आयुर्वेद में लगभग हर बीमारी का इलाज है। कई आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग इन बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है और ऐसी ही एक औषधि है षडबिंदु तेल।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम षडबिंदु तेल के फायदे, उपयोग और लाभों से लेकर नुकसान (दुष्प्रभाव), खुराक, घटक द्रव्य (सामग्री) आदि तक की जानकारी प्राप्त करेंगे। अतः, इस तेल के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।
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षडबिंदु तेल क्या है? – (What is Shadbindu Tail (Oil) in hindi?)
षडबिंदु तेल (shadbindu tel) एक आयुर्वेदिक तेल है, जिसका उपयोग नस्य (नाक से दवा देना) देने के लिए किया जाता है। इस तेल में रोगाणुरोधी (antimicrobial) और सूजन-रोधी (anti-inflammatory) गुण होते हैं, इसलिए यह सभी प्रकार के नाक और साइनस संक्रमण के इलाज में मदद करता है।
इस तेल का उपयोग साइनोसाइटिस, दृष्टि की कमजोरी, कमजोर दांत, बालों का गिरना, गंजापन, सिरदर्द और अन्य सिर की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
आयुर्वेद में, यह तेल प्रसिद्ध नस्य तेलों में से एक है और इसे तेल पाक विधि (एक आयुर्वेदिक प्रक्रिया) द्वारा हर्बल बेस ऑयल में कई जड़ी-बूटियों को मिलाकर और संसाधित करके तैयार किया जाता है। षडबिन्दु तेल कफ-पित्त विकारों को ठीक करने में मदद करती है और शरीर में, विशेषकर सिर में, त्रिदोषों को संतुलित करता है।
षडबिन्दु तेल के घटक द्रव्य क्या हैं? – (What Are The Ingredients (Composition) of Shadbindu Tail (Oil) in hindi?)
षडबिन्दु तेल के घटक द्रव्यों में निम्नलिखित शामिल हैं (1):
घटक द्रव्य का सामान्य नाम | घटक द्रव्य का वैज्ञानिक नाम | घटक द्रव्य की मात्रा |
तगर | Valeriena wallichi | 19 ग्राम |
अरंडी (कैस्टर) | Ricinus communis | 19 ग्राम |
रास्ना (सुरभी) | Pluchea lanceolata | 19 ग्राम |
जीवंती | Leptadenia reticulata | 19 ग्राम |
अदरक | Zingiber Officinale | 19 ग्राम |
शताह्वा | Anethum sowa | 19 ग्राम |
विडंग | Embelia ribes | 19 ग्राम |
मुलेठी (यष्टिमधु) | Glycyrrhiza glabra | 19 ग्राम |
सैंधव लवण | — | 19 ग्राम |
दालचीनी | Cinnamomum zeylanicum | 19 ग्राम |
तिल का तेल | Sesamum Indicum | 768 मिलीलीटर |
भृंगराज (रस) | Eclipta Alba | 3.072 लीटर |
बकरी का दूध (अजा क्षीर) | — | 3.072 लीटर |
षडबिन्दु तेल किन शारीरिक स्थितियों में उपयोगी है अथवा इसके चिकित्सीय संकेत क्या हैं? – (What Are the Therapeutics Indications of Shadbindu Tail in hindi?)
षडबिंदु तेल के महत्वपूर्ण चिकित्सीय संकेत निम्नलिखित हैं (Important therapeutic indications of Shadbindu Tail in hindi):
- नेजल पॉलीप्स (nasal polyps)
- साइनोसाइटिस (sinusitis) या साइनस संक्रमण (sinus infections)
- नाक की हड्डी टेढ़ी होना (डेविएटेड सेप्टम – deviated septum) या नाक की हड्डी बढ़ना (turbinate hypertrophy)
- कमजोर नजर (weak eyesight)
- बाल झड़ना (hair fall)
- गंजापन (baldness)
षडबिंदु तेल के फायदे और उपयोग क्या हैं? – (What are The Uses and Benefits of Shadbindu Tail (Oil) in hindi?)
