इस लेख में, हम एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण, लक्षण, निदान, जोखिम कारक, इलाज, रोकथाम, जटिलताएं आदि (causes, symptoms, diagnosis, risk factors, treatment, prevention, complications of atherosclerosis in hindi) के बारे में चर्चा करेंगे।
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एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनीकाठिन्य) क्या है? – (What is Atherosclerosis (Arteriosclerosis) in hindi?)
दोस्तो, एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) और आर्टेरियोस्क्लेरोसिस (arteriosclerosis) दो शब्द हैं जिनका प्रयोग अक्सर एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है। लेकिन, दोनों में थोड़ा अंतर है और एथेरोस्क्लेरोसिस को आर्टेरियोस्क्लेरोसिस का प्रकार माना जाता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस आर्टेरियोस्क्लेरोसिस (जो धमनियों के सख्त होने को संदर्भित करता है यानी धमनियां मोटी हो जाती हैं और अपना लचीलापन खो देती हैं) के समान नहीं है। आर्टेरियोस्क्लेरोसिस के कई अलग-अलग कारण होते हैं और एथेरोस्क्लेरोसिस, आर्टेरियोस्क्लेरोसिस (धमनीकाठिन्य) का एक सामान्य प्रकार है। यहां, हम विशेष रूप से एथेरोस्क्लेरोसिस पर चर्चा करेंगे।
एथेरोस्क्लेरोसिस एक गंभीर बीमारी है जो अधिक उम्र के व्यक्तियों में आम है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि युवा और किशोर इस बीमारी से सुरक्षित हैं। यह वह बीमारी है जिसके कारण धमनियों की दीवारों पर प्लाक जमने के कारण वे सिकुड़ जाती हैं और सख्त हो जाती है। धमनियां रक्त वाहिकाओं के माध्यम से शरीर के प्रत्येक भाग तक ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्व पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होती हैं।
धमनियों की दीवारों पर कैल्शियम, कोलेस्ट्रॉल, वसा आदि का जमाव समय के साथ प्लाक में परिवर्तित हो जाता है। प्लाक के निर्माण के कारण धमनियों के लिए अपना कार्य ठीक से करना मुश्किल हो जाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस से कोई भी धमनी या उसका हिस्सा प्रभावित हो सकता है।
यदि प्रारंभिक अवस्था में निदान किया जाए तो रोग को रोका जा सकता है और उपचार भी किया जा सकता है। यह रोग उम्र के साथ और यदि लंबे समय तक इसका इलाज न किया जाए तो जटिल हो सकता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण क्या हैं? – (What are the Causes of Atherosclerosis in hindi?)
एंडोथेलियम (endothelium) कोशिकाओं की एक पतली परत है, जो धमनियों को अंदर से स्वस्थ रखने तथा उन्हें आकार में और चिकनी बनाए रखने में मदद करती है, इससे रक्त प्रवाह सुचारू रूप से जारी रहता है। जब यह एन्डोथेलियम परत क्षतिग्रस्त होती है, तब यह एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बनना शुरू हो सकती है।
कुछ स्थितियाँ जो एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण (atherosclerosis causes in hindi) बनती हैं वे निम्नलिखित हैं:
- उच्च ट्राइग्लिसराइड्स, आपके रक्त में एक प्रकार का लिपिड
- इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance), मोटापा या मधुमेह
- किसी अज्ञात कारण से अथवा ल्यूपस (lupus), आर्थराइटिस, सोरायसिस (psoriasis) या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (inflammatory bowel disease) जैसी बीमारियों के कारण सूजन (inflammation)
- धूम्रपान और तम्बाकू के अन्य स्रोतों का सेवन करना
एंडोथेलियम को नुकसान होने से धमनियों की दीवारों के चारों ओर प्लाक का निर्माण हो जाता है। जब खराब कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol) क्षतिग्रस्त एन्डोथेलियम को पार करता है तो वह धमनी की दीवारों में चला जाता है। एलडीएल (LDL) डब्ल्यूबीसी (WBC) द्वारा पचा लिया जाता है। समय के साथ, कोलेस्ट्रॉल और डब्लूबीसी (WBCs) धमनियों की दीवारों में प्लाक में परिवर्तित हो जाते हैं और सख्त हो जाते हैं, जिससे आपकी धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इन संकुचित या अवरुद्ध धमनियों से जुड़े अंगों और ऊतकों को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता है।
प्लाक (plaque) अंततः धमनी की दीवारों पर एक उभार बना देता है। जैसे-जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस बदतर होता जाता है, उभार अपना आकार बढ़ाता जाता है। और जब उभार काफी बड़ा हो जाता है, तो संभावना है कि यह रुकावट पैदा कर सकता है।
