अशोकारिष्ट सिरप के फायदे – Ashokarishta Benefits in Hindi

अशोकारिष्ट क्या है? – What is Ashokarishta in Hindi?

दोस्तो, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में छोटी-मोटी बीमारियों से बचाव के लिए हम कई तरह के घरेलू-नुस्खे और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बने उत्पाद को उपयोग में लाते रहते हैं। इन्हीं में अशोकारिष्ट (Ashokarishta) का नाम बहुत महत्वपूर्ण है, इसे आयुर्वेद में कई स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोगी माना जाता है।

अशोकारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे अशोक के पेड़ की छाल, धातकी, गुड, हरीतकी, मुस्ता, और आमलकी को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक गर्भाशय टॉनिक है जो महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी विकार जैसे अतिरिक्त खून बहना, अनियमित मासिक चक्र, पेट दर्द, और कमर दर्द आदि के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है|

अशोकारिष्ट में प्रयुक्त जड़ी-बूटियाँ (घटक) कौन सी हैं? – What are the Ingredients of Ashokarishta in hindi?

अशोकारिष्ट एक बहुत महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक टॉनिक है| यह मुख्यतः अशोक की छाल से बनाया जाता है| इसी छाल में अन्य घटक मिलाकर इस औषधि का निर्माण किया जाता है|

अशोकारिष्ट में प्रयोग होने वाली जड़ी-बूटियाँ (घटक) हैं:

  • अशोक के पेड़ की छाल
  • गुड
  • कलौंजी
  • दारूहरिद्रा
  • धातकी के फूल
  • विभीतकी
  • हरीतकी
  • आम बीज
  • नागरमोथा (मुस्तक) की जड़
  • उत्पला के फूल
  • आमला या आमलकी
  • चन्दन
  • अडूसा

अशोकारिष्ट के पोषक तत्व क्या हैं? – What are the Nutrients of Ashokarishta in Hindi?

अशोकारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे अशोक की छाल के साथ अन्य जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक सामग्रियों के इस्तेमाल से तैयार किया जाता है। इस तरह इसमें मौजूद रसायनों को ही इसके पोषक तत्वों के रूप में देखा जा सकता है, और इनमे कार्बोहाइड्रेट्स, टैनिन्स, ग्लाइकोसाइड्स, फ्लेवेनोइड्स, एल्केलाइड्स, आदि प्रमुख हैं| यह स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की समस्याओं से बचाव करता है।

अशोकारिष्ट के क्या फायदे हैं? – What are the Benefits (Uses) of Ashokarishta in Hindi?

अशोकारिष्ट के निम्नलिखित महत्वपूर्ण फायदे हैं (Ashokarishta ke Fayde in Hindi):

1) अशोकारिष्ट मासिक धर्म में उपयोगी है – Ashokarishta is Beneficial during Menstrual Cycle in Hindi

अशोकारिष्ट मासिक धर्म की तकलीफ से राहत दिलाता है तथा नियमित मासिक धर्म की प्रक्रिया को बनाए रखने में भी मददगार होता है।

एक शोध में पाया गया है कि अशोकारिष्ट महिलाओं को पोषण प्रदान कर रक्त और प्रजनन तंत्र को नियंत्रित करने के साथ असामन्य हार्मोनल स्थिति को भी ठीक करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह नियमित मासिक चक्र को बनाए रखने में भी मदद करता है। मासिक चक्र के दौरान होने वाली तकलीफों, जैसे कमर और पेट दर्द, को कम करने में भी यह मददगार हो सकता है (1)|

2) अशोकारिष्ट रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारता है – Ashokarishta Boost up Your Immunity in Hindi

हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बहुत महत्वपूर्ण कार्य करती है। यह रोगों और संक्रमण से लड़ने में मदद करती है, इसलिए इसका मजबूत रहना बहुत आवश्यक होता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिए अशोकारिष्ट काफी फायदेमंद है। इस बात का प्रमाण एक शोध से भी मिला है। शोध में पाया गया है कि अशोकारिष्ट एक ऐसी औषधि है जिसमें इम्यून मॉड्यूलेटर (रोग प्रतिरोधक क्षमता को नियंत्रित करने वाला) गुण पाया जाता है जो इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद करता है।

3) पेट दर्द से आराम दिलाने में सहायक है – Beneficial in Abdominal Pain in Hindi

अशोकारिष्ट में कार्मिनेटिव (Carminative – गैस से राहत दिलाने वाला) और डायजेस्टिव (Digestive – पाचन शक्ति बढ़ाने वाला) गुण पाया जाता है। इसलिए यदि किसी को अपच और गैस के कारण पेट में दर्द हो रहा है तो उसे अशोकारिष्ट का उपयोग करना चाहिए।

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार पेट में गैस और दर्द की समस्या के लिए अशोकारिष्ट का उपयोग फायदेमंद होता है।

4) ऑस्टियोपोरोसिस में राहत दिलाता है – Provides relief in Osteoporosis in Hindi

ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होने पर हड्डियों की कमजोरी होने का जोखिम रहता है। हड्डियों की कमजोरी दूर करने के लिए अशोक के पेड़ की छाल बहुत फायदेमंद होती है।

एक शोध में यह पाया गया है कि अशोक के पेड़ की छाल हड्डियों के घनत्व को बढ़ाकर हड्डियों को मजबूती प्रदान कर सकती है। और इससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या में राहत मिल सकती है (2)।

अशोकारिष्ट बनाने के लिए मुख्य रूप से अशोक के पेड़ की छाल का इस्तेमाल किया जाता है। अतः यह स्पष्ट है कि ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या में भी यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है|

