हाई कोलेस्ट्रॉल: कारण, लक्षण व इलाज Cholesterol in Hindi

इस लेख में मैं आपको कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी जैसे इसके प्रकार, स्तर, खाद्य पदार्थ, उपचार, तथा इसकी जांच, रोकथाम आदि के बारे में विस्तार से बताऊंगा।

Table of Contents

कोलेस्ट्रॉल क्या है? – (What is Cholesterol in hindi?)

कोलेस्ट्रॉल आपके शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक घटक (component) है। यह वसा जैसा (fat-like) पदार्थ या लिपिड (lipid) है जो आमतौर पर मोम जैसा (waxy) होता है। अधिकतर लोगों ने कोलेस्ट्रॉल को शरीर में एक अनावश्यक पदार्थ के रूप में गलत समझा है। लेकिन, यह सच नहीं है।

यह शरीर के लिए बहुत ज़रूरी है, अगर यह शरीर द्वारा आवश्यक मात्रा में उपलब्ध हो। शरीर को विभिन्न हार्मोन्स, विटामिन डी, तथा भोजन के पाचन के लिए कई ज़रूरी पदार्थों को बनाने के लिए इसकी ज़रूरत होती है।

स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए भी मानव शरीर में कोलेस्ट्रॉल की ज़रूरत होती है। लेकिन शरीर में हमेशा इसका सामान्य-स्तर बनाए रखना आवश्यक है, क्योंकि ज़रूरत से ज़्यादा इसकी मौजूदगी कई समस्याएँ पैदा कर सकती है। शरीर खुद ही ज़रूरी मात्रा में वसा का उत्पादन करता है। यह कुछ पशु-आधारित खाद्य पदार्थों जैसे कि पनीर, मीट, अंडे की जर्दी आदि में भी मौजूद होता है।

स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य बनाए रखने और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह एक लिपिड (lipid) है जो आपका लीवर स्वाभाविक रूप से बनाता है। यह पानी में नहीं घुलता है, इसलिए यह अपने आप आपके रक्त में नहीं जा सकता है। इसके परिवहन में मदद करने के लिए, आपका लीवर लिपोप्रोटीन (lipoproteins) का उत्पादन करता है।

लिपोप्रोटीन ऐसे कण होते हैं जो वसा और प्रोटीन से बने होते हैं। वे आपके रक्तप्रवाह के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल को ले जाते हैं। लिपोप्रोटीन के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:

1) कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (low-density lipoprotein or LDL)

2) उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (high-density lipoprotein or HDL)

एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol) वह कोलेस्ट्रॉल है, जो कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन द्वारा ले जाया जाता है। यदि आपके रक्त में बहुत अधिक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल है, तो आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल, जिसे हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (hypercholesterolemia) भी कहा जाता है, का निदान किया जा सकता है।

उपचार के बिना, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (उच्च कोलेस्ट्रॉल) दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। शुरुआत में, उच्च कोलेस्ट्रॉल शायद ही कोई लक्षण पैदा करता है।

इसके अलावा, कम कोलेस्ट्रॉल के स्तर वाली स्थिति को हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिया (hypocholesterolemia) के रूप में जाना जाता है। इसलिए, नियमित रूप से अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच कराना बहुत आवश्यक है।

कोलेस्ट्रॉल के प्रकार क्या हैं? – (What are The Types of Cholesterol in hindi?)

कोलेस्ट्रॉल रक्त के माध्यम से प्रवाहित होता है। परंतु, यह पानी में न घुलने की प्रकृति के कारण अपने आप ऐसा नहीं करता है। यह प्रोटीन की मदद से पूरे शरीर में यात्रा करता है, जिसे लिपोप्रोटीन कहा जाता है। ये लिपोप्रोटीन लीवर द्वारा निर्मित होते हैं। ये छोटे कण होते हैं जिनमें प्रोटीन के साथ-साथ वसा भी होती है। 3 प्रकार के लिपोप्रोटीन होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को ले जाते हैं। ये हैं:

1) एलडीएल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन – Low-Density Lipoprotein)

2) एचडीएल (उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन – High-Density Lipoprotein)

3) वीएलडीएल (बहुत कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन – Very Low-Density Lipoprotein)

