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जौ (बार्ले) क्या है? – What is Barley (Jau) in Hindi?
दोस्तो, जौ एक अनाज है, जिसका उत्पादन प्राचीन काल से किया जा रहा है। इसको अनाज का राजा भी माना जाता है, चाहे आज यह गेहूं, चावल (धान), आदि अन्य अनाजों की तुलना में ज्यादा चलन में नहीं है| यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स (कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फोरस आदि), और विटामिन्स (विटामिन सी, नियासिन, थायमिन, राइबोफ्लेविन, आदि), जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है| यह कई शारीरिक समस्याओं में भी फायदेमंद माना जाता है|
संस्कृत में इसे “यव” भी कहा जाता है| अमरीका, रूस, जर्मनी, यूक्रेन, कनाडा और भारत में मुख्य रूप से इसकी पैदावार होती है|
आयुर्वेदीय संहिताओं में जौ के तीन प्रकार के भेदों का वर्णन मिलता है| इसका पौधा लगभग 60-150 सेंटीमीटर ऊँचा, सीधा और शाकीय होता है| इसके पत्ते भालाकार, सीधे, रेखित, चपटे, और 22-30 सेंटीमीटर लम्बे होते है| यह पौधा दिसम्बर से अप्रैल महीने के बीच फलता-फूलता है|
यह प्रकृति से कड़वा, मधुर, लघु, रूक्ष, कफ पित्त कम करने वाला, बल को बढ़ाने वाला, पुरीषजनक, वृष्य, और मूत्र संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने वाला होता है|
जौ का उपयोग भूख न लगना, पेट दर्द, अत्यधिक प्यास लगना, दस्त, आदि अनेक रोगों में राहत पाने के लिए किया जाता है|
जौ (बार्ले) के कितने प्रकार हैं? – What are the Types of Barley (Jau) in Hindi?
दोस्तो, आप में से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते होंगे कि जौ विभिन्न रूपों में उपलब्ध होता है| आगे इस लेख में मैं आपको बाजार में मिलने वाले जौ के मुख्य प्रकार बता रहा हूँ:
फ्लेक्स (Flakes in hindi)
यह जौ का एक आम प्रकार है, जिसे जौ (बार्ले) के बीजों को चपटा करके बनाया जाता है| फ्लेक्स इसका रेडी टू ईट (ready to eat) प्रकार है अर्थात इसे पकाने की जरूरत नहीं पड़ती|
इसका प्रयोग पहले से ही पके हुए भोजन के रूप में किया जाता है| इसे गर्म या ठंडा दोनों ही रूपों में खाया जा सकता है|
ये फ्लेक्स काफी सेहतमंद होते हैं और इन्हें नाश्ते में खाने से आपको बहुत फायदा मिलता है|
जौ का आटा (Jau ka Aata or Barley Flour in hindi)
यह बारीक पीसा हुआ जौ है, जिसे आटे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है| जैसे गेहूं की रोटी बनाई जाती है उसी प्रकार इसे भी पानी के साथ गूंद कर रोटियां बनाई जाती हैं| इसके अतिरिक्त इसके आटे से ब्रेड (bread) भी बनाई जाती है|
मोटा आटा (ग्रिट्स or Grits in hindi)
इसे बनाने के लिए जौ के ऊपर के दानों पर लगे हुए छिलकों को हल्का भून कर उन्हें हटा दिया जाता है| इसके बाद इसे पीसा जाता है तो यह हलके मोटे आटे का रूप ले लेता है|
चोकर (हुल्ड बार्ले or Hulled Barley in hindi)
इसे चोकर या हुल्ड (Hulled Barley in Hindi) कहते हैं| जौ के इस प्रकार में फाइबर की सबसे ज्यादा मात्रा होती है, जिसके कारण इसे बार्ले (Jau) का सबसे पौष्टिक प्रकार माना जाता है| इसे जौ का साबुत रूप भी कहते हैं| इसका सेवन कब्ज में करने से बहुत लाभ मिलता है|
सफ़ेद दाने (पर्ल बार्ले or Pearl Barley in hindi)
इस प्रकार में बार्ले (jau) के दाने मोती की तरह सफ़ेद, छोटे और गोलाकार होते हैं| चमकते मोती की तरह दिखने के कारण इसे पर्ल बार्ले कहते हैं| ज्यादतर इसका उपयोग मुख्यता सलाद और सूप में किया जाता है| यह जौ का सबसे खूबसूरत रूप है|
जौ (बार्ले) में कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं? – What Nutrients are found in Barley (Jau) in Hindi?
