कैल्शियम के फायदे, नुकसान व घरेलू स्रोत Calcium in Hindi

इस लेख में हम कैल्शियम के फायदे, उपयोग, नुकसान, घरेलू खाद्य स्रोत, तथा इस की कमी और अधिकता के लक्षण (calcium benefits, uses, side effects, rich foods sources, and symptoms of its deficiency & excess in hindi) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

Table of Contents

कैल्शियम क्या है? – (What is Calcium in hindi?)

कैल्शियम एक खनिज है जो आपके शरीर में प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। यह दांतों और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक तत्व है। यह आमतौर पर कुछ खाद्य पदार्थों, दवाओं, आहार अनुपूरकों (dietary supplements) आदि में पाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार है:

  • तंत्रिका की कार्यप्रणाली (functioning of nerve)
  • सामान्य हृदय ताल को विनियमित करना (regulating normal heart rhythms)
  • मांसपेशियों को सिकुड़ने में मदद करना (helping muscles to contract)
  • खून का थक्का जमना (clotting of blood)

शरीर में मौजूद लगभग 99% कैल्शियम हड्डियों में जमा होता है। बचा हुआ 1% कैल्शियम मांसपेशियों, रक्त और अन्य ऊतकों में होता है। आवश्यक कैल्शियम की मात्रा उम्र, लिंग और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है। शरीर के कामकाज के लिए इस सबसे महत्वपूर्ण खनिज के हर एक और महत्वपूर्ण पहलू को समझने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

कैल्शियम के विभिन्न रूपों के क्या उपयोग हैं? – (What are the Uses of Different Forms of Calcium?)

कैल्शियम और उसके यौगिक (Calcium and its compounds)उपयोग (Uses)
कैल्शियम (Calcium)-धातुओं के उत्पादन की प्रक्रिया में मिश्र धातु एजेंट (alloying agent) के रूप में उपयोग किया जाता है।
-धातु निष्कर्षण प्रक्रिया में अपचायक (reducing agent) के रूप में उपयोग किया जाता है।
कैल्शियम स्टीयरेट (calcium stearate)इसका उपयोग पेंट, प्लास्टिक, सौंदर्य प्रसाधन और मोम क्रेयॉन बनाने में किया जाता है।
कैल्शियम ग्लूकोनेट (calcium gluconate)इसे एक खाद्य योज्य (food additive) माना जाता है।
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड सलूशन (calcium hydroxide solution)-इसका उपयोग ब्लैकबोर्ड चॉक के रूप में किया जाता है।
-हेमीहाइड्रेट रूप (hemihydrate form ) में इसका उपयोग प्लास्टर ऑफ पेरिस के रूप में किया जाता है।
कैल्शियम फॉस्फेट (calcium phosphate)-इसका उपयोग पशु आहार में किया जाता है।  
-उर्वरक के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
कैल्शियम आर्सेनेट (calcium arsenate)कीटनाशक के रूप में कार्य करता है।
कैल्शियम फॉस्फाइड (calcium phosphide)-इसका उपयोग आतिशबाजी और पटाखे बनाने में किया जाता है।
-कृंतकनाशक (rodenticide) के रूप में उपयोग किया जाता है।
कैल्शियम कार्बाइड (calcium carbide)-इसका उपयोग एसिटिलीन गैस (acetylene gas) तैयार करने में किया जाता है।
-प्लास्टिक तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है।
कैल्शियम कार्बोनेट (calcium carbonate)-भोजन सप्लीमेंट्स में उपयोग किया जाता है।
-टूथपेस्ट बनाने में उपयोग किया जाता है।
कैल्शियम कार्बोनेट (calcium carbonate)-इसका उपयोग कांच उद्योग में व्यापक रूप से किया जाता है।
-सीमेंट के निर्माण में उपयोग किया है।

कैल्शियम के फायदे और उपयोग क्या हैं? – (What are the Benefits and Uses of Calcium in hindi?)

