इस लेख में हम सिरदर्द के कारण, लक्षण, प्रकार, परीक्षण, निदान, इलाज, उपचार, रोकथाम, घरेलू उपाय, आदि के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगें।
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सिरदर्द – (Headache in hindi)
“सिरदर्द” शब्द उन स्थितियों के व्यापक स्पेक्ट्रम को शामिल करता है जो आपके जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करती हैं। यह आपके सिर या ऊपरी गर्दन (head or upper neck) में अनुभव होने वाले दर्द को संदर्भित करता है, लेकिन इसमें लंबे समय तक थकान, मूड में बदलाव, बीमार महसूस करना या चिड़चिड़ापन शामिल हो सकता है। इन विभिन्न लक्षणों में से प्रत्येक के साथ, सिरदर्द (headache in hindi) के कई अलग-अलग प्रकार और कारण होते हैं, जिनका निदान करने में आपका डॉक्टर मदद कर सकता है।
सिर दर्द (sar dard) से पीड़ित होना सबसे आम चिकित्सा शिकायतों में से एक है, लगभग 50 से 75 प्रतिशत वयस्कों ने पिछले वर्ष कम से कम एक बार सिरदर्द का अनुभव किया है।
कभी-कभी, सिर दर्द का वर्णन करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में धमक के साथ (throbbing), असहनीय, लगातार या रुक-रुक कर होने वाला दर्द शामिल है। इस दर्द का स्थान सिर के एक हिस्से में हो सकता है, या पूरे सिर को भी प्रभावित कर सकता है।
सिरदर्द (sir dard) स्कूल और काम से अनुपस्थिति का एक प्रमुख कारण है। लगातार सिर में दर्द से जूझने से कुछ लोगों को चिंता और अवसाद महसूस हो सकता है।
सौभाग्य से, दवाओं के साथ या उसके बिना सिरदर्द का इलाज (sar dard ka ilaj) करने के कई तरीके हैं।
सिरदर्द के कारण क्या हैं? – (What Are The Causes of Headaches in hindi?)
सिरदर्द के दौरान, आपको जो दर्द महसूस होता है वह आपके मस्तिष्क, आस-पास की नसों और रक्त वाहिकाओं के बीच संकेतों के मिश्रण से आता है। आपके सिर की मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं की कुछ विशिष्ट नसें आपके मस्तिष्क को दर्द के संकेत भेजती हैं। लेकिन सबसे पहले ये सिग्नल (संकेत) कैसे चालू होते हैं, इसकी सटीक प्रक्रिया अभी तक स्पष्ट नहीं है।
सिरदर्द के कई संभावित कारण (sar dard ke karan ) हैं। कुछ सामान्य कारण हैं (common headaches causes in hindi):
1) आनुवंशिकी (Genetics)
माइग्रेन सिरदर्द (migraine headache in hindi) जैसे सिरदर्द परिवारों में होते रहते हैं। माइग्रेन से पीड़ित अधिकांश बच्चों और किशोरों के परिवार के अन्य सदस्यों को भी माइग्रेन होता है।
जब माता-पिता दोनों को माइग्रेन सिरदर्द का इतिहास रहा हो, तो बच्चे को यह होने की 70 प्रतिशत संभावना होती है। वहीं, जब माता-पिता में से किसी एक को माइग्रेन का सिरदर्द होता है, तो बच्चे के लिए जोखिम 25 से 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
2) परिवेश एवं वातावरण (Surroundings and Environment)
मौसम में बदलाव, रोशनी, शोर, प्रदूषण, कुछ खाद्य पदार्थ, एलर्जी, इत्र या कुछ घरेलू रसायनों की तेज गंध, तंबाकू का धुआं आदि सिरदर्द के संभावित ट्रिगर (probable triggers of headache) हैं।
3) जीवन शैली (Lifestyle)
बहुत अधिक दवाएं लेना, नींद के पैटर्न में बदलाव, किसी एक वक्त का खाना छोड़ना (skipping a meal), शराब का सेवन, खराब मुद्रा के कारण गर्दन में खिंचाव, अवसाद और भावनात्मक तनाव के कारण सिरदर्द हो सकता है।
4) बीमारी (Illness)
कुछ स्थितियों जैसे कान में संक्रमण, गले में संक्रमण, साइनोसाइटिस, बुखार, सर्दी आदि के साथ सिर में दर्द होना आम है। यह सिर पर चोट लगने के कारण भी हो सकता है। दुर्लभ मामलों में, सिर में दर्द (sar dard) किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
सिरदर्द के प्रकार – (Types of Headaches in hindi)
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सिरदर्द 150 से अधिक प्रकार के होते हैं। और वे 2 प्रमुख श्रेणियों में आते हैं:
- प्राइमरी सिरदर्द (primary headache in hindi)
- सेकेंडरी सिरदर्द (secondary headache in hindi)
प्राइमरी सिरदर्द – (primary headaches in hindi)
प्राइमरी सिरदर्द (primary headache in hindi) सबसे आम सिरदर्द है, जो लोगों को चिकित्सीय उपचार की ओर ले जाता है।
यह किसी अन्य चिकित्सीय स्थिति के कारण नहीं होता है, यानी यह अपने आप में एक बीमारी है और किसी अन्य बीमारी का लक्षण नहीं है। अतः इसे प्राइमरी अथवा प्राथमिक सिरदर्द कहा जाता है क्योंकि यह मुख्य चिंता का विषय है।
तनाव और नींद के पैटर्न में व्यवधान भी प्राइमरी सिरदर्द का कारण बन सकते हैं।
प्राइमरी सिरदर्द के कुछ सामान्य प्रकार (common types of primary headaches in hindi):
1) टेंशन-टाइप का सिरदर्द (Tension-type headache in hindi) या टेंशन हेडेक – (Tension Headache in hindi)
टेंशन हेडेक (tension headache in hindi) सबसे आम प्रकार का सिरदर्द है, जो सामान्य आबादी के लगभग तीन-चौथाई लोगों को प्रभावित करता है (1)। यह दर्द हल्का और अल्पकालिक या गंभीर और लंबे समय तक चलने वाला हो सकता है। यह आमतौर पर गंभीर नहीं होता है।
वर्षों से, टेंशन हेडेक (tension headache in hindi) को कई अन्य नामों से भी पुकारा जाता है, जिनमें स्ट्रेस हेडेक (stress headache), मसल कॉन्ट्रैक्शन हेडेक (muscle contraction headache), एसेंशियल हेडेक essential headache), साइकोमायोजेनिक हेडेक (psychomyogenic headache), इडियोपैथिक हेडेक (idiopathic headache), ऑर्डिनरी हेडेक (ordinary headache), और साइकोजेनिक हेडेक (psychogenic headache) शामिल हैं (1)।
पहले, टेंशन-टाइप हेडेक (tension-type headache) को मसल कॉन्ट्रैक्शन हेडेक (muscle contraction headache) कहा जाता था, क्योंकि यह चेहरे, जबड़े और गर्दन की मांसपेशियों से जुड़ा होता है।
यदि आपको टेंशन हेडेक है, तो आपको ऐसा महसूस हो सकता है जैसे आपका सिर दबाया जा रहा है या आपकी दोनों कनपटी एक साथ दब रही हैं। आपको स्कैल्प, गर्दन और कंधे की मांसपेशियों में दबाने पर दर्द महसूस हो सकती है।
टेंशन हेडेक (tension headache) आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होता है और दिन चढ़ने के साथ-साथ बदतर होता जाता है। यह आम तौर पर कई घंटों से लेकर कई दिनों तक चलता है और कई बार कुछ हफ्तों तक भी रह सकता है। जब टेंशन हेडेक (tension headache) लगातार तीन महीने से अधिक समय तक प्रति माह 15 या अधिक दिन होता है, तो इसे दीर्घकालिक या क्रोनिक माना जाता है।
