बर्साइटिस के लक्षण, कारण, रोकथाम, व इलाज Bursitis in Hindi

बर्साइटिस क्या है? – (What is Bursitis in hindi?)

बर्साइटिस एक दर्दनाक स्थिति है, जो बर्सा (bursa) को प्रभावित करती है। ये आपके शरीर में मौजूद तरल पदार्थ से भरी छोटी थैली होती हैं और ये हड्डियों, मांसपेशियों, टेंडन और त्वचा जैसे ऊतकों के बीच रगड़ और घर्षण को आसान बनाती हैं। बर्साइटिस में ये बर्सा सूज जाते हैं।

बर्साइटिस कंधे, कोहनी, कूल्हे और घुटने जैसे प्रमुख जोड़ों के आसपास सबसे आम है। लेकिन यह एड़ी और बड़े पैर के अंगूठे के आधार (base of the big toe) पर भी हो सकता है। बर्साइटिस तब होती है जब अत्यधिक उपयोग या अत्यधिक दबाव से बर्सा में जलन हो जाती है। सूजे हुए बर्सा के कारण दर्द अचानक हो सकता है या समय के साथ बढ़ सकता है।

विशिष्ट उपचार में प्रभावित जोड़ को स्थिर करना और अतिरिक्त तनाव से बचाना शामिल है। ज्यादातर मामलों में, बर्साइटिस का दर्द सही उपचार के साथ कुछ हफ्तों के बाद ठीक हो जाता है, हालांकि पुनरावृत्ति आम है।

बर्साइटिस के कारण क्या हैं? – (What are the Causes of Bursitis in hindi?)

बर्साइटिस आमतौर पर वयस्कों में अधिक होता है, खासकर 40 साल की उम्र के बाद। यह किसी चोट, संक्रमण, या गाउट जैसी पहले से मौजूद बीमारी के कारण हो सकता है, जिससे बर्सा में क्रिस्टल का निर्माण हो सकता है।

क) चोट (Injury)

आघात (trauma) के परिणामस्वरूप बर्सा के अंदर के ऊतकों में सूजन हो सकती है। यह आघात बर्सा के आसपास के जोड़ों, टेंडन या मांसपेशियों के अत्यधिक उपयोग या किसी प्रकार की चोट के परिणामस्वरूप हो सकता है। आम तौर पर, अति प्रयोग बार-बार उस जगह पर हलचल (हरकत) करने के कारण होता है।

बर्साइटिस का कारण शरीर का प्रभावित हिस्सा तय कर सकता है। संभावित कारणों में शामिल हैं:

1) कोहनी के बर्साइटिस के कारण (elbow bursitis Causes in Hindi)

यह गोल्फ और टेनिस खिलाड़ियों के बीच एक प्रचलित स्थिति है। बार-बार कोहनी मोड़ने से नुकसान और सूजन हो सकती है।

2) नितंब के बर्साइटिस के कारण (buttocks bursitis Causes in Hindi)

साइकिल की सीट जैसी सख्त सतह पर लंबे समय तक बैठने से निचले श्रोणि क्षेत्र में सूजन हो सकती है। व्यक्ति को नितंबों और पैरों में दर्द हो सकता है।

3) घुटने के बर्साइटिस के कारण (knee bursitis Causes in Hindi)

बार-बार घुटने टेकने (kneeling) से घुटने का बर्सा क्षतिग्रस्त और सूज सकता है।

4) कूल्हे के बर्साइटिस के कारण (hips bursitis Causes in Hindi)

यह (hip bursitis) सीढ़ियाँ चढ़ने, अत्यधिक जॉगिंग करने या लंबे समय तक खड़े रहने के परिणामस्वरूप विकसित हो सकता है।

5) टखने के बर्साइटिस के कारण (ankle bursitis Causes in Hindi)

अनुचित जूते पहनकर अत्यधिक चलने से टखने में चोट लग सकती है।

6) कंधे के बर्साइटिस के कारण (shoulder bursitis Causes in Hindi)

यह (shoulder bursitis) बार-बार किसी भारी वस्तु को सिर से ऊपर (overhead lifting) उठाने के कारण हो सकता है।

