त्रिफला चूर्ण के फायदे, नुकसान Triphala Churna Ke Fayde

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त्रिफला चूर्ण क्या है? – (What is Triphala Churna (or Triphala Powder) in Hindi?)

त्रिफला चूर्ण, जिसे त्रिफला के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय बाजार में उपलब्ध सबसे लोकप्रिय और शक्तिशाली आयुर्वेदिक हर्बल दवाओं में से एक है। त्रिफला एक संस्कृत शब्द है जो ‘त्रि’ यानि तीन और ‘फला’ यानि फल से बना है। इसे त्रिदोषिक रसायन (Tridoshic Rasayana) के नाम से भी जाना जाता है जो तीनों दोषों (वात, कफ और पित्त) को नियंत्रित करने में मदद करता है।

त्रिफला चूर्ण तीन फलों या जड़ी-बूटियों (हरीतकी, बिभीतकी और आमलकी) का एक हर्बल संयोजन है, इसलिए इसे फल त्रिक भी कहते हैं।

इस चूर्ण का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार के लिए किया जाता है। यह उन लोगों के लिए एक अचूक उपाय है जो अस्वास्थ्यकर जीवन शैली जीते हैं या नियमित रूप से प्रदूषित वातावरण के संपर्क में रहते हैं। यह चूर्ण न केवल एक निवारक उपाय के रूप में कार्य करता है बल्कि अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों के संपर्क में आने से होने वाले दुष्प्रभावों को भी कम करता है।

इस चूर्ण का सेवन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है। यह आपके पेट और आंतों को भी स्वस्थ रखता है और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह शरीर में वसा कोशिकाओं के आकार को कम करता है जिससे अतिरिक्त चर्बी कम होती है और वजन बढ़ने पर रोक लगती है। त्रिफला चयापचय को बढ़ावा देने, कोलेस्ट्रॉल कम करने, प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) को बढावा देने, और विभिन्न माइक्रोबियल (microbial) संक्रमणों से लड़ने में भी मदद करता है (1)।

त्रिफला चूर्ण के उपयोग और फायदों की लिस्ट बहुत लंबी है। इस शानदार हर्बल मिश्रण के लाभ, नुकसान, मात्रा, आदि के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ते रहें।

त्रिफला चूर्ण के घटक द्रव्य (सामग्री) क्या हैं? – (What Are The Ingredients (Composition) Of Triphala Churna in Hindi?)

त्रिफला चूर्ण के घटक द्रव्य (सामग्री) इस प्रकार हैं:

घटक द्रव्य का सामान्य नामघटक द्रव्य का वैज्ञानिक नामघटक द्रव्य की मात्रा (अनुपात)
आमलकी (आंवला)Emblica Officinalis1 भाग
हरीतकी (हरड़)Terminalia Chebula1 भाग
बिभीतकी (बहेड़ा या विभीतकी)Terminalia Bellirica1 भाग

त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि क्या है? – (What is the Method of Making Triphala Churna in Hindi?)

त्रिफला चूर्ण तैयार करने के लिए आमलकी, हरीतकी, और बिभीतकी (इन तीनों जड़ी बूटियों) के सूखे फल के गूदे (fruit pulp) को बराबर अनुपात यानी 1:1:1 में मिलाकर चूर्ण बना लिया जाता है।

त्रिफला चूर्ण (पाउडर) के औषधीय गुण क्या हैं? – (What Are The Medicinal Properties Of Triphala Churna (Powder) in Hindi?)

आयुर्वेद के अनुसार, त्रिफला चूर्ण तीन दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में सक्षम है।

त्रिफला चूर्ण में निम्नलिखित औषधीय गुण होते हैं:

  • जीवाणुरोधी (Antibacterial)
  • बुढ़ापा विरोधी (Anti-aging)
  • एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant)
  • वसा गलाने वाला (Fat Burner)
  • गठिया विरोधी (Anti-arthritic)
  • पीड़ाहर (एनाल्जेसिक या Analgesic)
  • इम्यूनोमॉड्यूलेटर (Immunomodulator)
  • रक्त शोधक (Blood purifying)
  • कैंसर विरोधी (Anticancer)
  • कार्मिनेटिव (Carminative)
  • एंटी वाइरल (Antiviral)
  • पाचन उत्तेजक (Digestive Stimulant)
  • सूजनरोधी (Anti-inflammatory)

त्रिफला चूर्ण किन शारीरिक स्थितियों में उपयोगी है अथवा इसके चिकित्सीय संकेत क्या हैं? – (What Are The Therapeutic Indications Of Triphala Churna in Hindi?)

