दोस्तों, इस लेख के माध्यम से मैं आपको पेट दर्द के कारण, लक्षण, इलाज, देसी उपचार, घरेलू उपाय, सहित अन्य सम्पूर्ण जानकारी दे रहा हूँ।
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पेट दर्द क्या होता है? – (What is Stomach Pain or Pet Dard in Hindi?)
आप सभी जानते हैं कि पेट दर्द एक आम समस्या है। इससे हर एक व्यक्ति कभी न कभी छोटे या बड़े रूप में रू-ब-रू ज़रूर होता है। पेट दर्द इतनी आम बीमारी है कि कई बार बच्चों को स्कूल जाने या पढ़ाई से बचने के लिए भी पेट दर्द का बहाना बनाते देखा जाता है।
पेट में सुई या कील चुभोने की तरह जो दर्द होता है उसे ही पेट दर्द (Pet dard) कहते है। यह किसी क्षणिक बीमारी या गंभीर बीमारी का एक लक्षण हो सकता है। इसका का कोई एक निश्चित कारण बताना कठिन हो सकता है, क्योंकि यह लक्षण कई बीमारियों में देखा जा सकता है।
इस दर्द के होने के कई कारणों हो सकते हैं, परंतु ज्यादातर मामलों में यह दस्त, गैस, कब्ज, अल्सर, सीने में जलन, और या गुर्दे की पथरी के कारण होता है।
पेट दर्द के कारण और लक्षण हर किसी व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। इसके इलाज भी हर किसी के लिए उनकी स्थिति पर निर्भर करते हुए काम करते हैं।
ये तो हुई पेट दर्द की सामान्य जानकारी, परन्तु यह कई बार गंभीर रूप भी ले लेता है, जिससे निजात पाने के लिए आपको चिकित्सीय इलाज और दवाइयों की ज़रूरत पड़ती है। कई बार तो पेट दर्द का इतना गंभीर कारण भी होता है कि आपको उसे ठीक करने के लिए ऑपरेशन तक की ज़रूरत पड़ती है।
पेट दर्द के कितने प्रकार हैं? – (What are the Types of Stomach Pain in Hindi?)
पेट का दर्द वास्तव में अपने आप में कोई बीमारी नहीं है बल्कि ये पेट से होने वाली किसी अन्य बीमारी का लक्षण है।
पेट दर्द के निम्नलिखित चार प्रकार होते हैं –
सामान्य पेट दर्द
यह दर्द पेट के पूरे या आधे भाग को प्रभावित करती है। आमतौर पर यह दर्द गलत खान-पान या अपच के कारण होती है और बिना उपचार के ठीक हो जाती है। इस दर्द में घरेलू उपाय कुछ राहत देने में मदद कर सकते हैं।
स्थानीय पेट दर्द
यह दर्द पेट के किसी एक हिस्से में होती है और सामान्य पेट दर्द से गंभीर होती है। अचानक शुरू होकर, बदतर होने वाला स्थानीय पेट दर्द किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। अपेंडिसाइटिस, या अल्सर स्थानीय पेट दर्द का कारण हो सकते हैं।
पेप्टिक अल्सर में दर्द ज्यादातर पेट के एक हिस्से में शुरू होकर उसी स्थान पर रहता है। परंतु अपेंडिसाइटिस का दर्द सामान्य दर्द के रूप में शुरू होकर अक्सर पेट के एक हिस्से में होने लगता है।
ऐंठन (क्रैम्पिंग)
ऐंठन एक प्रकार का पेट दर्द है जो आता-जाता रहता है। यह कुछ देर तक भी रह सकता है अथवा पूरे दिन भी रह सकता है। ज्यादातर यह मल के सख्त होने या गैस के कारण होता है।
कई महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान ऐंठन की समस्या होती है। दस्त अथवा अन्य सामान्य पेट संबंधी समस्याओं में भी मरीज को ऐंठन की समस्या का सामना करना पड़ता है।
कोलिकी दर्द
