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चुकंदर क्या है? – (What is Beetroot (Chukandar) in hindi?)
चुकंदर एक प्रसिद्ध जड़ वाली सब्जी (रूट वेजिटेबल) है जिसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी है, जिसका स्वाद गहरा मिट्टी जैसा है। चुकंदर के आकर्षण का एक अन्य कारण इस सब्जी को अपने आहार में शामिल करने के तरीकों की विविधता है।
चुकंदर के पोषण मूल्य की तुलना लगभग किसी भी सब्जी से करना मुश्किल है! बहुत से लोग चुकंदर खाना पसंद करते हैं, क्योंकि इसके कई फायदे हैं और यह स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।
दरअसल चुकंदर अपने पौधे का मुख्य जड़ वाला हिस्सा है, और इसे गार्डन बीट, रेड बीट, टेबल बीट, गोल्डन बीट, डिनर बीट और बीट जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।
यह सब्जी फोलेट, आयरन, मैंगनीज, पोटेशियम, विटामिन सी और फाइबर का अच्छा स्रोत है।
चुकंदर के कई प्रकार होते हैं, और उनके कई अलग-अलग रंग हो सकते हैं – सफेद, गहरा बैंगनी, पीला और गुलाबी।
ये कच्चे तो स्वादिष्ट होते हैं लेकिन अचार या पकाए हुए भी बहुत स्वादिष्ट होते हैं।
चुकंदर के कई स्वास्थ्य लाभ हैं जैसे उच्च रक्तचाप नियंत्रण में सहायता, स्टेमिना में वृद्धि, रक्त प्रवाह में सुधार, और एनीमिया से बचाव।
चुकंदर का पोषण मूल्य क्या है? – (What is the Nutritional Value of Beetroot (Chukandar) in hindi?)
चुकंदर एक पौष्टिक सब्जी है। चुकंदर के पोषण लाभ अधिकांश जड़ वाली सब्जियों (रूट वेजिटेबल) की तुलना में कहीं अधिक हैं।
प्रति 100 ग्राम उबले हुए चुकंदर का पोषण मूल्य (15) | |
ऊर्जा (Energy) | 44 किलो कैलोरी (Kcal) |
पानी (Water) | 87.1 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) | 9.96 ग्राम |
शुगर (Sugars) | 7.96 ग्राम |
डाइटरी फाइबर (Dietary fiber) | 2 ग्राम |
प्रोटीन (Protein) | 1.68 ग्राम |
फैट (Fat) | 0.18 ग्राम |
मिनरल्स (Minerals) | |
सोडियम (Sodium) | 77 मिलीग्राम |
कैल्शियम (Calcium) | 16 मिलीग्राम |
पोटैशियम (Potassium) | 305 मिलीग्राम |
कॉपर (Copper) | 0.074 मिलीग्राम |
आयरन (Iron) | 0.79 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम (Magnesium) | 23 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस (Phosphorus) | 38 मिलीग्राम |
जिंक (Zinc) | 0.35 मिलीग्राम |
मैंगनीज (Manganese) | 0.326 मिलीग्राम |
विटामिन्स (Vitamins) | |
विटामिन ए (Vitamin A) | 2 माइक्रोग्राम (mcg) |
विटामिन बी 1 (Vitamin B1 – Thiamine) | 0.027 मिलीग्राम |
विटामिन बी 2 (Vitamin B2 – Riboflavin) | 0.04 मिलीग्राम |
विटामिन बी 3 (Vitamin B3 – Niacin) | 0.331 मिलीग्राम |
विटामिन बी 5 (Vitamin B5 – Pantothenic acid) | 0.145 मिलीग्राम |
फोलेट (Folate) | 80 माइक्रोग्राम (mcg) |
विटामिन सी (Vitamin C) | 3.6 मिलीग्राम |
विटामिन ई (Vitamin E) | 0.04 मिलीग्राम |
विटामिन के (Vitamin K) | 0.2 माइक्रोग्राम (mcg) |
चुकंदर खाने के फायदे और उपयोग क्या हैं? – (What are the Benefits and Uses of Beetroot (Chukandar) in hindi?)
