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गठिया (आर्थराइटिस) – Arthritis in Hindi
दोस्तो, सबसे पहले तो हम बात करेंगें कि गठिया (आर्थराइटिस) क्या होता है | यह एक ऐसा रोग है जिसमें जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन हो जाती है | इस रोग में रोगी के जोड़ों में गांठें बन जाती हैं, इसलिए इस रोग को गठिया (Arthritis) कहते हैं |
इस रोग में जोड़ों में सूजन भी आ जाती है, इसलिए इसे संधिशोथ भी कहते हैं | गठिये के लगभग 100 से भी ज्यादा प्रकार होते हैं, इनमें प्रमुख हैं :
- वातरक्त (Gout)
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)
- रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)
- सोरिअटिक आर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis)
- सेप्टिक आर्थराइटिस (Septic Arthritis)
- रिएक्टिव आर्थराइटिस (Reactive Arthritis)
- टेम्पोरल आर्थराइटिस (Temporal Arthritis) आदि |
अब आप शायद ये समझ गए होंगे कि ओस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis या OA) और रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis या RA) गठिये (आर्थराइटिस) के ही दो प्रकार हैं, और दोनों ही जोड़ों को प्रभावित करते हैं |
परन्तु ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) और रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) दोनों ही अलग अलग रोग हैं | ये दोनों कैसे अलग हैं आइए इसके बारे में मैं आपको आगे बताता हूँ |
ऑस्टियोआर्थराइटिस और रयूमेटाइड आर्थराइटिस में अंतर – Difference Between Osteoarthritis and Rheumatoid Arthritis in Hindi
उत्पत्ति में अंतर
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) की उत्पत्ति
ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) बढ़ती उम्र के कारण जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज (उपास्थि) के घिसने के कारण होने वाल गठिया (आर्थराइटिस) है |
इसमें जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज घिस जाता है, जिस कारण जोड़ में हल चल होने पर जोड़ की हड्डियाँ आपस में रगड़ खाती हैं और दर्द का कारण बनती हैं |
यह गठिया ज्यादातर उन्हीं जोड़ों में होता है, जिन जोड़ों पर शरीर का ज्यादा भार आता है अर्थात यह वेट बेअरिंग जॉइंट्स (weight Bearing Joints) को अधिक प्रभावित करता है, जैसे घुटने का जोड़ (knee joint), कूल्हे का जोड़ (hip joint) |
रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) की उत्पत्ति
जबकि रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) एक ऐसा गठिया है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के जोड़ों को ही नुकसान पहुँचाने लगती है अर्थात यह एक ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर (autoimmune disorder) है |
इस गठिये (arthritis) में जब शरीर की रक्षा प्रणाली शरीर के जोड़ों पर आघात करती है, तो उन जोड़ों में द्रव इकठ्ठा हो जाता है और उनमें सोजिश हो जाती है |
रयूमेटाइड आर्थराइटिस में बड़े जोड़ भी प्रभावित हो सकते हैं परन्तु ज्यदातर छोटे जोड़ जैसे हाथों की अंगुलियाँ, आदि ही प्रभावित होते हैं |
इसे ही आयुर्वेद में आमवात कहते हैं |
रोग को उत्पन्न करने वाले कुछ जोखिम कारक (Risk factors):
लिंग
ऑस्टियोआर्थराइटिस और रयूमेटाइड आर्थराइटिस दोनों ही पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक होते हैं |
उम्र
ऑस्टियोआर्थराइटिस ज्यादातर 50 साल के बाद होता है, परन्तु रयूमेटाइड आर्थराइटिस किसी भी उम्र में हो सकता है |
वंश परम्परा
अगर किसे के परिवार में ब्लड रिलेशन यानी कि माता-पिता या भाई-बहन को रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) की समस्या है, तो उसे भी इस गठिये के होने की संभावना बढ़ जाती है (हालांकि यह आवशयक नहीं है कि उसे ये रोग हो परन्तु संभावना बढ़ जाती है) |
जबकि ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) का वंश परम्परा से कोई सम्बन्ध नहीं है | परन्तु इसके होने का खतरा तब बढ़ जाता है जब किसी को वातरक्त (Gout), मधुमेह, जैसी दिक्कत हो या वजन बहुत ज्यादा हो या जोड़ पर चोट से क्षति पहुंची हो |
लक्षणों में अंतर