टेंशन-टाइप हेडेक या टेंशन हेडेक के कारण – (Tension-type headache (TTH) or Tension Headache Causes in hindi)
टेंशन हेडेक का कोई एक कारण नहीं है और यह परिवारों में भी नहीं चलता है। कुछ लोगों को सिर की त्वचा (स्कैल्प) और गर्दन के पिछले हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण टेंशन हेडेक (tension headache) होता है।
टेंशन-टाइप हेडेक या टेंशन हेडेक के ट्रिगर – (Triggers of Tension-type headache (TTH) or Tension Headache in hindi)
अधिकतर ये स्कूल, काम, दोस्तों, परिवार या अन्य रिश्तों से तनाव के कारण उत्पन्न होते हैं, लेकिन मांसपेशियों में खिंचाव या काम के दौरान खराब मुद्रा या लंबे समय तक बैठे रहने जैसी मुद्रा संबंधी समस्याओं (postural problems) से भी उत्पन्न हो सकते हैं।
टेंशन-टाइप हेडेक (tension-type headache) के ट्रिगर (triggers of tension-type headache) निम्नलिखित हैं:
- थकावट (fatigue)
- पर्याप्त आराम नहीं करना (not taking enough rest)
- चिंता (anxiety)
- ख़राब मुद्रा (poor posture)
- भूख (hunger)
- मानसिक तनाव, जैसे अवसाद (mental stress, including depression)
- जबड़े या दांत की समस्या (jaw or dental problems)
- अपनी आँखों पर दबाव (स्ट्रेन) डालना (straining your eyes)
- किसी एक समय खाना न खाना (skipping a meal)
2) माइग्रेन सिरदर्द – (Migraine Headache in hindi)
माइग्रेन सिरदर्द प्राइमरी सिरदर्द का दूसरा सबसे आम प्रकार है। यह एक सामान्य प्रकार की न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसके परिणामस्वरूप काफी दर्द और परेशानी हो सकती है।
माइग्रेन सिरदर्द के लक्षण – (Migraine Headache Symptoms in hindi)
दर्द आमतौर पर तीव्र होता है और सिर के एक तरफ धमक (throbbing) के साथ होता है। माइग्रेन सिरदर्द के अन्य लक्षणों (other migraine headache symptoms in hindi) में निम्नलिखित शामिल हैं:
- जी मिचलाना
- चक्कर आना
- प्रकाश, गंध या ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता होना
असफल उपचार या अनुपचारित रहने पर माइग्रेन का प्रकरण (migraine episode) 4 घंटे से 72 घंटे तक रह सकता है।
कुछ लोगों में सिर में दर्द शुरू होने से पहले सेंसरी डिस्टर्बेंस (sensory disturbances) भी होती है, जैसे दृष्टि में परिवर्तन, जिसे ऑरा (aura) के नाम से जाना जाता है। माइग्रेन एपिसोड (migraine episode) की आवृत्ति बहुत भिन्न हो सकती है, लेकिन अधिकांश लोगों को एक महीने में 2 से 4 एपिसोड हो सकते हैं।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को माइग्रेन का सिरदर्द होने की अधिक संभावना होती है। माइग्रेन के सिरदर्द का सटीक कारण (migraine sar dard ke karan) अभी भी अज्ञात है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि यह मस्तिष्क के तंत्रिका मार्गों और रसायनों की गतिविधि में बदलाव के कारण हो सकता है।
3) क्लस्टर सिरदर्द – (Cluster Headache in hindi)
क्लस्टर सिरदर्द एक दुर्लभ और बेहद दर्दनाक प्रकार का प्राइमरी सिरदर्द है, जो एक ही समय में या छोटी अवधि के दौरान समूहों (क्लस्टरों) में होता है। दर्द अचानक शुरू होता है और 15 मिनट से 3 घंटे तक रहता है। क्लस्टर सिरदर्द का एपिसोड (episode of a cluster headache) तेजी से और आमतौर पर बिना किसी चेतावनी के होता है, हालांकि सबसे पहले आपको माइग्रेन जैसी मतली तथा प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता (ऑरा) हो सकती है।
इसकी गंभीरता हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है; कुछ लोगों को हल्के दर्द का अनुभव होता है जबकि अन्य को असहनीय पीड़ा का अनुभव होता है।
क्लस्टर सिरदर्द के कारण – (Cluster headache Causes in hindi)
आम तौर पर क्लस्टर सिरदर्द 20 से 50 वर्ष की आयु के बीच के पुरुषों को प्रभावित करता है, लेकिन यह महिलाओं को भी प्रभावित कर सकता है। यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है कि क्लस्टर सिरदर्द का कारण (cluster sar dard ke karan) क्या है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि हाइपोथैलेमस (जो शरीर के तापमान, रक्तचाप, नींद और हार्मोन के रिलीज़ होने को नियंत्रित करता है) में असामान्यताएं क्लस्टर सिरदर्द के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
क्लस्टर सिरदर्द के संकेत और लक्षण – (Signs And Symptoms of Cluster Headache in hindi)
आम तौर पर क्लस्टर सिरदर्द रात में होता है और रोगियों को नींद से जगा देता है; हालाँकि, यह दिन के दौरान भी हो सकता है। दर्द अक्सर असहनीय और अत्यधिक दर्दनाक होती है तथा यह तीन घंटे तक रह सकती है।
क्लस्टर सिरदर्द के सामान्य संकेत और लक्षण (common signs and symptoms of a cluster headache in hindi) निम्नलिखित हैं:
- बेचैनी (restlessness)
- अत्यधिक आंसू आने (excessive tearing)
- असहनीय दर्द (excruciating pain), जो आम तौर पर एक आंख में, उसके आसपास या पीछे होता है, लेकिन आपके सिर, चेहरे और गर्दन के अन्य क्षेत्रों तक फैल सकता है
- प्रभावित हिस्से पर आपकी आंख का लाल होना (redness of your eye on the affected side)
- एक तरफा दर्द (one-sided pain)
- प्रभावित हिस्से पर नाक बंद या बहती हुई (blocked or runny nose on the affected side)
- माथे पर पसीना (sweating on the forehead)
- पीली त्वचा या आपके चेहरे पर लालिमा (pale skin or flushing on your face)
- प्रभावित हिस्से की पलकें झुकना या सूजी हुई होना (drooping or swollen eyelids on the affected side)
- आपकी आंख के आसपास प्रभावित हिस्से में सूजन (swelling around your eye on the affected side)
क्लस्टर सिरदर्द का इलाज – (Cluster headache Treatment in hindi)
हालांकि क्लस्टर सिरदर्द का कोई इलाज नहीं है, लेकिन ऐसी दवाएं हैं जो इनसे जुड़े दर्द को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं।
4. न्यू डेली पर्सिस्टेंट हेडेक (एनडीपीएच) – (New Daily Persistent Headaches (NDPH) in hindi)