1) चुकंदर स्टेमिना बढ़ाता है – (Beetroot Increases stamina in hindi)
विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि चुकंदर में पाए जाने वाले नाइट्रेट शारीरिक प्रदर्शन (physical performance) में सुधार कर सकते हैं।
यह देखा गया है कि ये आहार-नाइट्रेट माइटोकॉन्ड्रिया (जो कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं) की कार्यक्षमता को प्रभावित करके व्यायाम के दौरान ऑक्सीजन के उपयोग को कम करते हैं (1)।
चुकंदर आपके शरीर में नाइट्रेट की मात्रा बढ़ाता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्त प्रवाह बढ़ता है। यह फेफड़ों की क्षमता, और हृदय की शक्ति को भी बढ़ाता है, साथ ही किसी भी गतिविधि या कसरत को कम थकाऊ बनाने में मदद करता है, इसलिए यह आपके लिए बेहतर है।
2) चुकंदर आपको एनीमिया से बचा सकता है – (Beetroots can protect you from Anemia in hindi)
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आयरन की कमी से एनीमिया होता है।
अपर्याप्त आयरन स्तर वाले व्यक्तियों में कभी-कभी एनीमिया या आयरन की कमी हो सकती है।
चुकंदर में आयरन की मात्रा अधिक होती है, जो आरबीसी के निर्माण के लिए आवश्यक है और इसलिए यह आपको एनीमिया से बचाता है।
चुकंदर में मौजूद फोलेट भी एनीमिया को रोकने में मदद करता है।
3) चुकंदर त्वचा के लिए फायदेमंद है – (Beetroot (Chukandar) benefits for skin in hindi)
चुकंदर में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। अध्ययनों से पता चला है कि त्वचा के फ़ाइब्रोब्लास्ट (skin fibroblasts) को कोलेजन को संश्लेषित करने के लिए इस विटामिन की आवश्यकता होती है। इस प्रकार यह आपकी त्वचा को मुलायम बनाने के साथ-साथ झुर्रियों से भी बचाता है। विटामिन सी आपकी त्वचा को यूवी विकिरण (UV radiation) के हानिकारक प्रभावों से बचाने में भी मदद करता है।
इस सब्जी में विटामिन ए भी होता है जो श्लेष्म झिल्ली (mucous membranes) को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है और आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। यह विटामिन आपकी त्वचा कोशिकाओं के दैनिक प्रतिस्थापन (daily replacement) में भी मदद करता है (5)।
इसलिए, अगली बार जब आप महंगे त्वचा देखभाल उत्पाद खरीदने जा रहे हों, तो उससे पहले एक बार चुकंदर को जरूर आज़माएं।
4) चुकंदर रक्तचाप को कम करने में मदद करता है – (Beetroot (Chukandar) helps in reducing blood pressure in hindi)
कई अध्ययनों ने रक्तचाप पर चुकंदर के लाभकारी प्रभावों को प्रदर्शित किया है। यदि आप नियमित रूप से चुकंदर खाते हैं या चुकंदर के रस का सेवन करते हैं, तो आपका रक्तचाप चार सप्ताह के भीतर कम हो जाएगा (2)।
चाहे आप कच्चा, उबला हुआ, या पका हुआ चुकंदर खाएं, इसके सभी प्रकार रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकते हैं।
चुकंदर आपके शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा को बढ़ाता है, जो आपकी रक्त वाहिकाओं को आराम देता है जिससे रक्तचाप कम होता है।
5) पाचन के लिए चुकंदर के फायदे – (Beetroot Benefits for Digestion in hindi)
यदि आप अक्सर पेट की समस्याओं का अनुभव करते हैं, तो चुकंदर आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
चुकंदर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और यह नियमित मल त्याग में सहायता करता है। ऐसा कहा जाता है कि चुकंदर पाचन में मदद करने के साथ-साथ चयापचय (metabolism) को तेज करने की अपनी क्षमता में अद्वितीय है।
चुकंदर के जूस का सेवन कब्ज से राहत का अब तक का सबसे कारगर तरीका है।
6) यह सूजन के खिलाफ लड़ाई में योगदान देता है – (It Contributes to the Fight against Inflammation in hindi)
चुकंदर का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह सूजन से लड़ने के साथ-साथ रक्त को विषाक्त पदार्थों से बचाता है।
यह न केवल एक उत्कृष्ट सूजन-रोधी (anti-inflammatory) आहार है, बल्कि यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचने में भी मदद करता है और साथ ही आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।
7) यह आपके मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बढ़ाता है – (It Enhances your brain Functioning in hindi)