जौ (बार्ले) में बहुत से पोषक तत्व मौजूद पाए जाते हैं|
इसमें कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन, डाइटरी फाइबर, विटामिन्स (फोलेट, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन डी, विटामिन बी, विटामिन ई, विटामिन ए, विटामिन के), और मिनरल्स (कैल्शियम, मैग्नीशियम,आयरन, फास्फोरस, सोडियम, पोटैशियम, जिंक, आदि) आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं|
कोलेस्ट्रॉल की मात्रा इसमें शून्य होती है|
जौ (बार्ले) के क्या फायदे हैं? – What are the Benefits of Barley (Jau) in Hindi?
दोस्तो, जौ (jau in hindi) में मिनरल्स, विटामिन्स और बहुत सारे जरूरी पोषक तत्व होते हैं, इसी कारण इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं| आयुर्वेद के अनुसार जौ की तासीर सम मानी जाती है अर्थात इसकी तासीर न तो ज्यादा गर्म होती है और न ही ज्यादा ठंडी| इसे पीसकर इसके आटे की रोटियां बना कर खाई जाती हैं, या इसे पानी में उबाल कर भी इसका सेवन किया जाता है|
आगे मैं आपको जौ के 15 महत्वपूर्ण फायदे (Jau ke 15 Fayde in hindi) बता रहा हूँ:
1) जौ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है – Barley (Jau) Boosts Immunity in Hindi
जौ और इसकी पत्तियों में कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं|
जौ से संबंधित एक शोध में पाया गया है कि इसकी पत्तियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने वाले गुण पाए जाते हैं| और यह भी पाया गया कि इसके बीज में मौजूद बीटा-ग्लूकेन (β-glucans) रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने का भी काम कर सकता है (1)| अतः इसे खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ावा मिलता है|
2) जौ पाचन शक्ति को बढाता है और कब्ज में फायदेमंद है – Barley Improves Digestion and is Beneficial in Constipation in Hindi
जौ (बार्ले) पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है| इसके लिए जौ का आटा भी काफी फायदेमंद साबित होता है।
हल्का होने के कारण यह शीघ्र ही पच जाता है और एसिडिटी से राहत दिलाता है|
इसके अतिरिक्त सामान्य पेट दर्द में दूध में इसे मिलाकर पीने से फायदा मिलता है|
एक शोध में यह पाया गया है कि जौ में मौजूद डायट्री फाइबर (dietary fiber) आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं| शोध में यह भी पाया गया कि बार्ले (barley in hindi) कब्ज से राहत दिलाने में भी मददगार हैं| फर्मेंटेड जौ के अर्क (Fermented barley extract) में कब्ज से राहत दिलाने वाला (laxative) प्रभाव पाया जाता है| इसमें मौजूद बीटा-ग्लूकेन और ब्यूटेरिक एसिड जौ के इस प्रभाव के लिए मुख्य कारण हैं (1)|
अतः पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ ही कब्ज की दिक्कत से राहत दिलाने में जौ खाना काफी मददगार साबित हो सकता है|
3) जौ वजन घटाने में मददगार है – Barley (Jau) is helpful in weight loss in Hindi
दोस्तो, जिन लोगों का वजन ज्यादा है या जो मोटापे का शिकार हैं, उन्हें अपने आहार में बार्ले (barley in hindi) को जरूर शामिल करना चाहिए| इसमें फाइबर की उच्च मात्रा की मौजूदगी आपकी चर्बी को कम करने में मदद करती है और वजन को नियंत्रित रखती है|
जौ में रेजिस्टेंट स्टार्च, बीटा-ग्लूकेन, टोकोल्स, पॉलीफिनोल्स, फाइटोस्टेरोल्स, और डायट्री फाइबर, पाए जाते हैं| इन सभी तत्वों के कारण इसमें एंटीओबेसिटी (वजन को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है (1)|
इसके इलावा जौ में मौजूद बीटा ग्लूकेन भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है|
4) जौ टाइप-2 डायबिटीज (मधुमेह) से बचाव में सहायक है – Barley is helpful in preventing type-2 diabetes in Hindi
टाइप-2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes) की समस्या से राहत पाने के लिए जौ बहुत लाभकारी साबित हो सकता है|
यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और इन्सुलिन के स्राव को भी सुधारता है; जिससे टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना कम होती है|
इसमें फाइबर की भी अच्छी मात्रा मौजूद होती है, जो शर्करा (शुगर) के अवशोषण (absorption) को कम करती है जिससे खून में शर्करा का स्तर सही बना रहता है|
इसमें मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, जो शरीर में लगभग 300 प्रकार के रसायनों का निर्माण करने में मदद करता है और शरीर में इन्सुलिन की जरूरत को भी पूरा करता है|
