लौंग के तेल के 14 फायदे व नुकसान Laung Ka Tel ke 14 Fayde

लौंग, जिसे अंग्रेजी में ‘Clove’ कहा जाता है, भारतीय रसोईयों में एक महत्वपूर्ण मसाला माना जाता है। इसका नाम लेते ही सबसे पहले जहन में उसकी मनमोहक खुशबू आती है। इसे व्यंजनों का जायका बढ़ाने से लेकर कई स्वास्थ्य समस्याओं में बतौर घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

इसका वैज्ञानिक नाम Syzygium aromaticum है, और इसका मूल स्थान दक्षिण पूर्व एशिया है, हालांकि आज आप इसे अन्य स्थानों पर भी उगते हुए देखा जा सकता है। इसके फूलों से प्राप्त किए जाने वाले तेल को लौंग का तेल (long ka tel) कहा जाता है। मैडागास्कर और इंडोनेशिया लौंग तेल के मुख्य उत्पादक हैं।

इसके फूल और पत्तियों के साथ-साथ इसके तेल के भी कई फायदे हैं। इसके तेल आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक प्रमुख स्थान रखता है। यह विशेष गुणधर्मों का भण्डार है जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद में इसका उपयोग सदियों से हो रहा है। इस तेल में मुख्य रूप से कई सक्रिय घटक, जैसे यूजेनॉल, पाए जाते हैं, जिनसे इसका गुणकारी प्रभाव होता है। इसके एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीवायरल, और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण, यह तेल विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है।

इस तेल को दांतों के रोग, मुँह की समस्याओं, पाचन संबंधी समस्याओं, सांस संबंधी समस्याओं, कान दर्द आदि के इलाज में एक सामान्य और प्रभावी उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसे सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए, और यदि किसी भी प्रकार की चिकित्सीय समस्या हो, तो पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।

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लौंग के तेल (long ka tel) का आयुर्वेदिक चिकित्सा में विशेष स्थान है, जिसमें कई गुणधर्म होते हैं जो स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक हो सकते हैं।

1) वातशामक (Balances Vata Dosha)

लौंग के तेल (long ka tel) का उपयोग वात दोष को शांत करने के लिए किया जा सकता है, जिससे शरीर में एक संतुलित स्थिति बनी रहती है।

2) कफनाशक

इसके तेल को आयुर्वेद में कफनाशक भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह कफ को कम करने में सहायक होता है। कफ विकार, जैसे कि जुकाम और फेफड़ों से संबंधित समस्याएं, में लौंग के तेल का उपयोग किया जा सकता है।

3) दन्त और मुख स्वास्थ्य

लौंग के तेल को दंत और मुख स्वास्थ्य के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसके तेल का प्रयोग दांतों को मजबूती प्रदान कर सकता है, मुँह की बदबू को दूर करने में मदद कर सकता है और मसूढ़़ों की समस्याओं को ठीक करने में सहायक हो सकता है।

4) पाचन शक्ति

इस तेल में पाचन शक्ति बढ़ाने के गुण होते हैं, जो आहार को सही ढंग से पचाने में मदद कर सकता है।

5) श्वासरोगों में उपयोगी

इस तेल को श्वासरोगों, जैसे कि अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के उपचार में उपयोगी माना जाता है।

6) रक्तशोधन

लौंग के तेल का नियमित प्रयोग रक्तशोधन को बनाए रखने में मदद कर सकता है और शरीर की कई समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकता है।

7) कासहर

इस तेल का प्रयोग कास और सर्दी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

8) दर्दनाशक (पीड़ा को कम करने वाला)

इस तेल का बाह्य और आंतरिक उपयोग दर्दनाशक हो सकता है और खासकर मांसपेशियों, जोड़ों और सिरदर्द में राहत प्रदान कर सकता है।

9) स्त्रीरोगनाशक

आयुर्वेद में लौंग के तेल (laung ka tel) का उपयोग महिलाओं के स्वास्थ्य को सुधारने में भी किया जाता है, खासकर मासिक धर्म संबंधित समस्याओं में।

10) स्नायु और जोड़ों का दर्द कम करने वाला

इस तेल की मसाज स्नायुओं और जोड़ों में दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द को शांत कर सकते हैं।

11) चर्मरोग (त्वचा समस्याओं) में उपयोगी

इस तेल का बाह्य और आंतरिक उपयोग त्वचा समस्याओं, जैसे कि दाद, खुजली, और सूजन में भी उपयोगी हो सकता है। अपने एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों की वजह से, यह चर्मरोगों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