कच्चे चुकंदर के साथ-साथ चुकंदर के रस का सेवन मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकता है। नाइट्रेट रक्त प्रवाह को बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं और आपको मस्तिष्क से संबंधित कुछ विकारों से बचा सकते हैं।
चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट शरीर द्वारा नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं। यह नाइट्रिक ऑक्साइड मस्तिष्क कोशिकाओं को एक दूसरे के साथ संवाद करने में मदद करता है, जिससे मस्तिष्क स्वास्थ्य बढ़ता है। ये डाइटरी नाइट्रेट (dietary nitrates) मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में भी सुधार करते हैं (3)।
चुकंदर का रस अल्जाइमर रोग को रोकने में भी मदद करता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से चुकंदर का रस पीते हैं, उनकी संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली (cognitive functioning) में सुधार हुआ है और उनका मस्तिष्क भी स्वस्थ है (4)।
इस प्रकार, जो लोग चुकंदर खाते हैं वे मनोभ्रंश (dementia) से बचने में में सक्षम हो सकते हैं, और उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं (cognitive abilities) में सुधार हो सकता है।
8) वजन घटाने के लिए चुकंदर के फायदे – (Beetroot Benefits for weight loss in hindi)
यदि आप एक बेहतर वजन घटाने वाले भोजन की तलाश में हैं, तो चुकंदर को इसमें शामिल करना न भूलें!
चुकंदर में कम कैलोरी के साथ-साथ बहुत सारा पानी होता है। इसमें प्रत्येक तत्व वजन कम करने या आदर्श वजन बनाए रखने का प्रयास करने वालों के लिए आवश्यक है।
9) चुकन्दर का रस डिटॉक्सिफिकेशन में सहायता करता है – (Beetroot (Chukandar) juice assists in detoxification in hindi)
चुकंदर का रस सभी उम्र के लोगों के लिए एक उत्कृष्ट डिटॉक्स पेय (cleansing beverage) है!
चुकंदर का रस विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है जो शरीर की उचित कार्यक्षमता में सहायता करता है। इसके जूस में आयरन, जिंक, पोटैशियम आदि खनिज होते हैं। इसमें विटामिन सी (Vitamin C) और कैल्शियम भी काफी मात्रा में होता है।
यह आपके शरीर को अंदर से कीटाणुरहित और शुद्ध करता है तथा रक्त परिसंचरण को भी बढ़ाता है।
10) यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है – (It May Help to Control Blood Sugar Levels in hindi)
चुकंदर में अल्फा-लिपोइक एसिड (alpha-lipoic acid), एक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता (insulin sensitivity) को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
2019 में शोधकर्ताओं ने मधुमेह न्यूरोपैथी के लक्षणों पर अल्फा-लिपोइक एसिड के प्रभावों को देखा। उन्होंने पाया कि अल्फा-लिपोइक एसिड का सेवन करने से अथवा इसे अंतःशिरा (intravenous) मार्ग से देने से मधुमेह रोगियों की स्वायत्त और परिधीय न्यूरोपैथी (autonomic and peripheral neuropathy) के लक्षणों में कमी आ सकती है (6)।
यूके (UK) में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, चुकंदर के रस के सेवन से पोस्टप्रैंडियल हाइपरग्लेसेमिया (postprandial hyperglycemia) को रोकने में मदद मिली है (7)।
11) ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में चुकंदर के फायदे – (Beetroot benefits in Preventing Osteoporosis in hindi)
दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि चुकंदर में नाइट्रेट प्रचुर मात्रा में होता है, जो शरीर द्वारा नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। जापान में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि नाइट्रिक ऑक्साइड ऑस्टियोपोरोसिस जैसी जीवनशैली से संबंधित कुछ बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है (8)।
चुकंदर में सिलिकॉन मौजूद होने के कारण इसे ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज के लिए अच्छा माना जाता है। शरीर को कैल्शियम का उचित उपयोग करने के लिए इस खनिज की आवश्यकता होती है (9)।
इस प्रकार हर दिन चुकंदर खाने या इसके रस का एक गिलास पीने से ऑस्टियोपोरोसिस को दूर रखने में मदद मिल सकती है!
