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चंदनासव सिरप क्या है? – (What is Chandanasava Syrup in Hindi?)
शरीर की स्व-सफाई प्रक्रिया (body’s self-cleansing process) के लिए गुर्दे महत्वपूर्ण हैं, ये व्यक्ति के रक्त से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्ट पदार्थों को हटाते हैं। इसके अलावा गुर्दे (किडनी) निम्नलिखित कार्यों में भी अहम भूमिका निभाते हैं:
- रक्तचाप को नियंत्रित करना
- आरबीसी (लाल रक्त कोशिकाओं) के उत्पादन को प्रोत्साहित करना, और
- विटामिन डी का उत्पादन
किडनी के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त पानी का सेवन और संतुलित आहार लेना आवश्यक है। गुर्दों (किडनी) के नियमित डिटॉक्सिफिकेशन (detoxification) से मूत्र प्रणाली और मूत्राशय की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है।
एलोपैथिक या पारंपरिक फार्मास्यूटिकल्स गुर्दे की बीमारियों के इलाज के लिए प्रभावी हैं, लेकिन कुछ आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन मूत्र पथ के संक्रमण, पेशाब में जलन, किडनी फेलियर (kidney failure) और गुर्दे की पथरी जैसी क्रोनिक किडनी स्थितियों के लिए प्रभावी हैं।
चंदनासव एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग सदियों से गुर्दे की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। यह सिरप निम्न के इलाज में मददगार है:
- ब्लोटिंग (bloating)
- हार्मोनल असंतुलन (Hormonal imbalances)
- गुर्दे की पथरी (Kidney stones)
- प्रजनन संबंधी समस्याएं (Reproductive problems), और
- पाचन संबंधी समस्याएं (Digestive issues)
इस सिरप का उपयोग मूत्र और जननांग संबंधी समस्याओं के कुशलतापूर्वक इलाज के लिए किया जाता है। अधिकांश लोग इस बात से अनजान हैं कि चंदनासव में 5-10% स्व-निर्मित अल्कोहल (self-generated alcohol) होता है। चंदन चंदनासव का प्रमुख घटक है। चंदन का प्रभाव शीतल होता है और यह पित्त दोष को नियंत्रित करता है।
इस सिरप का उपयोग पुरुष प्रजनन समस्याओं के इलाज के लिए अन्य दवाओं के साथ किया जाता है। इस सिरप में रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। शारंगधर संहिता के अनुसार, चंदनासव विशेष रूप से तैलीय त्वचा वाले लोगों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह सीबम को सुखाने में भी मदद करता है।
चंदनासव के घटक द्रव्य (सामग्री) क्या हैं? – (What Are The Ingredients (Composition) of Chandanasava in Hindi?)
चंदनासव के घटक द्रव्य निम्नलिखित हैं:
घटक द्रव्य का सामान्य नाम | घटक द्रव्य का वैज्ञानिक नाम | घटक द्रव्य की मात्रा |
सफ़ेद चंदन | Santalum Album | 48 ग्राम |
लाल चंदन (रक्तचंदन) | Pterocarpus Santalinus | 48 ग्राम |
मोचरस (Semal Gond) | Bombax malabaricum | 48 ग्राम |
पाठा | Cyclea Peltata | 48 ग्राम |
मंजिष्ठा | Rubia cordifolia | 48 ग्राम |
चिरायता (किराततिक्त) | Swertia Chirata | 48 ग्राम |
बरगद | Ficus Benghalensis | 48 ग्राम |
नेत्रबाला | Pavonia Odorata | 48 ग्राम |
लोध्र | Symplocos Racemosa | 48 ग्राम |
आम के पेड़ की छाल | Mangifera indica | 48 ग्राम |
नागरमोथा | Cyprus Rotundus | 48 ग्राम |
प्रियंगु | Callicarpa Macrophylla | 48 ग्राम |
गंभारी | Gmelina Arborea | 48 ग्राम |
नील कमल | Nymphaea Stellata | 48 ग्राम |
पद्मक | Prunus Cerasoides | 48 ग्राम |
द्राक्षा (किशमिश) | Vitis Vinifera | 960 ग्राम |
धातकी | Woodfordia Fruticosa | 768 ग्राम |
गुड़ | — | 2.4 किलोग्राम |
शर्करा (अथवा मिश्री) | — | 4.8 किलोग्राम |
पानी | — | 24.5 किलोग्राम |
चंदनासव बनाने की विधि क्या है? – (What is The Method of Preparation of Chandanasava in Hindi?)