ख) संक्रमण (Infection)

जो बर्सा त्वचा की सतह के करीब होते हैं, जैसे कोहनी के पास मौजूद वे अक्सर सेप्टिक (संक्रामक) बर्साइटिस (septic bursitis) से प्रभावित होते हैं। यह आमतौर पर तब होता है जब आसपास की त्वचा में घाव के माध्यम से बैक्टीरिया सीधे बर्सा में प्रवेश कर जाते हैं। त्वचा संक्रमण, जैसे सेल्युलाइटिस, भी संक्रामक बर्साइटिस (infectious bursitis) का कारण बन सकता है।

अन्य प्रकार के बर्साइटिस की तरह, संक्रामक बर्साइटिस का सबसे प्रचलित कारण बार-बार होने वाला आघात और बर्सा के आसपास के जोड़ों का दुरुपयोग है (1)। हालाँकि, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग संक्रामक बर्साइटिस के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

संक्रामक बर्साइटिस के लक्षण लगभग साधारण बर्साइटिस के समान ही होते हैं। इसका निदान करने के लिए आपका डॉक्टर आपको बर्सल द्रव विश्लेषण (bursal fluid analysis) की सिफारिश कर सकता है।

ग) स्वास्थ्य स्थितियाँ (Health Conditions)

कुछ स्वास्थ्य स्थितियों से यह संभावना बढ़ जाती है कि बर्सा के अंदर क्रिस्टल विकसित हो सकते हैं। क्रिस्टल बर्सा में जलन और सूजन पैदा करते हैं। इस प्रकार का बर्साइटिस रयूमेटाइड आर्थराइटिस (RA), गाउट (gout), और स्क्लेरोडर्मा (scleroderma) के कारण हो सकता है।

बर्साइटिस के लक्षण क्या हैं? – (What are the Symptoms of Bursitis in hindi?)

प्रभावित हड्डी या कण्डरा (tendon) के आसपास, बर्साइटिस के निम्नलिखित चिन्ह और लक्षण हो सकते हैं:

  • दर्द
  • जब आप जोड़ को हिलाते हैं या उस पर दबाव डालते हैं तो अधिक दर्द होता है
  • बर्सा थैली में सूजन हो सकती है, जिससे चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है

बर्साइटिस के अन्य चिन्ह और लक्षण (other signs and symptoms of bursitis in hindi) निम्नलिखित हैं:

1) कंधे के बर्साइटिस के लक्षण (Shoulder bursitis Symptoms in Hindi)

  • जब बाहें सिर के ऊपर उठाई जाती हैं तो कंधे में दर्द होता है
  • गति की सीमा का कम होना (reduced range of motion)
  • रात में बेचैनी का बढ़ जाना

2) कोहनी के बर्साइटिस के लक्षण (Elbow bursitis Symptoms in Hindi)

  • कोहनी मुड़ने पर दर्द बढ़ जाता है
  • यह बर्सा अक्सर संक्रमित हो जाता है

3) कूल्हे के बर्साइटिस के लक्षण (Hip bursitis Symptoms in Hindi)

  • चलने के दौरान दर्द होना
  • सामने और मध्य जांघ से घुटने तक दर्द, जो कूल्हे के जोड़ के एक्सटेंशन (extension) या रोटेशन (rotation) से बढ़ जाता है
  • पेट और जांध के बीच के भाग (groin) में दबाने पर दर्द होना

4) घुटने के बर्साइटिस के लक्षण (Knee bursitis Symptoms in Hindi)

  • नी-कैप (kneecap) का अगला भाग सूजा हुआ होना
  • रात में दर्द का तेज हो जाना
  • घुटने मोड़ते समय दर्द होना

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? – (When to see a doctor?)

अधिकांश व्यक्ति बर्साइटिस का इलाज घर पर ही करते हैं, लेकिन यदि लक्षण अधिक गंभीर हैं, तो उन्हें अपने डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए।

निम्नलिखित लक्षण होने पर आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए:

  • बुखार
  • जोड़ को हिलाने में अचानक असमर्थता
  • दर्द जो जोड़ की सभी गतिविधियों को रोकता हो
  • दर्द का 2 सप्ताह से अधिक समय तक बना रहना
  • प्रभावित जोड़ में गंभीर सूजन, चोट, लालिमा या दाने
  • तीव्र दर्द, विशेष रूप से जब आप परिश्रम करते हैं या व्यायाम करते हैं

बर्साइटिस के प्रकार क्या हैं? – (What are the Types of Bursitis in hindi?)

