इस लेख में मैं त्रिकटु चूर्ण (Trikatu Churna in hindi) नामक एक हर्बल चूर्ण का वर्णन करूंगा, जिसे “कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रामबाण” कहा गया है।
Table of Contents
त्रिकटु चूर्ण क्या है? – (What is Trikatu Churna in Hindi?)
त्रिकटु चूर्ण एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, “त्रि” का अर्थ है “तीन”, और “कटु” का अर्थ है “गर्म”, यानी त्रिकटु का अर्थ है तीन गर्म जड़ी-बूटियों का संयोजन। अतः त्रिकटु चूर्ण तीन गर्म जड़ी बूटियों के संयोजन का बारीक चूर्ण है।
इस चूर्ण की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसके सेवन से शरीर में गर्मी पैदा होती है और पित्त और पाचक रसों का स्राव बढ़ जाता है।
इसे पिप्पली (लंबी काली मिर्च), काली मिर्च और सोंठ (शुंठी) को बराबर मात्रा में मिलाकर बनाया जाता है। पाचक-अग्नि को उत्तेजित करने के लिए तीनों घटक एक साथ काम करते हैं। यह चूर्ण पेट में भोजन के उचित पाचन में सहायता करता है और यकृत के विषहरण में भी मदद करता है।
त्रिकटु चूर्ण (पाउडर) वात और कफ दोष के असंतुलन से जुड़े विभिन्न रोगों के उपचार में प्रमुख भूमिका निभाता है।
ज्यादातर, आयुर्वेदिक डॉक्टर इस चूर्ण को पाचन संबंधी दिक्कतों (जैसे पेट का फूलना, सुस्त चयापचय (धीमा मेटाबॉलिज्म), आदि), यकृत की गड़बड़ी, श्वसन संबंधी समस्याओं (जैसे अस्थमा, आदि), हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (hypercholesterolemia), कई प्रकार के संक्रामक रोगों (जैसे साइनोसाइटिस (sinusitis), गले में संक्रमण (throat infections), त्वचा रोग (skin diseases), आदि), प्रजनन संबंधी दिक्कतों, और मोटापा के उपचार के लिए लिखते हैं।
त्रिकटु चूर्ण को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे:
- तीन मिर्च
- कटुत्रय चूर्ण
- त्रिकटु चूर्णम
- त्रिकटुकम चूर्णम
त्रिकटु चूर्ण के घटक द्रव्य (सामग्री) क्या हैं? – (What Are The Ingredients (Composition) of Trikatu Churna in Hindi?)
त्रिकटु चूर्ण में निम्नलिखित घटक द्रव्य (सामग्री) हैं:
घटक द्रव्य का सामान्य नाम | घटक द्रव्य का वैज्ञानिक नाम | घटक द्रव्य की मात्रा/अनुपात |
काली मिर्च | Piper nigrum | 1 भाग |
पिप्पली | Piper longum | 1 भाग |
सूखा अदरक (सोंठ) | Zingiber officinalis | 1 भाग |
त्रिकटु चूर्ण के औषधीय गुण क्या हैं? – (What Are the Medicinal properties of Trikatu Churna in Hindi?)
त्रिकटु चूर्ण (पाउडर) में निम्नलिखित औषधीय गुण हैं:
- कार्मिनेटिव (Carminative)
- वसा गलाने वाला (Fat Burner)
- बायो-एनहांसर (Bio-enhancer – अन्य दवाओं की जैव उपलब्धता बढ़ाने में मदद करता है)
- हाइपोलिपिडेमिक (Hypolipidemic)
- क्षुधावर्धक (Appetizer) और पाचन उत्तेजक (Digestive Stimulant)
- सूजनरोधी (Anti-inflammatory)
- एंटी वाइरल (Antiviral)
- कफ निस्सारक (एक्स्पेकोरेंट – Expectorant)
- हाइपो-ग्लाइसेमिक (Hypo-glycemic)
- वमनरोधी (Antiemetic)
त्रिकटु चूर्ण के फायदे और उपयोग क्या हैं? – (What Are The Uses and Benefits of Trikatu Churna in Hindi?)