एक शोध में पाया गया है कि फेलोलिक्स और बीटा-ग्लूकेन की मौजूदगी के कारण जौ में ब्लड शुगर कम करने वाला (hypoglycemic) प्रभाव पाया जाता है| इसका यह प्रभाव टाइप-2 डायबिटीज की समस्या में राहत दिलाने का काम करता है (2)|
5) यह हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है – It is Beneficial for Heart Health in Hindi
जौ हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत फायदेमंद माना जाता है|
दोस्तो कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है: HDL कोलेस्ट्रॉल और LDL कोलेस्ट्रॉल| LDL कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर आपके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और दिल का दौरा या स्ट्रोक आदि दिक्कतें होने का खतरा बढ़ जाता है| जौ में मौजूद बीटा ग्लूकेन इसे कम करने में मदद करता है|
इसमें फाइबर और पोटैशियम की मौजूदगी भी आपके शरीर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को जमा होने से रोकने में मदद करती है| इसके कारण आपकी धमनियों में रक्त प्रवाह सही बना रहता है और हृदय भी स्वस्थ रहता है|
एक शोध में पाया गया है कि जौ में बीटा-ग्लूकेन नामक एक खास तत्व पाया जाता है| यह तत्व शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित तो करता ही है साथ में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत पहुंचाने का कार्य भी करता है| साथ ही यह धमनियों से संबंधित एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) की समस्या के कारण हृदय रोग के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है (1)|
इसीलिए जौ का सेवन हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है| इसके लिए आप इसके आटा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं|
6) जौ हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है – Barley (Jau) is beneficial for bone and teeth health in Hindi
हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए जौ बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है| इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों और दांतों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में सहायक है|
एक शोध में पाया गया है कि जौ फॉस्फोरस से समृद्ध होता है, जो हड्डियों और दांतों के विकास के लिए बहुत जरूरी माना जाता है| यह ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) की समस्या में सहायक हो सकता है (3)|
वहीं, NCBI द्वारा किये गए एक अन्य शोध में पाया गया कि इसका उपयोग हड्डियों के विकास को बढ़ावा दे सकता है| इस शोध में यह भी पाया गया कि जौ में मौजूद बीटा-ग्लूकेन अल्वेओलार बोन लॉस (Alveolar bone loss) से बचाव में कारगर है (1)|
7) यह सर्दी-खांसी में आराम पहुंचाता है – It Provides Relief in Cold and Cough in Hindi
जौ का नियमित सेवन कई तरह के रोगों जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी आदि को दूर रखता है| जौ का काढ़ा पीना सर्दी-जुकाम में काफी लाभदायक होता है|
सर्दी और खांसी से राहत पाने के लिए इसका सेवन एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है|
8) यह गर्भावस्था में फायदेमंद है – It is Beneficial in Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड, आयरन, और कैल्शियम को बहुत जरूरी माना जाता है| आयरन गर्भ में पल रहे बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है| फोलिक एसिड शिशु में जन्म दोष जैसे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (neural tube defect) के खतरे को कम करने में मदद करता है| और कैल्शियम गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप विकार) को नियंत्रित करने में मदद करता है| जौ में यह तीनों पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं|
इसके अतिरिक्त गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन कब्ज को भी नहीं होने देता|
इन कारणों से जौ का सेवन गर्भावस्था में फायदेमंद माना जाता है|
9) जौ आर्थराइटिस में लाभकारी है – Barley (Jau) is Beneficial in Arthritis in Hindi
आर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों के लिए जौ का सेवन काफी फायदेमंद साबित हो सकता है| इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) गुण गठिया से संबंधित सूजन को कम करने में मदद कर सकता है|
10) यह पित्ताशय की पथरी में फायदेमंद है – It is Beneficial in Gallbladder stones in Hindi
