बेल्स पाल्सी के कारण, लक्षण व इलाज Bell’s Palsy in Hindi

Table of Contents

बेल्स पाल्सी एक ऐसी स्थिति है जो पक्षाघात या चेहरे की मांसपेशियों की अस्थायी कमजोरी (temporary weakness) का कारण बनती है। यह चेहरे का पक्षाघात तब होता है जब आपके चेहरे की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली तंत्रिका सूज जाती है, या संकुचित हो जाती है।

इस स्थिति के कारण आपके चेहरे का आधा हिस्सा झुक जाता है या कठोर हो जाता है। आपकी मुस्कुराहट भी एक-तरफा मुस्कुराहट हो जाती है, और आपके प्रभावित हिस्से की आंख बंद नहीं होती है।

बेल्स पाल्सी को अज्ञात कारण से होने वाली एक्यूट पेरिफेरल फेशियल पाल्सी (acute peripheral facial palsy) भी कहा जाता है। यह स्थिति कुछ घंटों के अंतराल में प्रकट हो सकती है और ज्यादातर मामलों में, इसके लक्षण आमतौर पर उपचार के बिना कुछ हफ्तों के भीतर गायब हो जाते हैं।

फेशियल नर्व (facial nerve), जो सातवीं कपाल तंत्रिका (seventh cranial nerve) है, पर किसी प्रकार के आघात के कारण बेल्स पाल्सी होती है। यह किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन 16 से 60 वर्ष की उम्र के बीच सबसे अधिक होती है। बेल्स पाल्सी का नाम चार्ल्स बेल के नाम पर रखा गया है। वह एक स्कॉटिश एनाटोमिस्ट (Scottish anatomist) थे, जिन्होंने सबसे पहले इस स्थिति का वर्णन किया था।

बेल्स-पाल्सी-के-कारण-लक्षण-bell's-palsy-symptoms-causes-in-hindi

बेल्स पाल्सी के लक्षण (bell’s palsy symptoms in hindi) अचानक प्रकट होते हैं, और जिस व्यक्ति में यह स्थिति विकसित होती है, उसे निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं (1):

  • आपके चेहरे के एक तरफ अचानक कमजोरी या पक्षाघात (paralysis), जो कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों के भीतर घटित होता है
  • प्रभावित हिस्से के होंठ, आंख या दोनों को बंद करने में कठिनाई होना
  • मुँह के एक तरफ से लार निकलना
  • चेहरे का दर्द (facial pain)
  • स्वाद की अनुभूति में परिवर्तन (change in the sense of taste)
  • प्रभावित हिस्से में ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि (कोई भी लक्षण दिखाई देने से पहले के दिनों के मुकाबले ध्वनियाँ सामान्य से बहुत तेज़ सुनाई देती हैं)
  • चेहरे का झुकना और चेहरे के भाव बनाने, जैसे मुस्कुराना या आंख बंद करना, में कठिनाई
  • आपकी आंख से निकलने वाले आंसुओं की मात्रा में परिवर्तन
  • जबड़े के आसपास या पीछे या कान में प्रभावित हिस्से में दर्द होना
  • प्रभावित हिस्से की आंख में जलन होना
  • आपको बात करने में कठिनाई लगना
  • पीने और खाने में परेशानी होना

बहुत ही दुर्लभ मामलों में, बेल्स पाल्सी आपके चेहरे के दोनों तरफ की नसों को प्रभावित कर सकती है।

अनुसंधान से पता चला है कि बेल्स पाल्सी के लक्षण 72 घंटों या उसके आसपास प्रकट होते हैं और बढ़ते हैं (1), और उसके बाद वे स्थिर हो जाते हैं। एक बार लक्षण प्रकट होने के बाद, वे आम तौर पर अगले 3 सप्ताह में बेहतर हो जाते हैं। अधिकांश मामलों में (लगभग 80%) लक्षण 3 से 6 महीने के भीतर ठीक हो जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में, जिन लोगों को बेल्स पाल्सी होती है, उन्हें ठीक होने में लंबा समय लगता है और कभी-कभी, उनमें कुछ स्थायी लक्षण रह सकते हैं।