एलडीएल (लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) LDL (Low-Density Lipoprotein)एचडीएल (हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) HDL (High-Density Lipoprotein)वीएलडीएल (वेरी लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) VLDL (Very Low-Density Lipoprotein)
एलडीएल (LDL) को अक्सर खराब कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol) कहा जाता है। यह शरीर में अधिकांश कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करता है।एचडीएल (HDL) को अक्सर अच्छा कोलेस्ट्रॉल (good cholesterol) कहा जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करके लीवर तक ले जाता है। लीवर इसे शरीर से बाहर निकाल देता है।वीएलडीएल (VLDL) को भी खराब कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol) माना जाता है क्योंकि यह धमनियों की दीवारों पर कोलेस्ट्रॉल के निर्माण में योगदान देता है।
खराब कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर वाले व्यक्ति को हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है।  इस कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्ति को हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।  इसमें ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) की मात्रा सबसे अधिक होती है।
शरीर में एलडीएल के सामान्य स्तर को बनाए रखने के लिए सुझाव:
-धूम्रपान छोड़ें।
-स्वस्थ वजन बनाए रखें।
-व्यायाम करें।
-कोलेस्ट्रॉल, संतृप्त वसा (saturated fats), और अतिरिक्त कैलोरी से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
शरीर में एचडीएल के सामान्य स्तर को बनाए रखने के लिए सुझाव:
-वजन कम करें।
-संतृप्त वसा (saturated fats) से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
-धूम्रपान छोड़ें।
-व्यायाम करें।
शरीर में VLDL के सामान्य स्तर को बनाए रखने के लिए सुझाव हैं:
-माइंड फुल ईटिंग (Mindful Eating) करें।
-शराब का सेवन कम रखें।
-पर्याप्त ओमेगा-3 फैटी-एसिड का सेवन करें।

कोलेस्ट्रॉल के लिए परीक्षण – (Tests for Cholesterol in hindi)

साधारणतया डॉक्टर सामान्य परीक्षण के रूप में कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट (परीक्षण) करा सकते हैं, अथवा यदि उन्हें किसी संबंधित जटिलता का संदेह है, तो भी वे इसका सुझाव दे सकते हैं। आमतौर पर, यह अनुशंसा (recommendation) की जाती है कि 20 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को अपना कोलेस्ट्रॉल परीक्षण करवाना चाहिए; तथा उन्हें हर 4 से 6 साल में कम से कम एक बार अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच करवानी चाहिए। आपके रक्त में इसके स्तर की जाँच करने के लिए आपका रक्त परीक्षण किया जाता है।

यह रक्त परीक्षण रक्त में कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) के स्तर को जानने में मदद करता है। इसे संपूर्ण कोलेस्ट्रॉल परीक्षण (complete cholesterol test), लिपिड पैनल (lipid panel), या लिपिड प्रोफ़ाइल (lipid profile) के नाम से भी जाना जाता है।

संपूर्ण कोलेस्ट्रॉल परीक्षण (complete or total cholesterol test) का उपयोग रक्त में निम्नलिखित के स्तर को जानने के लिए किया जाता है:

  • कुल कोलेस्ट्रॉल (total cholesterol),
  • एलडीएल (LDL)
  • एचडीएल (HDL)
  • वीएलडीएल (VLDL)
  • ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides)
  • नॉन-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (Non-HDL cholesterol)
  • कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल के बीच का अनुपात (Ratio between cholesterol and HDL)

डॉक्टरों के बीच इस बात पर कुछ असहमति है कि क्या यह परीक्षण हृदय रोग के जोखिम की जाँच के लिए उपयुक्त है या कुछ उन्नत परीक्षण (advanced tests) किए जाने चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल परीक्षण (या लिपिड प्रोफ़ाइल) के लिए जाने से पहले लगभग 9 से 12 घंटे तक खाली पेट रहने (उपवास) की सलाह दी जाती है। लेकिन खाली पेट रहना हमेशा एक मजबूरी नहीं होती है और इसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

यदि आप उपवास करने में असमर्थ हैं या 20 वर्ष से कम उम्र के हैं या किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति के कारण, आपको खाली पेट रहने (उपवास) से छूट दी जा सकती है।

कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर – (Normal Cholesterol Levels in hindi)

कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर प्रत्येक व्यक्ति में उम्र और लिंग के आधार पर भिन्न होता है। तो, आइए आगे इस लेख में प्रत्येक व्यक्ति के लिए इसके सामान्य स्तर को समझते हैं।

लिंग और आयुएचडीएल कोलेस्ट्रॉल एलडीएल कोलेस्ट्रॉल नॉन-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कुल कोलेस्ट्रॉल
19 वर्ष या उससे कम आयु वाला व्यक्ति45 mg/dl से अधिक100 mg/dl से कम120 mg/dl से कम170 mg/dl से कम
20 वर्ष या उससे अधिक आयु वाली महिला50 mg/dl के बराबर या उससे अधिक100 mg/dl से कम130 mg/dl से कम125 mg/dl और 200 mg/dl के बीच
20 वर्ष या उससे अधिक आयु वाला पुरुष40 mg/dl के बराबर या उससे अधिक100 mg/dl से कम130 mg/dl से कम125 mg/dl और 200 mg/dl के बीच

उच्च कोलेस्ट्रॉल – (High cholesterol in hindi)

शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर विरासत (inheritance) में मिल सकता है। इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं। लेकिन अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो कोलेस्ट्रॉल को रोका जा सकता है और उसका इलाज किया जा सकता है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण क्या हैं? – (What are the Symptoms of High Cholesterol in hindi?)

आमतौर पर उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्ति में कोई संकेत या लक्षण नहीं होते हैं। केवल रक्त परीक्षण की मदद से उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर का पता लग सकता है।

रक्त परीक्षण के बिना, व्यक्ति को तब तक पता नहीं चलेगा कि उसे उच्च कोलेस्ट्रॉल है, जब तक कि स्थिति गंभीर न हो जाए। डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। कोलेस्ट्रॉल का पता लगाने वाले परीक्षणों की आवश्यकता को समझना अच्छा है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण क्या हैं? – (What are the Causes of High Cholesterol in hindi?)

कुछ ऐसे कारक हैं जो आपके शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकते हैं। आइए आगे इस लेख में उन्हें समझते हैं।

1) खराब आहार (Poor Diet)

बहुत अधिक संतृप्त और ट्रांस फैट (saturated and trans fats) का सेवन करने से अस्वास्थ्यकर कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पादों (full-fat dairy products) और मांस के वसायुक्त टुकड़ों (fatty cuts of meat) में संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट) होती है। ट्रांस-फैट ज़्यादातर मिठाइयों और पैकेज्ड स्नैक्स में मौजूद होती है।

2) मोटापा (Obesity)

30 या उससे ज़्यादा का BMI (बॉडी मास इंडेक्स) होने से आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल का ख़तरा बढ़ जाता है।

3) व्यायाम की कमी (Lack of Exercise)

गतिहीन जीवनशैली या व्यायाम की कमी से उच्च कोलेस्ट्रॉल का ख़तरा बढ़ जाता है। नियमित व्यायाम आपके शरीर के अच्छे (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

4) धूम्रपान (Smoking)

तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने से आपके अच्छे (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो सकता है।

5) शराब (Alcohol)

अत्यधिक मात्रा में शराब पीने से आपका कुल कोलेस्ट्रॉल स्तर (total cholesterol level) बढ़ सकता है।

6) आनुवंशिक या पारिवारिक इतिहास (Genetic or family history)

आनुवंशिक कारक भी उच्च कोलेस्ट्रॉल में योगदान कर सकते हैं।

7) पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Familial hypercholesterolemia)

फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (familial hypercholesterolemia) जैसी वंशानुगत स्थिति वाले व्यक्तियों में भी एलडीएल का स्तर बहुत अधिक होता है।

8) कुछ चिकित्सा स्थितियाँ (Some Medical Conditions)

चिकित्सा स्थितियाँ जो आपके खराब कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol) के स्तर को बढ़ा सकती हैं:

  • डायबिटीज (diabetes)
  • क्रोनिक किडनी डिजीज (chronic kidney disease)
  • एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS)
  • ल्यूपस (Lupus)
  • हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)

9) कुछ प्रकार की दवाएँ (Some Types of Medicines)

कोलेस्ट्रॉल का स्तर कुछ प्रकार की दवाओं से भी बढ़ सकता है जो आप अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए ले रहे हैं, जैसे:

  • कैंसर
  • एचआईवी/एड्स
  • मुँहासे
  • अनियमित दिल की धड़कन (Irregular heart rhythms)
  • अंग प्रत्यारोपण (Organ transplants)

उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए जोखिम कारक क्या हैं? – (What are the Risk Factors For High Cholesterol in hindi?)

आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है, यदि आप:

  • बहुत अधिक सैचुरेटेड फैट (saturated fats) और ट्रांस फैट (trans fats) खाते हैं
  • शारीरिक गतिविधि सीमित रखते हैं या गतिहीन जीवनशैली अपनाते हैं
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल का पारिवारिक इतिहास है
  • मोटापे से पीड़ित हैं
  • तम्बाकू उत्पादों का अत्यधिक सेवन करते हैं
  • मधुमेह, गुर्दे की बीमारी, या हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित हैं

उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए अन्य जोखिम कारक हैं (another risk factors for high cholesterol in hindi):

1) आयु (Age)

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपके लीवर की एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को हटाने की क्षमता कम होती जाती है। इस प्रकार, 45 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों और 50 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल के ज्यादा बढ़ने का जोखिम अधिक हो जाता है।

2) रजोनिवृत्ति (Menopause)

रजोनिवृत्ति के बाद एलडीएल का स्तर बढ़ने का जोखिम अधिक हो जाता है।

3) कमर की परिधि (Waist Circumference)

35 इंच से अधिक कमर की परिधि वाली महिलाएं और 45 इंच से अधिक कमर की परिधि वाले पुरुषों में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का जोखिम अधिक हो जाता है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल का इलाज क्या है? – (What is the Treatment Of High Cholesterol in hindi?)

उच्च कोलेस्ट्रॉल का इलाज हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है। इसका इलाज कुछ कारकों के आधार पर तय किया जाता है जैसे:

  • कोलेस्ट्रॉल रक्त परीक्षण का परिणाम
  • पारिवारिक इतिहास
  • आयु
  • मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ होना
  • आप पहले से हृदय रोग से पीड़ित हैं या नहीं
  • आपको स्ट्रोक, दिल का दौरा, या कोई अन्य हृदय रोग होने का जोखिम है या नहीं
  • अन्य व्यक्तिगत आदतें जैसे धूम्रपान, अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना आदि

उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने की तरफ पहला कदम स्वस्थ जीवनशैली अपनाना है जैसे स्वस्थ आहार, व्यायाम और वजन कम करना आदि। कुछ मामलों में, केवल जीवनशैली में बदलाव करने से रक्त में इसके स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

हाई कोलेस्ट्रॉल के उपचार के लिए जीवनशैली में बदलाव बहुत ज़रूरी है। शरीर में इसके उच्च स्तर को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपचारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, अगर जोखिम ज़्यादा है तो आपका डॉक्टर कुछ दवाएँ खाने की सलाह दे सकता है।

तो, आइए आगे इस लेख में इसके इलाज को समझते हैं।

आहार के ज़रिए हाई कोलेस्ट्रॉल का इलाज – (Treating High Cholesterol through Diet in hindi)

  • जितना हो सके पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थों, मीठे खाद्य पदार्थों और फ़ास्ट फ़ूड के सेवन से बचने की कोशिश करें।
  • ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें जिनमें कोलेस्ट्रॉल, ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट अधिक हों।
  • तले हुए या तैलीय खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना बेहतर है।
  • फलियाँ, मछली, चिकन, और प्रोटीन के अन्य कम वसा वाले स्रोतों का सेवन करना चाहिए।
  • भुने, ग्रिल किए, स्टीम किए, उबले और बेक किए गए खाद्य पदार्थों के सेवन को प्राथमिकता दें।
  • ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमें फाइबर अधिक हो जैसे कि साबुत अनाज, सब्जियाँ, फल आदि।
  • शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए, आप ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों में एवोकाडो, पिसे हुए अलसी के बीज (ground flaxseeds), बादाम, अखरोट आदि शामिल हैं।

दवाओं की मदद से उच्च कोलेस्ट्रॉल का उपचार – (Treating High Cholesterol With The Help of Medications in hindi)

