (तैलम) से काले घेरों का इलाज करने के लिए, आप नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करें:

1. हथेली पर तेल की कुछ बूंदें डालें और अपनी उंगलियों से आंखों के नीचे और ऊपर की त्वचा पर धीरे-धीरे मालिश करें।

2. तेल को 30 मिनट के लिए लगा रहने दें।

3. फिर साधारण पानी से धो लें।

4. यही प्रक्रिया दिन में कम से कम 2 बार अपनाएं।

सावधानियां – (Precautions)

  • इसके लगाने से कुछ लोगों को रैशेज (rashes) हो सकते हैं।
  • इस तेल का उपयोग करने से पहले हमेशा इसका पैच टेस्ट (patch test) करें।
  • यह तेल सभी तैलीय त्वचा वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है, इसलिए तैलीय त्वचा वाले लोगों को इसके उपयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
  • इसे पूरी रात के बजाय 2 से 3 घंटे के लिए लगा रहने देना बेहतर है।
  • तैलीय त्वचा वाले लोगों को दिन में एक बार थोड़ी मात्रा में इस तेल का उपयोग करना चाहिए; और वह भी कम अवधि के लिए.

दोस्तो, इस लेख में हमने कुमकुमादि तैलम (कुंकुमादि तेल) के बारे में वह सभी आवश्यक जानकारी जान ली है, जो आपको जानना आवश्यक है। किसी भी संदेह की स्थिति में, अपने नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें। मुझे उम्मीद है कि यह लेख पढ़ना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।


संदर्भ (References):

1) Bhaishajya Ratnavali, Chapter 60, Kshudhraroga Chikitsa, and Verse 115-120

2) Does Saffron Have Antisolar and Moisturizing Effects?

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3862060/

3) Saffron Flower Extract Promotes Scratch Wound Closure of Keratinocytes and Enhances VEGF Production

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/28427103/

4) Critical review of Ayurvedic Varṇya herbs and their tyrosinase inhibition effect

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4623628/

5) Kumkumadi Oil (Tailam): Uses, Benefits, & Side Effects


अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|


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