गुड़ और मिश्री को सबसे पहले पानी में घोलकर छान लिया जाता है। बचे हुए सभी घटक द्रव्यों को पीसकर मोटा पाउडर बना लिया जाता है और पानी वाले बर्तन में डालकर अच्छी तरह हिलाया जाता है। फिर इस बर्तन को सील कर दिया जाता है और 30 दिनों के लिए अलग एक स्थान पर रख दिया जाता है।
स्व-निर्मित अल्कोहल का अवलोकन होने के बाद, सामग्री को छान लिया जाता है। छानने के बाद आपको जो तरल भाग मिलता है वह चंदनासव सिरप है, जिसे उपयोग के लिए वायुरोधी कंटेनरों में संग्रहीत किया जाता है।
चंदनासव सिरप के फायदे और उपयोग क्या हैं? – (What Are The Benefits and Uses of Chandanasava Syrup in Hindi?)
चंदनासव का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। हाल ही में हुए शोध भी यह साबित करते हैं कि इससे लोगों को काफी स्वास्थ्य लाभ होते हैं। नीचे मैंने इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे और उपयोग बताए हैं:
1) गुर्दे की पथरी के लिए चंदनासव सिरप पीने के फायदे – (Chandanasava Syrup Benefits for Kidney Stones in Hindi)
किसी भी व्यक्ति के शरीर में अत्यधिक अम्लीय संरचना या अन्य चिकित्सीय समस्याओं के कारण गुर्दे में एक कठोर छोटी पथरी अत्यधिक दर्द का कारण बन सकती है। शरीर में पित्त दोष के बढ़ने से भी यूरिक एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे यूरिक एसिड पथरी (uric acid stones) का निर्माण हो सकता है। चंदनासव सिरप पित्त दोष को शांत करता है, इसका मूत्रवर्धक गुण यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता है, और इसके एंटीलिथियाटिक (antilithiatic) और लिथोट्रिप्सिक (lithotripsic) गुण गुर्दे या मूत्राशय में पथरी को घोलने में सहायता करते हैं।
2) पाचन के लिए चंदनासव सिरप पीने के फायदे – (Chandanasava Syrup Benefits in Digestion in Hindi)
शक्तिशाली चंदनासव सिरप एक पाचन उत्तेजक के रूप में कार्य करती है, जो पाचन में सुधार करती है और साथ ही भूख को भी उत्तेजित करती है। यह ब्लोटिंग (bloating), कब्ज, और अपच सहित बार-बार होने वाली पाचन समस्याओं को कम करने के लिए एक प्रभावी औषधि है।
3) पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के लिए चंदनासव सिरप पीने के फायदे – (Chandanasava Syrup Benefits for Male Reproductive Health in Hindi)
चंदनासव पुरुष प्रजनन (या यौन) अंगों के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक उपचार है। यह सिरप:
- शुक्रमेह (spermatorrhea) और स्वप्नदोष (nightfall) के इलाज में सहायक है
- पुरुष यौन अंगों के संक्रामक रोगों में कमी करता है
- प्रजनन क्षमता के साथ-साथ कामेच्छा में भी सुधार करता है
यह हर्बल सिरप जब चंद्रप्रभा वटी, रजत भस्म और त्रिफला के साथ प्रयोग किया जाता है, तो पायोस्पर्मिया (pyospermia) के उपचार में सबसे अच्छा परिणाम देता है।
4) मूत्र पथ के संक्रमण के लिए चंदनासव सिरप पीने के फायदे – (Chandanasava Syrup Benefits for Urinary Tract Infection in Hindi)
अपने मजबूत एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण, चंदनासव विभिन्न जीवाणु संक्रमणों के उपचार में अत्यधिक प्रभावी है। इस सिरप की बैक्टीरियोस्टेटिक क्रिया (bacteriostatic action) मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) और पेशाब में पस आना (प्यूरिया) के रोगियों में रोग की प्रगति को सीमित करती है। चंद्रप्रभा वटी, चंदनादि वटी और गुलुच्यादि कषायम के साथ इसका उपयोग करने पर यह बेहतर परिणाम देता है।
5) क्रोनिक रीनल फेल्योर में चंदनासव सिरप पीने के फायदे – (Chandanasava syrup Benefits in Chronic Renal Failure in Hindi)
अविपत्तिकर चूर्ण और चंद्रप्रभा वटी के साथ उपयोग करने पर चंदनासव सिरप सीरम यूरिया (serum urea), सीरम क्रिएटिनिन (serum creatinine) और सीरम यूरिक एसिड (serum uric acid) के स्तर (जो किडनी फेल्योर के रोगियों में बढ़े हुए पाए जाते हैं) को कम करने में मदद करता है। यह आसव रोग के विकास में भी देरी करता है, और पित्त-दोष के कुछ लक्षणों जैसे पेशाब में जलन तथा हाथों और पैरों में गर्मी की अनुभूति से भी राहत देता है।
चंदनासव सिरप के नुकसान (दुष्प्रभाव) क्या हैं? – (What Are The Side Effects Of Chandanasava Syrup in Hindi?)
