इस लेख में आपको चंद्रप्रभा वटी (Chandraprabha Vati in Hindi) के फायदे, उपयोग, लाभ, घटक द्रव्य (सामग्री), नुकसान (दुष्प्रभाव) और चिकित्सीय खुराक के बारे में समग्र ज्ञान प्राप्त होगा।
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चंद्रप्रभा वटी क्या है? – (What is Chandraprabha Vati in Hindi?)
चंद्रप्रभा वटी (Chandraprabha vati in hindi) टेबलेट के रूप में उपलब्ध एक सूजन-रोधी आयुर्वेदिक दवा है, जो गुर्दे, मूत्र-पथ, अग्न्याशय, हड्डियों, थायरॉयड ग्रंथि और जोड़ों के विभिन्न रोगों के इलाज के लिए प्रभावी है। इसे चंद्रप्रभा, या चंद्रप्रभा गुलिका के नाम से भी जाना जाता है।
चंद्रप्रभा शब्द दो शब्दों “चंद्र” और “प्रभा” से मिलकर बना है। यहाँ, ‘चंद्र’ चंद्रमा को दर्शाता है जबकि ‘प्रभा’ चमक (1) को संदर्भित करता है। इसलिए, इस वटी का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ता के शरीर को एक चमक प्रदान करना है।
आयुर्वेद के अनुसार, चंद्रप्रभा वटी में 37 घटक द्रव्य होते हैं। इसमें वृष्य (aphrodisiac), बल्य (strength), और रसायन (rejuvenation) गुण होते हैं, जो ताकत बढ़ाने के साथ-साथ प्रतिरक्षा (immunity) में योगदान करने और लंबे समय तक राहत प्रदान करने में सहायक होते हैं। इस वटी का प्रयोग आयुर्वेदिक डॉक्टरों द्वारा विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए व्यापक रूप से किया जाता है, इनमे से प्रमुख हैं:
- प्रमेह (मूत्र मार्ग में संक्रमण – Urinary tract infection)
- अश्मरी (गुर्दे की पथरी – kidney stones)
- अर्श (बवासीर)
- प्रोस्टेट का बढ़ना (Prostate enlargement)
- आनाह (bloating)
- पुरुष बांझपन (Male infertility)
- शुक्र दोष (sperm or semen anomalies)
- मूत्राघात (urinary obstruction)
- ओलिगोमेनोरिया (Oligomenorrhea)
- रजोरोध (Amenorrhea)
- कंडू (खुजली – itching)
- आंत्रवृद्धि (हर्निया – hernia)
चंद्रप्रभा वटी के घटक द्रव्य (सामग्री) क्या हैं? – (What Are The Ingredients (or Composition) of Chandraprabha Vati in Hindi?)
आगे हम चंद्रप्रभा वटी को तैयार करने के लिए उपयोग किये जाने वाले घटक द्रव्य (सामग्री) के साथ-साथ उनके वैज्ञानिक नाम और मात्रा पर एक नज़र डालते हैं। यह 27 घटक द्रव्यों से बनी एक लाभकारी दवा है।
चंद्रप्रभा वटी के घटक द्रव्य हैं:
घटक द्रव्य का सामान्य नाम | घटक द्रव्य का वैज्ञानिक नाम | घटक द्रव्य की मात्रा/अनुपात |
लौह भस्म | Ferric ash | 8 भाग |
वंशलोचन | Bambusa arundinacea | 4 भाग |
इलायची (एला) | Elettaria cardamomum | 4 भाग |
तेजपत्ता | Cinnamomum Tamala | 4 भाग |
दालचीनी | Cinnamomum zeylanicum | 4 भाग |
दंती मूल | Baliospermum montanum | 4 भाग |
त्रिवृत | Operculina turpethum | 4 भाग |
स्वर्ण माक्षिक भस्म | Copper pyrites | 1 भाग |
विड लवण | Black salt | 1 भाग |
सौवर्चल लवण | Sodium sulphate | 1 भाग |
सैन्धव लवण | Rock salt | 1 भाग |
यवक्षार | Potassium carbonate | 1 भाग |
सर्जिकाक्षार | Sodium carbonate | 1 भाग |
गज पिप्पली (फल) | Piper chaba | 1 भाग |
पिप्पली मूल (जड) | Piper longum | 1 भाग |
पिप्पली | Piper longum | 1 भाग |
काली मिर्च | Piper nigrum | 1 भाग |
दार्वी | Berberis aristata | 1 भाग |