स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जैसे स्वस्थ आहार खाना और नियमित रूप से व्यायाम करना उच्च कोलेस्ट्रॉल के इलाज की पहली सीढ़ी है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के बाद भी आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर उच्च रहता है, तो आपका डॉक्टर दवा खाने की सलाह दे सकता है।

दवाओं का चुनाव विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे:

  • आपकी उम्र
  • आपके व्यक्तिगत जोखिम कारक
  • आपका स्वास्थ्य
  • संभावित दवा के दुष्प्रभाव (possible drug side effects)

दवाओं के सामान्य विकल्प में निम्नलिखित शामिल हैं:

1) स्टैटिन (Statins)

स्टैटिन उच्च कोलेस्ट्रॉल के उपचार के लिए डॉक्टरों द्वारा सबसे अधिक सुझाई जाने वाली दवाएँ हैं। ये दवाएं आपके लीवर द्वारा कोलेस्ट्रॉल बनाने के लिए आवश्यक पदार्थ को अवरुद्ध करती हैं, इससे आपका लीवर आपके रक्त से अधिक कोलेस्ट्रॉल को हटा देता है। स्टैटिन दवाओं के कुछ उदाहरण हैं:

  • एटोरवास्टेटिन (atorvastatin)
  • लोवास्टेटिन (lovastatin)
  • फ्लुवास्टेटिन (fluvastatin)
  • प्रवास्टेटिन (pravastatin)
  • रोसुवास्टेटिन (rosuvastatin)
  • सिमवास्टेटिन (simvastatin)
2) कोलेस्ट्रॉल अब्सॉर्प्शन इनहिबिटर (Cholesterol Absorption Inhibitors)

आपकी छोटी आंत आपके भोजन से कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करती है और इसे आपके रक्तप्रवाह में छोड़ती है। एज़ेटीमीब (ezetimibe) एक कोलेस्ट्रॉल अब्सॉर्प्शन इनहिबिटर दवा है जो आपके शरीर में इसके अवशोषण को कम करती है। इसे स्टैटिन दवा के साथ खाने की सलाह दी जाती है।

3) बाइल एसिड बाइंडिंग रेसिन (Bile-Acid-Binding Resins)

आपका लीवर बाइल-एसिड (bile acid) बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल का उपयोग करता है। कोलेस्टिरमाइन (cholestyramine), कोलेसेवेलम (colesevelam), और कोलस्टिपोल (colestipol) जैसे बाइल एसिड बाइंडिंग रेसिन (bile-acid-binding resins) बाइल-एसिड (bile acid) से बंध कर कोलेस्ट्रॉल को अप्रत्यक्ष रूप से कम करते हैं।

ये आपके लीवर को अधिक बाइल-एसिड बनाने के लिए अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का उपयोग करने में मदद करता है, जिससे आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है।

4) बेम्पेडोइक एसिड (Bempedoic Acid)

यह नई दवा स्टैटिन की तरह ही काम करती है, लेकिन इससे आपकी मांसपेशियों में दर्द होने की संभावना कम होती है। स्टैटिन दवा के साथ बेम्पेडोइक एसिड (bempedoic acid) खाने से एलडीएल के स्तर को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है। बेम्पेडोइक एसिड और एज़ेटीमीब (ezetimibe) दोनों का संयोजन भी बाजार में उपलब्ध है।

5) पीसीएसके9 इनहिबिटर (PCSK9 Inhibitors)

ये दवाएँ ज़्यादा लक्षित दवाएँ हैं जो आपके लीवर की कोशिकाओं पर एक प्रोटीन, पीएससीके9, को बांधती हैं और उसे ब्लॉक करती हैं; इससे लीवर को ज़्यादा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करने में मदद मिलती है। इससे आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। पीसीएसके9 इनहिबिटर (PCSK9 inhibitors) के उदाहरणों में एलिरोक्यूमैब (alirocumab) और इवोलोकुमैब (evolocumab) शामिल हैं। ये महंगे होते हैं और इन्हें कुछ सप्ताह के अंतराल पर त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है।

इन दवाओं का इस्तेमाल हृदय रोग के इतिहास वाले लोगों में किया जा सकता है, जिन्हें स्टैटिन या अन्य कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं से असहिष्णुता (intolerance) है या ऐसे लोगों में जिनकी आनुवंशिक स्थिति एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के बहुत उच्च स्तर का कारण बनती है।