त्रिफला चूर्ण निम्नलिखित शारीरिक स्थितियों में उपयोगी है अथवा इसके निम्नलिखित चिकित्सीय संकेत हैं:

  • मोटापा (या वजन घटाने के लिए)
  • पीलिया
  • पेट फूलना
  • खांसी
  • मधुमेह
  • पाइरिया (Pyorrhea)
  • दमा (Asthma)

निम्नलिखित स्थितियों में, इसका उपयोग निवारक दवा (preventive medicine) के रूप में किया जाता है:

  • कैंसर
  • संक्रमण का बार-बार होना (Recurrent infections)

त्रिफला चूर्ण (या पाउडर) के फायदे और उपयोग क्या हैं? – (What Are The Benefits And Uses Of Triphala Churna (Or Powder) in hindi?)

त्रिफला चूर्ण के असंख्य उपयोग और स्वास्थ्य लाभ हैं। यह संक्रमण और तनाव से लड़ने में मदद करता है, पाचन और प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) को बढ़ावा देता है, और दांतों की देखभाल, जोड़ों के दर्द, लीवर के स्वास्थ्य, मधुमेह, मोटापा, हृदय की देखभाल, त्वचा की देखभाल आदि में फायदेमंद है।

आइए इसके प्रमुख 13 फायदों और उपयोगों पर एक नजर डालते हैं – (Triphala Churna Ke 13 Fayde in Hindi):

1) लीवर के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे – (Triphala Churna Benefits For Liver in Hindi)

त्रिफला का एक घटक आमलकी, विटामिन सी से भरपूर होता है जो लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और शरीर से हानिकारक पदार्थों को सुचारू रूप से निकालने में मदद करता है।

आयुर्वेद के अनुसार, अग्नि (पाचक-अग्नि) और पित्त दोष में किसी भी तरह का असंतुलन लिवर की कार्यक्षमता में कमी का कारण बनता है। चूंकि त्रिफला चूर्ण में तीनों दोषों को संतुलित करने का गुण होता है, इसलिए इसके नियमित सेवन से अग्नि और पित्त को संतुलित रखने में मदद मिलती है। इस प्रकार, यह चूर्ण लिवर को स्वस्थ और मजबूत रखने में मदद करता है।

यह चूर्ण लीवर की विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मरीजों को राहत प्रदान करता है। इस चूर्ण का सेवन लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक साबित हुआ है।

2) कब्ज के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे – (Triphala Powder Benefits For Constipation in Hindi)

जंक फूड (junk food) और कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने वाले लोगों में कब्ज एक आम समस्या है। इससे निपटना कभी-कभी थोड़ा मुश्किल हो जाता है, लेकिन त्रिफला चूर्ण का सेवन काफी हद तक कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

इस चूर्ण में हल्का रेचक गुण होता है और इसका सेवन कठोर मल को ढीला करने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है।

यह हल्की से मध्यम कब्ज से ग्रस्त लोगों के लिए उपयोगी है, और अन्य जुलाब (laxatives) के विपरीत,  इसकी आदत भी नहीं पड़ती।

3) आंखों के लिए त्रिफला के फायदे – (Benefits of Triphala For Eyes in Hindi)

त्रिफला चूर्ण आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह आंखों की विभिन्न बीमारियों के इलाज में और दृष्टि में सुधार करने में मदद करता है।

इस के उपयोग से आंखों से संबंधित विभिन्न समस्याओं का इलाज और रोकथाम की जा सकती है, जिसमें नेत्रश्लेष्मलाशोथ (conjunctivitis), मोतियाबिंद (cataracts), कॉर्नियल डिस्ट्रोफी (corneal dystrophies), ग्लूकोमा (glaucoma) आदि शामिल हैं।