मानव शरीर में 150 से अधिक बर्सा होते हैं और बर्साइटिस शरीर के किसी भी बर्सा में हो सकता है।

क) बर्साइटिस के सबसे सामान्य प्रकार

बर्साइटिस के सबसे सामान्य प्रकार निम्नलिखित हैं:

1) पोस्टीरियर अकिलिस टेंडन बर्साइटिस (Posterior Achilles Tendon Bursitis in Hindi)

बर्साइटिस के इस रूप को हैग्लंड की विकृति (Haglund deformity) के रूप में भी जाना जाता है, इस प्रकार का बर्साइटिस एड़ी की त्वचा और अकिलिस टेंडन (achilles tendon) के बीच स्थित बर्सा को प्रभावित करता है। यह टेंडन पिंडली की मांसपेशियों को एड़ी से जोड़ता है। यह बर्साइटिस चलने की शैलियां, जो संवेदनशील एड़ी के ऊतकों को जूते के पीछे के मजबूत सहारे से टकराने पर मजबूर कर देती हैं, के कारण और बढ़ जाता है।

2) रेट्रोमैलेओलर टेंडन बर्साइटिस (Retromalleolar Tendon Bursitis in Hindi)

बर्साइटिस के इस रूप को अल्बर्ट डिजीज (Albert disease) के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी, आघात, या एडी की तरफ से कठोर जूते, जैसे कारकों के कारण होती है। ये कारक अकिलिस टेंडन (achilles tendon), जो पिंडली की मांसपेशियों को एड़ी के पीछे से जोड़ता है, पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। इससे एड़ी से टेंडन के जुड़ाव के पास बर्सा में सूजन हो सकती है।

3) कोहनी का बर्साइटिस (Elbow Bursitis in Hindi)

यह (elbow bursitis) कोहनी की त्वचा और हड्डियों के बीच बर्सा (जैसे ओलेक्रानोन बर्सा – olecranon bursa) की सूजन है। कोहनी का बर्साइटिस चोट या कोहनी पर लगातार दबाव के कारण हो सकता है (उदाहरण के लिए, किसी कठोर सतह पर झुकना)।

4) नीकैप बर्साइटिस (Kneecap Bursitis in Hindi)

नीकैप बर्साइटिस, जिसे प्रीपेटेलर बर्साइटिस (prepatellar bursitis) भी कहा जाता है, उन लोगों में प्रचलित है जो अक्सर अपने घुटनों पर काम करते रहते हैं, जैसे प्लंबर या कालीन बिछाने वाले।

5) हिप बर्साइटिस (Hip Bursitis in Hindi)

इसे ट्रोकेनटेरिक बर्साइटिस (trochanteric bursitis) के नाम से भी जाना जाता है। यह अक्सर रीढ़ की हड्डी में असामान्यताओं, चोट, गठिया, या सर्जरी के कारण होता है। बर्साइटिस का यह रूप महिलाओं, मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्ग व्यक्तियों में अधिक प्रचलित है।

6) घुटने का बर्साइटिस (Knee Bursitis in Hindi)

इसको अक्सर गूसफुट बर्साइटिस (goosefoot bursitis) या पेस एन्सेरिन बर्साइटिस (Pes Anserine bursitis) कहा जाता है। घुटने के अंदर, पेस एन्सेरिन बर्सा (Pes Anserine bursa) टिबिया और हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों के तीन टेंडन के बीच स्थित होता है। बर्साइटिस का यह रूप व्यायाम से पहले स्ट्रेचिंग की कमी, मोटापे, गठिया, या घुटने या निचले पैर के बाहर की ओर घूमने के कारण हो सकता है।