जब तक आप मध्यम आयु या अधिक उम्र के नहीं हो जाते, एथेरोस्क्लेरोसिस आमतौर पर लक्षण पैदा नहीं करता है। लेकिन जैसे-जैसे धमनियों का संकुचन गंभीर होता जाता है, यह रक्त प्रवाह को अवरुद्ध कर सकता है और दर्द का कारण बन सकता है। रुकावटें (blockages) अचानक भी फट सकती हैं और फटने के स्थान पर धमनी के अंदर रक्त का थक्का जम जाता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण – (Symptoms of atherosclerosis in hindi)
आमतौर पर, यह स्वास्थ्य स्थिति तब तक कोई लक्षण नहीं दिखाती है जब तक कि यह खराब न हो जाए यानी रुकावट काफी बड़ी न हो जाए।
आम तौर पर आपमें एथेरोस्क्लेरोसिस के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, जब तक कि कोई धमनी इतनी संकीर्ण या अवरुद्ध न हो जाए कि वह आपके अंगों और ऊतकों को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं कर सके। कभी-कभी रक्त का थक्का रक्त प्रवाह को पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकता है, या टूट सकता है और दिल का दौरा या स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
हल्के एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए, आप कोई भी दृश्यमान लक्षण नहीं देख पाएंगे। लेकिन, मध्यम से गंभीर एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण (atherosclerosis symptoms in hindi) इस बात पर निर्भर हो सकते हैं कि यह किस धमनी को प्रभावित कर रहा है।
हृदय धमनियों (कोरोनरी धमनियों) में एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण – [Symptoms of Atherosclerosis in the Heart Arteries (Coronary Arteries) in hindi]
हृदय धमनियों (कोरोनरी धमनियों) में एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण हृदय में रक्त की आपूर्ति कम हो सकती है तथा एनजाइना (angina) और दिल का दौरा (heart attack) पड़ सकता है। दिल का दौरा पड़ने के लक्षण (symptoms of a heart attack in hindi) हैं:
- सीने में दर्द या बेचैनी
- कंधों, पीठ, गर्दन, बांहों और जबड़े में दर्द
- मतली या उल्टी
- अत्यधिक घबराहट (extreme anxiety)
- सांस लेने में कठिनाई
- पसीना आना
- चक्कर आना
कैरोटिड धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण – (Symptoms of Atherosclerosis in the Carotid Arteries in hindi)
मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों (कैरोटिड धमनियों) में एथेरोस्क्लेरोसिस स्ट्रोक (stroke) का कारण बन सकती है। स्ट्रोक के लक्षण अचानक प्रकट हो सकते हैं और इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- दृष्टि की समस्या (vision problems)
- संतुलन की हानि
- एक या दोनों आँखों में अस्थायी दृष्टि हानि
- पक्षाघात
- चेहरे की मांसपेशियाँ झुकना (drooping facial muscles)
- बोलने में कठिनाई या अस्पष्ट वाणी
- टांगों या बाजुओं में कमजोरी या सुन्नता
यदि किसी व्यक्ति में स्ट्रोक के लक्षण उत्पन्न हों तो उसे तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
गुर्दे की धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण – (Symptoms of Atherosclerosis in the Renal Arteries in hindi)
गुर्दे तक पहुंचने वाली धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस गुर्दे में रक्त की आपूर्ति को कम कर सकती है, जिससे क्रोनिक किडनी डिजीज (chronic kidney disease) विकसित हो सकती है। क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षण अनुभव हो सकते हैं:
- भूख में कमी
- एकाग्रता में कठिनाई
- हाथ-पैरों में सूजन
पैरों या बांहों की धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण – (Symptoms of Atherosclerosis in the Arteries of the Legs or Arms in hindi)
पैरों या बांहों की धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस में पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (peripheral artery disease) के लक्षण हो सकते हैं, जैसे प्रभावित अंग में रक्तचाप में कमी या चलते समय पैर में दर्द (क्लॉडिकेशन)।
गंभीर मामलों में, ऊतक मृत्यु (tissue death) और गैंग्रीन (gangrene) हो सकता है। परिधीय धमनी रोग (पेरिफेरल आर्टरी डिजीज) से दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस का निदान कैसे किया जाता है? – (How is Atherosclerosis Diagnosed in hindi?)