त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल आंखों को धोने के लिए करना हो तो, सबसे पहले इस चूर्ण को पानी में उबालें, इसे छान लें और फिर इस पानी को ठंडा होने के लिए रख दें। जब यह पानी ठंडा हो जाए तो इस पानी से अपनी आंखों को धो लें। परन्तु इस आई वॉश (eye wash) का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

4) मधुमेह के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे – (Triphala Churna Benefits For Diabetes in Hindi)

त्रिफला चूर्ण में हाइपो-ग्लाइसेमिक गुण (hypo-glycemic properties) होते हैं, जो इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) पर इसकी क्रिया के कारण होते हैं। यह इंसुलिन के प्रति सेलुलर प्रतिरोध (cellular resistance) को कम करने में मदद करता है और कोशिकाओं में इंसुलिन के उचित उपयोग में सहायता करता है।

नॉन-इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस (NIDDM) से पीड़ित 150 लोगों पर किए गए एक अध्ययन ने यह साबित किया है कि त्रिफला रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मददगार है (2)।

अतः इस चूर्ण के उपयोग से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है, परन्तु यह बात भी ध्यान रखें कि यह हाई ब्लड शुगर के लिए एक अच्छा इलाज नहीं है।

5) त्रिफला चूर्ण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है – (Triphala Powder Helps To Boost Immunity in Hindi)

त्रिफला चूर्ण विटामिन सी (Vitamin C ) का एक बड़ा स्रोत है जो आपकी प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) को बढ़ाने में मदद कर सकता है (3)।

यह आपके पाचन तंत्र को साफ करने में भी मददगार है, जो आगे चलकर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है (4)।

6) त्रिफला एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट एजेंट है – (Triphala Is A Good Antioxidant Agent in Hindi)

फ्री रेडिकल्स (free radicals) का अधिक उत्पादन ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress ) का कारण बनता है। एंटीऑक्सिडेंट इन फ्री रेडिकल्स (मुक्त कणों) के उन्मूलन में सहायता करते हैं और आपको ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाले रोगों से बचाते हैं।

त्रिफला चूर्ण में मौजूद फ्लेवोनोइड्स, विटामिन सी और पॉलीफेनोल्स शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढाने में मदद करते हैं और इस प्रकार यह चूर्ण ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है।

7) त्रिफला चूर्ण रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है – (Triphala Powder helps to Regulate Blood Pressure in Hindi)

अधिकांश लोगों में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, इसीलिए इसे “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है।

उच्च रक्तचाप हार्ट फेलियर (heart failure) और अन्य हृदय रोगों का कारण बन सकता है, साथ ही साथ यह स्ट्रोक (stroke) के जोखिम को भी बढ़ाता है।

त्रिफला चूर्ण के नियमित सेवन से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके सूजन विरोधी (एंटी इंफ्लेमेटरी) गुण रक्त वाहिकाओं पर तनाव को कम करते हैं और  सुचारू रक्त प्रवाह सुनिश्चित करते हैं; इस तरह यह चूर्ण उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

8) वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे – (Triphala Churna Benefits For Weight Loss in Hindi)

मोटापा या अधिक वजन होना कई अन्य बीमारियों का कारण बनता है। लोग अपने वजन को नियंत्रित करने और फिट रहने के लिए तनाव में रहते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, त्रिफला चूर्ण अपने दीपन और पाचन गुणों के कारण मेद धातु के असंतुलन को ठीक करने में मदद करता है। इसलिए यह चूर्ण मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है और उन्हें वजन कम करने और स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है।

9) त्रिफला चूर्ण गठिया और गाउट के इलाज में सहायक है – (Triphala Powder Is Helpful In Treating Arthritis And Gout in Hindi)

त्रिफला चूर्ण में मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया और इसके साथ होने वाली जोड़ों की जकड़न को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

इस चूर्ण का सेवन गाउट (Gout – गठिया का एक प्रकार जिसमें बार – बार दर्द और सूजन होती है) के प्रबंधन में भी फायदेमंद है।

10) त्रिफला चूर्ण तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है – (Triphala Churna (Powder) May Help Reduce Stress And Anxiety in Hindi)