शुण्ठी | Zingiber officinalis | 1 भाग |
चित्रक (छाल) | Plumbago zeylanica | 1 भाग |
गुडुची (गिलोय) | Tinospora cordifolia | 1 भाग |
धनिया | Coriander sativum | 1 भाग |
देवदारू | Cedrus deodara | 1 भाग |
विडंग | Embelia ribes | 1 भाग |
भूनिम्ब | Andrographis paniculata | 1 भाग |
चव्य | Piper chaba | 1 भाग |
बिभीतकी | Terminalia chebula | 1 भाग |
हरीतकी | Terminalia bellirica | 1 भाग |
आमलकी (आंवला) | Emblica officinalis | 1 भाग |
मुस्तक | Cyprus rotundus | 1 भाग |
वच | Corus calamu | 1 भाग |
हरिद्रा | Curcuma longa | 1 भाग |
अतिविषा | Aconitum heterophyllium | 1 भाग |
कर्पूर | Cinnamomum camphora | 1 भाग |
शर्करा | Sugar | 16 भाग |
शिलाजीत | Asphaltum | 32 भाग |
गुग्गुल | Commiphora mukul | 32 भाग |
चंद्रप्रभा वटी किन शारीरिक स्थितियों में उपयोगी है अथवा इसके चिकित्सीय संकेत क्या हैं? – (What Are The Therapeutic Indications of Chandraprabha Vati in hindi?)
आयुर्वेदिक डॉक्टर निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए चंद्रप्रभा वटी के सेवन की सलाह देते हैं, अथवा इसके निम्नलिखित चिकित्सीय संकेत हैं:
संकेत/स्वास्थ्य स्थिति | आयुर्वेदिक नाम |
बुढ़ापा रोधी और कायाकल्प करने वाली | रसायनी |
कामोद्दीपक | वृष्य |
भोजन में रुचि की कमी | अरुचि |
कम पाचन शक्ति | मंदाग्नि |
मधुमेह (डायबिटीज) | प्रमेह |
दर्दनाक माहवारी | कष्टार्तव |
आँखों के विकार (Eye disorders) | नेत्र रोग |
दांतों के विकार (Teeth disorders) | दंतरोग |
एनल फिस्टुला (Fistula in ano) | भगंदर |
स्प्लेनोमेगाली (प्लीहावृद्धि या तिल्ली का बढ़ना – Splenomegaly) | प्लीहोदर |
खुजली | कंडू |
बवासीर | अर्श |
चर्म रोग | कुष्ठ |
एक्जिमा | विचर्चिका |
वीर्य, शुक्राणु विसंगतियां (Semen, sperm anomalies) | शुक्र दोष |
अस्थमा, सांस लेने में तकलीफ सहित सांस संबंधी विकार | श्वास |
कमर दर्द | कटि शूल |
हर्निया | आंत्रवृद्धि |
लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis) | हलीमक |
कैंसर | अर्बुद |
एनीमिया | पांडु |
ऑर्काइटिस (orchitis) | अंड वृद्धि |
पीलिया (jaundice) | कामला |
फाइब्रॉएड, ट्यूमर | ग्रंथी |
कब्ज | विबंध |
उदरशूल | शूल |
पेट फूलना (गैस के कारण) | आनाह |
मूत्र पथ के विकार | मेह |
गुर्दे की पथरी | अश्मरी |
पेशाब में रुकावट | मूत्राघात |
पेशाब करने में कठिनाई | मूत्रकृच्छ |
खांसी | कास |
निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में भी डॉक्टरों द्वारा चंद्रप्रभा वटी का सेवन करने का सुझाव दिया जाता है:
- बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया [Benign Prostatic Hyperplasia or BPH]
- फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज (Blocked fallopian tube)
- एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
- अस्पष्टीकृत पुरुष और महिला बांझपन (Unexplained male and female infertility)
- कम ग्लोमेरुलर फिल्टरेशन रेट (Low glomerular filtration rate or Low GFR)
- क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) (Chronic kidney disease or CKD)
- धात सिंड्रोम (Dhat Syndrome)
- संक्रमण (Infection)
- प्रोटीनुरिया (Proteinuria)