कैल्शियम के आपके शरीर के लिए बहुत सारे फायदे हैं। इसके मुख्य फायदे और उपयोग (benefits and uses of calcium in hindi) इस प्रकार हैं:

1) हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम के फायदे – (Calcium Benefits for Bone Health in hindi)

आपके शरीर का लगभग 99% कैल्शियम हड्डियों और दांतों में मौजूद होता है। यह हड्डी की वृद्धि, विकास और रखरखाव के लिए एक आवश्यक खनिज है।

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, कैल्शियम उसकी हड्डियों के विकास में योगदान देता है। जब कोई व्यक्ति बढ़ना बंद कर देता है, तो यह खनिज हड्डियों को बनाए रखने में मदद करता है, तथा हड्डियों के घनत्व के नुकसान (loss of bone density), जो प्राकृतिक रूप से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है, को धीमा करता है।

रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में पुरुषों या कम उम्र की महिलाओं की तुलना में हड्डियों का घनत्व अधिक दर से कम हो सकता है। इन महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) विकसित होने का खतरा अधिक होता है, और उनके डॉक्टर उन्हें कैल्शियम की खुराक लेने की सलाह दे सकते हैं।

2) हृदय प्रणाली के लिए कैल्शियम के फायदे – (Calcium Benefits for Cardiovascular system in hindi)

कैल्शियम रक्त का थक्का (blood clot) जमने की प्रक्रिया में शामिल प्रमुख तत्व है। थक्के जमने की प्रक्रिया, जो जटिल है, में कई चरण होते हैं और इसमें कैल्शियम सहित कई प्रकार के तत्व शामिल होते हैं।

मांसपेशियों के कार्य में इस खनिज की भूमिका में हृदय की मांसपेशियों की क्रिया को बनाए रखना भी शामिल है (1)। यह रक्त वाहिकाओं के आसपास के स्मूथ मसल्स (smooth muscle) को भी आराम देता है। कई अध्ययनों ने कैल्शियम के अधिक सेवन और निम्न रक्तचाप के बीच संभावित संबंध की ओर भी इशारा किया है।

विटामिन डी आपके शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है, और यह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है।

3) वजन नियंत्रण करने में कैल्शियम के फायदे – (Benefits of Calcium in Weight Control in hindi)

कैल्शियम वजन नियंत्रण में मदद कर सकता है।

कुछ अध्ययनों ने उच्च कैल्शियम खपत और शरीर के कम वजन के बीच संबंध का संकेत दिया है। जबकि कुछ अन्य अध्ययनों ने आगे दिखाया है कि आपके कुल कैलोरी सेवन की सीमा के भीतर, कम वसा वाले कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने से मोटापे का खतरा कम हो सकता है। कैल्शियम मोटे लोगों में वजन घटाने में भी मदद कर सकता है।

2012 में अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि इस खनिज का वजन नियंत्रण प्रभाव तब तक नहीं होता जब तक कि कुल कैलोरी सेवन प्रतिबंधित न हो (2)। इसके अलावा, कैल्शियम के सप्लीमेंट्स (आपके आहार में कैल्शियम की तुलना में) समान लाभ प्रदान नहीं करते हैं।

ध्यान रखें कि यदि आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप जितनी कैलोरी खा रहे हैं उससे अधिक कैलोरी जला रहे हैं। आपका भोजन हमेशा संतुलित और साबुत अनाज, फलों, सब्जियों और स्वस्थ वसा (healthy fats) से भरपूर होना चाहिए।

4) मांसपेशियों के संकुचन में कैल्शियम के फायदे – (Calcium Benefits in Muscle Contraction in hindi)

कैल्शियम मांसपेशियों के संकुचन (muscle contraction) को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब भी कोई तंत्रिका किसी मांसपेशी को उत्तेजित करती है, तो आपका शरीर वहां कैल्शियम छोड़ता है। और यह कैल्शियम आपके मांसपेशियों के प्रोटीन को संकुचन के कार्य को पूरा करने में मदद करता है।

जब शरीर आपकी मांसपेशियों से कैल्शियम को बाहर निकालता है, तो मांसपेशियां रिलैक्स (relax) करती हैं।

5) प्रीक्लेम्पसिया में कैल्शियम के फायदे – (Calcium Benefits in Preeclampsia in hindi)

प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) एक चिकित्सीय स्थिति है जो गर्भवती महिलाओं में होती है। इसके लक्षण हैं:

  • हाथ-पैरों में सूजन होना
  • मूत्र में प्रोटीन आना

अध्ययनों ने प्रीक्लेम्पसिया को रोकने में कैल्शियम सप्लीमेंट्स के संभावित लाभों को दिखाया है। 13 क्लीनिकल ट्रायल्स के एक समीक्षा विश्लेषण (review analysis) से पता चला है कि गर्भावस्था के लगभग 20 सप्ताह से शुरू होकर प्रति दिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करने से प्रीक्लेम्पसिया, उच्च रक्तचाप और समय से पहले जन्म (premature births) के जोखिम में उल्लेखनीय कमी आई है (2)।