तनाव और चिंता इन दिनों बहुत आम है, क्योंकि हममें से प्रत्येक को बहुत अधिक मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है। कॉर्टिकोस्टेरोन (corticosterone) हार्मोन को तनाव हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह शरीर की तनाव से निपटने में मदद करता है।

त्रिफला चूर्ण एक हर्बल मिश्रण है, जो  तनाव और चिंता को दूर रखने के लिए सबसे अच्छे उपाय के रूप में कार्य करता है। इस चूर्ण का नियमित सेवन शरीर में कॉर्टिकोस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए, यह चूर्ण तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है।

11) मौखिक स्वास्थ्य के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे – (Triphala Churna Benefits For Oral Health in Hindi)

आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला चूर्ण से कुल्ला (gargle) करने से दांतों की समस्याओं से बचा जा सकता है।

त्रिफला चूर्ण के एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मसूड़ों की सूजन (gingivitis), प्लाक बनने (plaque formation), मुंह के छालों (mouth sores), और फंगल संक्रमण (fungal infections) जैसी मौखिक समस्याओं को रोकने में मदद कर सकते हैं (5)।

ईरान में किए गए एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि त्रिफला युक्त माउथवॉश मसूड़े की सूजन और रक्तस्राव को कम करता है, प्लाक (plaque) के गठन को रोकता है, और मौखिक स्वच्छता (oral hygiene) के विभिन्न सूचकांकों (indices) में सुधार करता है (6)।

मुंह की देखभाल के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें? – (How To Use Triphala Churna For Oral Care in Hindi?)

अब यहाँ एक प्रश्न उठता है कि “मुंह की देखभाल या दांतों की देखभाल के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें?” तो यहाँ इसका उत्तर है:

माउथवॉश के रूप में

इस चूर्ण के आधे चम्मच में आधा कप गर्म पानी मिलाकर त्रिफला चूर्ण को माउथवॉश के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

टूथपेस्ट के रूप में

इस चूर्ण को थोड़े से पानी में मिलाकर, इसका गाढ़ा पेस्ट बना कर, इसे टूथपेस्ट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

12) बालों के लिए त्रिफला चूर्ण (पाउडर) के फायदे – (Triphala Churna (Powder) Benefits For Hair in Hindi)

त्रिफला चूर्ण बालों की विभिन्न समस्याओं के प्रबंधन में लाभकारी है। इस चूर्ण का एक घटक आमलकी है, जो अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण सिर की त्वचा (scalp) के पीएच (pH) स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

त्रिफला विटामिन सी से भरपूर होता है, जो बालों की चमक बढ़ाने और बालों का प्राकृतिक रंग बनाए रखने में मदद करता है; यह बालों को मजबूत बनाने और बालों के विकास को प्रोत्साहित करने में भी मदद करता है।

इस चूर्ण के इमोलिएंट (emollient) गुण बालों में नमी को बनाए रखते हैं और बालों के झड़ने को रोकते हैं। त्रिफला चूर्ण के एंटीफंगल (antifungal) गुण डैंड्रफ के इलाज में भी सहायक होते हैं।

बालों के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें? – (How To Use Triphala Churna For Hair in Hindi?)

मौखिक उपयोग

आप त्रिफला चूर्ण को पानी और शहद (या गुड़) के साथ मिलाकर, मौखिक रूप से इसका सेवन कर सकते हैं।

हेयर मास्क के रूप में प्रयोग

इस चूर्ण को गुनगुने पानी (या नारियल के तेल) में मिलाकर और इसका गाढ़ा पेस्ट बनाकर, आप इसे हेयर मास्क की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके लिए आप इस पेस्ट को अपने स्कैल्प पर लगाएं, 20-30 मिनट के लिए लगा रहने दें, और फिर पानी से धो लें।

13) त्वचा के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे – (Triphala Churna (Powder) Benefits For Skin in Hindi)

त्वचा की अधिकांश समस्याओं के लिए त्वचा के छिद्रों का बंद होना और पीएच (pH) का असंतुलन मुख्य कारण हैं।

त्रिफला के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा की विभिन्न समस्याओं जैसे मुंहासे, लालिमा, त्वचा की सूजन, सूखापन आदि को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।

इस चूर्ण में मौजूद विटामिन सी बिना किसी साइड इफेक्ट के त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है।

यह चूर्ण एंटीऑक्सिडेंट और फ्लेवोनॉयड्स (flavonoids) से भी भरपूर होता है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया (aging process) को धीमा करने में मददगार हैं (8)।

एक अध्ययन में यह पाया गया कि त्रिफला चूर्ण कोलेजन (collagen) उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है, और इस चूर्ण में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो घाव भरने में सहायता कर सकते हैं (7)।

त्वचा के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें? – (How To Use Triphala Churna (Powder) For Skin in Hindi?)