यह दर्द पेट में लहरों की तरह आता है। कोलिकी दर्द बार-बार शुरू होता है और अचानक बंद हो जाता है। गुर्दे की पथरी और पित्ते की पथरी (Gallstones) के कारण यह दर्द हो सकता है।
गंभीरता और अवधि के आधार पर पेट दर्द तीन प्रकार का होता है:
1. तीव्र दर्द – (एक्यूट स्टमक पेन or Acute Stomach Pain in Hindi)
एकाएक होने वाले तीव्र पेट दर्द को एक्यूट स्टमक पेन कहते हैं। अगर आपको कुछ ही समय से पेट में दर्द हो रहा है तो वह इस श्रेणी में आएगा। यह दर्द कुछ घंटों या दिनों तक रहता है और इसके साथ दस्त, बुखार आदि अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।
2. पुराना दर्द – (क्रोनिक स्टमक पेन or Chronic Stomach Pain in Hindi)
बार-बार और रूक-रूक कर होने वाले दर्द को क्रोनिक स्टमक पेन कहते हैं, यह लगातार भी हो सकता है। यह दर्द हफ्तों, महीनों या सालों तक भी रह सकता है।
3. प्रगतिशील दर्द – (Progressive Stomach pain in Hindi)
यह पेट दर्द समय के साथ-साथ बिगड़ता जाता है और साधारण तौर पर अन्य लक्षणों के साथ आता है।
पेट दर्द के क्या कारण होते हैं? – (What are the causes of Stomach Pain in Hindi?)
आइये अब जानकारी प्राप्त करते हैं, पेट दर्द के कारणों के बारे में:
एक्यूट पेन के कारण – (Reasons For Acute Stomach Pain in Hindi)
अगर आपके पेट के ऊपरी भाग में अचानक से दर्द होता है तो इस तरह के पेट दर्द के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
एसिड सम्बन्धी समस्याएं – (Acid Related Problems)
अगर आपके पैर या शरीर के किसी अन्य हिस्से में दर्द है और आपने उसके लिए कोई पेन किलर खाई है तो उसकी वजह से आपको पेट में दर्द हो सकता है।
फ़ूड इन्फेक्शन – (Food Infection)
अगर आपने कुछ उल्टा सीधा खा लिया हो जो आपको पच न पाया हो, उसकी वजह से भी आपके पेट में दर्द हो सकता है।
आँतों में सूजन – (Swelling in Intestine)
अगर आपकी आँतों में सूजन है तब भी आपके पेट में दर्द हो सकता है। परन्तु इस स्थिति में आपको पेट दर्द के साथ में उल्टी और दस्त की समस्या भी होगी।
पित्ताशय में पथरी – (Stone in Gall Bladder)
यह भी पेट दर्द का एक सामान्य कारण है। इस स्थिति में आपके पेट के बीच के भाग या फिर दाहिने भाग में बहुत ज़्यादा दर्द होता है, जो आधे घण्टे से ज़्यादा समय तक बना रहता है।
अग्नाशय में दर्द – (Pancreatic Pain)
अग्नाशय में दर्द आपके पेट के ऊपर के हिस्से में होता है जो पीठ की तरफ जाता है। यह दर्द बहुत तेज़ और असहनीय होता है।
आँतों में रुकावट – (Intestinal Obstruction)
कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जिसमे आँतों में रुकावट हो जाती है। इस स्थिति में पेट दर्द के साथ-साथ बहुत ज़्यादा उल्टियां होती हैं और साथ ही पेट साफ़ नहीं हो पाता और गैस पास नहीं हो पाती है।
पेट के निचले हिस्से में अचानक से दर्द होने के कारण
अगर किसी व्यक्ति को पेट के निचले हिस्से में अचानक से दर्द उठ जाता है तो इसके कुछ कारण इस प्रकार से हो सकते हैं :
गुर्दे की पथरी – (Kidney Stone)
इसमें ज़्यादातर पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है, और साथ ही इसमें नीचे लिखे लक्षण होते हैं:
- पेट के बीच, दाहिने या बाएं हिस्से में दर्द
- मूत्र त्याग के समय दर्द
- पसलियों के नीचे और पीठ में दर्द
- पेशाब (यूरिन) का बार-बार आना परंतु खुलकर न आना
- यूरिन में ब्लड आना
- बुखार होना, आदि।
अपेंडिसाइटिस – (Appendicitis)
पेट में दर्द का यह भी एक प्रमुख कारण होता है।
डाइवर्टिक्युलाइटिस या विपुटीशोथ – (Diverticulitis)
यह समस्या ज्यादातर 40 साल की उम्र के बाद हो सकती है, इसमें ज़्यादातर बड़े लोगों में आँतों में पॉउचेस से बन जाते हैं। इस वजह से इन्फेक्शन की वजह से पेट में दर्द होता है। बुज़ुर्ग लोगों में पेट दर्द का ये एक महत्वपूर्ण कारण होता है।
हर्निया – (Hernia)
हर्निया भी पेट में दर्द होने का एक आम कारण है।
क्रॉनिक पेन के कारण – (Reasons For Chronic Pain in Stomach in Hindi)
अगर लगातार किसी व्यक्ति के पेट में दर्द बना रहता है तो इसके कुछ अलग-अलग कारण हो सकते हैं। आइये जानते हैं क्रोनिक पेन के कारण:
क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस या पुरानी अग्नाशयशोथ – (Chronic Pancreatitis)
अग्नाशय में स्थायी रूप से कोई चोट या डैमेज हो गया हो या फिर संकीर्ण अथवा अवरुद्ध अग्नाशय वाहिनी, आदि की वजह से क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस की समस्या हो जाती है। इसमें आपके पेट में दर्द बना रहता है, जो बहुत तेज़ होता है।
हाइपरकैल्सीमिया या अतिकैल्शियमरक्तता – (Hypercalcemia)
रक्त में कैल्शियम की मात्रा बहुत ज़्यादा बढ़ जाने की वजह से यह बीमारी होती है। इसकी वजह से भी आपके पेट में लगातार दर्द बना रहता है।
फंक्शनल एब्डोमिनल पेन
कई बार सारी जांचों के बाद भी पेट दर्द का कारण पता नहीं चल पता है। ये बहुत सामान्य तरह का दर्द है जिसे फंक्शनल एब्डोमिनल पेन कहते हैं। यह पेन ज़्यादातर छोटे बच्चों में होता है। मनोवैज्ञानिक स्थितियों से आँतों में खिंचाव की वजह से यह दर्द महसूस होता है।
इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम
वयस्कों में इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम की वजह से पेट में दर्द हो सकता है, जिसमे आँतों में खिंचाव के साथ-साथ बार-बार पेट साफ करने की ज़रूरत महसूस होती है।
लीड पोइज़निंग आदि जैसे अन्य कारणों से भी पेट में दर्द हो सकता है।
पेट दर्द के कुछ अन्य सामान्य कारण
पेट दर्द के कुछ अन्य सामान्य कारणों में शामिल हैं:
- अधिक भोजन करना
- अधिक पानी या द्रव पदार्थ पी लेना
- रात का बचा हुआ बासी भोजन करना
- अंकुरित दालों का अधिक सेवन
- गन्दा, कीटाणु से युक्त भोजन करना
- महिलाओं को माहवारी में पेट में दर्द होता है
- अधिक समय तक खाली पेट रहना और काम करना
- अधिक समय तक तैलीय और मिर्च मसलों से युक्त भोजन करना
- बाहर का पिज़्ज़ा, बर्गर, जैसे जंक फ़ूड खाना
- भोजन के बाद तेज दौड़ना
- संक्रमित भोजन करना
- सूखा मांस खाना, आदि।
ये थे पेट दर्द के कुछ सामान्य और कुछ प्रमुख कारण, अब जानते हैं कि क्या हो सकते हैं पेट दर्द के लक्षण।
पेट दर्द के क्या लक्षण हैं? – (What are the Symptoms of Stomach Pain in Hindi?)
जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि पेट दर्द अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह अन्य दूसरी बीमारियों के लक्षण के रूप में देखा जाता है। इसीलिए पेट दर्द के खुद कोई लक्षण नहीं होते, वह अपने आप में ही एक लक्षण है।
परन्तु सामान्य रूप से कुछ पेट दर्द के लक्षण देखे जा सकते हैं, उन्हें मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ। पेट में दर्द के लक्षणों में शामिल हैं:
1) पेट में जलन महसूस होना (burning Sensation)
2) पेट में गुड़गुड़ाहट होना (bloating)
3) खट्टी डकार आना (Acidic belching)
4) उल्टी आना (vomiting in hindi)
5) बुखार या ज़ुकाम जैसा महसूस होना
6) पेट फूलना
7) पेट में अधिक गैस बनना
8) पेट में सुई चुभने जैसा दर्द महसूस होना
9) पेट में भारीपन महसूस होना
10) सांस लेने में तकलीफ महसूस होना
11) रुक-रुक कर पेट में दर्द होना
12) मल में खून आना
13) कभी कभी उल्टी के साथ खून आना
14) पेशाब (यूरिन) करते वक़्त दर्द महसूस होना
पेट दर्द का क्या इलाज है? – (What is the Treatment of Stomach Pain in Hindi?)
जैसा कि मैं आपको इस लेख में ऊपर बता चूका हूँ कि पेट में दर्द अलग-अलग कारणों से हो सकता है। अतः पेट दर्द का इलाज दर्द के कारण पर निर्भर करता है।
हालाँकि पेट में दर्द के लिए निम्लिखित इलाज किए जा सकते हैं:
- दर्द से आराम पाने के लिए पेरासिटामोल सहायक हो सकती है परंतु नेपरोक्सन आदि जैसी गैर-स्टेरायडल एंटी-इन्फ्लैमेटरी दवाओं (NSAIDs) से दूर रहें
- गैस से होने वाले पेट दर्द में सिमेथिकोंन युक्त दवाओं से राहत मिल सकती है
- ऐंठन के लिए दवा, जैसे डाईसायक्लोमिन फायदेमंद साबित होती है
- गैस्ट्रोइसोफ़ेगल रिफ़्लक्स रोग (GERD) से होने वाली जलन के लिए एंटासिड या एसिड कम करने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है
पेट में दर्द होने पर डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? – (When should I see a doctor in case of Stomach pain in Hindi?)
निम्न परिस्थतियों में आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए:
- पेट में गंभीर दर्द
- पेशाब (यूरिन) में खून आना
- कब्ज होना और साथ में उलटी होना
- पेट दर्द होने से पहले पेट में चोट लगना
- दर्द का कई दिनों से बना रहना
- मल में खून आना
- बुखार होना
- पेशाब करते समय दर्द महसूस होना
- घरेलू उपायों से आराम न मिलना
पेट दर्द होने पर जीवनशैली में कैसा बदलाव लाना चाहिए? – (What lifestyle changes should be made in case of stomach pain in Hindi?)