न्यू डेली पर्सिस्टेंट हेडेक (एनडीपीएच) सिरदर्द का एक रूप है जो अचानक शुरू होता है। शुरुआत के बाद, एनडीपीएच 24 घंटों के भीतर पर्सिस्टेंट बन जाता है (2), और फिर लंबे समय तक रोजाना जारी रहता है। अक्सर, यह उन लोगों में होता है जिनका सिरदर्द का कोई पिछला इतिहास नहीं है।
एनडीपीएच कुछ अन्य सिरदर्द के प्रकारों जितना सामान्य नहीं है, लेकिन यह बेहद कष्टदायक हो सकता है और आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
हर दिन दर्द तेज़ या कम हो सकता है, लेकिन यह हमेशा रहता है।
न्यू डेली पर्सिस्टेंट हेडेक के कारण – (New Daily Persistent Headaches Causes in hindi)
डॉक्टर एनडीपीएच के कारण के बारे में बिल्कुल निश्चित नहीं हैं। कुछ छोटे अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि वायरल और अन्य संक्रमणों तथा एनडीपीएच के बीच एक संबंध हो सकता है, लेकिन इसके लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
न्यू डेली पर्सिस्टेंट हेडेक (एनडीपीएच) के लक्षण – (New Daily Persistent Headaches Symptoms in hindi)
एनडीपीएच (न्यू डेली पर्सिस्टेंट हेडेक) के लक्षण माइग्रेन, या टेंशन-टाइप हेडेक या दोनों के लक्षणों के मिश्रण के समान हो सकते हैं। ये हैं:
- मध्यम से गंभीर दर्द
- सिर में दर्द या तो माइग्रेन की तरह थ्रोबिंग (throbbing) या टेंशन हेडेक की तरह कसने वाला (tightening) वाला हो सकता है
- दर्द दिन भर में बेहतर या बदतर हो सकता है
- दर्द आमतौर पर सिर के दोनों तरफ होता है, लेकिन केवल एक तरफ भी हो सकता है
- दर्द जो शारीरिक गतिविधि के बाद बढ़ जाता है
- ध्वनि, प्रकाश या गंध के प्रति संवेदनशीलता
- मतली या उलटी
न्यू डेली पर्सिस्टेंट हेडेक का इलाज – (New Daily Persistent Headaches Treatment in hindi)
एनडीपीएच (NDPH) को बहुत अच्छी तरह से समझा नहीं गया है, और इसलिए इसके इलाज का कोई एक तरीका नहीं है। वर्तमान में, दर्द को कम करने के लिए अक्सर डॉक्टर यह देखते हैं कि दर्द सबसे अधिक सिरदर्द के किस प्रकार से मिलता है (यानि माइग्रेन या टेंशन-टाइप हेडेक), और उसी आधार आधार पर उपचार की सलाह देते हैं।
न्यू डेली पर्सिस्टेंट हेडेक के इलाज के लिए दवाओं (medications for Treatment of NDPH in hindi) में निम्नलिखित शामिल हैं:
- ट्रिप्टान (triptans) आमतौर पर माइग्रेन के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे अलमोट्रिप्टान (almotriptan) या सुमैट्रिप्टन (sumatriptan)
- गैबापेंटिन (gabapentin) या टोपिरामेट (topiramate) जैसी आक्षेप-रोधी दवा (antiseizure medication)
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (nonsteroidal anti-inflammatory drugs), जैसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) या नेप्रोक्सन (naproxen)
- सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (selective serotonin reuptake inhibitors), जैसे फ्लुओक्सेटीन (fluoxetine) या सेर्टालाइन (sertraline)
- ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट (tricyclic antidepressants), जैसे एमिट्रिप्टिलाइन (amitriptyline) या नॉर्ट्रिप्टिलाइन (nortriptyline)
सेकेंडरी सिरदर्द – (Secondary headaches in hindi)
सेकेंडरी सिरदर्द (secondary sir dard) किसी अन्य बीमारी का लक्षण है जो सिर की दर्द-संवेदनशील तंत्रिकाओं (pain-sensitive nerves) को सक्रिय कर सकता है। यह दर्द किसी अन्य स्वास्थ्य विकार के लक्षण के रूप में प्रकट होता है। विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ और विकार सेकेंडरी सिरदर्द का कारण (secondary sar dard ke karan) बन सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- साइनस कंजेशन (Sinus congestion)
- सिस्टमिक कंडीशन (systemic conditions), जैसे संक्रमण
- ब्रेन ट्यूमर (brain tumor)
- दवाओं का अति प्रयोग (medication overuse)
- तंत्रिका संबंधी विकार (nerve disorders)
- हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism)
- ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया (trigeminal neuralgia) और अन्य न्यूराल्जिया, जिसमें मस्तिष्क और चेहरे को जोड़ने वाली कुछ नसों की जलन शामिल है
- सिर पर चोट या आघात (head injury or trauma)
- स्ट्रोक या मस्तिष्काघात (stroke)
- मस्तिष्कावरण शोथ या मेनिन्जाइटिस (meningitis)
- मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ (mental health conditions)
1) साइनस सिरदर्द – (Sinus headache in hindi)
साइनस सिरदर्द एक प्रकार का सेकेंडरी (द्वितीयक) सिरदर्द है। यह बहुत दर्दनाक हो सकता है और कई दिनों तक बना रह सकता है। साइनस माथे और गालों के पीछे खुले मार्ग होते हैं।
यह सिरदर्द (sir dard) साइनस-संक्रमण, जो साइनस में जमाव और सूजन का कारण बनता है, के परिणामस्वरूप होता है।
साइनस सिरदर्द के लक्षण – (Symptoms of Sinus Headache in hindi)
इसके लक्षणों में आपके गालों, आंखों और माथे के आसपास हल्का, धमक के साथ दर्द (throbbing pain) होता है।
साइनस सिरदर्द के अन्य लक्षणों (other symptoms of sinus headache in hindi) में शामिल हैं (3):
- बुखार
- अस्वस्थ होने की सामान्य अनुभूति (general feeling of being unwell)
- मुँह का स्वाद ख़राब होना
- बंद नाक (blocked nose) या नाक बहना (nasal discharge)
- दर्द जो अचानक सिर हिलाने या जोर लगाने से बढ़ जाता है
- सांस की बदबू (bad breath)
- चेहरे पर दबाव या दर्द
- कान में दर्द (ear pain) या कानों में भरापन महसूस होना (feeling of fullness in ears )
- खाँसी
- थकान
- बलगम निकलना (mucus discharge)
- कभी-कभी दर्द जबड़े और दांतों तक फैल सकता है
- गंध की अनुभूति कम होना
लोग, और कभी-कभी डॉक्टर भी, अक्सर माइग्रेन को साइनस सिरदर्द समझ लेते हैं। यदि नाक संबंधी लक्षण मौजूद नहीं हैं, तो इस तरह का सिरदर्द संभवतः माइग्रेन का दौरा (migraine attack) हो सकता है।
साइनस सिरदर्द का इलाज – (Treatment of Sinus Headache in hindi)
आम तौर पर, साइनोसाइटिस (sinusitis) दो से तीन सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है।
साइनस सिरदर्द के इलाज (sinus sar dard ka ilaj) में निम्नलिखित शामिल हैं:
- ओटीसी दर्द निवारक (OTC pain relievers)
- तरल पदार्थ पीना (drinking fluids)
- एंटिहिस्टामाइन्स (antihistamines)
- आराम (rest)
- नेज़ल डिकंजेस्टेंट (nasal decongestants)