12) अन्य चिकित्सात्मक उपयोग

लौंग के तेल को अन्य चिकित्सात्मक उपयोगों में भी लाभकारी माना जाता है, जैसे कि स्किन इंफेक्शन, जोड़ों का दर्द, और नसों में सूजन में राहत प्रदान करने के लिए।

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दोस्तो, लौंग के तेल के फायदे (laung ke tel ke fayde) निम्नलिखित हैं:

1) दांतों के लिए लौंग के तेल के फायदे – (clove oil benefits for teeth in hindi)

लौंग के तेल का उपयोग दांतों के स्वास्थ्य के लिए कई तरीकों से किया जा सकता है। दांतों के स्वास्थ्य के लिए लौंग के तेल के कई फायदे होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

दाँतों के दर्द में राहत (relief from toothache)

लौंग के तेल (long ka tel) को दांत के दर्द में अस्थायी राहत प्रदान करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसमें एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमटरी गुण होते हैं जो दांतों के संक्रमण को कम कर सकते हैं और दाँतों के दर्द में राहत प्रदान कर सकते हैं। इसे दाँत के पीछे लगाने से दर्द में कमी हो सकती है।

मसूड़ों की सुरक्षा (gum protection)

इस तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जिससे मसूड़ों की समस्याओं, जैसे कि मसूड़ों में सूजन आदि, को कम किया जा सकता है और मसूड़ों को सुरक्षित रखने में मदद हो सकती है।

मुंह की बदबू को कम करना (Reduces bad breath)

लौंग के तेल का उपयोग मुंह की बदबू को कम करने के लिए भी किया जा सकता है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण मुंह में बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद कर सकते हैं।

दांतों को स्वस्थ रखता है (keeps teeth healthy)

लौंग के तेल का उपयोग दांतों के सफेद होने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स दांतों की सफेदी को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दांतों के कीड़ों और बैक्टीरिया को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे दांतों को स्वस्थ रखा जा सकता है।

लौंग के तेल (laung ka tel) का इस्तेमाल करने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आप इसे सही तरीके से और सीमित मात्रा में इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि कोई अनुपायुक्त प्रतिक्रिया न हो। यदि आपको दाँतों से जुड़ी कोई भी समस्या है, तो एक दंतचिकित्सक से सलाह लें।

2) तनाव से राहत के लिए लौंग के तेल के फायदे – (Clove oil benefits for stress relief in hindi)

लौंग के तेल (long ka tel) की सुगंध और कुछ विशेष गुणों के कारण इसका उपयोग तनाव से राहत दिलाने में भी होता है। तनाव से राहत के लिए यह निम्न तरह से फायदा करता है:

एंटी-स्ट्रेस गुण (Anti-stress properties)

इस तेल में मौजूद यूजेनॉल (eugenol) नामक तत्व में एंटी-स्ट्रेस गुण होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

आरामदायक सुगंध (calming aroma)

लौंग के तेल की सुगंध (aroma) तनाव को कम करने में मदद कर सकती है। इसकी महक से मस्तिष्क को प्रशान्त करने में मदद की जा सकती है।

आरामदायक मसाज (relaxing massage)

लौंग के तेल को अन्य आरामदायक तेलों के साथ मिलाकर मसाज करने से शारीरिक और मानसिक तनाव से राहत मिलती है।

ध्यान और मानसिक शांति में मदद (helps in meditation and mental peace)

इस तेल का आरोमाथेरेपी में उपयोग करना मानसिक शांति और ध्यान में मदद कर सकता है।

नींद में मदद (helps in sleep)

लौंग के तेल को नींद में सुधार करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे तनाव कम हो सकता है।

आरामदायक स्नान (relaxing bath)

इस तेल को स्नान के दौरान उपयोग करने से आत्मिक शांति बढ़ सकती है और तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

3) सांस संबंधी समस्याओं में लौंग के तेल के फायदे – (clove oil benefits in respiratory problems in hindi)

लौंग के तेल (long ka tel) में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण वास्तव में इसे एक शक्तिशाली औषधि बनाते हैं। इन गुणों का संयोजन कई सांस संबंधी समस्याओं, जैसे कि खांसी, जुकाम, साइनोसाइटिस, अस्थमा आदि से राहत प्रदान करने में मदद कर सकता है। सांस संबंधी समस्याओं के लिए लौंग के तेल के मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:

खांसी और जुकाम में राहत (Relief in cough and cold in hindi)

इस तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण श्वसन तंत्र की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। तथा इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण श्वसन तंत्र में बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं। अतः इसका प्रयोग खांसी और जुकाम को कम करने में मदद कर सकता है।

साइनोसाइटिस में लाभकारी (Beneficial in sinusitis)

लौंग के तेल को साइनोसाइटिस के रोगियों के नाक में डालने से उन्हें साइनस की सूजन से राहत मिल सकती है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

अस्थमा में सुधार (improves asthma)

इस तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और इसकी महक अस्थमा जैसी सांस संबंधित समस्याओं में श्वसन तंतुओं को शांति प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।

सांस लेने में सुधार (improve breathing)

लौंग के तेल की महक और शांति प्रदान करने वाली गुण श्वसन को सुधारने में मदद कर सकती है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है।

इस तेल का उपयोग केवल सावधानी से और चिकित्सक की सलाह पर किया जाना चाहिए। विशेष रूप से अस्थमा जैसी गंभीर सांस संबंधित समस्याओं में, व्यक्ति को चिकित्सकीय सलाह जरूर लेनी चाहिए।

4) कान दर्द में लौंग के तेल के फायदे – (Clove oil benefits in ear pain in hindi)

कान का दर्द एक चिकित्सीय समस्या हो सकती है जो असहनीय और तकलीफदेह होती है। इसे कान में तेज और अचानक दर्द के रूप में महसूस किया जा सकता है। इस समस्या का सामान्य कारण कान के अंदरूनी भाग में सूजन, संक्रमण, या चोट हो सकती है।

लौंग का तेल (laung ka tel) कान दर्द से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है और इसे लौंग के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनेस्थेटिक गुणों के कारण कान संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए प्राकृतिक और प्रभावी उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है।

एक शोध में भी दिखाया गया है कि तिल के तेल के साथ मिलाकर इस तेल का उपयोग करने से कान के दर्द में राहत मिल सकती है। तिल के तेल के साथ मिलाया गया लौंग का तेल (long ka tel) कान की सूजन को कम करने में मदद करता है और दर्द को शांत करता है।

लौंग के तेल (laung ka tel) का उपयोग कान दर्द से राहत प्राप्त करने में एक प्राकृतिक और कारगर उपाय हो सकता है। लेकिन, इसे इस्तेमाल करने से पहले, आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए, खासकर यदि आप किसी गंभीर कान संबंधित समस्या से पीड़ित हैं।

कान दर्द के लिए लौंग के तेल का उपयोग कैसे करें? – (How to Use Clove Oil for Ear Pain in hindi?)

कान दर्द से राहत के लिए 2 चम्मच तिल का तेल लेकर उसमें 3-4 बूँदें लौंग के तेल की डालकर, उसे हल्का सा गर्म (सहने योग्य) कर लें। फिर धीरे धीरे इस गर्म तेल की बूँदें अपने कान में डालें और इसे थोड़ी देर रहने दें। थोड़ी ही देर में आपको कान दर्द से राहत मिलने लगेगी।

5) सिरदर्द से राहत दिलाने में लौंग के तेल के फायदे – (clove oil benefits in relieving headache in hindi)

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लौंग के तेल को सिरदर्द से राहत दिलाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इस तेल में मौजूद गुण सिरदर्द को कम करने और सिर की मांसपेशियों को शांत करने में मदद कर सकते हैं।

आमतौर पर, इस तेल को माथे पर हल्की मालिश करके उपयोग किया जाता है, जिससे दर्द कम हो सकता है। यह मालिश सिर में दर्द की स्थिति को सुधारने में मदद करती है और तनाव को कम कर सकती है।

6) पाचन संबंधी समस्याओं में लौंग के तेल के फायदे – (clove oil benefits in digestive problems in hindi)

लौंग के तेल (laung ka tel) में मौजूद गुणकारी तत्व पाचन संबंधी समस्याओं जैसे हिचकी, गैस, अपच, अफारा आदि से राहत दिलाते हैं।

इसके अलावा, इस तेल का उपयोग पेट दर्द की समस्या को दूर करने में भी सहायक हो सकता है। इस तेल में मौजूद यूजेनॉल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है। यूजेनॉल एक ऐसा गुणकारी तत्व है जो पेट में होने वाले दर्द और अन्य संबंधित समस्याओं में राहत प्रदान कर सकता है (1)।

7) रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए लौंग के तेल के फायदे – (clove oil benefits for immune system in hindi)

लौंग के तेल में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के कुछ गुण हो सकते हैं। इस तेल में मौजूद कई गुणकारी तत्व होते हैं, जिनमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, और एंटीवायरल गुण शामिल होते हैं। इसके अलावा, इस तेल में विटामिन C, विटामिन K, मैग्नीशियम, कैल्शियम, और आयरन जैसे पोषक तत्व भी होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

विशेषकर, लौंग के तेल में पाए जाने वाले यूजेनॉल जैसे तत्व अनेक बीमारियों के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं। इन तत्वों की मौजूदगी आमतौर पर शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता में सुधार कर सकती है।

अतः इस तेल का इस्तेमाल विभिन्न रोगों और संक्रामक बीमारियों के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए एक अच्छा प्राकृतिक उपाय हो सकता है। हालांकि, इसे बहुत बड़ी मात्रा में तथा डॉक्टर की सलाह के बिना उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

8) स्वस्थ हृदय के लिए लौंग के तेल के फायदे – (clove oil benefits for healthy heart in hindi)

लौंग का तेल हृदय के स्वास्थ्य को संरक्षित रखने में मदद कर सकता है। यह तेल विशेष रूप से यूजेनॉल (eugenol) की वजह से महत्वपूर्ण होता है, जिसके विभिन्न गुणों का लाभ हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

एक शोध में पाया गया है कि यूजेनॉल से भरपूर खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप के घरेलू इलाज के रूप में किया जा सकता है (7)।

अतः इस तेल में यूजेनॉल की मौजूदगी इसे हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए उपयोगी बनाती है। इसका उपयोग हृदय से संबंधित समस्याओं के जोखिम को भी कम कर सकता है।

हालांकि, इस विषय पर अधिक शोध की आवश्यकता है ताकि हम सही रूप से इसके लाभ का आनंद उठा सकें। इसलिए, अगर कोई व्यक्ति लौंग के तेल का उपयोग करना चाहता है, तो उसे अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

9) लौंग का तेल एक बेहतरीन दर्द निवारक का काम करता है – (Clove oil works as an excellent pain reliever in hindi)

यह तेल एक प्रकार का प्राकृतिक दर्द निवारक हो सकता है। इसमें उपस्थित गुणकारी तत्वों की वजह से, यह तेल दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए यह बाह्य रूप अर्थात बाहरी रूप से शरीर पर लगाया जाता है, या किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर लगाया जा सकता है।

इस तेल में मौजूद यूजेनॉल एक गुणकारी तत्व है जिसके कारण यह दर्द निवारक के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा, इसमें अन्य तत्व भी होते हैं जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

10) लौंग का तेल रक्त से हानिकारक पदार्थों को निकालता है और लीवर को भी स्वस्थ बनाए रखता है – (Clove oil removes harmful substances from the blood and also keeps the liver healthy in hindi)

इस तेल में मौजूद गुणकारी तत्वों का अनुसंधान दर्शाता है कि यह रक्त से हानिकारक पदार्थों को निकालने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व, विटामिन्स, और मिनरल्स रक्त की साफ-सफाई को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकते हैं, जिससे शरीर के विषैले पदार्थों का निकाला जा सकता है।

इसके साथ ही, कुछ अनुसंधान दिखाते हैं कि लौंग के तेल में मौजूद बायोएक्टिव यौगिक (bioactive compounds) लीवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। लीवर के स्वस्थ रहने में इस तेल में मौजूद विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, और अन्य पोषक तत्वों का भी महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।

11) कैंसर से बचाव लिए लौंग के तेल के फायदे – (clove oil benefits for cancer prevention in hindi)

कैंसर एक घातक रोग है और इससे बचाव ही इसका इलाज हो सकता है। इससे बचाव में लौंग के तेल का उपयोग कुछ हद तक मददगार हो सकता है। इसके तेल में यूजेनॉल नामक एक खास तत्व पाया जाता है।

एक शोध के अनुसार, यूजेनॉल कैंसर से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। इस शोध में उन खास खाद्य पदार्थों और तत्वों जैसे यूजेनॉल को शामिल किया गया है, जो कैंसर से बचाव में मददगार हो सकते हैं (3)।