बेल्स पाल्सी सातवीं कपाल तंत्रिका (seventh cranial nerve) की सूजन या संपीड़न (compression) के कारण होती है, जिससे चेहरे की कमजोरी (weakness) या पक्षाघात (paralysis) हो जाता है। इस तंत्रिका क्षति का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन कई चिकित्सा शोधकर्ताओं का मानना है कि यह संभवतः एक वायरल संक्रमण के कारण होता है (2)। बेल्स पाल्सी को ट्रिगर करने वाले वायरस में ऐसे वायरस शामिल हैं, जो निम्नलिखित रोगों का कारण बनते हैं:

  • जर्मन मीजल्स (German measles or rubella)
  • चिकनपॉक्स और शिंगल्स (chickenpox and shingles)
  • साइटोमेगालोवायरस संक्रमण (cytomegalovirus infections)
  • कोल्ड सोर्स (cold sores) और जेनिटल हर्पीस (genital herpes)
  • संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस (Infectious mononucleosis)
  • श्वसन संबंधी बीमारियाँ (एडेनोवायरस – adenovirus)
  • मम्प्स (Mumps)
  • हाथ-पैर-मुंह रोग (Hand-foot-and-mouth disease)

चेहरे की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली तंत्रिका (सातवीं कपाल तंत्रिका) चेहरे तक पहुंचने के दौरान हड्डी के एक संकीर्ण गलियारे से होकर गुजरती है। बेल्स पाल्सी में, यह कपाल तंत्रिका सूज जाती है और फूल जाती है, जो आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होता है। यह तंत्रिका चेहरे की मांसपेशियों के साथ-साथ लार, आंसू, स्वाद और आपके कान के बीच की एक छोटी हड्डी को भी प्रभावित करती है।

सातवीं कपाल तंत्रिका पक्षाघात के कारण – (Causes of seventh cranial nerve palsy in hindi)

ज्यादातर बेल्स पाल्सी होने का कोई स्पष्ट कारण नहीं है, लेकिन सातवीं कपाल तंत्रिका (या फेशियल नर्व) का पक्षाघात भी इसके साथ जुड़ा हुआ है:

  • चोट (injury)
  • मधुमेह (diabetes)
  • लाइम डिजीज (Lyme disease)
  • सारकॉइडोसिस (sarcoidosis)
  • मल्टीपल स्क्लेरोसिस (multiple sclerosis)
  • गुलियन बेरी सिंड्रोम (Guillain-Barré syndrome)
  • एचआईवी (HIV) का संक्रमण
  • तपेदिक या टीबी (tuberculosis)
  • मियासथीनिया ग्रेविस (myasthenia gravis)
  • ट्यूमर (tumor)
  • वाहिकाशोथ (vasculitis)

यदि आपको इनमें से किसी एक स्थिति का निदान किया जाता है, तो आपका डॉक्टर अंतर्निहित कारण का इलाज करेगा।

बेल्स-पाल्सी-का-निदान-इलाज-bell's-palsy-in-hindi

बेल्स पाल्सी से पीड़ित व्यक्ति को उपचार से लाभ मिल सकता है, यदि यह लक्षण दिखने के 72 घंटों के भीतर शुरू हो जाए, इसलिए जितनी जल्दी हो सके चिकित्सीय सहायता लेना सबसे अच्छा है।

आपके चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी की सीमा निर्धारित करने के लिए आपका चिकित्सक एक शारीरिक परीक्षण करेगा। वह आपके चेहरे को देखेगा और आपसे अपनी भौंहें ऊपर उठाकर, आंखें बंद करके, अपने दांत दिखाकर और भौंहें सिकोड़कर, जैसी अन्य हरकतों के साथ अपने चेहरे की मांसपेशियों को हिलाने के लिए कहेगा।

चिकित्सक आपसे आपके लक्षणों के बारे में भी पूछताछ करेगा, जिसमें यह भी शामिल होगा कि वे कब शुरू हुए और आपको पहली बार उनके बारे में कब पता चला।