अगर दोष के अनुसार और अनुशंसित खुराक में सेवन किया जाए तो चंदनासव सिरप का कोई नुकसान (दुष्प्रभाव) नहीं होता है। औषधि के रूप में इसका सेवन करना सुरक्षित है।
चंदनासव सिरप का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां – (Precautions To Be Taken While Consuming Chandanasava Syrup In Hindi)
इस आसव का उपयोग करते समय आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
- यदि आपको मधुमेह है, तो आपको अपने चिकित्सक द्वारा दिए गए प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए ही चंदनासव का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें चीनी की मात्रा होती है। अपने रक्त शर्करा के स्तर का आपको ध्यान रखना चाहिए।
- गर्भवती स्त्रियों और स्तनपान कराने वाली माताओं को डॉक्टर द्वारा अनुशंसित (recommended) किए जाने तक इस दवा के सेवन से बचना चाहिए।
- सात वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को इस आसव की डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक में ही सेवन करना चाहिए, आदर्श रूप से उन्हें इसकी 5 -10 मिलीलीटर मात्रा दिन में दो बार समान मात्रा में पानी के साथ लेनी चाहिए।
चंदनासव सिरप की खुराक क्या है? – (What is the Dosage of Chandanasava Syrup in Hindi)
चंदनासव डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक में लेने पर सुरक्षित माना जाता है। चंदनासव की सामान्य अनुशंसित खुराक (general recommended dosage of chandanasava in Hindi):
बच्चों के लिए | 5 – 10 मि.ली. |
वयस्कों के लिए | 10 – 20 मि.ली. |
आप भोजन के तुरंत बाद समान मात्रा में पानी के साथ चंदनासव सिरप का दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।
चंदनासव सिरप की उचित खुराक रोग की गंभीरता, तथा व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर एक अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न हो सकती है। सही खुराक के लिए आपको हमेशा किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या मधुमेह रोगी चंदनासव सिरप का सेवन कर सकता है? – (Can a diabetic person take Chandanasava syrup in Hindi?)
मधुमेह रोगियों को डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही चंदनासव सिरप का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इस सिरप में गुड़ और मिश्री (शर्करा) शामिल होते हैं, जो मधुमेह रोगियों के रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या चंदनासव की लत लग सकती है? – (Can Chandanasava be addictive in Hindi?)
नहीं, इसकी लत नहीं लगती है।
चंदनासव सिरप का सेवन कब करना चाहिए, भोजन से पहले या बाद में? – (When Should Chandanasava Syrup Be Consumed, Before Or After Meals?)
भोजन के बाद पानी के साथ इस आसव का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
क्या चंदनासव एक ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवा के रूप में उपलब्ध है? – (Is Chandanasava available as an over-the-counter (OTC) drug in Hindi?)
हाँ। यह ओवर-द-काउंटर दवा के रूप में उपलब्ध है और आप इसे डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना खरीद सकते हैं।
संदर्भ (References):
Chandanasava: Uses, Benefits, Dosage, & Side Effects
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|
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