पेट दर्द होने पर आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव जरूर लाना चाहिए, क्योंकि इससे पेट दर्द को कम करने में बहुत सहायता मिलती है।
निम्नलिखित बदलाव आप अपनी जीवनशैली में ला सकते हैं:
- प्रातः उठते ही सबसे पहले आपको 1 या 2 गिलास गुनगुना पानी चाहिए। इससे आपका पेट अच्छी तरह से साफ़ होने में मदद मिलेगी।
- खाने में ज्यादा तली हुई चीज़ों और मिर्च मसालों से युक्त भोजन करने से बचें। मैदे से बने पदार्थों का कम सेवन करना चाहिए।
- मल के वेग को अधिक समय तक रोककर ना रखें।
- व्यायाम करने के बाद तुरन्त बहुत अधिक पानी न पिएं।
- रात के समय हल्का भोजन करें, और जो आसानी से पच जाएँ ऐसी हलके गुण वाली सब्ज़ियों (जैसे परवल, टिंडे, लौकी, तोरई, आदि) का सेवन करें, इससे पेट में गैस नहीं बनेगी।
- शराब और सिगरेट से दूर रहें
- रात में ज़्यादा देर तक न जागे क्योंकि इससे वात दोष असंतुलित होता है, जिसकी वजह से पेट में गैस बनता है और जो कभी कभी पेट दर्द का कारण बनता है।
- रात में ज़्यादा लेट खाना ना खाएं, बेहतर होगा यदि आप सोने से दो घंटे पहले खाना खा लें।
- खाना खाने के तुरंत बाद न लेटे
- खाना खाने के बाद थोडा-सा अवश्य टहलें
- हल्का भोजन जैसे खिचड़ी, दलिया आदि का सेवन करें
- फास्ट फूड्स जैसे नूडल्स, आदि का सेवन न करें
- रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करें
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं
- अगर आपको पेट दर्द के साथ उलटी की समस्या भी हो रही है तो थोड़ी-थोड़ी देर में एकदम हल्का भोजन करें जैसे मूंग की दाल, चावल का पानी, आदि। एक साथ अधिक भोजन न करें।
- चाय या कॉफी का ज्यादा सेवन न करें
- चिंता अथवा किसी अन्य प्रकार की परेशानी होने पर डॉक्टर अवश्य सलाह करें
पेट दर्द के घरेलू उपाय क्या हैं? – (What are the Home Remedies for stomach pain in Hindi?)
आइए जानते हैं पेट दर्द के कुछ आवश्यक घरेलू उपाय जो इस समस्या को दूर करने में काफी मददगार साबित होते हैं:
1. अदरक करता है पेट दर्द दूर करने में मदद
अदरक को पेट दर्द दूर करने के लिए घरेलू उपाय के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण पाचन क्रिया को नियंत्रित रखने के साथ-साथ पेट में पाए जाने वाले अम्ल को भी कंट्रोल में रखता है (1)।
अदरक को बारीक काट या पीस कर उसे पानी में डालकर 3 से 4 मिनट के लिए उबाल लें। अब इसमें शहद मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पियें।
2. पुदीना होता है पेट दर्द दूर करने में मददगार
पुदीना के सेवन से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। साथ ही यह पेट के दर्द को दूर करने के साथ-साथ गैस कम करने में भी सहायक साबित होता है।
इसके लिए थोड़े सूखे पुदीने को लेकर उसे 1 कप पानी में उबाल लें। फिर उस उबले हुए पानी के मिश्रण को छानकर उसमें शहद मिलाकर पिएं। दिन भर में इस मिश्रण का एक-एक कप 2 से 3 बार पियें।
3. हींग से करें पेट दर्द का इलाज
हींग एक गुणकारी खाद्य पदार्थ है। गैस, अपच, या पेट दर्द से निजात पाने के लिए हींग का सेवन लाभदायक सिद्ध होता है (2)। एक चुटकी हींग लें और उसे एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं। इस मिश्रण का दिन भर में 2 से 3 बार सेवन करें।
4. सौंफ के सेवन से करें पेट दर्द का इलाज
सौंफ में कई तरह के पोषक और गुणकारी तत्व मौजूद होते हैं। इसके सेवन से अपच, गैस या सूजन की वजह से होने वाले पेट दर्द में आराम मिलता है (3)।
एक चम्मच पिसी सौंफ को एक कप पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। फिर इस मिश्रण के गुनगुना होने पर, इसे छान लें, और इसमें शहद मिलाकर, इसका सेवन करें। दिन भर में 2 से 3 बार इस मिश्रण को पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
5. लहसुन है पेट दर्द में फायदेमंद