2014 के एक अन्य इन विट्रो (in vitro) अध्ययन में देखा गया कि यह तेल मानव स्तन कैंसर कोशिकाओं को किस तरह प्रभावित करता है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि निश्चित मात्रा में यह तेल कैंसर की कोशिकाओं के लिए विषाक्तक था (4)।

एक अन्य इन विट्रो (in vitro) अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि लौंग के तेल ने कई कैंसर सेल लाइन्स (cancer cell lines) की वृद्धि को रोक दिया था, जिसमें स्तन, सर्वाइकल, और कोलन कैंसर शामिल है। लौंग के अर्क ने कोलन कैंसर सेल लाइन (colon cancer cell line) में कोशिकाओं की मृत्यु को बढ़ाया और कोशिका विभाजन को बिगाड़ दिया (5)।

इन शोधों के आधार पर लौंग के तेल को कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक मान सकते हैं।

12) यौन क्षमता के लिए लौंग के तेल के फायदे – (clove oil benefits for sexual ability in hindi)

लौंग के तेल एक बेहतरीन एफ्रोडिजिएक (aphrodisiac) के रूप में भी कार्य करता है। एफ्रोडिजिएक क्षमता को ऐसे पदार्थों से जोड़ा जाता है जो मनुष्य की सेक्सुअल उत्तेजना अथवा स्त्री या पुरुष की सेक्सुअल प्रवृत्ति को बढ़ाने में सहयोग करते हैं।

लौंग के तेल में मौजूद यूजेनॉल (eugenol) नामक तत्व यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

एक शोध जो चूहों पर किया गया था, वह दिखाता है कि लौंग के अर्क का उपयोग नर चूहों में यौन गतिविधि को बढ़ाने में मदद कर सकता है (6)।

अतः इस तेल का उपयोग बेहतर स्वास्थ्य के साथ साथ यौन रोगों के उपचार के लिए फायदेमंद हो सकता है।

हालांकि, इस विषय में अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है, क्योंकि यह सम्भावना है कि व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कई कारक हो सकते हैं। इसलिए, अगर कोई व्यक्ति इस उद्देश्य से इस तेल का उपयोग करने का विचार कर रहा है, तो उसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

13) त्वचा के लिए लौंग के तेल के फायदे – (clove oil benefits for Skin in hindi)

लौंग के तेल का त्वचा के लिए उपयोग कई तरह के फायदों से भरपूर हो सकता है। कुछ मुख्य त्वचा समस्याओं में लौंग के तेल के फायदे निम्नलिखित हैं:

इंसेक्ट बाइट्स में राहत (Relief from insect bites)

लौंग के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कीटाणु काटने पर सूजन और जलन में राहत प्रदान कर सकते हैं। थोड़ा सा लौंग के तेल को काटे हुए स्थान पर लगाने से आराम मिल सकता है।

प्रिक्ली हीट से राहत (Relief from prickly heat)

लौंग के तेल को प्रिक्ली हीट या गर्मी के दौरान होने वाली चुभन में उपयोग किया जा सकता है। इसमें शीतलक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा को शीतल करने और चुभन से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

फंगल इन्फेक्शन को कम करता है (Reduces fungal infections)

लौंग के तेल को त्वचा पर लगाने से फंगल इन्फेक्शन्स को कम किया जा सकता है, क्योंकि इसमें एंटीफंगल गुण होते हैं। यह खासकर पैरों के बीच में होने वाले फंगल इंफेक्शन के लिए प्रभावी हो सकता है।

सूजन और दर्द में राहत (Relief from swelling and pain)

लौंग के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और ठंडक प्रदान करने वाले गुण होते हैं जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

त्वचा की नमी बनाए रखता है (Maintains skin moisture)

इस तेल का उपयोग त्वचा को मोइस्चराइज करने के लिए किया जा सकता है, जिससे त्वचा में नमी बनी रहती है।

मुंहासे और दाग-धब्बे कम करना: इस तेल को त्वचा पर लगाने से मुंहासे और दाग-धब्बे कम हो सकते हैं। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासों की सूजन को कम कर सकते हैं, जिससे मुंहासे ठीक हो सकते हैं।

14) लौंग का तेल बालो का झड़ना कम करता है – (Clove oil reduces hair fall in hindi)