हालाँकि ऐसा कोई विशेष लेबोरेटरी परीक्षण (lab test) नहीं है, जिसे आपका डॉक्टर यह पुष्टि करने के लिए कर सके कि आपको बेल्स पाल्सी है, लेकिन वह बेल्स पाल्सी के निदान में सहायता के लिए कई प्रकार के परीक्षणों का उपयोग कर सकता है। ये परीक्षण चेहरे की कमजोरी के अन्य संभावित कारणों, जैसे लाइम डिजीज (Lyme disease) या गुलियन बेरी सिंड्रोम (Guillain-Barré syndrome), का भी पता लगा सकते हैं, जिनके लिए उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

इन परीक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

रक्त परीक्षण (Blood Tests)

बेल्स पाल्सी के लिए कोई विशिष्ट रक्त परीक्षण नहीं है। लेकिन कुछ रक्त परीक्षणों का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों की उपस्थिति को देखने के लिए किया जा सकता है:

  • जीवाणु या वायरल संक्रमण की उपस्थिति
  • मधुमेह या अन्य स्थितियाँ

लम्बर पंक्चर (Lumbar Puncture)

यदि लाइम डिजीज (Lyme disease) का संदेह हो तो उसके निदान की पुष्टि करने के लिए

इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests)

चेहरे की तंत्रिका पर दबाव के अन्य संभावित स्रोतों, जैसे स्कल फ्रैक्चर (skull fracture) या ब्रेन ट्यूमर (brain tumor), का पता लगाने के लिए एमआरआई (MRI) या कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी स्कैन (CT scan) जैसे इमेजिंग परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है।

इलेक्ट्रोमायोग्राफी टेस्ट (Electromyography Test)

इलेक्ट्रोमायोग्राफी टेस्ट (Electromyography Test) में एक डॉक्टर उत्तेजना के जवाब में मांसपेशियों की विद्युत गतिविधि को मापने के लिए मांसपेशियों में बेहद पतले इलेक्ट्रोड तार डालता है।

ईएमजी (EMG) टेस्ट तंत्रिका में विद्युत आवेगों के संचालन की गति और प्रकृति को भी मापता है। इस परीक्षण का उपयोग निम्नलिखित के लिए किया जाता है:

  • यह जांचने के लिए कि क्या चेहरे की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नसें (nerves) क्षतिग्रस्त हो गई हैं, और
  • क्षति की सीमा निर्धारित करने के लिए

कुछ स्थितियाँ और कारक बेल्स पाल्सी की संभावना को बढ़ा सकते हैं। उनमें से निम्नलिखित प्रमुख हैं:

  • मधुमेह (Diabetes)
  • गर्भावस्था (गर्भवती महिला जो विशेष रूप से तीसरी तिमाही (third trimester) में है, या जो बच्चे को जन्म देने के बाद पहले सप्ताह में है)
  • मोटापा
  • ऊपरी श्वसन पथ का संक्रमण (जिन लोगों को सर्दी या फ्लू जैसा ऊपरी श्वसन पथ का संक्रमण है)

बार-बार होने वाले बेल्स पाल्सी के अटैक (Bell’s palsy attacks) असामान्य हैं। जब वे दोबारा होते हैं, तो आम तौर पर बार-बार होने वाले हमलों का पारिवारिक इतिहास होता है। इससे पता चलता है कि बेल्स पाल्सी का आपके जीन (genes) से संबंध हो सकता है।

2019 में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि माइग्रेन के रोगियों में बेल्स पाल्सी का खतरा अधिक हो सकता है, खासकर यदि वे 30 से 60 वर्ष के आयु वर्ग में हों (3)।

बेल्स-पाल्सी-का-इलाज-bell's-palsy-treatment-in-hindi

उपचार के साथ या उसके बिना, बेल्स पाल्सी से पीड़ित अधिकांश व्यक्ति पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। बेल्स पाल्सी का कोई एक इलाज, जो सभी रोगियों के लिए उपयुक्त हो, नहीं है। हालाँकि, आपका डॉक्टर आपके स्वास्थ्य लाभ को तेज़ करने के लिए दवाएँ या भौतिक चिकित्सा (फिज़िओथेरपी) लिख सकता है। बेल्स पाल्सी के इलाज (bell’s palsy treatment in hindi) के लिए शायद ही कभी सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।