- सेलाइन नेजल स्प्रे या सॉल्यूशन (Saline nasal sprays or solutions)
- स्टेरॉयड नेज़ल स्प्रे (steroid nasal sprays) – डॉक्टर के पर्चे पर उपलब्ध
- एंटीबायोटिक्स (antibiotics), यदि कोई जीवाणु संक्रमण है
2) दवा के अति प्रयोग से सिरदर्द – (Medication overuse headache in hindi)
दवा के अति प्रयोग से सिरदर्द (medication overuse headache – MOH) – (जिसे रिबाउंड हेडेक (rebound headache) भी कहा जाता है) – एक प्रकार का सेकेंडरी सिरदर्द है, जो सिरदर्द के इलाज के लिए दवा के लंबे समय तक और अत्यधिक उपयोग के कारण होता है।
ऐसा अनुमान है कि यह (MOH) 5% लोगों को प्रभावित करता है।
यदि किसी व्यक्ति को सिर में दर्द है और उसने महीने में 15 दिनों से अधिक समय तक दर्द निवारक दवाएं भी ली हैं, तो उसे दवा के अति प्रयोग से सिरदर्द (MOH) या रिबाउंड हेडेक होने की संभावना अधिक होती है।
एमओएच के संकेत और लक्षण – (Signs and symptoms of medication overuse headache in hindi)
एमओएच (MOH) या रिबाउंड हेडेक के चिन्ह और लक्षण इस्तेमाल की गई दवा और इलाज किए जा रहे मूल सिरदर्द के प्रकार पर निर्भर हो सकते हैं।
दवा के अति प्रयोग से होने वाले सिरदर्द (एमओएच) के संकेत और लक्षण (Signs and symptoms of medication overuse headache in hindi) निम्नलिखित हैं:
- सिर में दर्द हर दिन या लगभग हर दिन होता है, और अक्सर आपको सुबह जल्दी जगा देता है
- दर्द निवारक दवाओं से दर्द में सुधार होता है, लेकिन जैसे ही आपकी दवा का असर ख़त्म हो जाता है, दर्द फिर से शुरू हो जाता है
- बेचैनी
- जी मिचलाना
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- मुश्किल से ध्यान दे
- चिड़चिड़ापन
दवाएं जो MOH का कारण बन सकती हैं (Medicines that can cause MOH in hindi)
जो दवाएं MOH का कारण बन सकती हैं उनमें शामिल हैं:
- एसिटामिनोफ़ेन (acetaminophen)
- ओपिओइड्स (opioids)
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (nonsteroidal anti-inflammatory drugs), जैसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) और एस्पिरिन (aspirin)
दवा के अति प्रयोग से सिरदर्द का इलाज – (Treatment of Medication Overuse Headache in hindi)
यदि आप दवा के अति प्रयोग से सिरदर्द का अनुभव कर रहे हैं, तो इसका एकमात्र उपचार यह है कि सिरदर्द (sar dard) पैदा करने वाली दवा लेना बंद कर दें।
लेकिन, जो कोई भी दवा बंद कर रहा है उसे डॉक्टर की देखरेख में ही ऐसा करना चाहिए। आपका डॉक्टर एक योजना बना सकता है और दवा बंद करने की प्रक्रिया (withdrawal process) में मदद के लिए वैकल्पिक दवाएं लिख सकता है।
3) संक्रमण के कारण सिरदर्द – (Headaches Due To infection in hindi)
सिर में दर्द होना किसी संक्रमण के सबसे आम लक्षणों में से एक है, जो आधी से अधिक आबादी को उनके जीवन में कभी न कभी प्रभावित करता है। संक्रमण के पहले कुछ दिनों में यह आम है। यह निर्जलीकरण, बुखार, साइनोसाइटिस और निम्न रक्तचाप सहित कई कारकों के कारण हो सकता है।
यदि आपको सर्दी या फ्लू के अन्य लक्षणों जैसे नाक बहना, छींक आना आदि के साथ-साथ सिर में दर्द भी हो रहा है, तो ये संकेत हो सकते हैं कि आपको संक्रमण हो रहा है। ज्यादातर मामलों में, सिरदर्द हानिरहित होता है और कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है।
यदि आप निर्जलित महसूस कर रहे हैं, तो आपका डॉक्टर बहुत सारे तरल पदार्थ (जैसे पानी) पीने और उच्च इलेक्ट्रोलाइट्स वाले खाद्य पदार्थ (जैसे केले) खाने की सलाह दे सकता है। यदि सिरदर्द वास्तव में गंभीर है, तो आपका डॉक्टर दर्द के लिए दवा लिख सकता है।
4) पोस्ट ट्रॉमेटिक सिरदर्द अथवा पोस्ट-ट्रॉमेटिक हेडेक – (Post-Traumatic Headache in hindi)
पोस्ट-ट्रॉमेटिक सिरदर्द किसी भी प्रकार की सिर की चोट के बाद विकसित हो सकता है। इसमें सिर में दर्द मध्यम से गंभीर तक हो सकता है, और यह आमतौर पर आपको चोट लगने के बाद 6 से 12 महीने तक रहता है।
यह सिरदर्द (sar dard) सिर की चोट के महीनों बाद भी विकसित हो सकता है, इसलिए इसका निदान करना मुश्किल हो जाता है। अतः पोस्ट-ट्रॉमेटिक सिरदर्द का निदान सीटी स्कैन (CT scan) या एमआरआई स्कैन (MRI scan) के द्वारा किया जाता है।
पोस्ट-ट्रॉमेटिक सिरदर्द के लक्षण – (Symptoms of Post-Traumatic Headache in hindi)
पोस्ट-ट्रॉमेटिक सिर दर्द के लक्षण (post-traumatic headache symptoms in hindi) निम्नलिखित हैं:
- सिर में दर्द, जो गंभीर से मध्यम होता है
- स्पंदन के साथ सिर में दर्द
- जी मिचलाना और उल्टी
- प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता
- चक्कर आना
- स्मृति समस्याएं
- भ्रम
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- अनिद्रा
- मनोदशा और व्यक्तित्व में बदलाव जैसे अवसाद और घबराहट
पोस्ट ट्रॉमेटिक सिरदर्द का इलाज – (Treatment of Post-traumatic headache in hindi)
पोस्ट ट्रॉमेटिक सिरदर्द का इलाज चोट और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। यह आम तौर पर ओवर-द-काउंटर (over-the-counter) दर्द निवारक दवाओं से ठीक हो जाता है।
आपका डॉक्टर आपको निम्नलिखित दवाओं का सुझाव भी दे सकता है:
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (nonsteroidal anti-inflammatory drugs), जैसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) या नेप्रोक्सन (naproxen)
अपने सिरदर्द के लक्षणों का प्रबंधन करने के लिए आपके पास बिना दवा के विकल्प भी मौजूद हैं। आपका डॉक्टर आपको निम्नलिखित विकल्पों की सलाह दे सकता है:
- रिलेक्सेशन थैरेपी (Relaxation therapy)
- फिज़ियोथेरेपी या फिज़िकल थेरेपी (Physical therapy)
- कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive behavioral therapy)
- ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Occupational therapy)
- नर्व स्टिमुलेशन (Nerve stimulation)
यदि आपको सिर में चोट लगती है, तो आपको अपने डॉक्टर से जल्दी परामर्श करना चाहिए, क्यूंकि वह आपको पोस्ट-ट्रॉमेटिक सिरदर्द के संकेतों और लक्षणों (signs and symptoms of post-traumatic headache in hindi) के उत्पन्न होने की जानकारी रखने में मदद कर सकता है और जल्दी उपचार शुरू कर सकता है।
5) स्पाइनल सिरदर्द (या स्पाइनल हेडेक) – (Spinal headache in hindi)