6) कैल्शियम के अन्य फायदे – (Other Benefits of Calcium in hindi)

कैल्शियम विभिन्न एंजाइमों का सह-कारक (co-factor) है। इस खनिज (mineral) के बिना, कुछ प्रमुख एंजाइम ठीक से काम नहीं कर सकते हैं।

अध्ययनों से यह पता चलता है कि पर्याप्त कैल्शियम के सेवन से निम्न परिणाम हो सकते हैं:

  • बेहतर रक्त कोलेस्ट्रॉल स्तर
  • कोलोरेक्टल एडेनोमास (colorectal adenomas – एक गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर) का जोखिम कम होना
  • युवा लोगों में रक्तचाप सामान्य होना
  • उन लोगों में रक्तचाप सामान्य होता है जिनकी माताओं ने गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त कैल्शियम का सेवन किया है

कैल्शियम के नुकसान (दुष्प्रभाव) क्या हैं? – (What are The Side Effects of Calcium in hindi?)

नीचे मैं आपको कैल्शियम के नुकसान (दुष्प्रभाव) बता रहा हूं:

1) कैल्शियम और इसके सप्लीमेंट्स (पूरक) का सेवन जब सामान्य मात्रा में किया जाता है, तो इसके कुछ आम और मामूली से दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कब्ज, गैस, ब्लोटिंग आदि।

2) कैल्शियम से भरपूर आहार के साथ इसके सप्लीमेंट्स लेने के बारे में अध्ययनों पर एक मिश्रित परिणाम सामने आया है। परिणाम दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने से संबंधित है। लेकिन इस परिणाम से शत-प्रतिशत सहमति का अभाव है।

3) बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम के सेवन से गुर्दे की पथरी विकसित हो सकती है।

4) कैल्शियम मिर्गी, मधुमेह, हृदय रोग या अन्य स्थितियों के लिए निर्धारित दवाओं के साथ परस्पर क्रिया (interact) कर सकता है। इसलिए, ऐसी स्थितियों में अपने डॉक्टर से परामर्श करना फायदेमंद होता है।

5) कैल्शियम और इसके सप्लीमेंट की अधिक मात्रा से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे भ्रम, अनियमित दिल की धड़कन, पेट दर्द, मुंह का सूखना, और मतली। कभी-कभी इससे मौत भी हो सकती है।

कैल्शियम के घरेलू खाद्य स्रोत – (Calcium Rich Foods in hindi)

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कैल्शियम डेयरी उत्पादों और फलों, हरी पत्तेदार सब्जियों आदि सहित कई अन्य खाद्य पदार्थों में व्यापक रूप से उपलब्ध है।

कैल्शियम के घरेलू स्रोत (calcium rich foods in hindi) निम्नलिखित हैं (3):

1) हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, शलजम के पत्ते, सरसों, आदि

2) मेवे (nuts) और बीज (seeds), जैसे बादाम, चिया और तिल

3) डिब्बाबंद सार्डिन (sardines), हड्डियों के साथ सालमन (salmon)

4) कैल्शियम सल्फेट से बना टोफू (tofu)

5) कैल्शियम-फोर्टिफाइड फलों का रस (calcium-fortified fruit juices)

6) दूध

7) दही

8) पनीर

9) फोर्टिफाइड नाश्ता अनाज (fortified breakfast cereals)

10) फोर्टिफाइड पौधे-आधारित दूध जैसे चावल का दूध, सोया दूध, बादाम का दूध

11) फलियाँ (legumes) और अनाज (grains)

12) गाय, बकरी, भेड़ के डेयरी उत्पाद

अध्ययनों के अनुसार, पालक जैसी कुछ गहरे हरे पत्तेदार सब्जियों में कैल्शियम तो होता है लेकिन ऑक्सालिक एसिड (oxalic acid) का स्तर भी उच्च होता है। ऑक्सालिक एसिड आपके शरीर की कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर देता है (4)।

आयु के अनुसार दैनिक कैल्शियम की आवश्यकता – (Daily Calcium Requirement by Age in hindi)

यहां नीचे मैं आपको आहार अनुपूरक कार्यालय (office of Dietary Supplements) के अनुसार उम्र के अनुसार दैनिक कैल्शियम की आवश्यकता के बारे में बता रहा हूं (3):

