आयुर्वेद में, महानारायण तेल का उपयोग सदियों से गठिया, चिंता, सिरदर्द और कई अन्य बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम महानारायण तेल के फायदे, और उपयोग से लेकर इसके नुकसान (साइड इफेक्ट्स), खुराक, घटक द्रव्य (सामग्री) आदि तक की जानकारी प्राप्त करेंगे। तो, आइए जल्दी से विषय पर आते हैं।
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महानारायण तेल क्या है? – (What is Mahanarayan taila in hindi?)
यह आयुर्वेदिक तेल तिल के तेल और कई औषधीय जड़ी-बूटियों का मिश्रण है जो जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों की ताकत को बढ़ाता है।
महानारायण तेल (Mahanarayan tel) का आम तौर पर सभी प्रकार के गठिया विकारों के लिए बाह्य उपयोग किया जाता है, खासकर ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) के लिए। इस तेल का सुखदायक प्रभाव होता है और यह जोड़ों की सूजन और मांसपेशियों की थकान को कम करता है।
मौखिक रूप से लेने पर यह तेल ऑस्टियोआर्थराइटिस के रोगियों में तुरंत दर्द से राहत देता है।
महानारायण तेल को महानारायण तैल, महानारायण तैलम, और महानारायण थैलम के नामों से भी जाना जाता है।
महानारायण तेल के घटक द्रव्य (सामग्री) क्या हैं? – (What Are The Ingredients of Mahanarayan Taila in hindi?)
आइए जानते हैं कि महानारायण तेल (Mahanarayan Oil in hindi) को बनाने के लिए किन किन घटक द्रव्यों (सामग्रियों) का उपयोग किया जाता है (1):
काढ़े के लिए आवश्यक जड़ी-बूटियाँ (herbs needed for decoction)
घटक द्रव्य का सामान्य नाम | घटक द्रव्य का वैज्ञानिक नाम | घटक द्रव्य की मात्रा |
अतिबला | Abutilon Indicum | 960 ग्राम |
बिल्व (बेल) | Aegle Marmelos | 960 ग्राम |
पारिभद्र | Erythrina variegata | 960 ग्राम |
अश्वगंधा | Withania somnifera | 960 ग्राम |
अग्निमंथ | Premna Serratifolia | 960 ग्राम |
बृहती | Solanum Indicum | 960 ग्राम |
कंटकारी | Solanum Xanthocarpum | 960 ग्राम |
गोक्षुर | Tribulus Terrestris | 960 ग्राम |
पुनर्नवा | Boerhavia Diffusa | 960 ग्राम |
श्योनाक | Oroxylum Indicum | 960 ग्राम |
प्रसारिणी | Paederia foetida | 960 ग्राम |
बला | Sida Cordifolia | 960 ग्राम |
पाटला | Stereospermum Suaveolens | 960 ग्राम |
पानी (काढ़े के लिए) | — | 98.304 लीटर |
* काढ़ा बनाने के लिए उपरोक्त जड़ी-बूटियों और पानी का उपयोग किया जाता है, और पानी को उबाल कर एक चौथाई (¼) यानी 24.576 लीटर कर दिया जाता है।
बेस ऑयल के लिए – (For Base Oil)
घटक द्रव्य का सामान्य नाम | घटक द्रव्य का वैज्ञानिक नाम | घटक द्रव्य की मात्रा |
तिल का तेल | Sesamum Indicum | 6.144 लीटर |