स्पाइनल सिरदर्द बहुत तीव्र सिरदर्द होता है और यह उन लोगों में काफी आम जटिलता है जो स्पाइनल एनेस्थीसिया (spinal anesthesia) या स्पाइनल टैप (लम्बर पंक्चर – lumbar puncture) से गुजरते हैं। इन दोनों प्रक्रियाओं में स्पाइनल कॉर्ड (spinal cord) और निचली रीढ़ में, लम्बर और सेक्रल नर्व रूट्स (lumbar and sacral nerve roots) को घेरने वाली झिल्ली (membrane) को छेद दिया जाता है।
यदि छोटे पंचर स्थल से मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) का रिसाव होता है, तो आपको स्पाइनल सिरदर्द (जिसे पोस्ट-ड्यूरल पंचर सिरदर्द – post-dural puncture headache – भी कहा जाता है) विकसित हो सकता है। रिसाव के कारण मस्तिष्क को सहारा देने वाले ऊतकों और तंत्रिकाओं में दर्दनाक खिंचाव हो सकता है।
स्पाइनल सिरदर्द आम तौर पर कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रहता है, और आमतौर पर बिना किसी इलाज के अपने आप ठीक हो जाता है। इससे पीड़ित लोग लेटने पर बेहतर महसूस करते हैं और बैठने या खड़े होने पर बदतर महसूस करते हैं।
गंभीर स्पाइनल सिरदर्द (severe spinal headaches) के लिए उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
स्पाइनल सिरदर्द के लक्षण क्या हैं? – (What are the symptoms of a spinal headache in hindi?)
स्पाइनल सिरदर्द के लक्षण (spinal headache symptoms in hindi) निम्नलिखित हैं:
- हल्का, धमक के साथ दर्द (dull, throbbing pain) जिसकी तीव्रता हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकती है
- दर्द सिर के अगले या पिछले भाग में शुरू होता है
- दर्द जो आमतौर पर बैठने या खड़े होने पर बढ़ जाता है और लेटने पर कम हो जाता है
- चक्कर आना
- जी मिचलाना और उल्टी (vomiting in hindi)
- छींकने, खांसने या जोर लगाने पर सिर में दर्द बढ़ जाता है
- गर्दन में दर्द या अकड़न
- कानों में घंटियाँ बजना (टिनिटस)
- गर्दन में अकड़न (stiff neck)
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (फोटोफोबिया)
- धुंधली या दोहरी दृष्टि (blurred or double vision)
स्पाइनल सिरदर्द का इलाज क्या है? – (What is the Treatment of a Spinal Headache in hindi?)
ज्यादातर मामलों में, स्पाइनल सिरदर्द का इलाज (spinal headache treatment in hindi) करने के लिए डॉक्टर आपको निम्नलिखित सलाह देते हैं:
- पूर्ण आराम (bed rest)
- इबुप्रोफेन (ibuprofen) जैसी मौखिक दर्द निवारक दवाएं लेना
- बहुत सारे तरल पदार्थ पीना
- कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन (जैसे चाय, कॉफी और कुछ शीतल पेय)
यदि इन उपायों से 24 घंटों के भीतर आपके सिरदर्द (sar dard) में सुधार नहीं होता है, तो आपका डॉक्टर एपिड्यूरल ब्लड पैच (epidural blood patch) नामक एक प्रक्रिया का सुझाव दे सकता है।
इस प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टर आपके स्वयं के रक्त की थोड़ी मात्रा को पंचर छेद के ऊपर की जगह में इंजेक्ट करते हैं। जब रक्त का थक्का जम जाता है, तो यह छेद को सील कर देता है, जिससे स्पाइनल फ्लूइड (spinal fluid) में सामान्य दबाव बहाल हो जाता है और आपको सिरदर्द से राहत मिलती है।
यह प्रक्रिया लगातार होने वाले स्पाइनल सिरदर्द के इलाज (persistent spinal headaches) में मदद करती है, जो अपने आप ठीक नहीं होता है।
6) मस्तिष्क धमनीविस्फार सिरदर्द (या ब्रेन एन्यूरिज्म हेडेक) – (Brain Aneurysm Headache in hindi)
एन्यूरिज्म सिरदर्द एक प्रकार का सेकेंडरी (या द्वितीयक) सिरदर्द है, जो तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त वाहिका की दीवारें बाहर उभर (bulge out) जाती हैं और रक्त से भरा एक छोटा गुब्बारा बन जाता है। इस स्थिति को मस्तिष्क धमनीविस्फार (brain aneurysm) कहा जाता है।
मस्तिष्क धमनीविस्फार (ब्रेन एन्यूरिज्म) सिरदर्द के कारण क्या हैं? – (What are the causes of brain aneurysm headaches in hindi?)
मस्तिष्क धमनीविस्फार, जो मस्तिष्क धमनीविस्फार सिरदर्द के लिए जिम्मेदार है, का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि निम्नलिखित कारक रक्त वाहिकाओं को परेशान और कमजोर करते हैं:
- एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) – जो रक्त-वाहिका की दीवारों पर वसायुक्त जमाव है
- धूम्रपान (smoking)
- रक्त संक्रमण (blood infection)
- अभिघातजन्य मस्तिष्क की चोंट (traumatic brain injury) – अक्सर कार दुर्घटनाओं के कारण
- एम्फ़ैटेमिन और कोकीन का उपयोग (amphetamine and cocaine use)
मस्तिष्क धमनीविस्फार (ब्रेन एन्यूरिज्म) सिरदर्द के लक्षण – (Symptoms of Brain Aneurysm Headache in hindi)
ब्रेन एन्यूरिज्म सिरदर्द का दर्द हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है, और यह अक्सर स्पंदन (pulsing) या धड़कन (throbbing) की अनुभूति जैसा महसूस होता है।
ब्रेन एन्यूरिज्म मस्तिष्क में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन वितरण में समस्याएं पैदा कर सकता है, जिससे स्ट्रोक या मृत्यु हो सकती है। यह मस्तिष्क के भीतर रक्तचाप में भी परिवर्तन उत्पन्न करता है। एन्यूरिज्म सिरदर्द का दर्द अचानक और तीव्र हो सकता है, तथा आमतौर पर आपके सिर के एक तरफ को प्रभावित करता है।
इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- जी मिचलाना और उल्टी (vomiting in hindi)
- धुंधली दृष्टि (blurred vision)
- प्रकाश या ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता
7) सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द – (Cervicogenic Headache in hindi)
सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द (cervicogenic headache in hindi) एक प्रकार का सिर में दर्द है, जो गर्दन में विकसित होता है और व्यक्ति को अपने सिर में दर्द महसूस होता है।
यह एक सामान्य दीर्घकालिक (क्रोनिक) और आवर्ती (recurrent) प्रकार का सेकेंडरी सिरदर्द है, जो आम तौर पर गर्दन हिलाने के बाद शुरू होता है। लोग अक्सर इसे माइग्रेन या टेंशन सिरदर्द (tension headache) समझ लेते हैं, दोनों ही गर्दन में दर्द का कारण बन सकते हैं।
सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द के कारण क्या हैं? – (What Are The Causes of Cervicogenic Headache?