त्रिकटु चूर्ण (पाउडर) के मुख्य फायदे और उपयोग इस प्रकार हैं:
1) पाचन के लिए त्रिकटु चूर्ण के फायदे – (Trikatu Churna Benefits for Digestion in Hindi)
त्रिकटु एक प्रसिद्ध शक्तिशाली पाचन उत्तेजक है, जो भूख को उत्तेजित करता है और संपूर्ण पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है।
त्रिकटु में मौजूद तीनों जड़ी बूटियां निम्न प्रकार से पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती हैं:
- पाचक रसों के स्राव को बढ़ावा देना
- पेट और आंत में भोजन कणों के टूटने में सहायता देना
- आंतों के माध्यम से महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देना
इस चूर्ण में मौजूद दो सक्रिय यौगिक, पिपेरिन (piperine) और जिंजरोल (gingerols) पाचन क्रिया में सहायक एंजाइमों की गतिविधि को बढावा देते हैं, और पाचन को सुगम बनाने में मदद करते हैं।
यह चूर्ण पेट की गैस को खत्म करने में मदद करता है, अतः पेट का फूलना, गैस के कारण पेट में ऐंठन, आदि से राहत दिलाता है।
यह विभिन्न जठरांत्र संबंधी रोगों (gastrointestinal diseases) जैसे कब्ज, गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी), आदि के उपचार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2) दर्द और सूजन के लिए त्रिकटु चूर्ण के फायदे – (Trikatu Churna Benefits for Pain And Inflammation in Hindi)
त्रिकटु चूर्ण में एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) और एंटी-अर्थराइटिक (anti-arthritic) गुणों की प्रचुरता इसे गठिया से संबंधित दर्द और सूजन से राहत दिलाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प बनाती है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस (आयुर्वेद में इसे आमवात कहते हैं) के इलाज में भी यह बहुत फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार, आमवात मुख्य रूप से जोड़ों में वात दोष के खराब होने और आम (विषाक्त पदार्थों) के निर्माण के कारण होता है।
3) त्रिकटु चूर्ण इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है – (Trikatu Churna Helps Boost Immunity in Hindi)
मजबूत एंटीऑक्सिडेंट की उपस्थिति के कारण, त्रिकटु चूर्ण इम्युनिटी (प्रतिरक्षा प्रणाली) को बढ़ाने में मदद करता है और शरीर को कई माइक्रोबियल संक्रमणों से बचाता है।
4) त्रिकटु में रोगाणुरोधी गतिविधि होती है – (Trikatu Has Antimicrobial Activity in Hindi)
त्रिकटु में मौजूद प्रत्येक घटक में शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, अतः यह चूर्ण बुखार, गले में खराश, सर्दी-जुकाम, और अन्य श्वसन संक्रमणों को रोकने में बहुत प्रभावी होता है।
विभिन्न अध्ययनों में पाया गया है कि त्रिकटु चूर्ण ई. कोलाई (E. coli) और एस. ऑरियस (S. aureus) बैक्टीरिया के खिलाफ भी प्रभावी है, जो खाद्य विषाक्तता के सामान्य कारण हैं।
इस चूर्ण में मौजूद बायोएक्टिव तत्व जैसे फिनोल, टैनिन, फ्लेवोनोइड्स, लिग्निन और एल्कलॉइड शरीर को हानिकारक बैक्टीरिया से बचाते हैं।
अध्ययनों में यह भी पाया गया कि त्रिकटु का प्रभाव एम्पीसिलीन दवा (जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए प्रयुक्त होने वाली दवा) के प्रभाव के लगभग बराबर था।
5) त्रिकटु चूर्ण कार्डिएक फंक्शन में सुधार करता है – (Trikatu Churna Improves Cardiac Function in Hindi)
इसके अवयवों के हृदय को स्वस्थ रखने के गुणों के कारण, त्रिकटु विभिन्न हृदय रोगों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मन को शांत करके, यह हृदय प्रणाली को आराम देता है जो कि घबराहट और अतालता (arrhythmias) वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
फ्री रेडिकल लोड और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से दिल को नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है। त्रिकटु चूर्ण में बायोएक्टिव तत्वों की उपस्थिति के कारण मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। अतः यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का मुकाबला करता है और शरीर से मुक्त कणों को खत्म करने में सहायता करता है।
यह चूर्ण लिपिड संचय (lipid accumulation) को रोकने, रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis), हार्ट ब्लॉकेज (heart blockage), दिल का दौरा (heart attacks) आदि का खतरा कम हो जाता है।
इस प्रकार, त्रिकटु चूर्ण हृदय की रक्षा करता है और संपूर्ण हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