आयु पुरुष महिला
0 से 6 महीने200 मिलीग्राम200 मिलीग्राम
7 से 12 महीने260 मिलीग्राम260 मिलीग्राम
1 से 3 साल700 मिलीग्राम700 मिलीग्राम
4 से 8 साल1000 मिलीग्राम1000 मिलीग्राम
9 से 13 साल1300 मिलीग्राम1300 मिलीग्राम
14 से 18 साल1300 मिलीग्राम1300 मिलीग्राम
19 से 50 साल1000 मिलीग्राम1000 मिलीग्राम
51 से 70 साल1000 मिलीग्राम1200 मिलीग्राम
>70+ साल1200 मिलीग्राम1200 मिलीग्राम
गर्भवती महिलाएँ 1000 से 1300 मिलीग्राम (उम्र के अनुसार भिन्न होती है)
स्तनपान कराने वाली महिलाएं 1000 से 1300 मिलीग्राम (उम्र के अनुसार भिन्न होती है)

किन व्यक्तियों को अतिरिक्त कैल्शियम की आवश्यकता होती है?

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निम्नलिखित स्थिति वाले व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त कैल्शियम की आवश्यकता होती है:

  • वीगन डाइट (vegan diet) लेने वाले
  • गाय के दूध से एलर्जी या लैक्टोज इंटॉलरेंस (lactose intolerance) होना
  • अत्यधिक व्यायाम या एनोरेक्सिया नर्वोसा (anorexia nervosa) के कारण मासिक धर्म बंद हो जाना
  • रजोनिवृत्ति शुरू हो जाना

लेकिन इस अतिरिक्त कैल्शियम की आवश्यकता की पूर्ति किसी डॉक्टर की सलाह से ही करनी चाहिए।

कैल्शियम की कमी के लक्षण क्या हैं? – (What are the Symptoms of Calcium Deficiency or Hypocalcemia in hindi?)

कैल्शियम की कमी (calcium deficiency in hindi) से तात्पर्य रक्त में कैल्शियम की अपर्याप्त मात्रा से है। कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारी को हाइपोकैल्सीमिया (hypocalcemia in hindi) के नाम से जाना जाता है। यह एक्यूट और दीर्घकालिक (क्रोनिक) भी हो सकता है। ऐसे कई लक्षण और संकेत हैं जिनसे कोई व्यक्ति अपने शरीर में कैल्शियम के निम्न स्तर के बारे में जान सकता है। लक्षण गंभीरता और कई अन्य कारकों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। हाइपोकैल्सीमिया के लक्षण हल्के, गंभीर और यहां तक कि जीवन के लिए खतरा भी हो सकते हैं।

कैल्शियम की कमी (हाइपोकैल्सीमिया) के लक्षणों (symptoms of calcium deficiency or hypocalcemia in hindi) में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • मांसपेशियों में ऐंठन (muscle cramps)
  • हाथ, पैर और चेहरे में झुनझुनी और सुन्नता
  • थकान
  • असामान्य हार्ट रिदम (abnormal heart rhythm)
  • दौरे (seizures) या मतिभ्रम (hallucinations)
  • स्मृति हानि और भ्रम (confusion)
  • शुष्क त्वचा
  • रिकेट्स – (यदि विटामिन डी की कमी के साथ जुड़ा हो)
  • दांतों का क्षय (tooth decay) और मसूड़ों की बीमारी (gum disease)
  • प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome)
  • कमजोर नाखून
  • बालों का बहुत धीरे बढ़ना
  • नाजुक और पतली त्वचा
  • हड्डियों का आसानी से फ्रैक्चर हो जाना (easy fracturing of bones)
  • भूख का कम लगना
  • क्रोनिक किडनी फेलियर (chronic renal failure)
  • हृदय संबंधी रोग
  • मृत्यु (सबसे खराब स्थिति में)

हाइपोकैल्सीमिया का शरीर के सभी अंगों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।

एक वयस्क शरीर में कैल्शियम की सामान्य सीमा 8.5 – 10.5 मिलीग्राम/डेसीलीटर (mg/dl) के बीच होती है। मानव रक्त में 8.5 मिलीग्राम/डेसीलीटर से कम कैल्शियम की मात्रा को आमतौर पर हाइपोकैल्सीमिया (hypocalcemia in hindi) कहा जाता है। जब कैल्शियम का स्तर 7 मिलीग्राम/डेसीलीटर से नीचे चला जाता है, तो कमी गंभीर मानी जाती है।

कैल्शियम की कमी के कारण क्या हैं? – (What are the Causes of Calcium Deficiency or Hypocalcemia in hindi?)