5) अल्सर से राहत दिलाता है – Provides relief from ulcers in Hindi

अशोकारिष्ट अल्सर की समस्या से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है। एक शोध के अनुसार अशोक के पेड़ की छाल में एंटी-अल्सर (अल्सर से राहत दिलाने वाला) गुण मौजूद होता जो अल्सर को ठीक करने में मदद करता है।

अशोक की छाल का इस्तेमाल करके ही अशोकारिष्ट को बनाया जाता है। इसी आधार पर इसको अल्सर की समस्या से राहत दिलाने में उपयोगी माना जा सकता है।

6) पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज में फायदेमंद – Beneficial in pelvic inflammatory disease in Hindi

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज में भी अशोकारिष्ट को फायदेमंद माना जाता है। अशोक की छाल में एंटी-इन्फ्लेमेटरी (anti-inflammatory) और एंटी-माइक्रोबियल (anti-microbial) गुण पाए जाते हैं (3)।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (pelvic inflammatory disease) की मुख्य वजह बैक्टीरियल इन्फेक्शन होती है, और इसमें पेल्विक हिस्से (pelvic region) में सूजन हो जाती है। इस तरह अशोकारिष्ट पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज का कारण बनने वाले बैक्टीरिया और इसमें होने वाली पेल्विक हिस्से की सूजन से राहत दिलाने में फायदेमंद साबित हो सकता है।

7) हार्मोन का स्तर सामान्य रखता है – Keeps hormone levels normal in Hindi

महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स हमेशा बदलते रहते हैं, जिस वजह से मुंहासे, वजन बढ़ना, या अधिक बालों का निकलना, जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं। अशोकारिष्ट का सेवन महिलाओं के शरीर के हार्मोन्स पर भी प्रभाव डालता है और उनके शरीर में हार्मोन के स्तर को सामान्य बनाये रखने में मदद करता है।

अशोकारिष्ट के नुकसान (दुष्प्रभाव) क्या हैं? – What are the Side Effects of Ashokarishta in Hindi?

अशोकारिष्ट का उपयोग करने से स्वास्थ्य संबंधी कई तरह के फायदे होते है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन अशोकारिष्ट के नुकसान (दुष्प्रभाव) का कारण भी बन सकता है।

दोस्तो, अधिक मात्रा में सेवन के कारण अशोकारिष्ट के जो नुकसान देखने को मिल सकते हैं, वह कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:

  • अशोकारिष्ट को बनाने में गुड़ का भी इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप के मरीजों को अशोकारिष्ट का उपयोग करने से पहले चिकिस्तक की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
  • इसमें प्राकृतिक अल्कोहल मौजूद होने के कारण इसका अधिक सेवन एसिडिटी और जलन की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को अशोकारिष्ट का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
  • महिलाओं की अनियमित महामारी की समस्या को नियंत्रित करने के लिए अशोकारिष्ट मदद कर सकता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन नियमित मासिक चक्र के क्रम को भी प्रभावित कर सकता है।

अशोकारिष्ट की कितनी मात्रा लेनी चाहिए? – What is the Dose of Ashokarishta in Hindi?

अशोकारिष्ट का पूरा फायदा (लाभ) लेने के लिए खाने के बाद करीब 15 से 20 मिलीलीटर अशोकारिष्ट को बराबर पानी की मात्रा के साथ दिन में दो बार लेना चाहिए|

इसकी अधिकतम संभावित खुराक (मात्रा) 60 मिलीलीटर प्रतिदिन है|

इसके सेवन का सबसे उचित समय खाना खाने के तुरंत बाद है और खाली पेट इसका सेवन न करें|

अशोकारिष्ट का सेवन करते समय यदि माहवारी (पीरियड्स) देरी से आ रही हो तो इसकी खुराक को 20 मिलीलीटर से घटाकर 10 मिलीलीटर कर देना चाहिए|

इसके सेवन के दौरान किसी प्रकार का कोई नुकसान या दुष्प्रभाव महसूस होने पर आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए|

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – Frequently Asked Questions

प्रश्न: क्या अशोकारिष्ट रजोनिवृत्ति के लिए अच्छा है?

उत्तर: हां, रजोनिवृत्ति में अशोकारिष्ट का सेवन लाभकारी माना जाता है।

प्रश्न: अशोकारिष्ट की मुख्य सामग्री क्या क्या है?

उत्तर: इस आयुर्वेदिक औषधि का निर्माण 15 प्राकृतिक घटकों से किया जाता है| इसका मुख्य घटक (सामग्री) अशोक के पेड़ की छाल है| इसके अन्य घटक गुड, अदरक, हरीतकी, दारुहरिद्रा, मुस्तक की जड़, विभीतकी, आदि शामिल हैं|

प्रश्न: क्या अशोकारिष्ट में अल्कोहल होता है?

उत्तर: हां, इसमें प्राकृतिक रूप से अल्कोहल की मात्रा मौजूद होती है।


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संदर्भ (References):

1) Standardization of different marketed brands of Ashokarishta: An Ayurvedic formulation  http://www.jsirjournal.com/Vol2Issue604.pdf

2) Evaluation of Saraca indica for the management of dexamethasone-induced osteoporosis   https://www.researchgate.net/publication/299342960_Evaluation_of_Saraca_indica_for_the_management_of_dexamethasone-induced_osteoporosis

3) Asoka: Herbal Boon to Gynecological Problems An Overview of Current Research     https://www.academia.edu/44453733/Asoka_Herbal_Boon_to_Gynecological_Problems_An_Overview_of_Current_Research


अस्वीकरण (DISCLAIMER): इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है| हमारे किसी उपाय/नुस्खे/दवा आदि के इस्तेमाल से यदि किसी को कोई नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी|


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