बकरी का दूध या गाय का दूध | — | 6.144 लीटर |
शतावरी जूस | Asparagus Racemosus | 6.144 लीटर |
कल्क के लिए आवश्यक जड़ी-बूटियाँ – (Herbs needed for kalka)
घटक द्रव्य का सामान्य नाम | घटक द्रव्य का वैज्ञानिक नाम | घटक द्रव्य की मात्रा |
जटामांसी | Nardostachys jatamansi | 96 ग्राम |
रास्ना (सुरभी) | Pluchea Lanceolata | 96 ग्राम |
मिशि | Anethum Sowa | 96 ग्राम |
अश्वगंधा | Withania somnifera | 96 ग्राम |
नागकेसर | Mesua ferrea | 96 ग्राम |
देवदारू | Cedrus Deodara | 96 ग्राम |
मुद्गपर्णी | Phaseolus trilobus | 96 ग्राम |
पृष्णपर्णी | Uraria Picta | 96 ग्राम |
शालपर्णी | Desmodium gangeticum | 96 ग्राम |
माषपर्णी | Teramnus Labialis | 96 ग्राम |
मुस्तक | Cyperus Rotundus | 96 ग्राम |
हरिद्रा | Curcuma longa | 96 ग्राम |
कुष्ठ (कूठ) | Saussurea Lappa | 96 ग्राम |
लाल चंदन | Pterocarpus santalinus | 96 ग्राम |
पुष्कर | Inula racemosa | 96 ग्राम |
इलायची | Elettaria cardamomum | 96 ग्राम |
अगुरु (अगर) | Aquilaria Agallocha | 96 ग्राम |
यष्टिमधु | Glycyrrhiza Glabra | 96 ग्राम |
सैंधव नमक | —- | 96 ग्राम |
तगर | Valeriana Wallichii | 96 ग्राम |
तेजपत्ता | Cinnamomum tamala | 96 ग्राम |
भृंगराज | Eclipta Alba | 96 ग्राम |
चोरक | Angelica glauca | 96 ग्राम |
दारुहरिद्रा | Berberis Aristata | 96 ग्राम |
केसर | Crocus Sativus | 48 ग्राम |
कर्पूर (कपूर) | Cinnamomum camphora | 48 ग्राम |
मंजिष्ठा | Rubia Cordifolia | 96 ग्राम |
कस्तूरी (musk) | — | 48 ग्राम |
स्थौनेय | Clerodendrum Infortunatum | 96 ग्राम |
शैलेय (शिलापुष्प) | Parmelia Perlata | 96 ग्राम |
वृश्चिकाली | Boerhavia Erecta | 96 ग्राम |
वचा | Acorus Calamus | 96 ग्राम |
ह्रीबेर (सुगंधबाला) | Pavonia Odorata | 96 ग्राम |
ऋषभक | Malaxis muscifera | 96 ग्राम |
जीवक | Crepidium acuminatum | 96 ग्राम |
मेदा | Polygonatum verticillatum | 96 ग्राम |
महामेदा | Polygonatum cirrhifolium | 96 ग्राम |
काकोली | Roscoea purpurea | 96 ग्राम |
क्षीर काकोली | Lilium polyphyllum | 96 ग्राम |
वृद्धि | Habenaria edgeworthii | 96 ग्राम |
रिद्धि | Habenaria intermedia | 96 ग्राम |
इस मिश्रण को तब तक धीमी आंच पर पकाया जाता है, जब तक कि केवल तेल न रह जाए। इसके बाद इस मिश्रण को छान लिया जाता है, छानने के बाद जो छना हुआ तरल भाग आपको मिलता है, वह ही महानारायण तेल (Mahanarayan tel) होता है।
महानारायण तेल किन शारीरिक स्थितियों में उपयोगी है अथवा इसके चिकित्सीय संकेत क्या हैं? – (What Are The Therapeutic Indications of Mahanarayan Tel in hindi?)