निम्नलिखित जीवनशैली की आदतें या स्थितियाँ कम कैल्शियम स्तर (calcium deficiency in hindi) का कारण बन सकती हैं, जिसे हाइपोकैल्सीमिया भी कहा जाता है:

1) विटामिन डी की कमी – (Vitamin D Deficiency)

हाइपोकैल्सीमिया (hypocalcemia in hindi) का सबसे आम कारण विटामिन डी की कमी है। शरीर को धूप या किसी अन्य सप्लीमेंट (पूरक) से पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिलने से कैल्शियम की कमी हो सकती है।

2) आहार में पर्याप्त कैल्शियम न मिलना – (Not getting enough calcium)

आहार में कैल्शियम का अनुशंसित दैनिक सेवन (recommended daily intake) शामिल न करने से भी रक्त में कैल्शियम का स्तर कम हो सकता है।

हमेशा याद रखें कि आपके आहार में कुछ पदार्थ अवशोषण को कम कर सकते हैं, या कैल्शियम की हानि (calcium loss) को बढ़ा सकते हैं। ये हैं (3):

क) शराब

यह कैल्शियम अवशोषण को कम करती है और विटामिन डी उत्पादन को प्रतिबंधित करती है।

ख) एंटीन्यूट्रिएंट्स (फाइटिक एसिड, ऑक्सालिक एसिड)

ये आंत में कैल्शियम को बांधते हैं।

ग) कैफीन

यह अवशोषण को कम करता है और कैल्शियम की हानि को बढ़ाता है।

3) हाइपोपैराथायरायडिज्म (Hypoparathyroidism) या निष्क्रिय पैराथाइरॉइड ग्रंथि (underactive parathyroid gland)

पैराथाइरॉइड हार्मोन (Parathyroid hormone) का रक्त में कैल्शियम के स्तर से गहरा संबंध है। जब भी रक्त में कैल्शियम के स्तर में कमी होती है, तो पैराथाइरॉइड ग्रंथि की कोशिकाएं पैराथाइरॉइड हार्मोन (पीटीएच) छोड़ती हैं। पीटीएच गुर्दे और आंत से अधिक कैल्शियम को अवशोषित करके रक्त कैल्शियम के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। तो, कम पीटीएच स्तर के परिणामस्वरूप रक्त में कैल्शियम का स्तर भी कम हो सकता है।

4) फास्फोरस का उच्च स्तर (High phosphorus levels)

फॉस्फोरस कैल्शियम को बांधता है और सक्रिय या आयनित कैल्शियम के स्तर को कम करता है। इसलिए, फास्फोरस के स्तर में अचानक वृद्धि से कैल्शियम की कमी हो सकती है।

5) आंत संबंधी विकार (Gut disorders)

कोई भी बीमारी या विकार जो आंत में कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डालता है, हाइपोकैल्सीमिया का कारण बन सकता है। ऐसे आंत विकारों के उदाहरणों में इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (inflammatory bowel disease), क्रॉनिक (या दीर्घकालिक) दस्त आदि शामिल हैं।

6) असामान्य मैग्नीशियम स्तर (Abnormal magnesium levels)

हाइपोकैल्सीमिया (hypocalcemia in hindi) शरीर में मैग्नीशियम के अपर्याप्त स्तर के कारण भी हो सकता है। असामान्य मैग्नीशियम का स्तर पैराथाइरॉइड हार्मोन (पीटीएच) के कामकाज में बाधा डालता है और इसके परिणामस्वरूप कैल्शियम का स्तर कम हो जाता है (5)।

जबकि एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि उच्च मैग्नीशियम का स्तर भी पैराथाइरॉइड हार्मोन के निकलने को कम कर सकता है, और परिणामस्वरूप कैल्शियम का स्तर कम हो जाता है (6)।

7) गुर्दे की बीमारी (Kidney disease)

क्षतिग्रस्त या अप्रभावी किडनी भी शरीर में कैल्शियम की कम मात्रा ही रखती है। इस स्थिति में अधिक कैल्शियम मूत्र के साथ बाहर निकल जाता है।