लौंग के तेल का उपयोग बालों के झड़ने को कम करने में मदद कर सकता है। लौंग के तेल में मौजूद यूजेनॉल तत्व बालों के स्वास्थ्य को बढ़ाने और उनकी मजबूती को बनाए रखने में मदद करता है (2)। इस तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स, और मिनरल्स होते हैं, वे भी बालों के पोषण को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

इसके अलावा, इस तेल में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणकारी तत्व बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और किसी भी संभावित संक्रमण को रोक सकते हैं, जिससे बालों के झड़ने को कम किया जा सकता है।

यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि बालों के झड़ने की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, और इसमें व्यक्तिगत लाइफस्टाइल, आहार, आदि भी शामिल हैं। इसलिए, यदि आप बालों के झड़ने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो उपचार के रूप में इस तेल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

लौंग-का-तेल-के-नुकसान-laung-ka-tel-ke-nuksan

लौंग का तेल (laung ka tel) कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है, लेकिन इसके अधिक सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यहाँ आगे मैं लौंग के तेल के मुख्य नुकसानों (laung ke tel ke nuksan) के बारे में बता रहा हूँ:

1) लौंग का तेल ब्लीडिंग टाइम को बढ़ा देता है (Clove oil increases bleeding time in hindi)

लौंग के तेल (laung ka tel) में मौजूद यूजेनॉल में खून को पतला करने की क्षमता होने के कारण, यह तेल ब्लीडिंग टाइम को बढ़ा सकता है। अतः यदि कोई व्यक्ति ब्लीडिंग डिसऑर्डर का शिकार है, या खून को पतला करने की दवा का सेवन कर रहा है, तो उसे इस तेल का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

इस तेल का अधिक सेवन करने से भी रक्त पतला हो सकता है, जिससे ब्लीडिंग का समय बढ़ सकता है, और फिर चोट लगने पर ब्लीडिंग जल्दी बंद नहीं हो पाती। इसलिए इस तेल का सेवन सीमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए और अधिकतम मात्रा की जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

2) लौंग का तेल ब्लड शुगर लेवल को सामान्य से भी बहुत कम कर सकता है (Clove oil can reduce blood sugar level much lower than normal in hindi)

कुछ अध्ययन दिखाते हैं कि इस तेल का उपयोग ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मददगार हो सकता है। अतः यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं और इसके लिए दवा भी ले रहें हैं तो आपको इस तेल का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, क्यूंकि इस तेल का अधिक मात्रा में सेवन आपकी ब्लड शुगर को सामान्य से भी कम कर सकता है (8)।

साथ ही जो लोग हाइपोग्लाइसीमिया के मरीज हैं अर्थात जिनका ब्लड शुगर लेवल बार बार सामान्य से भी कम हो जाता है, उन्हें भी लौंग के तेल का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्यूंकि यह उनके लिए समस्या का कारण बन सकता है।

3) लौंग के तेल का अधिक सेवन टॉक्सिसिटी का कारण बन सकता है (Excessive consumption of clove oil can cause toxicity in hindi)

लौंग के तेल का अधिक मात्रा में सेवन टॉक्सिसिटी का कारण बन सकता है। इसमें मौजूद यूजेनॉल अधिक मात्रा में सेवन करने पर शरीर पर टॉक्सिक प्रभाव डालता है। इसके लक्षणों में मतली, उल्टी आना, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई, उच्च रक्तचाप, न्यूरोलॉजिकल विकार, आदि  शामिल हैं।

4) लौंग का तेल एलर्जिक रिएक्शन कर सकता है (Clove oil can cause allergic reaction in hindi)

लौंग के तेल (long ka tel) में मौजूद यूजेनॉल नामक तत्व का त्वचा से संपर्क किसी किसी व्यक्ति में एलर्जी प्रतिक्रिया को उत्पन्न कर सकता है, जो त्वचा में खुजली, चकत्ते, लालिमा, या त्वचा के लाल दानों के रूप में प्रकट हो सकते हैं। एलर्जी प्रतिक्रिया होने पर आपको तुरंत इस तेल का उपयोग बंद कर देना चाहिए और अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

5) लौंग का तेल बार बार त्वचा पर लगाने से उस जगह पर यह सेंसेशन की कमी कर देता है (Repeated application of clove oil on the skin reduces the sensation at that area in hindi)