फेस मास्क (या फेस पैक) के रूप में

आप इस चूर्ण को थोड़े से पानी के साथ मिलाकर, और इसका एक गाढ़ा पेस्ट बनाकर, इसे फेस मास्क या फेस पैक के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

इस पेस्ट को सीधे साफ चेहरे पर फेस पैक या फेस मास्क के रूप में लगाएं, इसे 15-20 मिनट के लिए लगा रहने दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें।

मौखिक उपयोग

आप अपनी चाय में त्रिफला चूर्ण मिला सकते हैं और इसका मौखिक रूप से सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी त्वचा स्वाभाविक रूप से अधिक चमकदार और स्वस्थ दिखाई देगी।

अनुशंसित मात्रा (recommended dose) में त्रिफला चूर्ण का उपयोग करने के ये उपयोग और लाभ हैं।आइए आगे जानते हैं कि त्रिफला चूर्ण के सेवन से कोई नुकसान (साइड इफेक्ट) तो नहीं है।

त्रिफला चूर्ण के नुकसान (अथवा दुष्प्रभाव) क्या हैं? – (What Are The Side Effects Of Triphala Churna in Hindi?)

त्रिफला चूर्ण का अनुशंसित खुराक  (recommended dosage) में सेवन आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है और इसके संभावित स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

लेकिन कुछ लोगों में त्रिफला चूर्ण के सेवन से नुकसान (दुष्प्रभाव) हो सकते हैं, खासकर अगर उच्च मात्रा में इसका सेवन किया जाए। उदाहरण के लिए, इसके हल्के रेचक प्रभावों के कारण, यह पेट खराब, ऐंठन, दस्त और गैस का कारण बन सकता है।

सावधानी (या एहतियात) – (Precautions in Hindi)

गर्भावस्था और स्तनपान – (Pregnancy And Lactation)

चूंकि गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में त्रिफला के उपयोग पर कोई वैज्ञानिक अध्ययन उपलब्ध नहीं है, इसलिए गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। परंतु, बहुत आवशयक होने पर उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए। 

दवाओं का पारस्परिक प्रभाव (Drug Interactions)

इस चूर्ण का सेवन कुछ दवाओं (जैसे रक्त को पतला करने वाली दवाओं) की प्रभावशीलता पर असर डाल सकता है (9)। अतः इन दवाओं को लेने वाले लोगों को त्रिफला का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए।

व्यक्ति जिन्हें ब्लीडिंग डिसऑर्डर हो – (People With Bleeding Disorders)

अमलकी, जो त्रिफला के घटक द्रव्यों में से एक है, कुछ लोगों में नील पड़ने (bruising) और रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकता है। अतः जिस व्यक्ति को ब्लीडिंग डिसऑर्डर हो, उसे त्रिफला का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए।

त्रिफला चूर्ण का सेवन किसे नहीं करना चाहिए? – (Who Should Not Consume Triphala Churna In Hindi?)

इस चूर्ण का उपयोग निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में नहीं किया जाना चाहिए:

  • गंभीर रूप से वजन का घटना (Severe weight loss)
  • कुपोषण (Malnutrition)
  • त्वचा का अत्यधिक रूखापन (Excessive dryness of the skin)
  • पेचिश (Dysentery)

त्रिफला की अनुशंसित खुराक क्या है? – (What Is The Recommended Dosage Of Triphala in Hindi?)