इसके अलावा, क्षतिग्रस्त किडनी कम सक्रिय विटामिन डी का उत्पादन करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप आंत में कैल्शियम का अवशोषण कम होता है।

इसलिए, किसी भी किडनी की बीमारी में हाइपोकैल्सीमिया (hypocalcemia in hindi) हो सकता है।

8) रजोनिवृत्ति (Menopause)

महिलाओं में रजोनिवृत्ति चक्र के कारण एस्ट्रोजन, पैराथाइरॉइड हार्मोन, और अन्य हार्मोन के उत्पादन में परिवर्तन होता है। एस्ट्रोजेन उत्पादन कम होने के कारण महिलाओं के शरीर को आहार स्रोतों से कैल्शियम मिलने की संभावना कम होती है।

9) कम प्रोटीन स्तर (Low protein levels)

प्रोटीन का कम स्तर, मुख्य रूप से एल्ब्यूमिन, भी कैल्शियम के स्तर में कमी का कारण बनता है। यह मुख्य रूप से संक्रमण, कुपोषण, शराब और यकृत रोग के कारण होता है।

10) अग्नाशयशोथ (Pancreatitis)

कुछ सिद्धांत साबित करते हैं कि अग्न्याशय की सूजन या अग्नाशयशोथ के परिणामस्वरूप अक्सर कैल्शियम के रक्त स्तर में कमी होती है।

11) कुछ औषधियाँ (Certain drugs)

कुछ दवाओं जैसे लैक्सेटिव (Laxatives), ग्लुकोकोर्टिकोइड्स (glucocorticoids), और एंटीकॉन्वल्सेन्ट्स (anticonvulsants) के उपयोग से हाइपोकैल्सीमिया (hypocalcemia in hindi) हो सकता है।

12) आनुवंशिक विकार (Genetic disorders)

कुछ दुर्लभ आनुवंशिक विकारों के कारण भी कैल्शियम का स्तर कम हो सकता है (7)।

कैल्शियम विषाक्तता या हाइपरकैल्सीमिया के लक्षण क्या हैं? – (What are the Symptoms of Calcium Toxicity or Hypercalcemia in hindi?)

हाइपोकैल्सीमिया के विपरीत, हाइपरकैल्सीमिया (hypercalcemia in hindi) वह स्थिति है जब रक्त में कैल्शियम का स्तर सामान्य सीमा (8.5 से 10.5 मिलीग्राम/डेसीलीटर) से ऊपर पहुंच जाता है। हाइपरकैल्सीमिया का शायद ही कोई लक्षण (symptoms of hypercalcemia in hindi) शरीर में दिखाई देता है, लेकिन कभी-कभी दिखाई देने वाले लक्षणों में शामिल हैं:

  • मांसपेशियों में दर्द
  • कमजोरी
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • सुस्ती
  • अवसाद
  • चिड़चिड़ापन या स्मृति हानि
  • जी मिचलाना
  • भूख का कम लगना
  • थकान
  • हड्डी में दर्द
  • विस्मृति (forgetfulness)
  • बार-बार प्यास लगना और पेशाब आना

कैल्शियम विषाक्तता या हाइपरकैल्सीमिया के कारण क्या हैं? – (What are the Causes of Calcium Toxicity or Hypercalcemia in hindi?)

कैल्शियम विषाक्तता या हाइपरकैल्सीमिया के कारण (causes of calcium toxicity or hypercalcemia in hindi) निम्नलिखित हैं:

1) अतिसक्रिय पैराथाइरॉइड ग्रंथियां या हाइपरपैराथायरायडिज्म – (Overactive parathyroid glands or hyperparathyroidism)

पैराथाइरॉइड ग्रंथियां रक्त में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। यदि ये ग्रंथियां अति सक्रिय हो जाती हैं, तो इससे हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है।

ये ग्रंथियां तब अति सक्रिय हो जाती हैं जब उनमें से एक बड़ी हो जाती है या गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि (noncancerous growth) विकसित हो जाती है; और इस स्थिति को हाइपरपैराथायरायडिज्म कहा जाता है जो हाइपरकैल्सीमिया का सबसे आम कारण है (8)।

हाइपरपैराथायरायडिज्म का निदान आमतौर पर 50 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में किया जाता है और यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में लगभग 3-4 गुना अधिक आम है (9)।

2) दवाएं (Medications)