लौंग का तेल (laung ka tel) बार-बार लगाने से उस जगह पर सेंसेशन की कमी होने की संभावना है, खासकर यदि इसे बहुत अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है। यह एक सामान्य रिएक्शन है, जो इस तेल में मौजूद यूजेनॉल के कारण हो सकता है। इसलिए, इस तेल का उपयोग उचित मात्रा में ही करना चाहिए और जब भी इस तेल को त्वचा पर लगाएं तो इसे किसी अन्य तेल में मिलाकर ही लगाएं।

6) बच्चों में दुष्प्रभाव (side effects in children in hindi)

लौंग का तेल (long ka tel) बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इसका ज्यादा मात्रा में उपयोग उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। इसका मुख्य कारण इसमें मौजूद यूजेनॉल (eugenol) है, जिसकी अधिक मात्रा उनमें गंभीर प्रभाव पैदा कर सकती है।

बच्चों में इस तेल का अधिक सेवन लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है और फ्लूड इंबैलेंस (fluid imbalance) का कारण बन सकता है।

इसलिए, बच्चों में लौंग के तेल का इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। वह उचित मात्रा में और सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए आपको निर्देशित कर सकता है।

दोस्तो, आगे मैं आपको बता रहा हूँ कि कैसे आपने लौंग का तेल (laung ka tel) इस्तेमाल करना है, जिससे आपको इससे नुकसान न हो:

1) लौंग के तेल को हमेशा किसी अन्य तेल जैसे नारियल के तेल में मिलाकर ही त्वचा पर लगाएं।

इस तेल को अन्य किसी दूसरे तेल के साथ मिलाकर उसका उपयोग करने की प्रक्रिया “डिल्यूट करना” कहलाती है। इसका मुख्य कारण है कि यह तेल सीधे रूप से (बिना किसी अन्य तेल में मिलाए) प्रयोग करने पर त्वचा पर जलन या अन्य तरह की असुविधा का कारण बन सकता है।

2) लौंग के तेल का सेवन कभी भी लगातार 2 हफ़्तों से ज्यादा न करें।

यह तेल (long ka tel) गुणों से भरपूर है, लेकिन इसका ज्यादा समय तक सेवन भी हानिकारक हो सकता है। अतः यह सलाह दी जाती है कि इसका सेवन कभी भी लगातार 2 हफ्तों से अधिक न करें।

3) लौंग के तेल का सेवन कभी भी खून पतला करने वाली दवाओं के साथ न करें।

इस तेल में मौजूद तत्व खून को पतला करते हैं तथा खून को पतला करने की दवाएं भी खून को पतला करती हैं। अतः जब आप इन दोनों का एक साथ सेवन करते हैं तो आपको खून के ज्यादा पतले होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

इसलिए, अगर किसी व्यक्ति को खून पतला होने की समस्या है या वह ऐसी किसी दवा का सेवन कर रहा है जो खून पतला करती है, तो उसे इस तेल (long ka tel) का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

4) लौंग के तेल का इस्तेमाल 2 साल से कम उम्र के बच्चों में न करें।

5) इस तेल का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं को हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।

6) लौंग का तेल (laung ka tel) जो त्वचा पर इस्तेमाल करने के लिए बना है उसका सेवन न करें। 

लौंग के तेल (laung ka tel) की सेवन योग्य मात्रा 1 से 3 बूँदें (वो भी डिल्यूट करके) प्रतिदिन हैं।


संदर्भ (References):

1) Eugenol (Clove Oil)

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK551727/

2) Enhanced chemical and biological activities of a newly biosynthesized eugenol glycoconjugate, eugenol α-D-glucopyranoside

https://pubag.nal.usda.gov/catalog/493167

3) Molecular targets of dietary agents for prevention and therapy of cancer

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16563357/

4) Anticancer potential of Syzygium aromaticum L. in MCF-7 human breast cancer cell lines

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4166826/

5) Clove Extract Inhibits Tumor Growth and Promotes Cell Cycle Arrest and Apoptosis

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4132639/

6) Effect of 50% ethanolic extract of Syzygium aromaticum (L.) Merr. & Perry. (clove) on sexual behaviour of normal male rats

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC534794/

7) Eugenol dilates rat cerebral arteries by inhibiting smooth muscle cell voltage-dependent calcium channels

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4224997/

8) Essential Oil from Clove Bud (Eugenia aromatica Kuntze) Inhibit Key Enzymes Relevant to the Management of Type-2 Diabetes and Some Pro-oxidant Induced Lipid Peroxidation in Rats Pancreas in vitro

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25994557/


अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|


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