12) यह मोतियाबिंद को रोकने में मदद कर सकता है – (It may help to Prevent Cataracts in hindi)
चुकंदर (मुख्य रूप से चुकंदर-ग्रीन) में अच्छी मात्रा में बीटा-कैरोटीन होता है, जो मोतियाबिंद के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है और उम्र से संबंधित मैक्युलर डीजनरेशन (age-related macular degeneration) को रोकने में भी मदद कर सकता है।
13) चुकंदर कैंसर की रोकथाम में सहायता कर सकता है – (Beetroot may Aid Cancer Prevention in hindi)
चुकंदर में कैंसर रोधी गुणों वाले कई यौगिक होते हैं, जिनमें रुटिन (rutin), बीटाइन (betaine), कैफिक एसिड (caffeic acid), फेरुलिक एसिड (ferulic acid), और काएम्फेरोल (kaempferol) शामिल हैं (10)।
एक अन्य अध्ययन से यह भी पता चला है कि बीटाइन के उच्च रक्त स्तर को कैंसर के विकास के कम जोखिम से जोड़ा जा सकता है (11)।
गाजर के अर्क के साथ-साथ चुकंदर का रस, ल्यूकेमिया के इलाज में मदद करता पाया गया। कई अध्ययनों ने चुकंदर के कैंसर रोधी गुणों का समर्थन किया है (12)।
14) चुकंदर पोषक तत्वों से भरपूर है लेकिन इसमें कैलोरी कम हैं – (Beetroot is rich in nutrients but few in calories in hindi)
इस सब्जी की एक प्रभावशाली पोषण प्रोफ़ाइल (nutritional profile) है।
इसमें कैलोरी कम होती है लेकिन कई मूल्यवान विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं।
चुकंदर फोलेट (folate) से भरपूर होता है, जो आपकी ग्रोथ (growth) और हृदय के स्वास्थ्य में मुख्य भूमिका निभाता है।
इसमें अच्छी मात्रा में मैंगनीज होता है, जो हड्डियों के निर्माण, मस्तिष्क के कार्य, और पोषक तत्वों के चयापचय के लिए आवश्यक होता है।
इसके अलावा, इसमें कॉपर (copper) भी उच्च मात्रा में होता है, जो कुछ न्यूरोट्रांसमीटरों के संश्लेषण (synthesis) और ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक होता है।
वास्तव में, चुकंदर में आपके शरीर के लिए आवश्यक लगभग सभी मिनरल और विटामिन मौजूद होते हैं।
चुकंदर पॉलीफेनोल्स (polyphenols) और बीटालेन्स (betalains) से भी समृद्ध है, जो ऐसे यौगिक हैं जो इसे एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदान करते हैं। ये गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का इलाज करने में मदद करते हैं।
ये सभी एंटीऑक्सीडेंट शरीर की एंटीऑक्सीडेंट स्थिति (body’s antioxidant status) में सुधार कर सकते हैं।
15) यह लीवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है – (It may Promote Liver Health in hindi)
बीटाइन (betaine), विटामिन बी कॉम्प्लेक्स (vitamin B complex), कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स की मौजूदगी चुकंदर को सबसे अच्छे लिवर खाद्य पदार्थों (best liver foods) में से एक बनाए रखती है।
इसमें पेक्टिन होता है, जो एक फाइबर है और जो शरीर से विषाक्त भारी धातुओं को बाहर निकालने में मदद करता है (13)।
चुकंदर में जिंक और कॉपर भी होता है, ये दोनों लीवर कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद कर सकते हैं (14)।
चुकंदर के नुकसान क्या हैं? – (What are the Side effects of Beetroot (Chukandar) in hindi?)