कुछ दवाओं के उपयोग से रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ सकता है। उदाहरण के लिए, बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा लिथियम से बनी होती है और इसके परिणामस्वरूप पैराथाइरॉइड हार्मोन (पीटीएच) का स्राव बढ़ जाता है।

3) सप्लीमेंट्स – (Supplements)

निर्धारित मात्रा से अधिक कैल्शियम या विटामिन डी के सप्लीमेंट्स कुछ समय लगातार लेने के बाद हाइपरकैल्सीमिया (hypercalcemia in hindi) हो सकता है।

4) गतिहीनता – (Immobility)

जिन लोगों की ऐसी स्थिति होती है जिसके कारण उन्हें बहुत अधिक समय बैठे रहने या लेटे रहने में व्यतीत करना पड़ता है, उनमें गतिहीनता हाइपरकैल्सीमिया का कारण बन सकती है। लंबे समय में, जो हड्डियाँ वजन सहन नहीं करती हैं वे रक्त में कैल्शियम छोड़ती हैं जिससे रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है।

5) गंभीर निर्जलीकरण – (Severe dehydration)

रक्त में पर्याप्त तरल पदार्थ न होने से आमतौर पर क्षणिक या हल्का हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है।

6) कैंसर (Cancer)

अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ कैंसर जैसे फेफड़े, स्तन या रक्त के कैंसर में कैल्शियम के स्तर में वृद्धि का खतरा हो सकता है। हड्डियों में मेटास्टेसिस (कैंसर का प्रसार) से हाइपरकैल्सीमिया (hypercalcemia in hindi) का खतरा भी बढ़ जाता है।

7) वंशानुगत कारक – (Hereditary factors)

पारिवारिक हाइपोकैल्श्यूरिक हाइपरकैल्सीमिया (familial hypocalciuric hypercalcemia) एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है। यह शरीर में दोषपूर्ण कैल्शियम रिसेप्टर्स उत्पन्न करता है जो रक्त में अधिक कैल्शियम विकसित करता है। इस स्थिति के कारण होने वाला हाइपरकैल्सीमिया कोई लक्षण और जटिलताएं नहीं दिखाता है।

8) अन्य बीमारियाँ (Other diseases)

सारकॉइडोसिस (sarcoidosis) और टीबी (TB) जैसी बीमारियाँ विटामिन डी के स्तर को बढ़ाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपका पाचन तंत्र उत्तेजित होता है और वह अधिक कैल्शियम अवशोषित करता है।

निष्कर्ष – (Conclusion in hindi)

तो, यहां हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि कैल्शियम मानव शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है। लेकिन इसका सेवन हमेशा सही मात्रा में ही करना चाहिए। उम्र और लिंग के अनुसार इस पोषक तत्व के सेवन की पूर्वनिर्धारित (predefined) मात्रा होती है। उस स्तर से कम या ज्यादा इसका सेवन करने से कुछ छोटे या गंभीर खतरे हो सकते हैं। अपने शरीर में कैल्शियम की आवश्यकता के बारे में स्पष्ट जानकारी लेने के लिए अपने डॉक्टर से जांच कराना हमेशा एक बेहतर विकल्प होता है। डॉक्टर इसकी खुराक निर्धारित करने से पहले रक्त में कैल्शियम की मात्रा की जांच करने के लिए कुछ रक्त परीक्षण आदि कर सकते हैं।

कैल्शियम सप्लीमेंट्स (calcium supplements) खरीद के लिए ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं।


1) Calcium Intake and Health

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6683260

2) Effects of dairy intake on body weight and fat: a meta-analysis of randomized controlled trials

https://academic.oup.com/ajcn/article/96/4/735/4576839?login=false

3) Calcium

https://ods.od.nih.gov/factsheets/Calcium-HealthProfessional

4) Bioavailability of soluble oxalate from spinach eaten with and without milk products

https://apjcn.nhri.org.tw/server/APJCN/12/2/219.pdf

5) Hypocalcemia

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3279267

6) The influence of hypermagnesemia on serum calcium and parathyroid hormone levels in human subjects

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/6709029

7) Hypocalcemia: Diagnosis and Treatment

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25905251

8) Hypercalcemia

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK430714

9) Primary Hyperparathyroidism

https://www.niddk.nih.gov/health-information/endocrine-diseases/primary-hyperparathyroidism

10) Calcium: Uses, Benefits, Rich Foods Sources, & Deficiency


अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|


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