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर (High serum creatinine)
- प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन – प्रोस्टेटाइटिस) (Prostate inflammation or prostatitis)
- स्वप्नदोष या नाइटफॉल की समस्या (Nightfall problem)
- शीघ्रपतन (Premature ejacuation)
- पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग (Polycystic ovarian disease or PCOD)
- गाउट (Gout)
चंद्रप्रभा वटी के फायदे और उपयोग क्या हैं? – (What Are The Uses And Benefits Of Chandraprabha Vati in Hindi?)
चंद्रप्रभा वटी नामक इस आयुर्वेदिक औषधि के असंख्य फायदे और उपयोग हैं। आइए आगे यह समझते हैं कि अनुशंसित खुराक में इसका उपयोग करने से आपको को क्या लाभ हो सकते हैं।
1) गाउट के लिए चंद्रप्रभा वटी के फायदे – (Chandraprabha Vati Benefits For Gout in hindi)
चंद्रप्रभा वटी शरीर से क्रिएटिनिन (creatinine) और यूरिया (urea) जैसे विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। यह वटी शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालने और किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए भी उपयोगी है। इस प्रकार, यह गुर्दे के माध्यम से यूरिक एसिड के उत्सर्जन को बढ़ावा देकर गाउट को रोकने के लिए फायदेमंद है।
आमतौर पर, इस वटी का उपयोग यूरिक एसिड के उत्सर्जन (excretion ) को बढ़ाने के लिए पुनर्नवा पाउडर, गोक्षुरादि वटी और गुडुची सत्व जैसी अन्य आयुर्वेदिक औषधियों के साथ किया जाता है (1)।
2) हृदय के लिए चंद्रप्रभा वटी के फायदे – (Chandraprabha Vati Benefits For Heart in hindi)
इस वटी में हल्के उच्चरक्तचापरोधी (anti-hypertensive) प्रभाव होते हैं। यह अत्यधिक शराब का सेवन करने वाले लोगों में विशेष रूप से प्रभावी है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति शराब का आदी है, तो शराब के अधिक सेवन से रक्तचाप बढ़ सकता है और उसमें सिरदर्द जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। यह दवा हृदय को शक्ति प्रदान करके और उच्च रक्तचाप को कम करके इस मामले में प्रभावी रूप से मदद करती है।
यह दिल की धड़कन को कम करने और हृदय गति को सामान्य करने में भी मदद करता है (2)। इस प्रकार, यह टैकीकार्डिया (Tachycardia) और दिल की अनियमित धड़कन (एरिथमिया) के प्रबंधन में भी फायदेमंद है।
3) मूत्र पथ के संक्रमण के लिए चंद्रप्रभा वटी के फायदे – (Chandraprabha Vati Benefits For Urinary Tract Infection in hindi)
यह आयुर्वेदिक औषधि मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) में बहुत फायदेमंद है।
आयुर्वेद में यूटीआई (UTI) को मूत्रकृच्छ्र के नाम से वर्णित किया गया है। यहाँ मूत्र का अर्थ है मूत्र (urine), और कृच्छ्र का अर्थ है कष्टदायक; इस प्रकार, मूत्रकृच्छ्र एक ऐसा रोग है जिसमें बहुत कष्ट से या रुक रुककर थोड़ा थोड़ा मूत्र (पेशाब) होता है। अपने पित्त संतुलन प्रभाव के कारण, चंद्रप्रभा वटी पेशाब के दौरान जलन जैसे यूटीआई (UTI) के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।
4) चंद्रप्रभा वटी वजन घटाने में सहायक है – (Chandraprabha Vati Is Helpful In Weight Loss in hindi)