ये स्थितियां पुरानी (क्रोनिक) हो सकती हैं (अर्थात ये नियमित आधार पर हो सकती हैं), या, वे तीव्र (एक्यूट) हो सकती हैं (यानी वे अचानक प्रकट होती हैं)।

ख) बर्साइटिस को उसकी सूजन के कारण के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है:

1) एसेप्टिक (नॉनसेप्टिक या गैरसंक्रामक) बर्साइटिस (Aseptic (nonseptic or noninfectious) bursitis in Hindi)

एसेप्टिक बर्साइटिस आम तौर पर जोड़ के क्षेत्र में बार-बार होने वाले मामूली आघात या स्ट्रेन (strain) के कारण होता है।

2) सेप्टिक (संक्रामक) बर्साइटिस (Septic (infectious) bursitis in Hindi)

सेप्टिक बर्साइटिस एक संक्रमण के कारण होता है और ज्यादातर तब होता है जब बर्सा के आसपास की त्वचा में छेद हो जाता है, जिससे संक्रामक जीव प्रवेश कर जाता है। इसमें बर्सा गर्म, लाल या सूज जाता है। इससे बुखार, ठंड लगना और संक्रमण के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।

बर्साइटिस की जटिलताएँ क्या हैं? – (What are the Complications of Bursitis in hindi?)

बर्साइटिस की संभावित जटिलताओं (Possible complications of bursitis in hindi) में शामिल हैं:

1) मांसपेशीय शोष (Muscular Atrophy)

लंबे समय तक जोड़ का उपयोग कम करने से शारीरिक गतिविधि में कमी आ सकती है और आसपास की मांसपेशियों का क्षय हो सकता है।

2) पुराना दर्द (Chronic Pain)

अनुपचारित बर्साइटिस से बर्सा स्थायी रूप से बड़ा या मोटा हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप दीर्घकालिक दर्द और सूजन हो सकती है।

बर्साइटिस के जोखिम कारक क्या हैं? – (What are the Risk Factors of Bursitis in hindi?)

किसी को भी बर्साइटिस हो सकता है, और इस स्थिति के लिए कई जोखिम कारक हैं। हालाँकि विशिष्ट जोखिम कारक जो इसमें योगदान कर सकते हैं वे हैं:

1) रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)

रयूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी सूजन संबंधी स्थितियां आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को आपके जोड़ों पर हमला करने और बर्साइटिस के जोखिम को बढ़ाने का कारण बन सकती हैं। ये स्थितियां पहले से मौजूद बर्साइटिस को भी बढ़ा सकती हैं।

2) बोन स्पर्स (bone spurs) या कैल्शियम डिपोजिट (Calcium Deposits)

बोन स्पर्स या बर्सा के पास कैल्शियम डिपोजिट होने के कारण बर्साइटिस हो सकता है। बोन स्पर्स और बर्साइटिस दोनों ही आपकी गतिशीलता में बाधा डाल सकते हैं।

3) सर्जरी (Surgery)

सर्जिकल प्रक्रियाओं या कृत्रिम जोड़ प्रत्यारोपण के कारण होने वाली जलन से बर्साइटिस हो सकता है। ऐसा सर्जरी के बाद गति की सीमित सीमा (restricted range of motion) के कारण होता है।

4) उम्र (Age)

आपकी उम्र जितनी ज्यादा होगी, बर्साइटिस विकसित होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। उम्र बढ़ने के साथ आपके जोड़ कम लचीले हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बर्साइटिस जैसी दर्दनाक बीमारियाँ हो सकती हैं।

5) मोटापा (Obesity)

यदि आपका वजन आपकी ऊंचाई के लिए अनुशंसित (recommended) से अधिक है, तो आपके कूल्हों और घुटनों को अतिरिक्त तनाव झेलना पड़ता है। इससे बर्साइटिस हो सकता है।

6) अन्य स्वास्थ्य स्थितियाँ (Other Health Conditions)

विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियाँ शरीर के कुछ हिस्सों में बर्साइटिस विकसित होने की संभावना बढ़ा सकती हैं। उदाहरण के लिए, एक पैर जो दूसरे से बहुत छोटा है, हिप बर्साइटिस का कारण बन सकता है, और रीढ़ की हड्डी की कुछ समस्याएं कूल्हे या पीठ के बर्साइटिस का कारण बन सकती हैं। मधुमेह भी आपके जोखिम को बढ़ा सकता है।