सीजीएच (CGH) गर्दन में संरचनात्मक समस्याओं (structural problems) के कारण होता है, और अक्सर ग्रीवा कशेरुकाओं (cervical vertebrae) की समस्याओं के कारण होता है। अधिकतर, C1-C3 कशेरुकाएं (vertebrae) इस सिरदर्द का कारण बनने वाली समस्याओं का सामान्य स्थान हैं (4)।
कुछ लोगों में निम्न कारणों से सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द विकसित होता है:
- गर्दन पर लगातार दबाव डालना (straining the neck)
- गर्दन पर चोट (an injury to the neck)
सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द के लिए जिम्मेदार कुछ चिकित्सीय स्थितियों (medical conditions responsible for cervicogenic headache in hindi) में शामिल हैं:
- फ्रैक्चर (fractures)
- ट्यूमर (tumors)
- संक्रमण (infections)
- ऊपरी रीढ़ की हड्डी का गठिया (arthritis of the upper spine)
सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द के लक्षण क्या हैं? – (What are symptoms of a cervicogenic headache in hindi?)
आमतौर पर, जिन लोगों को सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द होता है, उन्हें गर्दन में दर्द और अकड़न के साथ तेज सिरदर्द का अनुभव होता है (4)।
इनके अलावा, सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द के अन्य लक्षण (other symptoms of cervicogenic headache in hindi) हैं:
- गर्दन, कंधे या बांह में एक तरफ दर्द
- आँखों के आसपास दर्द
- गर्दन की कुछ मूवमेंट्स (certain neck movements) सिरदर्द बढ़ा सकती हैं
- आपके सिर या चेहरे के एक तरफ दर्द
- खांसते या छींकते समय दर्द होना
सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द भी ऐसे लक्षण पैदा कर सकता है जो माइग्रेन सिरदर्द के समान होते हैं, जैसे:
- प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता
- जी मिचलाना
- धुंधली दृष्टि
सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द का इलाज – (Treatment of Cervicogenic Headache in hindi)
दोस्तो, सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द का इलाज मुख्य रूप से दर्द के कारण को खत्म करने पर केंद्रित होता है। इसका इलाज व्यक्ति और उनके लक्षणों की गंभीरता पर भी निर्भर करता है।
सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द के कुछ उपचारों (some treatments for cervicogenic headaches in hindi) में शामिल हैं:
i) फिज़ियोथेरेपी या फिज़िकल थेरेपी (Physical therapy)
सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द के लिए फिज़ियोथेरेपी उपचार की पहली पंक्ति है। यह लक्षणों को प्रबंधित करने और आपके गर्दन क्षेत्र में गतिशीलता में सुधार करने में मदद कर सकती है।
ii) दवाएं (Medications)
दर्दनाक या असुविधाजनक लक्षणों से राहत के लिए डॉक्टर आपको निम्नलिखित दवाएं लिख सकता है:
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (nonsteroidal anti-inflammatory drugs), जैसे इबुप्रोफेन या एस्पिरिन
- मसल रिलैक्सेंट दवाएं (muscle relaxant medicines)
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (corticosteroids), जैसे प्रेडनिसोन (prednisone)
- आक्षेपरोधी (anticonvulsants), जैसे वैल्प्रोएट (Valproate)
- एंटीडिप्रेसन्ट (antidepressants)
iii) नर्व ब्लॉक (Nerve block)
आपका डॉक्टर सिर और गर्दन के जोड़ों तथा नसों में दर्द-सुन्न करने वाली दवा इंजेक्ट कर सकता है। यह अस्थायी रूप से दर्द से राहत प्रदान कर सकती है और आपको फिज़िकल थेरेपी के साथ बेहतर काम करने में मदद कर सकती है।
iv) सर्जरी (Surgery)
दुर्लभ मामलों में, यदि सीजीएच (CGH) के कारण आपका दर्द गंभीर है, तो आपका डॉक्टर आपकी नसों को दबने से बचाने के लिए सर्जिकल प्रक्रिया (surgical procedure) का सुझाव दे सकता है।
सिरदर्द के परीक्षण और निदान – (Headache Tests and Diagnosis in hindi)
जैसा कि आप सभी ने देखा है, सिरदर्द के कई प्रकार होते हैं और इसलिए उनका निदान अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। अतः जब भी सिर में दर्द (sir dard) शुरू हो या जब यह गंभीर हो रहा हो, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आपका डॉक्टर सिर दर्द का निदान करने के लिए:
- आप से आपके चिकित्सीय इतिहास, पारिवारिक इतिहास और सिरदर्द के लक्षणों के बारे में पूछेगा
- आपका शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल परिक्षण (physical and neurological examination) करेगा
- सिरदर्द के उपचार के आपके इतिहास के बारे में पूछेगा
तो, आइए उन सभी प्रश्नों को समझें जिनका उत्तर देने के लिए आपको डॉक्टर के सामने तैयारी करने की आवश्यकता है ताकि उसे आपके सिरदर्द का मूल्यांकन और निदान करने में मदद मिल सके।
आपके सिरदर्द का विवरण – (description of Your headache)
यहां, आपको अपने सिरदर्द का विस्तृत विवरण देना होगा जिसमें शामिल हैं:
- आपकी नींद की आदतें
- आपका सिरदर्द (sar dard) आपको कैसा महसूस कराता है
- ऐसा कितनी बार होता है
- सिरदर्द के दौरान दर्द की तीव्रता
- आपके तनाव का स्तर
- यदि आपको कोई व्यक्तिगत या व्यावसायिक समस्या है
- हर बार यह कितने समय तक रहता है
- कैफीन की मात्रा जो आप प्रतिदिन लेते हैं
- घटनाएँ, पेय या खाद्य पदार्थ जो सिरदर्द को ट्रिगर करते हैं
पारिवारिक इतिहास और सिरदर्द का नैदानिक विवरण – (Family History and Clinical Descriptions of Headaches)
आपका डॉक्टर आपसे सिरदर्द के लक्षणों के साथ-साथ अन्य प्रश्न भी पूछेगा जैसे:
- परिवार में और किसको सिर में दर्द है?