यह वटी शरीर से अतिरिक्त चर्बी को खत्म करने में उपयोगी है। इस औषधि का शरीर पर शांत-प्रभाव (calming-effect) पड़ता है। ताकत और सहनशक्ति बढ़ाने के साथ-साथ यह मोटापे और सेल्युलाईट के इलाज में भी सहायक है (2)।
5) यह वटी ब्लीडिंग डिसऑर्डर में लाभकारी है – (This Vati Is Beneficial In Bleeding Disorders in hindi)
चंद्रप्रभा वटी रक्त को शुद्ध करने के साथ-साथ रक्त के ऑक्सीजनेशन (oxygenation ) में सुधार करने के लिए एक उपयोगी उपाय है। इसलिए, रक्तस्राव विकारों और एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति राहत पाने के लिए इस वटी का सेवन कर सकता है।
6) संक्रमण के लिए इस वटी के फायदे – (Its Benefits For Infection in hindi)
इस आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग इसके संक्रमणरोधी गुणों (anti-infective properties) के कारण हल्के संक्रमण के इलाज के लिए किया जा सकता है।
7) प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए चंद्रप्रभा वटी के फायदे – (Chandraprabha Vati Benefits For Immunity in hindi)
चंद्रप्रभा वटी का उपयोग इम्युनिटी बूस्टर के रूप में किया जा सकता है। यह वटी याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है, तथा तनाव और कमजोरी से राहत देती है।
8) गठिया और जोड़ों के दर्द के लिए चंद्रप्रभा वटी के फायदे – (Chandraprabha Vati Benefits For Arthritis And Joint Pain in hindi)
चंद्रप्रभा वटी के एनाल्जेसिक (analgesic) और एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण निम्नलिखित स्थितियों में सुधार करने में मदद करते हैं:
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द (Lower back pain)
- घुटने का ऑस्टियोआर्थराइटिस (Knee osteoarthritis)
- रीढ़ की हड्डी का गठिया (Spinal arthritis)
- जोड़ों में दर्द और सूजन (Pain and inflammation in joints)
9) डायबिटीज के लिए चंद्रप्रभा वटी के फायदे – (Chandraprabha Vati Benefits For Diabetes in hindi)
चंद्रप्रभा वटी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावी उपाय है। इस वटी से डायबिटीज (मधुमेह) से ग्रस्त मरीज लाभान्वित हो सकते हैं। यह उन लोगों में पेशाब की आवृत्ति (frequency) को धीरे-धीरे कम कर देता है।
माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया (Microalbuminuria) मूत्र में एल्ब्यूमिन के असामान्य रूप से बढ़े हुए उत्सर्जन को संदर्भित करता है और यह मधुमेह वाले व्यक्ति में गुर्दे की विफलता का प्रारंभिक संकेत है। चंद्रप्रभा वटी को कुछ अन्य आयुर्वेदिक दवाओं के साथ मिलाकर इस स्थिति का इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर मधुमेह संबंधी न्यूरोपैथी (diabetic neuropathy) के इलाज के लिए भी इस वटी के सेवन की सलाह देते हैं (3)।
10) स्तंभन दोष और नपुंसकता के इलाज के लिए चंद्रप्रभा वटी का उपयोग – (Use Of Chandraprabha Vati To Treat Erectile Dysfunction And Impotence in hindi)
आजकल कई पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन और नपुंसकता से पीड़ित रहते हैं। चंद्रप्रभा वटी का कामोत्तेजक प्रभाव इसे पुरुषों में प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक बनाता है। यह वटी प्रजनन हार्मोन्स के स्राव को उत्तेजित करके पुरुष के स्टैमिना (stamina) और कामेच्छा को बढ़ाती है।