दोस्तों, हमने चुकंदर के फायदे और उपयोग के बारे में जाना। लेकिन इस अद्भुत सब्जी के कुछ दुष्प्रभाव भी हैं; आइए अब चुकंदर के नुकसान (या साइड इफेक्ट्स) के बारे में जानें।
1) किडनी की समस्या हो सकती है – (May cause kidney problems in hindi)
चुकंदर को दुर्लभ मामलों में गुर्दे की समस्याओं (kidney problems) को प्रेरित करने के लिए जिम्मेदार बताया गया है। जिन लोगों को पथरी है या जिन्हें पथरी होने का खतरा है, उन्हें चुकंदर के सेवन से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें कुछ समस्याएं हो सकती हैं।
चुकंदर में काफी मात्रा में ऑक्सालेट (oxalate) होता है, जो कुछ व्यक्तियों में गुर्दे की पथरी का कारण बन सकता है।
2) कैल्शियम की कमी – (Calcium Deficiency in Hindi)
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि चुकंदर मानव शरीर में कैल्शियम के स्तर को कम कर सकता है। इस प्रकार, इसका हड्डियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
3) निम्न रक्तचाप वाले लोगों के लिए खतरनाक – (Dangerous for people with lower blood pressure in hindi)
हालाँकि चुकंदर उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए अच्छा है, लेकिन इसका सेवन निम्न रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए अच्छा नहीं है।
इस सब्जी में ऐसे तत्व होते हैं जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों की मदद कर सकते हैं।
इसका सेवन निम्न रक्तचाप वाले लोगों के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकता है। इसलिए, यदि आप पहले से ही हाइपोटेंशन (hypotension) से पीड़ित हैं, तो आपको नियमित रूप से चुकंदर खाने से बचना चाहिए।
4) चुकंदर से एलर्जी – (Beetroot allergy in hindi)
हम पहले से ही जानते हैं कि चुकंदर खनिज, विटामिन, डाइटरी फाइबर, पॉलीफेनोल (polyphenols), और फाइटोन्यूट्रिएंट्स (phytonutrients) से समृद्ध है; इन यौगिकों की मौजूदगी इसे हमारे लिए बहुत फायदेमंद बनाती है।
लेकिन इसके सेवन से कुछ लोगों में एलर्जी की समस्या हो सकती है। चुकंदर का सेवन अक्सर त्वचा पर चकत्ते (skin rashes), ठंड लगना (chills), पित्ती (hives), खुजली (itching), और बुखार (fever) जैसी प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं से जुड़ा होता है।
चुकंदर के रस का सेवन करने से स्वर रज्जु (vocal chords) सिकुड़ जाती हैं, जिससे कुछ लोगों के लिए निगलना अधिक कठिन हो जाता है। अतः, जिन लोगों को एलर्जी है उनके लिए चुकंदर से परहेज करना सबसे अच्छा है।
5) चुकंदर गर्भावस्था के दौरान समस्या पैदा कर सकता है – (Beets may Cause Problems during Pregnancy in hindi)
चुकंदर में कई पोषक तत्व मौजूद होने के कारण यह गर्भावस्था के दौरान बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन इस सब्जी में मौजूद नाइट्रेट गर्भवती महिलाओं के लिए समस्या पैदा कर सकता है, क्योंकि कुछ महिलाएं नाइट्रेट के प्रभाव के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।
यह गर्भावस्था के अंतिम चरण के दौरान रक्त में मेटहीमोग्लोबिन (methemoglobin) के स्तर की प्राकृतिक वृद्धि के कारण हो सकता है। अतिरिक्त नाइट्रेट मेथेमोग्लोबिनेमिया (methemoglobinemia) का कारण बन सकता है, जिससे सिरदर्द, ऊर्जा की कमी, चक्कर आना, तथा होठों, आंखों, हाथों और पैरों के आसपास की त्वचा का नीला-ग्रे रंग होना जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं।