7) शारीरिक गतिविधि (Physical Activity)

बर्साइटिस किसी शौक, रोजगार या गतिविधि, जिनमें बार बार दोहराव वाली गति (repetitive motion) हो या लंबे समय तक दबाव की आवश्यकता होती हो, के कारण भी हो सकता है। इन शारीरिक गतिविधियों के उदाहरणों में टाइल लगाना (tile setting), बागवानी (gardening), कालीन बिछाना (carpet laying), खेल-कूद या पेंटिंग शामिल हैं।

बर्साइटिस का निदान – (Diagnosis of Bursitis in hindi)

जब बर्साइटिस का संदेह होता है, तो शारीरिक परीक्षण (physical examination) और लक्षण-संबंधी पूछताछ (symptom-related inquiries) अक्सर निदान की पुष्टि करती है। परिष्कृत नैदानिक प्रक्रियाएं और प्रौद्योगिकियां (Sophisticated diagnostic procedures and technologies) बर्साइटिस का निदान करने, उपचार निर्धारित करने और निगरानी करने में मदद कर सकती हैं। सामान्य निदान तकनीकों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

1) एक्स-रे (X-rays)

हड्डियों या जोड़ों का यह मानक इमेजिंग परीक्षण बर्साइटिस के निदान में मदद नहीं करता है, लेकिन इसका उपयोग जोड़ों में सूजन और दर्द के अन्य कारणों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।

2) एमआरआई (MRI)

एमआरआई एक विशाल चुंबक, रेडियो तरंगों, और एक कंप्यूटर का उपयोग करके प्रभावित जोड़ की छवियां तैयार करता है।

3) अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

अल्ट्रासाउंड नरम ऊतकों, जैसे टेंडन या स्नायुबंधन, और जोड़ों की टूट-फूट या सूजन का पता लगाने में मदद कर सकता है।

4) जॉइंट एस्पिरेशन एंड एनालिसिस (Joint Aspiration and Analysis)

इस परीक्षण के दौरान, जोड़ से तरल पदार्थ निकाला जाता है और उन यौगिकों का परीक्षण किया जाता है जो गाउट या गठिया के अन्य प्रकार, संक्रमण, स्यूडोगाउट (pseudogout), या सूजन के अन्य रूपों का सुझाव दे सकते हैं।

5) रक्त परीक्षण (Blood Tests)

संक्रमण, या रयूमेटाइड आर्थराइटिस का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण का उपयोग किया जा सकता है।

बर्साइटिस का इलाज क्या है? – (What is the Treatment of Bursitis in hindi?)

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बर्साइटिस का इलाज उसके स्थान, गंभीरता और अंतर्निहित कारण के आधार पर किया जाता है। बर्साइटिस के प्रमुख उपचार में निम्नलिखित शामिल हैं:

क) स्व उपचार (Self-treatment)

आप ओवर-द-काउंटर उपचार (over-the-counter treatments) और कुछ स्व-देखभाल तकनीकों की मदद से घर पर बर्साइटिस का इलाज करने में सक्षम हो सकते हैं।

1) सुरक्षा (Protection)

प्रभावित क्षेत्र की सुरक्षा करने से प्रभावित बर्सा को किसी भी दर्दनाक संपर्क से बचाया जा सकता है।

2) आराम (Rest)

बर्साइटिस को ट्रिगर करने वाली गतिविधि को रोकने और जोड़ों के तनाव को कम करने से सूजन कम हो सकती है।

3) आइस एंड हीट (Ice and Heat)

दिन में कई बार नियमित अंतराल पर बर्फ लगाने से सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है, जबकि हीट (heat) जोड़ों को ढीला कर सकती है और उपयोग के दौरान दर्द को कम कर सकती है।

4) एलिवेशन (Elevation)

प्रभावित क्षेत्र को ऊपर उठाने से रक्त जमाव कम हो जाता है और सूजन कम करने में मदद मिल सकती है।

5) दर्द निवारक (Pain Relievers)