आयुर्वेद के अनुसार, महानारायण तेल (mahanarayan tel) को वात रोगों (यानी वात के बढ़ने के कारण होने वाले रोग) के उपचार के लिए दिया जाता है, जो मुख्य रूप से हड्डियों, तंत्रिकाओं, जोड़ों और मांसपेशियों से संबंधित होते हैं।
महानारायण तेल के महत्वपूर्ण चिकित्सीय संकेत निम्नलिखित हैं (Important therapeutic indications of Mahanarayan Oil in hindi):
- मोनोप्लेजिया – (monoplegia)
- चेहरे का पक्षाघात – (bell’s palsy or facial palsy)
- पक्षाघात (paralysis)
- कंपन – (tremors)
- बुखार – (fever)
- हड्डी फ्रैक्चर (bone fracture)
- नीचे के अंगों का पक्षाघात (paraplegia)
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis)
- अर्धांगघात (hemiplegia)
- कंडरा का टूटना (tendon tear)
- बहरापन (hearing loss or deafness)
- बांझपन (infertility)
- कृशता (emaciation)
- ब्लोटिंग (bloating)
- दांत दर्द (toothache)
- गर्दन में अकड़न/टॉर्टिकोलिस (neck rigidity/torticollis)
- लॉक जॉ (lock jaw)
- कुब्जता (kyphosis)
- हाइपोग्लोसल तंत्रिका पक्षाघात (hypoglossal nerve palsy)
- बुढ़ापा (senility)
- लॉक जॉ या टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट विकार (lock jaw or Temporomandibular joint disorder)
- उन्माद/मनोविकृति (mania/psychosis)
महानारायण तेल के फायदे और उपयोग क्या हैं? – (What Are The Benefits and Uses of Mahanarayan Tel (Oil) in hindi?)
महानारायण तेल का ज्यादातर बाह्य (मालिश के लिए) उपयोग किया जाता है। यह आयुर्वेदिक तेल गठिया, सूजन, चिंता, सिरदर्द, तनाव आदि जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद करता है। इसका उपयोग आमतौर पर जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है।
कुछ आयुर्वेदिक चिकित्सकों का दावा है कि महानारायण तेल का उपयोग करने से यौन प्रदर्शन में वृद्धि होती है, रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और फेफड़ों से जमाव (lung congestion) कम होता है।
इस तेल का उपयोग वात असंतुलन के इलाज के लिए किया जाता है। बढ़े हुए वात से पाचन संबंधी समस्याएं, उच्च रक्तचाप, कब्ज, गठिया आदि हो सकता है।
चूंकि महानारायण तेल समृद्ध तेलों और विभिन्न औषधीय जड़ी-बूटियों से बना है, इसलिए यह कई फायदे प्रदान करता है। इसके प्रत्येक घटक में सूजन-रोधी गुण और विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं।
महानारायण तेल का बाह्य उपयोग करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं – (Using Mahanarayan oil topically has following benefits):
1) दर्द के लिए महानारायण तेल के फायदे – (Mahanarayan Tel (Oil) Benefits for pain in hindi)
महानारायण तेल जड़ी-बूटियों और तेलों के मिश्रण से बना है, जिसमें गठिया-रोधी (anti-arthritic) गुण होते हैं, जो इसे एक प्राकृतिक दर्द निवारक बनाता है।
2) सूजन के लिए महानारायण तेल के फायदे – (Mahanarayan Tel (Oil) Benefits for Inflammation in hindi)
हल्दी महानारायण तेल के अवयवों में से एक है और इसमें मजबूत सूजनरोधी गुण होते हैं। हल्दी में मौजूद एक शक्तिशाली यौगिक, करक्यूमिन (curcumin), सूजन को कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
3) महानारायण तेल तंत्रिकाओं को शांत करने में सहायक है – (Mahanarayan Tel is Helpful in Calming the nerves in hindi)
दोस्तो, महानारायण तेल का उपयोग आपको तनावपूर्ण भावनाओं से राहत दिलाने में मदद करता है। अश्वगंधा और तगर जैसे घटक द्रव्यों की मौजूदगी के कारण यह तेल संवेदनशील तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद है। यह चिंता से राहत दिलाने में भी मदद करता है।
4) महानारायण तेल मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को पोषण देता है – (Mahanarayan Tel (Oil) nourishes muscles and nerves in hindi)