6) त्रिकटु चूर्ण के श्वसन संबंधी रोगों में फायदे – (Trikatu Churna Benefits for Respiratory Diseases in Hindi)
त्रिकटु चूर्ण कफ बढ़ाने वाली सभी स्थितियों के लिए एक अद्भुत हर्बल उपचार है। इस हर्बल औषधि में अधिकांश सक्रिय तत्व सांस की समस्याओं से राहत देते हैं, जिनमे शामिल हैं:
- खाँसी (Cough)
- ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
- दमा (Asthma)
- सीओपीडी (COPD)
यह श्वसन मार्ग से कफ के जमाव को हटाने में सहायता करता है, और सांस लेने में सुविधा प्रदान करता है।
7) वजन घटाने के लिए त्रिकटु के फायदे – (Trikatu Benefits for Weight Loss in Hindi)
त्रिकटु चूर्ण में अल्कलॉइड और फ्लेवोनॉयड्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर की गर्मी को बढाती है; और इस प्रकार यह चूर्ण चयापचय परिवर्तन को बढ़ाकर और वसा के संचय को रोककर वजन घटाने में तेजी लाता है।
शरीर से आम दोष को दूर करने की अपनी क्षमता के कारण, यह शरीर से अवांछित आम (विषाक्त पदार्थों) को भी प्रभावी ढंग से समाप्त करता है।
8) त्रिकटु लिवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है – (Trikatu Promotes Liver Health in Hindi)
त्रिकटु चूर्ण में मौजूद पिपेरिन (piperine) नामक सक्रिय यौगिक में दृढ हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण (hepatoprotective properties) होते हैं। यह विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकलने में मदद करता है और समग्र यकृत स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
त्रिकटु का नियमित सेवन:
- जिगर की सामान्य कार्यप्रणाली को पुनर्स्थापित करता है
- लीवर एंजाइम के स्तर को कम करने में मदद करता है जो लीवर की बीमारी या संक्रमण के कारण बढ़ जाता है, और
- यकृत कोशिकाओं के पुनर्जनन में सहायता करता है
इसके अलावा, यह चूर्ण पीलिया (jaundice) और हेपेटाइटिस (hepatitis) जैसी लिवर की बीमारियों के इलाज में भी उपयोगी है।
त्रिकटु चूर्ण के आयुर्वेदिक गुण क्या हैं? – (What are the Ayurvedic Properties of Trikatu Churna in Hindi?)
आयुर्वेद के अनुसार त्रिकटु चूर्ण में निम्नलिखित गुण होते हैं:
रस (स्वाद) | कटु रस (तीखा स्वाद) |
गुण (गुणवत्ता) | रुक्ष (खुरदरा) और लघु (हल्का) |
विपाक (चयापचय स्वाद) | कटु विपाक (तीखा उपापचयी स्वाद) |
वीर्य (शक्ति – potency) | उष्ण वीर्य (hot potency) |
दोषों पर प्रभाव – (Effect on Doshas in Hindi)
यह वात और कफ दोष को शांत करता है और पित्त दोष को बढ़ाता है।
त्रिकटु चूर्ण के नुकसान (दुष्प्रभाव) क्या हैं? – (What are the Side Effects of Trikatu Churna in Hindi?)
त्रिकटु कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक अचूक उपाय है, लेकिन इसे अधिक मात्रा में लेने पर कुछ नुकसान या दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसका प्रति दिन 1 ग्राम से कम मात्रा में सेवन (या उपयोग) करना सुरक्षित है।
हार्टबर्न (Heartburn) और एसिडिटी (acidity) त्रिकटु चूर्ण (पाउडर) के सबसे आम नुकसान हैं।
अधिक मात्रा में इसके सेवन से निम्नलिखित नुकसान (दुष्प्रभाव) हो सकते हैं:
- शरीर में अधिक गर्मी की अनुभूति (Heat sensation in the body)
- पेट में जलन
- गले में जलन महसूस होना
- हॉट फ़्लैशेस (Hot flushes)
दुर्लभ मामलों में, त्रिकटु चूर्ण (पाउडर) की अधिक सेवन से निम्नलिखित नुकसान (दुष्प्रभाव) भी हो सकते हैं:
- मुंह के छालें
- बहुत ज़्यादा पसीना आना
- रक्तस्राव विकार (Bleeding disorders)
- आँखों में लाली
त्रिकटु चूर्ण की अनुशंसित खुराक (मात्रा) क्या है? – (What is the Recommended Dosage of Trikatu Churna in Hindi?)
उम्र, रोग की गंभीरता और रोगी की स्थिति के आधार पर त्रिकटु चूर्ण की प्रभावी चिकित्सीय खुराक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकती है। अतः इस चूर्ण की आदर्श अवधि और खुराक के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
त्रिकटु चूर्ण की सामान्य खुराक 125 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम है। इसका सेवन दिन में दो बार गुनगुने पानी या शहद के साथ तथा भोजन के बाद करना चाहिए।
यदि इसकी खुराक प्रति दिन एक ग्राम से बढ़ जाती है, तो इससे एसिडिटी या सीने में जलन जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
इस प्रकार, त्रिकटु चूर्ण की अधिकतम खुराक एक दिन में 1000 मिलीग्राम मानी जा सकती है।
त्रिकटु चूर्ण का सेवन किसे नहीं करना चाहिए? – (Who Should Not Consume Trikatu Churna in Hindi?)