षडबिंदु तेल (shadbindu tel) मुख्य रूप से साइनस, नाक गुहा (nasal cavities) और शरीर के ऊपरी हिस्से (जैसे खोपड़ी, मस्तिष्क, बाल, जबड़े की हड्डी, आंखें और मुंह) पर कार्य करता है।
षडबिंदु तेल के मुख्य फायदे और उपयोगों में निम्नलिखित शामिल हैं – (main uses and benefits of Shadbindu Tail (Oil) in hindi):
1) साइनोसाइटिस और साइनस संक्रमण के लिए षडबिंदु तेल के फायदे – (Shadbindu Tail (Oil) Benefits for Sinusitis and Sinus Infections in hindi)
षडबिंदु तेल में एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। परिणामस्वरूप, यह साइनस संक्रमण के इलाज और साइनोसाइटिस से संबंधित सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
साइनोसाइटिस के दो मुख्य प्रकार हैं:
- एक्यूट साइनोसाइटिस (acute sinusitis)
- क्रोनिक साइनोसाइटिस (chronic sinusitis)
अधिकतर वायरस, कवक (fungi), या बैक्टीरिया एक्यूट साइनोसाइटिस का कारण बनते हैं। षडबिंदु तेल एक्यूट साइनोसाइटिस में अधिक प्रभावी नहीं है, लेकिन यह तेल शीघ्र स्वस्थ होने में सहायता करता है। यह बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है, चेहरे के दर्द को कम करता है, और ब्लॉकेज (blockage) को कम करता है। कुछ मामलों में, रोगियों के साइनस में मवाद (pus) भर जाता है, और उनकी नाक से गाढ़ा, पीला-हरा स्राव निकलता है। षडबिंदु तेल ऐसे मामलों में ब्लॉकेज को कम करने में और मवाद के निकास में मदद करता है।
क्रोनिक साइनोसाइटिस के लिए षडबिंदु तेल अधिक प्रभावी उपचार है। क्रोनिक साइनोसाइटिस के प्राथमिक कारणों में नेजल पॉलीप्स (nasal polyps), नाक की हड्डी टेढ़ी होना (डेविएटेड सेप्टम – deviated nasal septum), और एलर्जिक प्रतिक्रियाएं (allergic reactions) शामिल हैं। यह तेल इन सभी अंतर्निहित कारणों में सहायक है।
2) षडबिंदु तेल बार-बार होने वाले सर्दी-जुकाम को रोकता है – (Shadbindu Tail (Oil) Prevents recurrent cold and flu in hindi)
मौसमी फ्लू, सर्दी और खांसी के दौरान षडबिंदु तेल से नस्य लेना फायदेमंद होता है। यह बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है, तथा नाक और मौखिक गुहा को बार-बार होने वाले संक्रमण से बचाता है।
3) नेजल पॉलीप्स के लिए षडबिंदु तेल के फायदे – (Shadbindu Tail (Oil) Benefits for Nasal polyp in hindi)
नेज़ल पॉलीप एक सौम्य, दर्द रहित वृद्धि है जो नाक के मार्ग में विकसित होती है। नेज़ल पॉलीप ऊपरी श्वसन पथ (upper respiratory tract) में पाई जाने वाली पुरानी सूजन का एक सामान्य कारण हैं, तथा यह अस्थमा, एलर्जी और अन्य प्रतिरक्षा विकारों को ट्रिगर कर सकते हैं।
नेज़ल पॉलीप के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:
- नाक बंद होना (nasal blockage)
- बार-बार संक्रमण होना (frequent infections)
- सांस लेने में दिक्कत होना (breathing troubles)
- गंध की अनुभूति न होना – (loss of sense of smell)
षडबिन्दु तेल (shadbindu tel) का उपयोग करने से:
- नेज़ल पॉलीप का आकार कम होता है
- नाक की ब्लॉकेज कम होती है
- गंध की अनुभूति में सुधार होता है
- यह बार-बार होने वाले संक्रमण को रोकता है
षडबिंदु तेल का नस्य नाक के पॉलिप के आकार को छोटा कर देता है, और 3 से 6 महीने तक इसका नस्य नाक के पॉलिप को पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकता है।
4) सिरदर्द के लिए षडबिन्दु तेल के फायदे – (Shadbindu tail (oil) Benefits for headache in hindi)
इस तेल का नस्य सिरदर्द और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता को कम करने में भी मदद करता है।
नस्य उपचार या नस्य कर्म क्या है? – (What is Nasya Treatment or Nasya Karma in hindi?)