दोस्तो, ऑस्टियोआर्थराइटिस और रयूमेटाइड आर्थराइटिस दोनों में जोड़ों में दर्द और अकडन होती है | दोनों में ही प्रभावित जोड़ पर हलचल (मूवमेंट) कम हो जाती है | परंतु इनके कुछ लक्षण एक दूसरे से भिन्न हैं:
ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) के लक्षण
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) उम्र के कारण जोड़ों के घिसने के कारण होने वाला गठिया है, इसमें केवल उसी जोड़ में दिक्कत होती है जिसको ओस्टियोआर्थराइटिस ने प्रभावित किया हो और पूरे शरीर में इससे कोई दिक्कत नहीं होती |
इसमें जोड़ों के पास त्वचा के नीचे छोटी छोटी गांठें बन जाती हैं, पर ये गांठें रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) की गांठों से अलग होती हैं |
इस गठिये में जोड़ों में हलचल (गति) होने से आवाज भी आती है |
रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) के लक्षण
रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) में जोड़ों के इलावा बाकी शरीर भी प्रभावित हो सकता है, इसमें फेफडे, हृदय, आदि भी प्रभावित हो सकते हैं |
इसके शुरुआती लक्षणों में थकावट, हल्का बुखार, और मांसपेशियों में दर्द आदि प्रमुख हैं |
इस गठिये की दिक्कत पुरानी होने पर प्रभावित व्यक्ति के जोड़ों के आसपास त्वचा के नीचे गांठें बन जाती हैं, इन्हें ही रयूमेटाइड नोडुल्स (Rheumatoid Nodules) कहते हैं |
प्रभावित जोड़ (Affected Joints) में अंतर
रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) द्वारा प्रभावित जोड़
रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) की शुरुआत छोटे जोड़ों जैसे अँगुलियों के जोड़ या पैरों की अँगुलियों के जोड़ से होती है और बाद में ये बड़े जोड़ों जैसे घुटने का जोड़, एडी का जोड़ आदि को भी प्रभावित कर सकती है |
इसमें शरीर के दोनों और के जोड़ एक ही समय पर प्रभावित होते हैं |
ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) द्वारा प्रभावित जोड़
ऑस्टियोआर्थराइटिस में शरीर के दोनों और के जोड़ एक ही समय पर एक जैसे ही प्रभावित नहीं होते अर्थात इसमें शरीर का एक तरफ का जोड़ ज्यादा और एक तरफ का जोड़ कम प्रभावित हो सकता है, जैसे एक तरफ का घुटना ज्यादा दर्द और आवाज़ कर सकता है और दूसरी तरफ का घुटना कम दर्द और आवाज़ कर सकता है |
डॉक्टर कैसे पहचानते हैं
ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) की पहचान
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) में डॉक्टर को शारीरिक परीक्षा करने से प्रभावित जोड़ में tenderness, सूजन, और अकडन का पता चलता है | गति (मूवमेंट) करने पर जोड़ में से आवाज आती है |
इस गठिये (Arthritis) में X-ray, CT Scan, MRI करने पर कार्टिलेज की क्षति का पता चलता है |
रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) की पहचान
दोस्तो, रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) में डॉक्टर को शारीरिक परीक्षा करने से प्रभावित जोड़ में सूजन, अकडन और tenderness का पता चलता है | रयूमेटाइड नोडुल्स का भी पता शारीरिक परीक्षा से पता चलता है |
रयूमेटाइड आर्थराइटिस में X-ray, CT Scan, MRI रोग के कारण हुई जोड़ की क्षति का पता लगाने के लिए करते हैं |
इस गठिये में खून की जांच करने पर ESR और C-Reactive protein का स्तर बड़ा हुआ होता है | इस में खून की जांच में रयूमेटाइड फैक्टर (Rheumatoid Factor) और Anti-CCP (Anti-Cyclic Citrullinated Peptides) भी पाए जाते हैं |
उम्मीद करता हूँ कि आपको ये लेख पसंद आया होगा और अब आपको ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) और रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) में अंतर पता चल गया होगा |
अस्वीकरण (DISCLAIMER)
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है | किसी भी उपाय / नुस्खे / दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्यूंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है | हमारे किसी उपाय / नुस्खे / दवा आदि के इस्तेमाल से यदि किसी को कोई नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी |
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