इबुप्रोफेन (ibuprofen) जैसी दर्दनिवारक दवाएं लेने से दर्द से राहत मिल सकती है और सूजन भी कम हो सकती है।

6) फिजिकल थेरेपी (भौतिक चिकित्सा – Physical Therapy)

भौतिक चिकित्सा में खिंचाव के साथ-साथ आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम भी शामिल हो सकते हैं। इसमें दर्द और सूजन से राहत और जोड़ को आराम देने के लिए अल्ट्रासाउंड उपचार भी शामिल हो सकते हैं।

हालाँकि बर्साइटिस के अधिकांश मामलों का इलाज घर पर किया जा सकता है, गंभीर मामलों में निर्धारित दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।

ख) चिकित्सा उपचार (Medical Treatment)

बर्साइटिस के अधिकांश मामलों का इलाज घर पर किया जा सकता है, लेकिन गंभीर बर्साइटिस वाले व्यक्ति को चिकित्सकीय दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।

1) स्टेरॉयड (Steroids)

लक्षणों को कम करने के लिए, डॉक्टर प्रभावित क्षेत्र में स्टेरॉयड इंजेक्ट कर सकते हैं। स्टेरॉयड शरीर में प्रोस्टाग्लैंडीन नामक सूजन पैदा करने वाले पदार्थ को रोकता है। ये दवाएं आमतौर पर तेजी से काम करती हैं और, ज्यादातर मामलों में, एक इंजेक्शन की आवश्यकता होती है।

चिकित्सकों को सावधानी के साथ स्टेरॉयड लिखना चाहिए, क्योंकि इन दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से उच्च रक्तचाप हो सकता है और संक्रमण होने की संभावना बढ़ सकती है।

रोगी के लक्षणों को कम करने के अलावा, स्टेरॉयड इंजेक्शन बर्सा से संबंधित विभिन्न विकारों के निदान में देरी कर सकते हैं (2)। इसके कारण सर्जन कुछ सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए सर्वोत्तम समय सीमा से चूक सकते हैं।

2) एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)

यदि बर्सा के द्रव परीक्षण से जीवाणु संक्रमण की उपस्थिति का पता चलता है, तो चिकित्सक एंटीबायोटिक्स लिखेंगे। अधिकतर, मौखिक एंटीबायोटिक्स चिकित्सक द्वारा निर्धारित किए जाते हैं, लेकिन अधिक गंभीर मामलों में अंतःशिरा मार्ग (intravenous route) द्वारा एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।

ग) सर्जरी (Surgery)

कभी-कभी सूजन वाले बर्सा को शल्य चिकित्सा द्वारा निकालने की आवश्यकता हो सकती है।

पुराने या गंभीर मामलों में जहां उपचार से मदद नहीं मिलती है, प्रभावित बर्सा को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाने की आवश्यकता हो सकती है।

बर्साइटिस की रोकथाम – (Prevention of Bursitis in hindi)

हालाँकि कुछ कारणों से बचा नहीं जा सकता है, आप इन सुझावों का पालन करके बर्साइटिस को रोक सकते हैं:

1) धीरे-धीरे व्यायाम बढ़ाएं (Gradually Increase Exercise)

किसी नए व्यायाम को शुरू करते समय, आपको धीरे से शुरुआत करनी चाहिए और गतिविधि की गति, दूरी या मात्रा को हर हफ्ते 10 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ाना चाहिए। यदि आप नए व्यायाम को बहुत ज़ोर से या बहुत तेज़ी से करते हैं, तो आपको चोट लगने का ख़तरा बढ़ सकता है।

2) ठीक से उठाना (Lifting properly)

जब आप किसी वस्तु को उठाते हैं तो अपने घुटनों को मोड़ें, अन्यथा आप अपने कूल्हों में बर्सा पर अतिरिक्त तनाव डालेंगे।

3) वार्म अप और वार्म डाउन (Warm Up and Warm Down)

उचित स्ट्रेचिंग, वार्म-अप और वार्म-डाउन गतिविधियाँ बर्साइटिस विकसित होने की संभावना को कम करती हैं। ये बड़ी मांसपेशियों को लक्षित करने वाले वार्म-अप व्यायाम आपकी गतिशीलता और गति की सीमा में मदद कर सकते हैं, और इस प्रकार चोट को रोकने में मदद कर सकते हैं।