उच्च ट्राइग्लिसराइड्स के लिए दवाएँ – (Medications for high triglycerides in hindi)

अगर आपके ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर भी अधिक है, तो आपका डॉक्टर निम्नलिखित की सलाह दे सकता है:

1) फाइब्रेट्स (Fibrates)

फाइब्रेट्स आपके लीवर में बहुत कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (VLDL) कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को कम करता है और आपके रक्त से ट्राइग्लिसराइड्स को हटाने में मदद करता है। आम तौर पर VLDL कोलेस्ट्रॉल में ट्राइग्लिसराइड्स होते हैं। फाइब्रेट्स के उदाहरण फेनोफाइब्रेट (fenofibrate), क्लोफिब्रेट (clofibrate), और जेम्फिब्रोज़िल (gemfibrozil) हैं।

स्टेटिन दवा के साथ फाइब्रेट्स का उपयोग स्टेटिन दवा के दुष्प्रभावों के जोखिम को बढ़ा सकता है।

2) ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट्स (Omega-3 Fatty Acid Supplements)

ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट्स (omega-3 fatty acid supplements) या ओमेगा-3 फैटी एसिड एथिल एस्टर (omega-3 fatty acid ethyl esters) मछली के तेल से बने होते हैं।

ये आपके ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये डॉक्टर की पर्ची या ओवर-द-काउंटर (OTC) द्वारा उपलब्ध हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट्स आपके द्वारा ली जा रही अन्य दवाओं के साथ परस्पर क्रिया (interact) कर सकते हैं। इसलिए यदि आप ओवर-द-काउंटर सप्लीमेंट्स लेते हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

3) नियासिन (Niacin)

नियासिन (niacin) या निकोटिनिक एसिड (nicotinic acid) एक विटामिन है, जो आपके लीवर की LDL और VLDL कोलेस्ट्रॉल बनाने की क्षमता को सीमित करता है। इसे स्ट्रोक और लीवर की क्षति से भी जोड़ा गया है, इसलिए डॉक्टर शायद ही कभी इसे लेने की सलाह देते हैं, सिवाय उन लोगों के जो स्टैटिन नहीं ले सकते।

घरेलू उपचारों का उपयोग करके उच्च कोलेस्ट्रॉल का इलाज – (Treating High Cholesterol By Using Home Remedies in hindi)

आपके किचन में आसानी से उपलब्ध कुछ खाद्य पदार्थ प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए मददगार होते हैं। अगर आप नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार के साथ-साथ अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करते हैं तो यह फायदेमंद होता है।

ऐसे खाद्य पदार्थों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • पिसी हुई अलसी (ground flaxseed)
  • साइलियम बीज की भूसी में पाया जाने वाला ब्लॉन्ड साइलियम (blond psyllium found in psyllium seed husk)
  • प्लांट स्टेरोल और स्टैनोल सप्लीमेंट (plant sterol and stanol supplements)
  • रेड यीस्ट राइस (red yeast rice)
  • एस्ट्रैगलस (astragalus)
  • नागफनी (hawthorn)

उच्च कोलेस्ट्रॉल की जटिलताएँ क्या हैं? – (What are the Complications of High Cholesterol in hindi?)

उपचार के अभाव में उच्च कोलेस्ट्रॉल कुछ जटिलताएँ पैदा कर सकता है। यह धमनियों में प्लाक के निर्माण का कारण बनता है और समय के साथ धमनियों को संकीर्ण कर देता है। इस स्वास्थ्य स्थिति को आमतौर पर एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis in hindi) कहा जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है जो धमनियों के माध्यम से रक्त के प्रवाह को सीमित कर सकती है।

एथेरोस्क्लेरोसिस से पीड़ित व्यक्ति को जीवन के लिए ख़तरा पैदा करने वाले रक्त के थक्के बनने का भी अधिक जोखिम होता है। एथेरोस्क्लेरोसिस से होने वाली संभावित जटिलताएँ, जो जीवन के लिए ख़तरा पैदा कर सकती हैं, निम्नलिखित हैं:

  • क्रोनिक किडनी डिजीज (chronic kidney disease)
  • पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (peripheral artery disease)
  • दिल का दौरा (heart attack)
  • स्ट्रोक (stroke)