1) प्रभावित साइड की आंख की देखभाल – (Care of the Eye On The Affected Side in hindi)

प्रभावित साइड (हिस्से) की आंख की सुरक्षा और देखभाल के लिए कुछ कदम उठाना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आँख बंद नहीं होती है। इसलिए इसके लिए:

  • दिन के दौरान चिकनाई वाली आई ड्रॉप और रात में आंखों के मरहम का उपयोग करके अपनी आंखों को नम (moist) रखें।
  • यदि संभव हो तो दिन के दौरान चश्मा पहनकर और रात में आंख पर पट्टी बांधकर अपनी आंख को चुभने या खरोंचने से बचाएं।
  • बेल्स पाल्सी के गंभीर मामलों में आंख की जांच के लिए नेत्र चिकित्सक के परामर्श की आवश्यकता हो सकती है।

2) बेल्स पाल्सी के लिए दवाएं – (Medications For Bell’s Palsy in hindi)

बेल्स पाल्सी का इलाज (bell’s palsy treatment in hindi) आमतौर पर निम्नलिखित दवाओं से किया जाता है:

कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids)

कॉर्टिकोस्टेरॉइड, जैसे प्रेडनिसोन, मजबूत सूजनरोधी (anti-inflammatory) एजेंट हैं, जो तंत्रिका सूजन (nerve swelling) को कम करने में मदद करते हैं तथा चेहरे की गति को तेजी से ठीक करने में भी आपकी मदद कर सकते हैं। यदि फेशियल नर्व (facial nerve) की सूजन कम हो जाती है, तो यह तंत्रिका इसके चारों ओर हड्डी के गलियारे में अधिक आसानी से फिट हो जाएगी।

यदि आप लक्षण दिखने के 48 घंटों के भीतर कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के साथ उपचार शुरू करते हैं तो यह सबसे प्रभावी होता है। बेल्स पाल्सी के इलाज में स्टेरॉयड के शुरुआती उपयोग से पूरी तरह ठीक होने की संभावना बढ़ सकती है।

एंटीवायरल ड्रग्स (Antiviral Drugs)

एंटीवायरल दवाएं ठीक होने में तेजी ला सकती हैं, लेकिन वे कितना लाभ प्रदान करती हैं यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। प्लेसिबो से तुलना करने पर, एंटीवायरल ने कोई लाभ नहीं दिखाया है। बेल्स पाल्सी से पीड़ित कुछ व्यक्तियों को स्टेरॉयड के साथ एंटीवायरल दवाओं के उपयोग से लाभ हो सकता है, लेकिन यह अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है।

इसके बावजूद, गंभीर चेहरे के पक्षाघात वाले लोगों में प्रेडनिसोन के साथ एसाइक्लोविर (acyclovir) या वैलेसीक्लोविर (valacyclovir) जैसी एंटीवायरल दवा का उपयोग किया जाता है।

3) भौतिक चिकित्सा (अथवा फिज़िओथेरपी) – (Physical therapy)

जो मांसपेशियाँ लकवाग्रस्त (paralysed) हो गई हैं, वे सिकुड़ और छोटी हो सकती हैं, जो अपरिवर्तनीय है। इससे बचने में मदद के लिए, एक भौतिक चिकित्सक (physical therapist) आपको अपने चेहरे की मांसपेशियों की मालिश और व्यायाम करना सिखा सकता है। ये चेहरे के व्यायाम आपके चेहरे की मांसपेशियों को मजबूत करने और चेहरे के समन्वय (coordination) को ठीक करने में मदद करते हैं।

4) शल्य चिकित्सा (Surgery)

यदि बेल्स पाल्सी से पीड़ित व्यक्ति में कुछ हफ्तों या महीनों के भीतर सुधार नहीं होता है, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। सर्जरी निम्नलिखित में मदद कर सकती है:

  • चेहरे की दिखावट में सुधार (improving facial appearance)
  • ड्राई आईज से बचाव (preventing dry eyes)
  • तंत्रिका पर दबाव को कम करना (reducing pressure on the nerve)