एथेरोस्क्लेरोसिस के निदान की पुष्टि करने के लिए, आपका डॉक्टर आपके व्यक्तिगत और पारिवारिक स्वास्थ्य इतिहास (personal and family health history) के बारे में प्रश्न पूछ सकता है; और कुछ शारीरिक परीक्षण कर सकता है जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- रक्त की हूशिंग ध्वनि (whooshing or bruit sound), जो अवरुद्ध धमनी के माध्यम से यात्रा करते समय उत्पन्न होती है
- घाव का धीमा भरना, जो प्रतिबंधित रक्त प्रवाह (restricted blood flow) का सूचक है
- धमनी की दीवार (arterial wall) की कमजोरी
- धमनी का चौड़ा होना (widening of an artery)
- असामान्य उभार (abnormal bulging),
- धमनीविस्फार (aneurysm)
- कमजोर नब्ज़ (weakened pulse)
आपका डॉक्टर किसी भी असामान्य ध्वनि की जांच करने के लिए आपकी हृदय ध्वनि (heart sounds) सुन सकता है और आपकी शारीरिक जांच के आधार पर आपको कुछ और परीक्षणों की सिफारिश कर सकता है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
परीक्षण (Tests) | इससे यह पता लगता है (It detects) |
स्ट्रेस टेस्ट (Stress Test) or एक्सरसाइज टॉलरेंस टेस्ट (Exercise Tolerance Test) | जब आप ट्रेडमिल या एक्सरसाइज साइकिल पर व्यायाम करते हैं तो बीपी, श्वास गति और हृदय गति पर नज़र रखता है। |
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram or ECG) | हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। |
कार्डिएक एंजियोग्राम (Cardiac Angiogram) | छाती के एक्स-रे का प्रकार, जिसमें डॉक्टर धमनियों को दृश्यमान बनाने के लिए उनमें डाई डालते हैं |
कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी स्कैन (Computerized Tomography Scan) or एमआरआई एंजियोग्राफी (MRI Angiography) or कंप्यूटर टोमोग्राफी एंजियोग्राफी (Computer Tomography Angiography) | संकुचित या कठोर धमनियों को देखने के लिए |
एंकल ब्रैकियल इंडेक्स (ankle-brachial Index) | आपकी निचली टांग और बांह में बीपी की तुलना के लिए |
डॉपलर अल्ट्रासाउंड (Doppler Ultrasound) | किसी भी रुकावट की जांच के लिए ध्वनि तरंगों की मदद से धमनी की एक छवि बनाता है |
रक्त परीक्षण (Blood tests) | आपके रक्त शर्करा के स्तर या कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच करने के लिए |
आपको अपनी स्थिति के आधार पर ऐसे डॉक्टरों से परामर्श लेने की भी आवश्यकता हो सकती है जो आपके शरीर के कुछ हिस्सों के विशेषज्ञ हैं, जैसे हृदय रोग विशेषज्ञ आदि।
एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम कारक क्या हैं? – (What are the Risk Factors For Atherosclerosis in hindi?)