यह तेल मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को पोषण देता है और इसलिए स्पोंडिलोसिस (spondylosis), पक्षाघात (paralysis), चेहरे का पक्षाघात (facial palsy), आदि के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5) रक्त प्रवाह के लिए महानारायण तेल के फायदे – (Mahanarayan Tel (Oil) Benefits for blood flow in hindi)
प्रभावित जगह पर 20 से 30 मिनट तक महानारायण तेल की हल्की मालिश करने से रक्त संचार बढ़ सकता है और अकडन (stiffness) कम करने में मदद मिलती है। इस तेल से नियमित मालिश करने से ब्लॉकेज (blockage) दूर हो जाती हैं और उपचार में बहुत फायदा होता है।
6) महानारायण तेल जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को शांत करता है – (Mahanarayan Taila soothes aching joints and muscles in hindi)
महानारायण तेल में हल्दी और रास्ना जैसे तत्वों की मौजूदगी के कारण, यह शक्तिशाली आयुर्वेदिक तेल जोड़ों और मांसपेशियों में सूजन और दर्द को शांत करने में सक्षम है।
7) जोड़ों की हलचल को आसान बनाने में महानारायण तेल के फायदे – (Mahanarayan Tel (Oil) Benefits for easy movements of joints in hindi)
महानारायण तेल जोड़ों को चिकनाई देने, सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है; और इस प्रकार जोड़ों की हलचल (movement) को आसान बनाने में सहायता करता है।
महानारायण तेल का मौखिक उपयोग – (Oral use Of Mahanarayan Oil in hindi)
आम तौर पर महानारायण तेल का उपयोग ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) में जोड़ों की मालिश के लिए किया जाता है, लेकिन मौखिक रूप से इसका सेवन करने पर यह तेल दर्द से राहत देता है और जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करता है।
5 मिलीलीटर महानारायण तेल का सेवन दिन में दो बार दूध के साथ करना चाहिए। एक सप्ताह तक इस तेल का सेवन करने से जोड़ों के दर्द और जकड़न को कम किया जा सकता है और जोड़ों के लचीलेपन में सुधार किया जा सकता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस को आयुर्वेद में संधिगत वात कहा जाता है। वात दोष संधिगत वात में उपास्थि (cartilage) के टूट-फूट के लिए जिम्मेदार है। महानारायण तेल वात दोष को शांत करता है और उपास्थि के टूट-फूट के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव डालता है। जब इस तेल का आंतरिक रूप से उपयोग किया जाता है, तो यह इसके उपयोग के पहले सप्ताह के भीतर ही रोग के लक्षणों से राहत प्रदान करता है।
महानारायण तेल के नुकसान (दुष्प्रभाव) क्या हैं? – (What Are The Side Effects Of Mahanarayan Tel (Oil) in hindi?)
बाह्य रूप से उपयोग करने पर महानारायण तेल के नुकसान (दुष्प्रभाव) – (Side Effects of Mahanarayan Oil When Used Externally in hindi)
महानारायण तेल आमतौर पर बाह्य रूप से उपयोग करने के लिए सुरक्षित होता है और प्रभावित जगह पर मालिश करने पर इसका कोई नुकसान (दुष्प्रभाव) नहीं होता है।
मौखिक रूप से सेवन करने पर महानारायण तेल के नुकसान (दुष्प्रभाव) – (Side Effects of Mahanarayan Tail When Taken Orally in hindi)
इस तेल का सेवन समझदारी से और डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार करने पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन अगर इसे उन व्यक्तियों को मौखिक रूप से दिया जाता है जिनका पाचन तंत्र खराब है या वे रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) जैसी आम दोष की स्थितियों से पीड़ित हैं, तो यह उनके रोग के लक्षणों को और खराब कर सकता है।
मौखिक रूप से लेने पर महानारायण तेल के सबसे आम नुकसान (दुष्प्रभाव) हैं – (Most common side effects of Mahanarayan Oil when taken orally in hindi):
- छाती में जलन (हार्टबर्न – heartburn)
- भूख में कमी (loss of appetite)
- बेचैनी (restlessness)
- एसिड रिफ्लक्स (acid reflux)
महानारायण तेल की खुराक क्या है? – (What is The Dosage of Mahanarayan Oil in hindi?)