पहले डीकंप्रेसन सर्जरी (decompression surgery) का उपयोग हड्डी के गलियारे (bony channel), जिसके माध्यम से फेशियल नर्व (facial nerve) गुजरती है, को खोलकर तंत्रिका (nerve) पर दबाव को कम करने के लिए किया जाता था। लेकिन आजकल, डीकंप्रेसन सर्जरी बहुत ही कम की जाती है, क्योंकि इसमें फेशियल नर्व की क्षति और आजीवन श्रवण हानि का जोखिम रहता है।

चेहरे की विषमता को ठीक करने और पलकें बंद करने में सहायता के लिए उन लोगों के लिए चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी (facial plastic surgery) की आवश्यकता हो सकती है, जो ठीक नहीं हो रहे हैं। फेशियल रीएनीमेशन सर्जरी (facial reanimation surgery) चेहरे की दिखावट में सुधार कर सकती है और चेहरे की गति को बहाल कर सकती है। एक ऑयलिड लिफ्ट (eyelid lift), एक ऑयब्रो लिफ्ट (eyebrow lift), फेशियल इम्प्लांट (facial implants) और नर्व ग्राफ्ट (nerve grafts) फेशियल रीएनीमेशन सर्जरी के उदाहरण हैं। कुछ वर्षों के बाद, कुछ सर्जिकल प्रक्रियाओं, जैसे आइब्रो लिफ्ट, को दोहराने की आवश्यकता हो सकती है।

घर पर उपचार (Treatment at home) में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

1) दर्द निवारक (Pain Relievers)

बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के इबुप्रोफेन, एस्पिरिन या एसिटामिनोफेन दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

2) मुँह की स्वच्छता (Mouth Hygiene)

आपको अपने दांतों को सावधानीपूर्वक ब्रश और फ्लॉस करना चाहिए, और नियमित रूप से दांतों की जांच करानी चाहिए, क्योंकि मुंह में संवेदना की कमी के कारण अन्य समस्याओं के साथ-साथ भोजन के कण भी जमा हो सकते हैं।

3) शारीरिक व्यायाम करें (Practice some physical exercises)

आपका भौतिक चिकित्सक (physical therapist) आपके चेहरे की मांसपेशियों को आराम देने के लिए आपके चेहरे की मालिश और व्यायाम करने की सलाह दे सकता है।

ऐसे कुछ वैज्ञानिक प्रमाण हैं, जो बेल्स पाल्सी के उपचार में वैकल्पिक चिकित्सा के उपयोग का समर्थन करते हैं। कुछ लोगों को इन वैकल्पिक उपचारों के उपयोग से लाभ मिल सकता है। इनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

1) एक्यूपंक्चर (Acupuncture)

एक्यूपंक्चर एक उपचार है, जिसमें शरीर में विशिष्ट बिंदुओं को उत्तेजित करने के लिए त्वचा में पतली सुइयां डाली जाती हैं। इसका लक्ष्य किसी स्वास्थ्य स्थिति या दर्द जैसे लक्षण से राहत प्रदान करना है।

2) बायोफीडबैक प्रशिक्षण (Biofeedback training)

बायोफीडबैक प्रशिक्षण आपको अपने शरीर को विनियमित करने के लिए अपने विचारों का उपयोग करना सिखाकर अपने चेहरे की मांसपेशियों पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

3) बोटुलिनम टॉक्सिन (Botulinum Toxins)

बेल्स-पाल्सी-का-इलाज-bell's-palsy-treatment-in-hindi

बोटुलिनम टॉक्सिन चेहरे की ऐंठन और त्वचा फटने सहित लक्षणों में मदद कर सकता है।

कुछ वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है कि बोटुलिनम टॉक्सिन टाइप ए (जिसे बोटॉक्स भी कहा जाता है) का इंजेक्शन चेहरे की समरूपता (facial symmetry) को बहाल करने में मदद कर सकता है (4)। लेकिन इस उपचार का सटीक रूप से उपयोग करना महत्वपूर्ण है; अन्यथा इसके परिणामस्वरूप पक्षाघात बढ़ सकता है।