शरीर में ट्राइग्लिसराइड का स्तर ज्यादा होने पर पित्ताशय की पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है| जौ का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर ट्राइग्लिसराइड के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है, जिससे पथरी बनने की संभावना कम होती है|
पित्ताशय की पथरी में जौ का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है| इस संबंध में एक शोध में पाया गया है कि इसमें मौजूद फाइबर कुछ हद तक पित्ताशय की पथरी को गलाने का काम कर सकता है (4)|
11) यह कैंसर से बचाव में सहायक है – It is Helpful in Preventing Cancer in Hindi
जौ का सेवन कैंसर के जोखिम को कम करने भी सहायक है| इसमें पाए जाने वाले एंटी-ओक्सिडेंटस, फाइबर और मिनरल्स आदि कैंसर से बचाव में मदद करते हैं|
एनसीबीआई (NCBI) द्वारा किये गए एक शोध में पाया गया है कि इसमें बीटा-ग्लूकेन, अर्बीनोक्जायलन, फाइटोस्टेरोल, फिनोलिक्स, और रेजिस्टेंट स्टार्च जैसे तत्व पाए जाते हैं| इनकी मौजूदगी के कारण जौ में एंटीकैंसर (कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने वाला) गुण पाया जाता है| इसका सेवन मुख्य रूप से लीवर और पेट से संबंधित कैंसर से बचाव में मददगार हो सकता है (1)|
12) यह एनीमिया के जोखिम को कम करता है – It Reduces the Risk of Anemia in Hindi
दोस्तो, एनीमिया का सबसे आम कारण आयरन की कमी है| जौ में आयरन की अच्छी मात्रा मौजूद होती है| इसलिए यदि आप अपने आहार में जौ या जौ के आटा को शामिल करते हैं तो आयरन की कमी पूरी होती है और एनीमिया से बचाव में सहायता मिलती है|
13) यह यौन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है – It is Beneficial for Sexual Health in Hindi
जौ यौन स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है|
इसमें मौजूद जिंक (zinc) यौन स्वास्थ्य के लिए एक बेहतर पोषक तत्व है| इस पोषक तत्व की कमी से स्पर्म काउंट कम हो जाते हैं| जिंक पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी बढाता है| यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थों से संबंधित एक शोध में इस बात को स्वीकार किया गया है|
एक अन्य शोध में यह पाया गया है कि जौ में एफ्रोडिसिएक (aphrodisiac) गुण पाया जाता है|
अतः इस आधार पर कह सकते हैं कि जौ का सेवन यौन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है|
14) त्वचा के लिए जौ के फायदे – Benefits of Barley (Jau) for Skin in Hindi
जौ का उपयोग त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है|
एक शोध में यह पाया गया है कि फर्मेंटेड जौ का अर्क त्वचा से जुड़े घाव में फायदेमंद है|
इसके अतिरिक्त इसका इस्तेमाल एटॉपिक डर्मेटाइटिस (atopic dermatitis – सूजन के कारण त्वचा पर लाल चकत्ते की समस्या) से राहत दिलाने में भी मदद करता है (1)|
15) बालों के लिए जौ के फायदे – Benefits of Barley (Jau) for Hair in Hindi
बालों के स्वास्थ्य के लिए भी जौ का उपयोग काफी सहायक है| जौ पर किए गए एक प्रयोग ने भी यह सिद्ध किया है कि इसमें मौजूद प्रोसायनिडिन बी-3 (Procyanidin B-3) नाम के खास तत्व में बालों के विकास को बढ़ावा देने का गुण पाया जाता है (5)|
अतः इसका सेवन करने के साथ इसके पानी को बालों में लगाने से बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है|
जौ खाने के क्या नुकसान (दुष्प्रभाव) हैं? – What are the Side Effects of Eating Barley (Jau) in Hindi?
दोस्तो, जौ खाने के फायदे के बारे में मैं आपको बता चूका हूँ, परंतु इसका अधिक सेवन करने पर जौ के नुकसान (Jau ke Nuksan) भी देखने को मिल सकते हैं|
आगे मैं आपको इसके नुकसानों के बारे में बता रहा हूँ:
- जौ में लैक्सेटिव (laxative), अर्थात मल को मुलायम करने वाला, गुण पाया जाता है (1)| इसकी वजह से इसका अधिक सेवन करने पर आपको दस्त की समस्या हो सकती है|
- इसमें उच्च मात्रा में पोटेशियम होता है, इसलिए अधिक मात्रा में इसे खाने से पेट में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, आदि समस्याएं हो सकती है|
- इसमें एंटी-डायबिटिक (anti-diabetic) प्रभाव पाया जाता है (1)| इस कारण इसका अधिक सेवन करने पर ब्लड शुगर का स्तर बहुत कम हो सकता है| अतः डायबिटीज के मरीजों को इसके सेवन के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए|
- बार्ले (jau) में कुछ एलर्जिक प्रभाव पाए जाते हैं, जिसके कारण इसके सेवन से किसी किसी बच्चे में एलर्जी की शिकायत भी हो सकती है (6)|
जौ का उपयोग कैसे करते हैं? – How to Use Barley (Jau) in Hindi?