इस चूर्ण का सेवन अथवा उपयोग निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में नहीं किया जाना चाहिए:
- सीने में जलन (Heartburn)
- रक्तस्राव विकार (Bleeding disorders)
- संभावित गर्भपात (Threatened abortion)
- तीव्र या जीर्ण जठरशोथ (Acute or Chronic Gastritis)
- अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis)
- शरीर के किसी भी हिस्से में जलन महसूस होना (जैसे गले, पेट आदि में)
- पेप्टिक और डुओडेनल अल्सर (Peptic and duodenal ulcer)
- उच्च जोखिम गर्भधारण (High risk pregnancies)
निष्कर्ष
त्रिकटु चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो समान अनुपात में तीन घटकों (काली मिर्च, पिप्पली और सोंठ) से बनी है। सदियों से इसका उपयोग कई स्वास्थ्य स्थितियों, जैसे कब्ज, अपच, गठिया, मोटापा, खांसी, दमा, सर्दी-जुकाम, कई प्रकार के संक्रमण, आदि को ठीक करने के लिए किया जाता है। डॉक्टर के परामर्श अनुसार इसका सेवन करके आप इस अद्भुत हर्बल इम्युनिटी बूस्टर के पूरे लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
त्रिकटु चूर्ण के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या त्रिफला और त्रिकटु एक ही है? – (Is Triphala and Trikatu same in Hindi?)
नहीं, दोनों बिल्कुल अलग हैं। त्रिफला और त्रिकटु, दोनों अलग-अलग घटकों (या सामग्रियों) से बने हैं और दोनों के अलग-अलग फायदे और उपयोग हैं।
त्रिफला तीन फलों का मिश्रण है, यानी अमलकी, हरीतकी और विभीतकी; जबकि त्रिकटु तीन मसालों का मिश्रण है, यानी काली मिर्च, पिप्पली और सोंठ।
क्या त्रिकटु चूर्ण की तासीर गर्म है? – (Is Trikatu hot in Hindi?)
जी हां, त्रिकटु चूर्ण की तासीर गर्म (hot potency) होती है और इसके सेवन से शरीर में गर्मी पैदा होती है।
क्या मैं त्रिफला और त्रिकटु को एक साथ ले सकता हूँ? – (Can I take Triphala and Trikatu together in Hindi?)
हां, आप त्रिफला और त्रिकटु को एक साथ ले सकते हैं। त्रिकटु के घटक दवाओं की जैव उपलब्धता बढ़ाने में मदद करते हैं और त्रिफला के घटक तत्व शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में सहायक होते हैं।
ऐसे कई आयुर्वेदिक योग हैं जिनमें ये सभी छह सामग्रियां एक साथ होती हैं।
त्रिकटु चूर्ण का त्रिदोष पर क्या प्रभाव होता है? – (What is the effect of Trikatu churna on Tridosha in Hindi?)
यह चूर्ण वात और कफ दोष को शांत करता है; और पित्त दोष को बढ़ाता है।
संदर्भ (References):
1) Trikatu, an herbal compound ameliorates rheumatoid arthritis by the suppression of inflammatory immune responses in rats with adjuvant-induced arthritis and on cultured fibroblast-like synoviocytes via the inhibition of the NFκB signaling pathway
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27613480/
2) Trikatu Churna (Powder): Uses, Benefits, & Side Effects – My Health By Web
3) PHYTOCHEMISTRY AND PHARMACOLOGY OF TRIKATU
https://www.researchgate.net/publication/289299101_PHYTOCHEMISTRY_AND_PHARMACOLOGY_OF_TRIKATU
अस्वीकरण (DISCLAIMER):
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है| हमारे किसी उपाय/नुस्खे/दवा आदि के इस्तेमाल से यदि किसी को कोई नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी|
इन्हें भी पढ़ें :
1) लवण भास्कर चूर्ण के फायदे, उपयोग, घटक द्रव्य, और नुकसान
2) त्रिफला चूर्ण के फायदे, नुकसान Triphala Churna Ke Fayde
3) सितोपलादि चूर्ण के फायदे Sitopaladi Churna Benefits in Hindi
4) अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे – Avipattikar Churna in Hindi