आयुर्वेद के अनुसार, इसके वृष्य (कामोत्तेजक) और बल्य (शक्ति प्रदाता) गुणों के कारण, यह वटी स्टैमिना में सुधार करती है और पुरुष यौन रोग में सहायक है।
11) डिसमेनोरिया, एमेनोरिया और ओलिगोमेनोरिया के लिए चंद्रप्रभा वटी के फायदे – (Chandraprabha Vati Benefits For Dysmenorrhea, Amenorrhea, And Oligomenorrhea in hindi)
चंद्रप्रभा वटी में शक्तिशाली इमेनगॉग (emmenagogue) प्रभाव होते हैं, इस प्रकार, यह महिलाओं में हार्मोनल संतुलन को सही करने में मदद करती है, जो अंततः मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं जैसे दर्दनाक पीरियड्स कष्टार्तव (dysmenorrhea), एमेनोरिया (amenorrhea), और अनियमित मासिक धर्म (ओलिगोमेनोरिया – oligomenorrhea) को ठीक करती है।
यह वटी अपने हल्के एंटीस्पास्मोडिक (anti-spasmodic ) प्रभाव के कारण मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन को भी कम करती है।
12) यह वटी तनाव और थकान को कम करती है – (This Vati Reduces Stress And Fatigue in hindi)
चंद्रप्रभा वटी एक संपूर्ण हेल्थ टॉनिक है, और यह:
- शारीरिक दुर्बलता को कम करती है
- शारीरिक शक्ति बढाती है
- तनाव और थकान को कम करती है
यह वटी शरीर को ताजगी के साथ पुनर्जीवित (revitalizes) करती है और उसमें चमक (glow) लाती है। इन प्रभावों के लिए इस वटी का सेवन गाय के दूध के साथ करना चाहिए।
13) सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) के लिए चंद्रप्रभा वटी के फायदे – (Chandraprabha Vati Benefits For Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) in hindi)
सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) बुजुर्ग पुरुषों में मूत्र संबंधी परेशानी का एक आम कारण है।
आयुर्वेद के अनुसार, बढ़ा हुआ वात मलाशय और मूत्राशय के बीच में स्थानीयकृत हो जाता है, जो घनी एवम स्थिर ग्रंथि संबंधी सूजन का कारण बनता है, जिसे वाताष्ठीला (सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया) कहा जाता है।
कम से कम एक से दो महीने तक चंद्रप्रभा वटी का सेवन करने से प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार को नियंत्रित करने और बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
वरुण (Crataeva nurvala) के साथ प्रयोग करने पर यह वटी अधिक प्रभावी साबित होती है।
14) यह प्रजनन स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है – (It Boosts Reproductive Health And Fertility in hindi)
चंद्रप्रभा वटी एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग महिलाओं और पुरुषों दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है।
यह टैबलेट गर्भाशय की मांसपेशियों को भी मजबूत करती है और इस प्रकार अचानक गर्भपात को रोकती है।
चंद्रप्रभा वटी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लिए भी एक बेहतरीन उपाय है। यह टैबलेट सिस्ट को ठीक करने और डिम्बग्रंथि के कार्य को सुचारू बनाये रखने में मदद करती है।
पुरुषों में इसका नियमित उपयोग शुक्राणुओं की संख्या और शुक्राणु गतिशीलता को बढ़ाता है और उनके समग्र यौन स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।
चंद्रप्रभा वटी के सेवन से क्या नुकसान (दुष्प्रभाव) होते हैं? – (What Are The Side Effects Of Consuming Chandraprabha Vati in hindi?)
आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित किए जाने पर चंद्रप्रभा वटी का उपयोग करना सुरक्षित है। इसके अलावा, अनुशंसित खुराक में सेवन करने पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
चंद्रप्रभा वटी के साथ बरती जाने वाली सावधानियां – (Precautions to be taken with Chandraprabha Vati in hindi)
उच्च रक्तचाप के मरीज (Hypertensive Patients)
इस वटी में नमक भी होता है; इसलिए उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) से पीड़ित लोगों को अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इस दवा का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था एवं स्तनपान (Pregnancy & Breastfeeding)
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को चंद्रप्रभा वटी के उपयोग से बचना बेहतर है। परन्तु यदि वे इस वटी (टैबलेट) का उपयोग करना चाहती हैं तो उन्हें अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए।
चंद्रप्रभा वटी का सेवन किसे नहीं करना चाहिए? – (Who Should Not Consume Chandraprabha Vati in Hindi?)
चंद्रप्रभा वटी में लौह भस्म मौजूद होने के कारण इसका सेवन निम्नलिखित स्थितियों में नहीं करना चाहिए:
- अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis)
- थैलेसीमिया (Thalassemia)
- लौह अधिभार (Iron overload)
- पेट का अल्सर Stomach ulcers
चंद्रप्रभा वटी की चिकित्सीय खुराक क्या है? – (What Is The Therapeutic Dosage Of Chandraprabha Vati in hindi?)
अब आप सोच रहे होंगे कि चंद्रप्रभा वटी की अनुशंसित खुराक क्या है? खैर, यह कुछ कारकों के आधार पर भिन्न होती है। इस आयुर्वेदिक वटी की आदर्श खुराक एक व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है और दूसरे व्यक्ति के लिए अलग।
आमतौर पर चंद्रप्रभा वटी की 500 मिलीग्राम की 1 से 2 गोलियां दिन में एक या दो बार लेने की सलाह दी जाती है।
अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार आपको इस वटी (टैबलेट) का पानी या दूध के साथ सेवन करना चाहिए।
यह आयुर्वेदिक औषधि 1 से 2 महीने तक सेवन करने के लिए सुरक्षित है।
इस वटी का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर करना चाहिए। चिकित्सक आपकी बीमारी के प्रकार और गंभीरता के अनुसार आपको आदर्श खुराक का सुझाव दे सकता है।
इस लेख में आपने चंद्रप्रभा वटी नामक रामबाण औषधि के बारे में सब कुछ जान लिया है। यह एक बहुत ही उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग विभिन्न रोगों जैसे मूत्र विकार, बीपीएच, गाउट, डिसमेनोरिया, एमेनोरिया, ओलिगोमेनोरिया, और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम आदि के इलाज के लिए किया जा सकता है। कुछ स्वास्थ्य स्थितियों (जैसे आयरन ओवरलोड, थैलेसीमिया, आदि) को छोड़कर कोई भी इस दवा का सेवन कर सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1) क्या आप चंद्रप्रभा वटी का उपयोग चेहरे पर कर सकते हैं? – (Can You Use Chandraprabha Vati On The Face in hindi?)
चेहरे में चमक (glow) लाने के लिए तथा त्वचा के रंग और बनावट में सुधार करने के लिए चंद्रप्रभा वटी को पीसकर इसके पाउडर को एलोवेरा जेल और गुलाब जल के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाया जा सकता है।
2) क्या चंद्रप्रभा वटी हृदय रोगों के इलाज के लिए उपयोगी है? – (Is Chandraprabha Vati Useful for Treating Heart Conditions in hindi?)
हाँ, यह हृदय संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है। यह वटी (टैबलेट) उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और रक्त वाहिकाओं में वसा के संचय को कम करने में प्रभावी है (2)।
3) चंद्रप्रभा वटी का उपयोग कैसे करें? – (How to use Chandraprabha Vati in hindi?)
चंद्रप्रभा वटी का उपयोग करने से पहले, आपको आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि वह आपकी बीमारी के प्रकार और गंभीरता के अनुसार आपको इसकी आदर्श खुराक का सुझाव दे सकता है। इस वटी का सेवन हल्का भोजन करने के बाद दूध या पानी के साथ किया जाता है।
4) क्या चंद्रप्रभा वटी का उपयोग वजन घटाने के लिए किया जा सकता है? – (Can Chandraprabha Vati be Used for Weight Loss in hindi?)