इसलिए, गर्भावस्था में चुकंदर को सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है और वह भी अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद।
6) गाउट – (Gout in hindi)
रोजाना मध्यम मात्रा में चुकंदर खाने से गठिया, गाउट जैसी सूजन संबंधी स्थितियों (inflammatory conditions) में राहत मिलती है।
लेकिन चुकंदर ऑक्सलेट से भरपूर होता है जो आपके शरीर में अत्यधिक यूरिक एसिड के निर्माण में योगदान देता है।
और यूरिक एसिड की यह बड़ी मात्रा आपके लिए हानिकारक है क्योंकि यह गाउट जैसी स्थिति के निर्माण की ओर ले जाती है, जिसमें तेज बुखार, अत्यधिक जोड़ों का दर्द, और चमकदार लाल जोड़ आदि सामान्य लक्षण होते हैं।
इस कारण से आपको अधिक मात्रा में चुकंदर खाने से बचना चाहिए।
7) चुकंदर लीवर के लिए हानिकारक हो सकता है – (Beetroot can be detrimental to the liver in hindi)
जैसा कि आप जानते हैं चुकंदर आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम, और कॉपर का एक उत्कृष्ट स्रोत है।
यहाँ चिंता की बात यह है कि ये सभी धातु हैं; और इनमें से किसी का भी अधिक सेवन उसके संचय को जन्म दे सकता है। अतः इस तरह यह आपके लीवर और अग्न्याशय को नुकसान पहुंचा सकता है।
8) चुकंदर से बीटुरिया हो सकता है – (Beets may cause Beeturia in hindi)
चुकंदर या इसके रस का अधिक सेवन करने से बीटुरिया हो सकता है।
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें चुकंदर के सेवन के बाद मूत्र का रंग बदल जाता है (मूत्र का रंग गुलाबी से लेकर गहरे लाल तक हो सकता है)। यह स्थिति लगभग 10 से 14% आबादी को प्रभावित कर सकती है और आयरन की कमी वाले लोगों को अधिक बार प्रभावित कर सकती है (16)।
बीटुरिया से पीड़ित अधिकांश लोगों के लिए यह एक हानिरहित घटना है जो चुकंदर या इसके रस का सेवन कम करने या बंद करने के बाद अपने आप ठीक हो जाती है (16)।
चुकन्दर की खुराक क्या है? – (What is the Dosage of Beetroot (Chukandar) in hindi?)
चुकंदर के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन ये आपको तभी मिल सकते हैं जब आप उचित खुराक में इस सब्जी का सेवन करेंगे।
चुकंदर के विभिन्न रूपों की खुराक (dose of various beetroot forms in hindi) निम्न प्रकार है:
चुकंदर का जूस – (Beetroot Juice in hindi)
चुकंदर के जूस के लिए अभी भी कोई औपचारिक खुराक का दिशानिर्देश नहीं हैं। लेकिन एक दिन में इसके जूस का 250 मिलीलीटर सेवन करने से रक्तचाप कम करने में मदद मिल सकती है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि चुकंदर के जूस की रक्तचाप को कम करने की क्षमता केवल इसकी नाइट्रेट सामग्री पर निर्भर करती है, जो चुकंदर के जूस में काफी भिन्न-भिन्न होती है।
सामान्य व्यक्तियों में रक्तचाप को कम करने के लिए लगभग 0.1-0.2mmol/kg (अथवा 6.4-12.8mg/kg) नाइट्रेट का लक्ष्य है।
आप चुकंदर का जूस ½ से 1 कप या अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ले सकते हैं।
चुकंदर का तेल – (Beetroot Oil in hindi)
आप चुकंदर के तेल की 4-5 बूंदें या अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार सेवन कर सकते हैं।
चुकंदर पाउडर – (Beetroot Powder in hindi)
½ से 1 चम्मच या अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार।
चुकंदर कैप्सूल – (Beetroot Capsule in hindi)
1 से 2 चुकंदर कैप्सूल दिन में दो बार।
चुकंदर का उपयोग कैसे करें? – (How to use Beetroot in hindi?)