- सिरदर्द से पहले, बीच में या बाद में आप क्या लक्षण महसूस करते हैं?
- क्या शारीरिक गतिविधि से सिर में दर्द बढ़ जाता है?
- सिर में दर्द (sir dard) का स्थान
- क्या सिरदर्द बिना किसी चेतावनी के अचानक होता है या सहवर्ती लक्षणों के साथ होता है?
- क्या दिन का कोई विशेष समय होता है जब सिरदर्द होता है?
- क्या आपको सिरदर्द से पहले ऑरा (aura) (जैसे दृष्टि में बदलाव, चमकती रोशनी, आदि) का अनुभव होता है?
सिरदर्द के उपचार का इतिहास – (History of Headache Treatments)
यहां, चिकित्सक आपसे निम्नलिखित के बारे में पूछेगा:
- कोई पिछला सिरदर्द का उपचार
- यदि आपने सिरदर्द या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के लिए पहले कोई दवा ली हो या वर्तमान में ले रहे हों।
सिरदर्द के लिए शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल परीक्षण – (Physical and Neurological Examinations For Headache)
अब चिकित्सक आपकी शारीरिक जांच करेगा। वह किसी बीमारी के संकेतों और लक्षणों की तलाश करेगा जो सिरदर्द का कारण (sar dard ke karan) हो सकते हैं, जैसे:
- जी मिचलाना (nausea)
- बुखार (fever)
- चक्कर आना (dizziness)
- दौरा पड़ना या सीज़र (Seizures)
- बोलने में कठिनाई (speech difficulties)
- अनुचित व्यवहार (inappropriate behavior)
- व्यक्तित्व में परिवर्तन (changes in personality)
- मानसिक भ्रम (mental confusion)
- संतुलन की समस्या (balance problems)
- होश खोना (loss of consciousness)
- अत्यधिक थकान (excessive fatigue)
- मांसपेशियों में झुनझुनी, सुन्नता या कमजोरी (muscle tingling, numbness, or weakness)
- संक्रमण (infection)
- दृष्टि संबंधी समस्याएं जैसे धुंधली दृष्टि (blurry vision), या दोहरी दृष्टि (double vision)
न्यूरोलॉजिकल परीक्षणों का उद्देश्य किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति का पता लगाना है, जो आपके सिरदर्द का कारण (sar dard ke karan) हो सकती है। ये बीमारियाँ निम्नलिखित हो सकती हैं:
- धमनीविस्फार (aneurysm)
- मस्तिष्कावरण शोथ (meningitis)
- संक्रमण, जैसे लाइम डिजीज (Infections such as Lyme disease)
- चोट लगने की घटनाएं (injuries)
- साइनस में ब्लॉकेज या साइनस की बीमारी (Sinus blockage or disease)
- ट्यूमर (tumor)
- मस्तिष्क का संक्रमण (infection of the brain)
- जलशीर्ष (hydrocephalus)
- स्यूडोट्यूमर सेरेब्री (Pseudotumor cerebri)
- वायरल या बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (viral or bacterial meningitis)
- मस्तिष्क में रक्त स्त्राव (brain hemorrhage)
- एब्सेस (abscess)
- सिर में चोट (head trauma)
- रक्त के थक्के (blood clots)
- एन्सेफलाइटिस (Encephalitis) – मस्तिष्क की सूजन
आपके सिरदर्द (sar dard) के विवरण, पारिवारिक इतिहास, शारीरिक परीक्षण और न्यूरोलॉजिकल परीक्षण के परिणामों का मूल्यांकन करने के बाद, आपका डॉक्टर यह निर्धारित करने में सक्षम होगा कि:
- आपको किस प्रकार का सिरदर्द हो रहा है
- कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या मौजूद है या नहीं
- कुछ अतिरिक्त परीक्षणों की आवश्यकता है या नहीं
आप अपने सिरदर्द के बारे में अपने डॉक्टर को जो जानकारी देते हैं, वह निदान प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस प्रकार, अपने डॉक्टर को अपने सिरदर्द के बारे में जितनी संभव हो उतनी जानकारी देकर आपको एक सटीक निदान और उपचार योजना प्राप्त होने की अधिक संभावना है।
सिरदर्द के लिए परीक्षण – (Tests for Headache in hindi)
सिर दर्द (sir dard) के अधिक गंभीर कारणों का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर या फिजीशियन कुछ परीक्षण कराने की सलाह देंगे:
परीक्षण (Tests) | यह पता लगाता है (detection) |
रक्त परीक्षण (Blood Tests) | संक्रमण जैसे सिरदर्द के संभावित कारणों का पता लगाने के लिए |
साइनस एक्स-रे (Sinus X-Ray) | यह एक इमेजिंग परीक्षण है, जो आपके साइनस को देखने के लिए एक्स-रे का उपयोग करता है और साइनस के किसी भी जमाव या सूजन का पता लगाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। |
कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन (Computerized Tomography Scan) | यह मस्तिष्क की विस्तृत क्रॉस-सेक्शनल छवियां बनाने के लिए एक्स-रे की एक श्रृंखला का उपयोग करता है और डॉक्टरों को मस्तिष्क क्षति, ट्यूमर, मस्तिष्क में रक्तस्राव, संक्रमण और अन्य संभावित चिकित्सा समस्याओं का निदान करने में मदद करता है, जो सिरदर्द का कारण बन सकती हैं। |
एमआरआई (Magnetic Resonance Imaging – MRI) | यह मस्तिष्क और रक्त वाहिकाओं की विस्तृत छवियां उत्पन्न करने के लिए एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। यह डॉक्टरों को स्ट्रोक, ट्यूमर, संक्रमण, मस्तिष्क में रक्तस्राव, तथा मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की अन्य स्थितियों का निदान करने में मदद करती है। |
स्पाइनल टैप (Spinal Tap) – इसे लम्बर पंचर (lumbar puncture) के रूप में भी जाना जाता है | स्पाइनल टैप एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें मस्तिष्क की कुछ स्थितियों जैसे सूजन, रक्तस्राव आदि के निदान के लिए मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) को निकालने के लिए स्पाइनल कैनाल (spinal canal) में एक लंबी सुई डाली जाती है। |
नेत्र परीक्षण (Eye exam) | एक नियमित नेत्र परीक्षण किसी अन्य दृष्टि या नेत्र संबंधी स्थिति का पता लगाने में मदद कर सकता है जो आपके सिरदर्द का कारण बन सकती हैं। |
सिरदर्द के ट्रिगर – (Headache Triggers in hindi)
कुछ पर्यावरणीय कारक, गतिविधियाँ और आहार सिरदर्द को ट्रिगर कर सकते हैं। सिरदर्द के ये सामान्य ट्रिगर (common triggers of headache) निम्नलिखित हैं:
- गतिविधियाँ जैसे व्यायाम, जेट लैग, सिर के ऊपर सामान उठाना, आदि तथा शारीरिक निष्क्रियता
- शराब का सेवन
- श्रवण संबंधी कारक (auditory factors), जैसे तेज़ संगीत
- कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कॉफ़ी, शीतल पेय, चाय, आदि
- किसी एक समय भोजन न करना (skipping a meal)
- क्रोध, अवसाद, चिंता, उदासी जैसी भावनाएँ
- कुछ दवाएँ
- हार्मोन
- तेज़ या चमकती रोशनी
- अभिघात
- नींद की आदतों में बदलाव
- किसी वाहन से यात्रा
- एलर्जी (जैसे मौसमी या पराग एलर्जी)
सिरदर्द का इलाज – (Treatment for Headaches in hindi)