ऐसे कई आयुर्वेदिक उपचार हैं, जो आपको कष्टदायक और असुविधाजनक स्थितियों से उबरने में मदद कर सकते हैं। नस्य उपचार (या नस्य कर्म) उनमें से एक है। यह पंचकर्म चिकित्सा में से एक है, जो नाक, गले और कान के रोगों के इलाज में फायदेमंद है।
इस उपचार में आयुर्वेदिक तेल या रस की बूंदों को आपकी नाक में डाला जाता है। यह सिरदर्द, साइनोसाइटिस, माइग्रेन तथा नाक, गले और कान के संक्रमण में फायदेमंद है।
आयुर्वेद के अनुसार, नस्य कर्म मन, प्राण वात, साधक पित्त, तर्पक कफ और मज्जा धातु को प्रभावित करता है। नस्य उपचार में, स्नान से एक घंटे पहले या बाद में खाली पेट नाक के माध्यम से दवा दी जाती है।
नस्य के लिए रोगी को सिर पीछे की ओर झुकाकर लेटाया जाता है, और दवा की 2 से 6 बूंदें प्रत्येक नासिका छिद्र में डाली जाती हैं। मरीज को गहराई से सूंघने के लिए कहा जाता है, फिर वह एक मिनट तक लेटा रहता है, ताकि दवा अंदर तक पहुंच सके।
नस्य उपचार में उपयोग किए जाने वाले लोकप्रिय तेलों में से एक षडबिंदु तेल (shadbindu tel) है। इसके चिकित्सीय गुण साइनोसाइटिस और माइग्रेन से जुड़े दर्द और परेशानी को प्रभावी ढंग से कम करते हैं।
षडबिन्दु तेल के नुकसान (दुष्प्रभाव) क्या हैं? – (What Are The Side Effects of Shadbindu Tail (Oil) in hindi?)
वैसे तो षडबिंदु तेल (shadbindu tel) का कोई दुष्प्रभाव नहीं है; परंतु, नस्य चिकित्सा शुरू करने से पहले हमेशा एक सक्षम आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
हालाँकि, इस तेल के नस्य से नाक में जलन हो सकती है और संवेदनशील व्यक्तियों में स्राव बढ़ सकता है। अधिकतर ये लक्षण सहने योग्य होते हैं और 15 मिनट से 2 घंटे तक रह सकते हैं।
कुछ लोगों को इसके उपयोग के तुरंत बाद छींकें आ सकती हैं, और कुछ लोगों को नस्य थेरेपी लेने के बाद भी आ सकती है, जो सामान्य है।
षडबिंदु तेल की खुराक क्या है? – (What Is The Dosage Of Shadbindu Tail (Oil) in hindi?)
षडबिन्दु का शाब्दिक अर्थ छह बूंद है, इस प्रकार यह पता चलता है कि इसकी सामान्य खुराक छह बूंद है।
हालाँकि, षडबिन्दु तेल की वास्तविक खुराक रोगी की उम्र, शक्ति और रोग की तीव्रता पर निर्भर करती है।
आपका डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य स्थिति और आपके लक्षणों के अनुसार प्रत्येक नाक में इस तेल की 2 से 6 बूंदें डालने का सुझाव दे सकता है।
सावधानियां (Precautions)
- षडबिंदु तेल का प्रयोग अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए।
- इस तेल को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
- इसे सीधी धूप से दूर, ठंडी और सूखी जगह पर रखें।
- इसको अनुशंसित खुराक से अधिक न लें।
षडबिंदु तेल का उपयोग किसे नहीं करना चाहिए? – (What Are The Contraindications for Shadbindu Tail (Oil) in hindi?)
इस तेल (shadbindu tel) का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में नहीं किया जाना चाहिए:
- गर्भावस्था
- इसके किसी भी घटक से एलर्जी होने पर
- नाक पर आघात या चोट लगने पर
संदर्भ (References):
1) Bheshaj Ratnavali Shirorogadhikara
2) Shadbindu Tail (Oil): Uses, Benefits, Dose, Side Effects
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|
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