कुछ अन्य जटिलताएँ हैं जो किसी व्यक्ति में उच्च कोलेस्ट्रॉल से विकसित हो सकती हैं, ये हैं:

  • बाइल इम्बैलेंस (bile imbalance)
  • पित्ते के पथरी बनने का अधिक खतरा (high risk of gallstones)

उच्च कोलेस्ट्रॉल की रोकथाम (Prevention of High Cholesterol in hindi)

अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य बनाए रखने और उच्च कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए, आपको अपनी जीवनशैली में हृदय को स्वस्थ रखने वाले बदलाव (heart-healthy lifestyle changes) करने चाहिए, ये बदलाव निम्नलिखित हैं:

1) तनाव के स्तर को नियंत्रित करें।

2) अपने आहार में कम नमक वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि साबुत अनाज, सब्जियाँ और फल शामिल करें।

3) शराब के सेवन से बचें, या इसे कम मात्रा में पिएँ।

4) हमेशा स्वस्थ वजन बनाए रखें तथा अपने बढ़े हुए वजन को कम करें।

5) सप्ताह में कम से कम 5 दिन तथा कम से कम 30 मिनट प्रतिदिन व्यायाम करें।

6) धूम्रपान से पूरी तरह बचें।

7) स्वस्थ आहार लें जिसमें एनिमल–फैट (animal fats) कम हो और फाइबर अधिक हो। साथ ही, संतुलित मात्रा में अच्छे फैट (good fats) का सेवन करें।

आप जीवनशैली कारकों को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए अपने आनुवंशिक जोखिम कारकों (genetic risk factors) को नियंत्रित नहीं कर सकते। यदि आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल या कोरोनरी हार्ट डिजीज (सीएचडी) का खतरा है, तो आपका डॉक्टर आपको नियमित रूप से अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच करवाने की सलाह देगा।

उच्च कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में खाने योग्य और न खाने योग्य खाद्य पदार्थ – (Foods to Eat and Avoid For High Cholesterol in hindi)

यहाँ, हम समझेंगे कि अगर आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल है तो आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

उच्च कोलेस्ट्रॉल के दौरान खाने योग्य खाद्य पदार्थ (Foods to Eat During high Cholesterol in hindi):

1) ओट्स (Oats)

ओट्स कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनमें बीटा-ग्लूकन (beta-glucan) नामक एक प्रकार का घुलनशील फाइबर होता है, जो आंत में कोलेस्ट्रॉल के साथ जुड़ जाता है और इसे रक्तप्रवाह में अवशोषित होने से रोकता है।

2) नट्स (Nuts)

बादाम और अखरोट जैसे नट्स मोनोअनसैचुरेटेड फैट (monounsaturated fats) का एक अच्छा स्रोत हैं, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।

3) एवोकाडो (Avocados in hindi)

एवोकाडो में मोनोअनसैचुरेटेड फैट (monounsaturated fats) अधिक होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो अधिक वजन वाले या मोटे लोगों में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के बढ़े हुए स्तर को सामान्य बनाने तथा हृदय रोग से बचाने में मदद कर सकते हैं।

4) जैतून का तेल (Olive Oil)

जैतून का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैट का एक और अच्छा स्रोत है। जैतून के तेल का उपयोग एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में भी सहायक होता है।

5) मछली (Fish)

सैल्मन, टूना और मैकेरल जैसी मछलियाँ ओमेगा-3 फैटी एसिड (omega-3 fatty acids) का अच्छा स्रोत हैं। ये आपके ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकती हैं; तथा आपके उच्च रक्तचाप और रक्त के थक्के बनने के जोखिम को भी कम कर सकती हैं।

6) लहसुन (Garlic in hindi)

लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो हृदय रोग से बचाने में मदद कर सकते हैं। लहसुन पर 2016 में किए गए अध्ययनों की समीक्षा से पता चला है कि लहसुन में कुल कोलेस्ट्रॉल को 30 mg/dL तक कम करने की क्षमता है (1)।

7) डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate)

डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनोइड्स (flavonoids) होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