आपको किस प्रकार के सिरदर्द के इलाज (sar dard ka ilaj) की आवश्यकता है, यह विभिन्न बातों पर निर्भर करेगा, जैसे कि आपको किस प्रकार का सिर दर्द होता है, यह कितनी बार होता है, और इसका अंतर्निहित कारण (underlying cause)।
इस प्रकार, आपका उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर आपके सिरदर्द के अंतर्निहित कारण (sar dard ke karan) को ठीक करने पर ध्यान देंगे।
यदि कोई अंतर्निहित कारण नहीं है, तो आपके लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं।
1) सिर दर्द के तीव्र उपचार – (Acute treatments of Headache in hindi)
तीव्र उपचारों में, सिरदर्द और उसके लक्षणों का इलाज उसके शुरू होने के बाद किया जाता है। इनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
- नेज़ल स्प्रे (Nasal sprays)
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (nonsteroidal anti-inflammatory drugs), जैसे इबुप्रोफेन, नेप्रोक्सन, आदि
2) सिरदर्द के निवारक उपचार – (Preventive treatments of Headache in hindi)
सिरदर्द (sar dard) की घटनाओं और इसके लक्षणों की गंभीरता को सीमित करने में मदद के लिए निवारक उपचार नियमित रूप से लिए जाते हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
- एंटीडिप्रेसन्ट (antidepressants)
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर (calcium channel blockers)
- आक्षेपरोधी दवाएं (antiseizure medications)
- एंटीसाइकोटिक दवाएं (antipsychotic medications)
- इंजेक्शन से दी जाने वाली दवाएँ (injectable medications), जैसे गैलकेनज़ुमैब (galcanezumab)
3) सिरदर्द के लिए वैकल्पिक उपचार – (Alternative treatments For Headaches in hindi)
दवा के अलावा, सिरदर्द के इलाज के विभिन्न वैकल्पिक रूप भी उपलब्ध हैं। लेकिन, नए उपचार शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना बहुत महत्वपूर्ण है।
सिरदर्द के वैकल्पिक उपचार (alternative treatments for headaches) निम्नलिखित हैं:
- आहार परिवर्तन (diet changes)
- हीट थेरेपी (heat therapy)
- मालिश (massage)
- एक्यूपंक्चर (acupuncture)
- कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive behavioral therapy – CBT)
- ऑक्सीजन थेरेपी (oxygen therapy)
- ध्यान (meditation)
सिरदर्द के लिए घरेलू उपाय – (Sar Dard ke Liye Gharelu Upay in hindi)
सिरदर्द को रोकने या दर्द को कम करने के लिए कुछ रणनीतियाँ (या घरेलू उपाय) हैं। ये हैं:
1) खूब पानी पिएं – निर्जलीकरण सिरदर्द का एक आम कारण है।
2) पर्याप्त नींद लें – पर्याप्त नींद न लेने से थकान और सिरदर्द हो सकता है।
3) स्वास्थ्यकर भोजन करें – पौष्टिक भोजन खाने से आपके शरीर को सर्वोत्तम तरीके से काम करने में मदद मिलती है और सिरदर्द को रोकने में मदद मिल सकती है।
4) नियमित व्यायाम करें – व्यायाम से एंडोर्फिन निकलता है, जो दर्द और टेंशन सिरदर्द (tension headaches) से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
5) तनाव को प्रबंधित करें – तनाव सिरदर्द का एक प्रमुख कारण हो सकता है। तनाव कम करने के लिए आप योग और ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं।
6) शराब का सेवन सीमित करें।
7) आंखों को स्ट्रेन (strain) से बचाने के लिए और शरीर को स्ट्रेच (stretch) करने के लिए काम करते समय बीच बीच में ब्रेक लें।
8) सिर या गर्दन पर हीट या आइस पैक का प्रयोग करें।
सिरदर्द की रोकथाम – (Prevention Of Headaches in hindi)
सिरदर्द को रोकने की मुख्य कुंजी यह पता लगाना है कि वह किस कारण से ट्रिगर होती है। सिर दर्द के ट्रिगर प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत विशिष्ट होते हैं, इसका मतलब है कि जो आपके सिरदर्द को ट्रिगर करता है, वह दूसरे व्यक्ति के लिए समस्या नहीं हो सकता है। इस प्रकार, एक बार जब आप अपने ट्रिगर्स के बारे में पुष्टि कर लेते हैं, तो आप उन्हें कम कर सकते हैं या उनसे बच सकते हैं।
उदाहरण के लिए, आप देखते हैं कि तेज़ गंध से आपका सिरदर्द थोड़ा और बढ़ जाता है। सुगंध और सुगंधित उत्पादों से परहेज करने से आपको सिरदर्द की कितनी घटनाओं का सामना करना पड़ता है, इसमें बड़ी कमी आ सकती है।
यही बात अन्य सामान्य कारणों जैसे नींद की कमी, तेज़ रोशनी, ख़राब मुद्रा आदि पर भी लागू होती है।
यदि आपका सिरदर्द बदतर होता जा रहा है या आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर बुरा असर डाल रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श करने का समय आ गया है। आपका डॉक्टर यह पहचान सकता है कि आपको किस प्रकार का सिरदर्द है या आपके सिरदर्द का कारण क्या है, और वह इसका उचित इलाज कर सकता है।
सारांश – (Summary in hindi)
सिरदर्द (sar dard) सबसे आम चिकित्सा शिकायतों में से एक है, और यह विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है। हालाँकि अधिकांश सिरदर्द गंभीर नहीं होते हैं, किन्तु कुछ काफी दर्दनाक और विघटनकारी हो सकते हैं। कुछ मामलों में, यह अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
सिरदर्द (headache in hindi) कई प्रकार के होते हैं और इसका उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को ओवर-द-काउंटर दवाओं (over-the-counter medications) से राहत मिलती है, जबकि अन्य को प्रिस्क्रिप्शन दवा (prescription medication) या यहां तक कि सर्जरी की आवश्यकता होती है। ऐसे कई प्राकृतिक उपचार भी हैं, जो सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
अंत में, यदि सिरदर्द एक ऐसी समस्या है जिससे आप नियमित रूप से पीड़ित हैं, तो मैं सुझाव दूंगा कि आप पहले अपने डॉक्टर से बात करें। वह आपके सिर दर्द के प्रकार और उसके कारण की पहचान करने तथा उसका उचित इलाज करने में सक्षम होगा।
सन्दर्भ (References):
2) New daily persistent headache: a systematic review on an enigmatic disorder
https://thejournalofheadacheandpain.biomedcentral.com/articles/10.1186/s10194-019-1022-z
3) Sinusitis
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK470383/
4) Cervicogenic Headache
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK507862/
5) Headache: Types, Causes, Symptoms, Diagnosis, Treatment
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|
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