बेल्स पाल्सी के हल्के मामलों (mild case) में, लक्षण आमतौर पर एक महीने में ठीक हो जाते हैं। लेकिन गंभीर मामलों (severe cases) में, जहां चेहरा पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गया हो, ठीक होने का समय अलग-अलग हो सकता है और जटिलताएं हो सकती हैं।

बेल्स पाल्सी की संभावित जटिलताओं (complications of Bell’s palsy in hindi) में निम्नलिखित शामिल हैं:

1) अपरिवर्तनीय फेशियल नर्व क्षति (Irreversible Facial Nerve Damage)

आपकी फेशियल नर्व (या सातवीं कपाल तंत्रिका), जो आपके चेहरे की मांसपेशियों को नियंत्रित करती है, को अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है।

2) तंत्रिका तंतुओं का अनियमित पुनर्विकास (Nerve Fibers’ Irregular Regrowth)

जब आप अन्य मांसपेशियों को हिलाने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो तंत्रिका तंतुओं के अनियमित पुनर्विकास से कुछ मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन हो सकता है (एक स्थिति जिसे सिनकिनेसिस (synkinesis) कहा जाता है)। उदाहरण के लिए, जब आप मुस्कुराते हैं तो प्रभावित पक्ष (affected side) की आपकी आंख बंद हो सकती है।

3) प्रभावित पक्ष की आंख का आंशिक या पूर्ण अंधापन (Partial or Complete Blindness of the Eye on the Affected Side)

आंख के कॉर्निया का अत्यधिक सूखापन आंखों में संक्रमण, अल्सर या यहां तक कि दृष्टि हानि का कारण बन सकता है।

वर्तमान में, बेल्स पाल्सी को रोकने का कोई ज्ञात तरीका नहीं है, क्योंकि यह संभवतः एक वायरल संक्रमण के कारण होता है (2)।

आम तौर पर आपको बेल्स पाल्सी केवल एक बार ही होगी, लेकिन यह कभी-कभी वापस भी आ सकती है। यदि आपके परिवार में इस स्थिति के बार-बार होने वाले हमलों (recurrent attacks) का इतिहास है, तो इसकी संभावना अधिक है।

बेल्स पाल्सी से ग्रसित अधिकांश लोगों के लिए आउटलुक अच्छा है। तंत्रिका क्षति की गंभीरता के आधार पर, दो से छह महीने में पूरी तरह से रिकवरी (full recovery) हो सकती है।

यदि तंत्रिका क्षति हल्की है, तो आपको 2 से 3 सप्ताह के भीतर लक्षण धीरे-धीरे कम होते दिखाई देने लगेंगे। लेकिन अगर तंत्रिका क्षति अधिक गंभीर है, तो सुधार देखने में 3 से 6 महीने लग सकते हैं। शायद ही कभी, कुछ लक्षण दोबारा लौटकर आ सकते हैं या कुछ लोग कभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाते हैं।

यदि आपमें बेल्स पाल्सी के लक्षण हों, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। शीघ्र उपचार तेजी से ठीक होने में मदद कर सकता है और किसी भी जटिलता को रोक सकता है।


संदर्भ (References):

1) Bell Palsy                    

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK482290/

2) Bell’s Palsy Fact Sheet

https://www.ninds.nih.gov/health-information/patient-caregiver-education/fact-sheets/bells-palsy-fact-sheet

3) Increased risk of Bell palsy in patient with migraine

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6571209/

4) Botulinum Toxin Type A to Improve Facial Symmetry in Facial Palsy: A Practical Guideline and Clinical Experience

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7923088/

5) Bell’s Palsy: Causes, Symptoms, Diagnosis, & Treatment


अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|


इन्हें भी पढ़ें :

1) सिरदर्द के कारण, लक्षण, प्रकार, व इलाज Headache in Hindi

2) माइग्रेन (अधकपारी) के कारण, लक्षण, व इलाज Migraine in Hindi

3) साइटिका बीमारी के कारण, लक्षण व इलाज Sciatica Pain in Hindi

4) कार्पल टनल सिंड्रोम – Carpal Tunnel Syndrome in Hindi

5) ट्राइजेमिनल न्यूरेल्जिया – Trigeminal Neuralgia in Hindi


Leave a Comment