महानारायण तेल (Mahanarayan tel) का इस्तेमाल मौखिक रूप से सेवन करके या बाह्य रूप से मालिश के तेल के रूप में किया जा सकता है।
महानारायण तेल का बाह्य उपयोग – (External Use of Mahanarayan Tail in hindi)
इस तेल से प्रभावित हिस्सों पर मालिश की जा सकती है। अच्छे परिणाम के लिए इसकी मालिश कम से कम 40 मिनट तक करनी चाहिए।
इस तेल का बाह्य उपयोग अन्य आयुर्वेदिक प्रक्रियाओं जैसे जानू-बस्ती आदि के लिए भी किया जा सकता है।
महानारायण तैल का मौखिक उपयोग – (Oral Use of Mahanarayan Tail in hindi)
महानारायण तेल की सामान्य मौखिक खुराक भोजन से पहले गर्म पानी या दूध के साथ दिन में एक या दो बार 3 से 5 मिलीलीटर है।
लेकिन इसकी मौखिक खुराक अच्छी भूख वाले रोगी को ही दी जानी चाहिए, ताकि वह इस तेल को बिना किसी परेशानी के आसानी से इसे पचा सके।
महानारायण तेल के अन्य विकल्प क्या हैं? – (What are the Other Alternatives to Mahanarayan Oil in hindi?)
महानारायण तेल के निस्संदेह कई फायदे हैं, परंतु अन्य ऐसे कई आयुर्वेदिक तेल भी हैं जो अत्यधिक प्रभावी हैं और इसके विकल्प के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं। इनका उपयोग दोषों को संतुलित करने तथा दर्द और सूजन को कम करने के लिए भी किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, अनिद्रा और चिंता के इलाज के लिए ब्राह्मी तेल का बाह्य उपयोग किया जा सकता है। भृंगराज तेल आपके बालों की स्थिति में सुधार करते हुए आपके तनाव के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकता है।
यदि आप एक प्राकृतिक उपचार की तलाश में हैं, जो आपको दर्द और मांसपेशियों के तनाव को कम करने के साथ-साथ गहरा आराम भी प्रदान करने में मदद करे, तो आप अरोमाथेरेपी (aromatherapy) मालिश पर विचार कर सकते हैं।
निष्कर्ष – (Conclusion)
महानारायण तेल (Mahanarayan tel) कई स्वास्थ्य लाभों वाला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक तेल है। महानारायण आयल एक प्राचीन आयुर्वेदिक फॉर्मूले पर आधारित है, तथा यह कायाकल्प गुणों वाली जड़ी-बूटियों और तेलों का मिश्रण है। यह उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो सक्रिय रहना और ऊर्जावान महसूस करना पसंद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महानारायण तेल का उपयोग कब तक करें? – (How long to use Mahanarayan Tail in hindi?)
बाह्य उपयोग के लिए इस तेल को लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
लेकिन मौखिक उपयोग (oral use) के लिए इसका इस्तेमाल तीन से चार महीनों से ज्यादा नहीं करना चाहिए।
महानारायण तेल का त्रिदोष पर क्या प्रभाव होता है? – (What is the effect of Mahanarayan Oil on tridosha in hindi?)
यह तेल वात और पित्त दोष को संतुलित करता है।
क्या महानारायण तेल का उपयोग बालों पर किया जा सकता है? – (Can Mahanarayan Oil be used on hair in hindi?)
हाँ, इस तेल को बालों पर लगाना सुरक्षित है। सिरदर्द, अवसाद, माइग्रेन आदि के इलाज के लिए इसे सिर (अथवा स्कैल्प) पर लगाया जाता है।
मालिश के लिए महानारायण तेल का उपयोग कैसे करें? – (How to Use Mahanarayan Tail (Oil) for massage in hindi?)
इस तेल से प्रभावित जगह (जहां दर्द हो) पर धीरे-धीरे तब तक मालिश की जाती है, जब तक कि तेल अवशोषित न हो जाए; फिर मालिश वाली जगह को फलालैन के कपड़े (flannel cloth) या रुई से ढक दें।
इसकी मालिश दिन में 2-3 बार की जा सकती है।
संदर्भ (References):
1) Bhaishajya Ratnavali, Vatavyadhi Rogadhikara, Chapter 26
2) Mahanarayan Taila (Oil): Uses, Benefits, & Side Effects
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|
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