4) भारी भार के लिए पहिये वाली गाड़ी का उपयोग (Wheeling Heavy Loads)

भारी भार उठाने से आपके कंधों पर भी दबाव पड़ता है, इसलिए चोट से बचने के लिए पहिये वाली गाड़ी का उपयोग करें।

5) नियमित ब्रेक लें (Take Regular Breaks)

ऐसी गतिविधियाँ करते समय जिनमें दोहराव की आवश्यकता होती है और जो जोड़ों पर तनावपूर्ण होती हैं, नियमित ब्रेक लेना महत्वपूर्ण है। यहां तक कि थोड़ा सा रुकने से भी तनाव कम हो सकता है और चोटों से बचा जा सकता है।

नियमित ब्रेक लेने के अलावा, शरीर के विभिन्न हिस्सों का उपयोग करने के लिए अलग-अलग गतिविधियाँ भी आपको बर्साइटिस को रोकने में मदद कर सकती हैं।

6) मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करना (Performing Muscle-Strengthening Exercises)

उस क्षेत्र में मांसपेशियों को मजबूत करने से जहां पहले बर्साइटिस हुआ है, आपको चोट से अतिरिक्त सुरक्षा मिल सकती है।

7) हमेशा अच्छी मुद्रा बनाए रखने का प्रयास करें (Always Try to Maintain a Good Posture)

अच्छी मुद्रा (good posture) बर्साइटिस दर्द की रोकथाम या कमी में सहायता करती है। खड़े होते, बैठते और सोते समय उचित मुद्रा में रहने से तंत्रिकाओं और मांसपेशियों में अनावश्यक खिंचाव से बचाव होता है।

8) पैड, कुशन और सपोर्ट (Pads, Cushions, and Supports)

बार-बार घुटने टेकने या बैठने के लिए पैड और कुशन का उपयोग, एथलेटिक टेप (athletic tape), और कस्टम-फिट ब्रेसिज़ और कम्प्रेशन गियर (compression gear) का उपयोग बर्साइटिस के विभिन्न रूपों की रोकथाम में सहायता कर सकता है। ये पैड और कुशन आपके शरीर, विशेषकर आपके पैरों और घुटनों पर तनाव और दबाव को कम करते हैं।

9) अपने शरीर के वजन को नियंत्रित करें (Manage Your Body Weight)

एक स्वस्थ वजन शरीर के उन क्षेत्रों में दबाव को कम कर सकता है जहां बर्साइटिस सबसे अधिक विकसित होता है। अपना उचित वजन बनाए रखने के लिए आपके आहार उपभोग और शारीरिक गतिविधि के बीच संतुलन की भी आवश्यकता होगी, जो दोनों चोटों और बीमारियों की रोकथाम में सहायता कर सकता है।

10) अपने डॉक्टर से सलाह लें (Consult your Doctor)

यदि आपको शरीर में बार-बार, लगातार या गंभीर दर्द होता है, तो आपको अपने डॉक्टर के साथ परामर्श करना चाहिए। यदि संभव हो, तो अपने दर्द के कारण वाली गतिविधि, या अन्य कारणों को दोहराने से बचें।

बर्साइटिस वाले व्यक्तियों के लिए पूर्वानुमान क्या है? – (What is the Prognosis for Individuals with Bursitis in hindi?)

बर्साइटिस से पीड़ित व्यक्तियों के लिए रोग का निदान पूरी तरह से इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। ज्यादातर मामलों में यह आराम करने और ओवर-द-काउंटर दवाओं (OTC medications) से ठीक हो जाता है। हालाँकि, कुछ लोगों को लक्षणों को ठीक करने के लिए इंजेक्शन या तरल पदार्थ निकालने (fluid drainage) की आवश्यकता हो सकती है।



संदर्भ (References):

1) Septic Bursitis                   

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK470331/

2) Bursitis

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK513340/

3) Bursitis: Types, Causes, Symptoms, Diagnosis, & Treatment


अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|


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