लहसुन के सेवन से पेट दर्द को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आपको लहसुन का रस निकालकर 3 छोटे चम्मच पानी में 1 छोटा चम्मच लहसुन का रस मिलाना है। इस मिश्रण को 7 दिनों तक सुबह अथवा शाम को खाना खाने के बाद पीने से गैस और पेट दर्द में बहुत फायदा मिलता है।
6. एलोवेरा जूस से करें पेट दर्द को ठीक
एलोवेरा जूस के इस्तेमाल से दस्त (डायरिया), कब्ज़, और गैस से होने वाले पेट दर्द को ठीक किया जा सकता है। इससे पेट में जलन की समस्या भी दूर होती है। इसके लिए आधा कप एलोवेरा जूस पीना लाभकारी होता है।
7. अनार से करें पेट दर्द का इलाज
अनार के सेवन से गैस की वजह से होने वाले पेट दर्द को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए अनार के दानों को काले नमक के साथ खाना लाभकारी होता है।
पेट में दर्द होने पर किन चीजों से परहेज करना चाहिए अथवा पेट दर्द में क्या नहीं खाना चाहिए? – (What should be avoided during stomach pain in Hindi?)
पेट में दर्द के दौरान निम्नलिखित चीजों को नहीं खाना चाहिए:
- खट्टे खाद्य पदार्थ जैसे नींबू, अचार, आदि
- फैट से भरपूर खाद्य पदार्थ
- तैलीय और मसालेदार पदार्थ
- शराब और सिगरेट
- चाय और कॉफी
- टमाटर से बने खाद्य पदार्थ
- तम्बाकू और गुटखा
- दूध या उससे बने खाद्य पदार्थ
पेट में दर्द के दौरान ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनका सेवन पेट दर्द को बढ़ा सकता है और कई दूसरी जटिलताएं भी पैदा कर सकता है।
तो दोस्तों यहाँ पर मैंने पेट दर्द (Stomach pain in hindi) और उससे सम्बंधित सभी जानकारियां आप सभी के साथ साझा की हैं। आशा है आपको मेरा यह लेख पसंद आया होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
खाली पेट पेट-दर्द होने के क्या कारण हैं?
अपच और गैस जैसी समस्याओं के कारण खाली पेट पेट-दर्द होता है। परंतु कभी कभी यह किसी गंभीर कारण जैसे आंत में ब्लॉकेज आदि की वजह से भी हो सकता है।
मुझे कैसे पता चलेगा कि पेट में दर्द का कारण गैस है?
अगर खाली पेट दर्द हो रहा हो अथवा पेट में ऐंठन हो, तो ऐसा पेट दर्द गैस के कारण हो सकता है।
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संदर्भ (References):
1) Ginger in gastrointestinal disorders: A systematic review of clinical trials
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6341159/
2) Ferula asafoetida: Traditional uses and pharmacological activity
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3459456/
3) Functional foods with digestion-enhancing properties
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22010973/
4) Clinical Methods: The History, Physical, and Laboratory Examinations. 3rd edition.
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK412/
5) Abdominal pain
https://medlineplus.gov/ency/article/003120.htm
6) Stomach ache
https://www.nhs.uk/conditions/stomach-ache/
7) Abdominal pain
https://www.healthdirect.gov.au/abdominal-pain
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अस्वीकरण (DISCLAIMER):
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय / नुस्खे / दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है| हमारे किसी उपाय/नुस्खे/दवा आदि के इस्तेमाल से यदि किसी को कोई नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी|
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इन्हें भी पढ़ें :
1) कब्ज: कारण, लक्षण, नुकसान, इलाज – Constipation in Hindi
2) दस्त (डायरिया) के लक्षण, कारण, घरेलू इलाज Diarrhea in Hindi
3) उल्टी: कारण, लक्षण, इलाज, और घरेलू उपाय Vomiting in Hindi
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