एथेरोस्क्लेरोसिस आमतौर पर कम उम्र में शुरू होता है, लेकिन उम्र के साथ यह बदतर होता जाता है। शोध के अनुसार, किशोर लोगों में भी एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण या संकेत होते हैं। 40 वर्ष या उससे कम उम्र के एक स्वस्थ व्यक्ति में गंभीर एथेरोस्क्लेरोसिस विकसित होने की 50% संभावना होती है। कुछ लोगों में इसके होने की संभावना अधिक होती है और कुछ में नहीं। आइए आगे समझें कि इस बीमारी के कौन से जोखिम कारक हैं।
गैर परिवर्तनीय जोखिम कारक (Non Modifiable Risk Factors) | -वृद्ध लोग (पुरुषों के लिए 45 और महिलाओं के लिए 55 वर्ष) -समय से पहले हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास |
चिकित्सीय स्थितियाँ (Medical Conditions Risk Factors) | -मोटापा –उच्च कोलेस्ट्रॉल –उच्च रक्तचाप -डायबिटीज (मधुमेह) |
जीवनशैली कारक (Lifestyle Factors) | -ऐसा आहार जिसमें उच्च मात्रा में चीनी, सोडियम (नमक), कोलेस्ट्रॉल, ट्रांस-फैट और सैचुरेटेड-फैट होता है -शारीरिक गतिविधि और व्यायाम का अभाव -धूम्रपान |
एथेरोस्क्लेरोसिस का इलाज क्या है? – (What is the Treatment of Atherosclerosis in hindi?)
एथेरोस्क्लेरोसिस के इलाज (treatment of atherosclerosis in hindi) में जीवनशैली में कुछ बदलाव, दवाएं और सर्जरी शामिल हैं। किसी विशेष मामले के लिए प्रभावी उपचार का प्रकार बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है।
1) जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes)
जीवनशैली में बदलाव अपनाने से एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा कम हो सकता है। ये बदलाव हैं:
- अपने स्वस्थ वजन को बनाए रखना
- स्वस्थ आहार का सेवन करना
- नियमित व्यायाम करना
- वसा या कोलेस्ट्रॉल का सेवन कम करना
- शराब का सेवन कम करना या नियंत्रित करना
- धूम्रपान न करना
2) दवाएँ (Medications)
डॉक्टर व्यक्ति की ज़रूरतों, उसके समग्र स्वास्थ्य और अन्य स्थितियों के आधार पर दवाएँ लिखेगा, जो इस प्रकार हैं:
- हाई बीपी, ब्लड शुगर (blood sugar), सूजन (inflammation) और रक्त के थक्के (blood clots) को कम करने के लिए दवाएं
- मरीज की स्थिति के आधार पर अन्य दवाएं
3) सर्जरी (Surgery)
कभी-कभी गंभीर एथेरोस्क्लेरोसिस (severe atherosclerosis) वाले व्यक्ति की धमनियों में पर्याप्त रक्त प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। सर्जरी के कुछ विकल्पों में शामिल हैं:
- प्लाक (plaque buildup) को हटाने के लिए सर्जरी
- प्रभावित क्षेत्र के चारों ओर रक्त ले जाने के लिए बाईपास सर्जरी (Bypass surgery)
- रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने के लिए स्टेंट (stent) का उपयोग करना
एथेरोस्क्लेरोसिस की रोकथाम – (Prevention of Atherosclerosis in hindi)
एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव के साथ-साथ अन्य कई तरीके भी हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1) ऐसे आहार का सेवन करना जो स्वस्थ हो अर्थात जिसमें कोलेस्ट्रॉल, सैचुरेटेड-फैट और ट्रांस-फैट कम मात्रा में हों।
2) यदि आप धूम्रपान करते हैं तो इसे कम कर दें या छोड़ दें।
3) प्रति सप्ताह कम से कम 75 मिनट का कठोर व्यायाम या 150 मिनट का मध्यम व्यायाम (moderate exercise) करें।
4) अधिक मात्रा में वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें।
5) रेड मीट (red meat) खाने से बचें, इसकी जगह हफ्ते में कम से कम दो बार मछली का सेवन करें।
6) हमेशा स्वस्थ वजन बनाए रखें और स्वस्थ जीवनशैली जिएं।
7) एथेरोस्क्लेरोसिस से संबंधित स्थितियों का इलाज कराएं, जैसे मधुमेह, मोटापा, स्लीप एपनिया (sleep apnea), उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप आदि।
8) तनाव लेने से बचें या इसे प्रबंधित करना सीखें।