यदि आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो आपका डॉक्टर आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करने के लिए जीवनशैली में बदलाव और दवा की सलाह दे सकता है। कुछ मामलों में, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए स्टैटिन (statin) दवाएँ खाने की भी सलाह दी जा सकती है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल के दौरान न खाने योग्य खाद्य पदार्थ (Foods to Avoid During High Cholesterol in hindi)

1) सैचुरेटेड फैट (Saturated Fats)

सैचुरेटेड फैट पशु उत्पादों, जैसे मक्खन, पनीर और लाल मांस (red meat) में पाए जाते हैं। ये एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इनका सेवन जितना संभव हो उतना ही कम किया जाना चाहिए।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) सैचुरेटेड फैट के सेवन को आपके कुल दैनिक कैलोरी के 6 प्रतिशत से ज्यादा नहीं करने की सलाह देता है (2)। यह निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित करने का सुझाव देता है:

  • सूअर का मांस (pork)
  • भेड़ का मांस (lamb)
  • वसायुक्त गोमांस (fatty beef)
  • पूरे या कम वसा वाले दूध से बने डेयरी उत्पाद (dairy products made from whole or reduced fat milk)
  • त्वचा के साथ पोल्ट्री (poultry with skin)
  • सैचुरेटेड वनस्पति तेल (saturated vegetable oils), जैसे नारियल का तेल, ताड़ का तेल (पाम ऑयल), और पाम कर्नेल ऑयल (palm kernel oil)

2) ट्रांस फैट (Trans Fats)

ट्रांस फैट प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (processed foods) में पाए जाते हैं, जैसे पैकेज्ड कुकीज़ और केक। ये एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं और जितना संभव हो सके इनके सेवन से बचना चाहिए।

ट्रांस फैट के सेवन से बचना भी बहुत ज़रूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ जिनमें ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है, वे हैं (3):

  • आलू के चिप्स और क्रैकर्स (potato chips and crackers)
  • व्यावसायिक रूप से तले हुए खाद्य पदार्थ (commercially fried foods)
  • पैकेज्ड कुकीज़, डोनट्स, केक और पेस्ट्री (packaged cookies, donuts, cakes, and pastries)
  • बटर पॉपकॉर्न (buttered popcorn)
  • आंशिक रूप से हाइड्रोजनेटेड या हाइड्रोजनेटेड वनस्पति तेल युक्त उत्पाद (products containing partially hydrogenated or hydrogenated vegetable oils)
  • बेकरी के सामान जिनमें शॉर्टनिंग होती है (bakery goods that contain shortening)

3) उच्च-फ्रक्टोज़ कॉर्न सिरप (High-Fructose Corn Syrup)

उच्च-फ्रक्टोज़ कॉर्न सिरप का उपयोग अक्सर प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (processed foods) को मीठा करने के लिए किया जाता है और यह वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ा सकता है। अतः इसके सेवन से बचना चाहिए।

4) रिफाइंड कार्ब्स (Refined Carbs)

रिफाइंड कार्ब्स, जैसे कि सफ़ेद ब्रेड और पास्ता, ब्लड शुगर के स्तर (blood sugar levels) में अचानक वृद्धि कर सकते हैं। वे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ा सकते हैं। इसलिए जितना संभव हो सके इनके सेवन से बचना चाहिए।

उम्मीद करता हूँ कि इस लेख में आपको कोलेस्ट्रॉल के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल गई होगी। उच्च कोलेस्ट्रॉल को रोका जा सकता है और इसका इलाज किया जा सकता है तथा इसके बारे में घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। बस समय-समय पर जांच करवाने की ज़रूरत है, क्योंकि इसके बढ़ने के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए, आपको खुद ही इसके प्रति सावधान रहने की ज़रूरत है। इसके अलावा, इस विषय में किसी भी संदेह या भ्रम की स्थिति में आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।


1) Garlic and Heart Disease

https://escholarship.org/uc/item/01r1171s

2) The Skinny on Fats

https://www.heart.org/en/health-topics/cholesterol/prevention-and-treatment-of-high-cholesterol-hyperlipidemia/the-skinny-on-fats

3) Fats – Saturated, Unsaturated, and Trans Fat. Lifestyle Coach Facilitation

https://www.cdc.gov/diabetes/prevention/pdf/postcurriculum_session2.pdf

4) Cholesterol: Types, Tests, Levels, Foods, & Treatments


अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|


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