इसे चूर्ण (पाउडर), कैप्सूल, और गोलियों के रूप में प्रयोग किया जाता है।

त्रिफला चूर्ण की अनुशंसित खुराक – (Recommended Dosage Of Triphala Churna in Hindi)

इसके चूर्ण की अनुशंसित खुराक 1 से 3 ग्राम या ½ से 1 चम्मच दिन में एक या दो बार है।

त्रिफला कैप्सूल की अनुशंसित खुराक – (Recommended Dosage Of Triphala Capsule in Hindi)

इसके कैप्सूल की अनुशंसित खुराक 1 से 2 कैप्सूल दिन में दो बार है।

त्रिफला टेबलेट (या गोली) की अनुशंसित खुराक – (Recommended Dosage Of Triphala Tablet in Hindi)

इसके टेबलेट की अनुशंसित खुराक 1 से 2 गोलियां दिन में दो बार हैं।

त्रिफला का सेवन भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए। आपको इस हर्बल फॉर्मूलेशन की अपने लिए उपयुक्त अवधि और खुराक (मात्रा) के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

सुरक्षा जानकारी – (Safety Information in Hindi)

त्रिफला का उपयोग करने से पहले निम्न सुरक्षा सूचनाओं पर विचार किया जाना चाहिए:

1. त्रिफला को ठंडी और सूखी जगह पर रखना चाहिए। इसे सीधी धूप से दूर रखना चाहिए।

2. इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

3. सेवन करने से पहले पैकेज लेबल को ध्यान से पढ़ें।

4. इसे निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में न लें।

निष्कर्ष

त्रिफला चूर्ण (पाउडर) तीन अद्वितीय भारतीय जड़ी-बूटियों (हरितकी, आमलकी और विभीतकी) के फलों के गूदे को मिलाकर बनाया जाता है। ये फल कई प्राकृतिक यौगिकों से भरपूर होते हैं जिनमें शक्तिशाली औषधीय गुण होते हैं। त्रिफला चूर्ण का उपयोग आयुर्वेद में सदियों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है। आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान ने भी पुष्टि की है कि इन गुणों के कारण त्रिफला कई सामान्य स्वास्थ्य स्थितियों के लिए एक प्रभावी घरेलू उपचार है और साथ ही साथ कुछ गंभीर बीमारियों के खिलाफ प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता है।

इस लेख में हमने त्रिफला चूर्ण के बारे में सभी आवश्यक जानकारी जान ली है। किसी भी प्रकार की शंका होने पर अपने नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें। मुझे उम्मीद है कि यह लेख पढ़ना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

त्रिफला चूर्ण के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या त्रिफला चूर्ण को शहद के साथ प्रयोग कर सकते हैं ?

जी हां, आप इस चूर्ण को शहद के साथ प्रयोग कर सकते हैं।

क्या मैं मधुमेह के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कर सकता हूँ?

हाँ, आप इस चूर्ण का उपयोग मधुमेह के लिए कर सकते हैं क्योंकि इसमें एंटीहाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव (antihyperglycemic effect) होता है।

क्या हर दिन त्रिफला चूर्ण लेना अच्छा है?

हां, आप इस चूर्ण का सेवन रोज कर सकते हैं। इसके रसायन (rejuvenating) गुण के कारण यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यह पाचन में सुधार करता है और कब्ज जैसी स्थितियों से बचाव करता है। इसके अलावा, इस चूर्ण में इम्यूनोमॉड्यूलेटर (immunomodulator), रक्त शुद्ध करने वाले (blood purifying), जीवाणुरोधी (antibacterial), एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant), और घाव भरने वाले (wound healing) गुण होते हैं। अतः इसको अनुशंसित खुराक (मात्रा) में प्रतिदिन लिया जा सकता है।

मुझे त्रिफला कब लेना चाहिए?

इसके रेचक और अन्य पाचन लाभों को प्राप्त करने के लिए, रात को सोने से आधा घंटा पहले इस चूर्ण का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण की खुराक (मात्रा) क्या है?

वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण की उचित खुराक (मात्रा) 3 ग्राम है। इसका दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ सेवन करना चाहिए।

कब्ज के लिए त्रिफला चूर्ण को काम करने में कितना समय लगता है?

2008 में किए गए एक अध्ययन में, यह पाया गया कि कब्ज के लिए इस चूर्ण को काम करने में लगभग 2 सप्ताह लगते हैं (10)।

क्या सफेद बालों के लिए त्रिफला अच्छा है?