हां, यह वटी अवांछित स्थानों से अतिरिक्त वसा को हटाकर उसे उचित स्थानों पर पुनर्स्थापित करके वजन घटाने में मदद करती है (2)।
5) क्या चंद्रप्रभा वटी महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी समस्याओं में सहायक है? – (Is Chandraprabha Vati Helpful in Period Complaints in Women in hindi?)
हां, यह वटी मासिक धर्म संबंधी समस्याओं जैसे कष्टार्तव (डिसमेनोरिया), एमेनोरिया, और ओलिगोमेनोरिया में सहायक है।
6) क्या चंद्रप्रभा वटी पाचन समस्याओं के लिए अच्छी है? – (Is Chandraprabha Vati good for Digestive problems in hindi?)
हां, अपने पित्त संतुलन गुण के कारण, चंद्रप्रभा वटी टेबलेट जीईआरडी (GERD), एसिडिटी, अपच जैसी पाचन समस्याओं के प्रबंधन में फायदेमंद है।
यह वटी पाचन में सुधार करती है और तीनों दोषों, विशेषकर पित्त को संतुलित करती है, जो एक अच्छे पाचन तंत्र के लिए जिम्मेदार है।
7) क्या चंद्रप्रभा वटी मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा को नियंत्रित करती है? – (Does Chandraprabha Vati Regulate Blood Sugar In Diabetic Patients in hindi?)
अपने एंटी-ग्लाइसेमिक गुण के कारण, चंद्रप्रभा वटी मधुमेह के प्रबंधन में निम्न तरह से मदद करती है:
- इंसुलिन की क्रिया में सुधार करके
- रक्त में कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर को कम करके
- मधुमेह वाले लोगों में पेशाब की आवृत्ति कम करके
आयुर्वेदिक चिकित्सक भी मधुमेह संबंधी न्यूरोपैथी के इलाज के लिए इस वटी के सेवन की सलाह देते हैं (3)।
8) क्या मैं प्रतिदिन चंद्रप्रभा वटी ले सकता हूँ? – (Can I take Chandraprabha Vati daily in hindi?)
आप चंद्रप्रभा वटी टेबलेट की 500 मिलीग्राम की 1 से 2 गोलियां दिन में एक या दो बार भोजन के बाद ले सकते हैं। इसका सेवन 1 से 2 महीने तक करना सुरक्षित है। लेकिन इस दवा का लंबे समय तक उपयोग अनुशंसित नहीं है।
इस वटी का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए।
संदर्भ (References):
1) Review of Pharmaco-Therapeutic Profile of Chandraprava Vati
https://oaji.net/articles/2019/1791-1563793149.pdf
2) Pharmaco-Therapeutic Profiles of Chandraprabhavati- An Ayurvedic Herbo-Mineral Formulation
3) Antidiabetic activity of Chandraprabha vati? A classical Ayurvedic formulation
4) Chandraprabha Vati: Uses, Benefits, Ingredients, & Dosage
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है| हमारे किसी उपाय/नुस्खे/दवा आदि के इस्तेमाल से यदि किसी को कोई नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी|
इन्हें भी पढ़ें :
1) संजीवनी वटी के फायदे, उपयोग, घटक द्रव्य, खुराक, और नुकसान
2) आरोग्यवर्धिनी वटी के फायदे और नुकसान Arogyavardhini Vati in Hindi
3) अग्नितुंडी वटी के फायदे और नुकसान Agnitundi Vati Uses in Hindi
4) चित्रकादि वटी के फायदे और नुकसान – Chitrakadi Vati Uses in Hindi
5) खदिरादि वटी के फायदे और नुकसान Khadiradi Vati Uses in Hindi
6) लवंगादि वटी के फायदे – Lavangadi Vati Benefits in Hindi