एथेरोस्क्लेरोसिस की जटिलताएँ – (Complications of Atherosclerosis in hindi)
एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण होने वाली जटिलताएं विशेष रूप से धमनी पर निर्भर होती हैं जो एथेरोस्क्लेरोसिस से प्रभावित होती हैं।
नीचे तालिका के रूप में मैं आपको एथेरोस्क्लेरोसिस की जटिलताओं के बारे में समझा रहा हूं:
रोग (Disease) | प्रभावित क्षेत्र (Affected area) | जटिलताएँ (Complications) |
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) | जब हृदय के पास की धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं। | सीने में दर्द (एनजाइना), हार्ट फेलियर (heart failure), और दिल का दौरा (heart attack)। |
कैरोटिड आर्टरी डिजीज (Carotid artery disease) | जब मस्तिष्क के पास की धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं। | स्ट्रोक (stroke) या ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक (transient ischemic attack)। |
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (peripheral artery disease) | जब आपके पैरों या बांहों की धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं। | -पैरों और भुजाओं में परिसंचरण संबंधी समस्याएँ। -गर्मी और ठंड के प्रति संवेदनशीलता कम हो जाना। -फ्रॉस्टबाइट (frostbite) या जलने (burns) का खतरा बढ़ जाता है। -ऊतकों की मृत्यु (गैंग्रीन)। |
एन्यूरिज्म (Aneurysms) | एक ऐसी स्थिति है जब धमनी की दीवारों पर उभार (bulge) बन जाता है। | -प्रभावित क्षेत्र में दर्द हो सकता है, तथा इसके लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। -एन्यूरिज्म के फटने की स्थिति में जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाला आंतरिक रक्तस्राव (life-threatening internal bleeding)। -किसी अन्य जगह पर धमनी में रुकावट, यदि एन्यूरिज्म (धमनीविस्फार) के भीतर रक्त का थक्का उखड़ जाता है। |
क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic kidney disease) | जब किडनी तक जाने वाली धमनियाँ संकीर्ण हो जाती हैं। | किडनी फेलियर (kidney failure)। |
किसी विशेष बीमारी के बारे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले, अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। क्यूंकि ऐसी संभावना है कि बीमारी के कारण और अन्य कारकों के साथ लक्षण, कारण आदि बदल सकते हैं।
एथेरोस्क्लेरोसिस वाले लोगों के लिए आउटलुक क्या है? – (What is the outlook for people with atherosclerosis in hindi?)
एथेरोस्क्लेरोसिस किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसके लक्षण आम तौर पर लोगों की उम्र बढ़ने के साथ दिखाई देते हैं।
आप कम उम्र से ही स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर एथेरोस्क्लेरोसिस के खतरे को कम कर सकते हैं।
शीघ्र निदान और उपचार के साथ, एथेरोस्क्लेरोसिस वाले व्यक्ति स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकते हैं।
यह एक गंभीर स्थिति है जो स्वास्थ्य आपात स्थिति और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकती है। इसलिए अपने जोखिम कारकों को जानना और जीवनशैली में उचित बदलाव करने के लिए अपने डॉक्टर के साथ सलाह करना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपकी स्थिति को नियंत्रित करने और जटिलताओं को रोकने के लिए उचित दवाएं लेने का सुझाव देगा।
संदर्भ (References):
1) Atherosclerosis
https://www.nhlbi.nih.gov/health/atherosclerosis
2) Arteriosclerosis / atherosclerosis
3) Atherosclerosis: Causes, Symptoms, Risk Factors, Treatment
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|
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