दोस्तो, जौ (बार्ले) को आप अपने दैनिक आहार में निम्नलिखित रूप से शामिल करके इसका उपयोग कर सकते हैं:
- जौ के बीजों का सूप बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है|
- जौ के आटे की रोटियां बनाकर भी आप खा सकते हैं|
- इसके आटे से बनी ब्रेड का भी आप सेवन कर सकते हैं|
- जौ की पत्तियों का जूस बनाकर भी इसे पीने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है|
- आप जौ का दलिया (मीठा या नमकीन) बनाकर इसे नाश्ते में खा सकते हैं|
- सब्जियों के सलाद में आप जौ के बीज डालकर भी खा सकते हैं|
- आप जौ का पानी बनाकर भी पी सकते हैं| इसे स्वाद में बेहतर बनाने के लिए इसमें शहद या निम्बू का रस मिलाया जा सकता है|
- इसे चावल के विकल्प के रूप में उबाल कर खा सकते हैं|
निष्कर्ष
जौ (बार्ले) एक बहुत फायदेमंद अनाज है और इसे आपको अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए| जौ (Barley in Hindi) का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, वजन कम करने में मदद करता है, पाचन शक्ति को बढाता है, हृदय को स्वस्थ रखता है, ब्लड शुगर में फायदेमंद है, आर्थराइटिस में लाभदायक है, आदि अनेक फायदे देता है|
इसके सभी फायदो को लेने के लिए आपको इसका सेवन सही मात्रा और सही तरीके से करना चाहिए| इसका सेवन अधिक मात्रा में करने पर जौ के नुकसान भी हो सकते हैं| अगर आप किसी रोग से ग्रस्त हैं तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरुर लें|
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – Frequently Asked Questions
प्रश्न: क्या गेहूँ और जौ एक ही हैं?
उत्तर: गेंहू और जौ दोनों ग्रास फैमिली के अनाज तो हैं, लेकिन ये दोनों एक नहीं हैं|
दोनों अलग अलग हैं|
प्रश्न: जौ का आटा कैसे बनाया जाता है?
उत्तर: जौ के बीजों को बारीक पीस कर इसका आटा बनाया जाता है|
प्रश्न: जौ कहां पाया और उगाया जाता है?
उत्तर: भारत में जौ उत्तर प्रदेश, कश्मीर, बिहार, पंजाब, उड़ीसा, राजस्थान, गुजरात, और मध्य प्रदेश में उगाया जाता है| भारत के इलावा यह जर्मनी, रूस, कनाडा, और यूक्रेन, में पाया या उगाया जाता है|
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संदर्भ (References):
1) Molecular Mechanism of Functional Ingredients in Barley to Combat Human Chronic Diseases
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7149453/
2) Assessment of the Phenolic Profiles, Hypoglycemic Activity, and Molecular Mechanism of Different Highland Barley (Hordeum vulgare L.) Varieties
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7072826/
3) Physiological and behavioral study on depressed rats model treated with Hordeum vulgare extract referenced to SSRI class
4) The influence of barley fiber on bile composition, gallstone formation, serum cholesterol and intestinal morphology in hamsters
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/2166543/
5) Procyanidin B-3, isolated from barley and identified as a hair-growth stimulant, has the potential to counteract inhibitory regulation by TGF-beta1
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12473061/
6) Clinical and Laboratory Findings of Barley Allergy in Korean Children: a Single Hospital Based Retrospective Study
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6970078/
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अस्वीकरण (DISCLAIMER): इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है | किसी भी उपाय / नुस्खे / दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है | हमारे किसी उपाय / नुस्खे / दवा आदि के इस्तेमाल से यदि किसी को कोई नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी |
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इन्हें भी पढ़ें :
1) स्प्राउट्स बनाने की विधि – How To Make Sprouts In Hindi
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