जी हां, त्रिफला हेयर पैक को बालों में लगाने से बालों को समय से पहले सफेद होने से रोका जा सकता है।

क्या त्रिफला लीवर को साफ करता है?

जी हां, यह चूर्ण खून को साफ करता है और लीवर से टॉक्सिन्स (toxins) को बाहर निकालता है।

क्या त्रिफला और त्रिकटु चूर्ण एक ही है?

नहीं, दोनों बिल्कुल अलग हैं। त्रिफला और त्रिकटु, दोनों अलग-अलग घटकों (या सामग्रियों) से बने हैं और दोनों के अलग-अलग फायदे और उपयोग हैं।

त्रिफला तीन फलों का मिश्रण है, यानी अमलकी, हरीतकी और विभीतकी; जबकि त्रिकटु तीन मसालों का मिश्रण है, यानी काली मिर्च, पिप्पली और सोंठ।

क्या त्रिफला आँखों के लिए अच्छा है?

जी हां, यह चूर्ण आंखों के लिए फायदेमंद होता है। यह विटामिन सी (vitamin C) और फ्लेवोनॉयड्स (flavonoids) से भरपूर होता है। यह आंखों की कई बीमारियों के इलाज और दृष्टि (vision) में सुधार करने में भी मदद करता है।

क्या त्रिफला चूर्ण के कारण वजन बढ़ सकता है?

नहीं, त्रिफला चूर्ण के सेवन से वजन नहीं बढ़ता है। वास्तव में इस चूर्ण का सेवन आपको अतिरिक्त वजन को कम करने में मदद करता है।

क्या त्रिफला बालों के लिए अच्छा है?

हां, यह चूर्ण बालों की विभिन्न समस्याओं जैसे बालों का झड़ना, बालों का सफेद होना, रूसी आदि के प्रबंधन में लाभकारी है।

त्रिफला चूर्ण खाने का तरीका (अथवा खाने की विधि) क्या है?

त्रिफला चूर्ण की अनुशंसित खुराक 1 से 3 ग्राम या ½ से 1 चम्मच दिन में एक या दो बार है। इसका सेवन भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए।

आपको इस चूर्ण की अपने लिए उपयुक्त अवधि और खुराक (मात्रा) के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

क्या मैं त्रिफला और त्रिकटु चूर्ण को एक साथ ले सकता हूँ?

हां, आप त्रिफला और त्रिकटु को एक साथ ले सकते हैं। त्रिकटु के घटक दवाओं की जैव उपलब्धता बढ़ाने में मदद करते हैं और त्रिफला के घटक तत्व शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में सहायक होते हैं।

ऐसे कई आयुर्वेदिक योग हैं जिनमें ये सभी छह सामग्रियां एक साथ होती हैं।



संदर्भ (References):

1) Therapeutic Uses of Triphala in Ayurvedic Medicine

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5567597/

2) Hypoglycemic effect of Triphala on selected non-insulin-dependent Diabetes mellitus subjects

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3330861/pdf/ASL-27-45.pdf

3) Immunomodulatory Effects of Triphala and its Individual Constituents: A Review

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4293677/

4) Triphala: current applications and new perspectives on the treatment of functional gastrointestinal disorders

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6052535/

5) The effect of Triphala and Chlorhexidine mouthwash on dental plaque, gingival inflammation, and microbial growth

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3157106/

6) Medicinal plants for gingivitis: a review of clinical trials

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6281068/

7) Curative Effect of Triphala in Medical and Dental Sciences: A Scientific Review

https://www.semanticscholar.org/paper/Curative-Effect-of-Triphala-in-Medical-and-Dental-%3A-Deswal-Singh/69a581d7243c4fa0d52502bbc6740ccb5a317673?p2df

8) Discovering the link between nutrition and skin aging

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3583891/

9) Cytochrome P450 inhibitory potential of Triphala–a Rasayana from Ayurveda

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/20883765/

10) An open-label, prospective clinical study to evaluate the efficacy and safety of TLPL/AY/01/2008 in the management of functional constipation

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22022157/


अस्वीकरण (DISCLAIMER):

इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है| हमारे किसी उपाय/नुस्खे/दवा आदि के इस्तेमाल से यदि किसी को कोई नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी|


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