दोस्तों आप सेवन के लिए चुकंदर का उपयोग निम्न प्रकार से कर सकते हैं:
1) चुकंदर का सलाद – (Salad of Beetroots in hindi)
- शुरुआत एक से दो कच्चे चुकंदर से करें।
- फिर धोकर इन्हें उचित आकार के टुकड़ों में काट लें।
- इसके अलावा, आप अपनी अन्य पसंदीदा सब्जियां भी इसमें शामिल कर सकते हैं।
- इसमें 12 नींबू के टुकड़े डालें।
- स्वादानुसार नमक डालें।
- भोजन के साथ या उससे पहले इस सलाद का सेवन करें।
2) चुकंदर का जूस – (Beetroot Juice in hindi)
आप 250 मिलीलीटर चुकंदर का जूस ले सकते हैं और इसमें अनार या संतरे का जूस मिला सकते हैं। इसका सेवन सुबह के समय करें।
3) चुकंदर पाउडर – (Beetroot Powder in hindi)
आप ½ -1 चम्मच चुकंदर का पाउडर लें और इसे पानी के साथ निगल लें। इसका सेवन भोजन के बाद करें।
4) चुकंदर कैप्सूल – (Beetroot Capsule in hindi)
आप दिन में दो बार भोजन के बाद चुकंदर के 1-2 कैप्सूल पानी के साथ खा सकते हैं।
इसके अलावा चुकंदर का उपयोग कई अन्य रूपों में भी किया जा सकता है जैसे अचार कर, भून कर आदि।
बाहरी उपयोग के लिए चुकंदर का इस्तेमाल आप निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं:
1) चुकंदर का जूस – (Beetroot Juice in hindi)
- 1-2 चम्मच चुकंदर का रस लें.
- इसे शहद के साथ मिलाएं और धीरे-धीरे अपने चेहरे पर लगाएं।
- इसे 15 मिनट लगा रहने दें।
- बाद में इसे पानी से अच्छी तरह साफ कर लें।
- झुर्रियों और दाग-धब्बों को दूर रखने के लिए इस प्रक्रिया को हफ्ते में 2-3 बार दोहराएं।
2) चुकंदर पाउडर – (Beetroot Powder in hindi)
- एक छोटे कटोरे में 1-2 चम्मच चुकंदर पाउडर डालें।
- इसे शहद के साथ मिला लें।
- अब इस मिश्रण को प्रभावित जगह, जैसे जहां सूजन हुई है, पर लगाएं।
- इसे बीस से तीस मिनट तक लगा रहने दें।
- बाद में इसे पानी से अच्छी तरह धो लें।
- सूजन (oedema) से राहत पाने के लिए इस प्रक्रिया को प्रति सप्ताह 2-3 बार दोहराएं।
3) चुकंदर का तेल – (Beetroot Oil in hindi)
- थोड़े से पानी में इसके तेल की चार से पांच बूंदें मिलाएं।
- इसमें थोडा-सा तिल का तेल मिला लें।
- इसकी प्रभावित क्षेत्र पर समान रूप से मालिश करें।
- दर्द से राहत पाने के लिए इस उपचार को प्रतिदिन एक से दो बार करें।
निष्कर्ष – (Conclusion in Hindi)
चुकंदर के ये सभी गुण इसे ‘सुपरफूड’ बनाते हैं और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बहुत-से व्यक्ति इस सब्जी को बहुत पसंद करते हैं। चुकंदर के पोषक तत्व और शरीर के लिए इसके फायदे, इसके संतुलित मात्रा में लगातार सेवन से ही प्राप्त हो सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर देखा, चुकंदर के एंटीऑक्सीडेंट गुण कैंसर के साथ-साथ लीवर की क्षति को रोकने में भी मदद कर सकते हैं। चुकंदर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो कब्ज के इलाज में भी मदद कर सकती है। चुकंदर अधिकांश आहारों के लिए एक पौष्टिक पूरक है। चुकंदर का सेवन कच्चा, पकाकर या जूस के रूप में भी किया जा सकता है। चुकंदर के रस में ढेर सारे उपयोगी तत्व होते हैं जो गर्म करने की प्रक्रिया में ख़त्म हो सकते हैं। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि चुकंदर का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
संदर्भ (References):
1) Dietary inorganic nitrate improves mitochondrial efficiency in humans
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21284982/
2) Dietary nitrate provides sustained blood pressure lowering in hypertensive patients
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4288952/
3) Acute effect of a high nitrate diet on brain perfusion in older adults
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3018552/
4) Daily dose of beet juice promotes brain health in older adults
https://www.sciencedaily.com/releases/2010/11/101102130957.htm
5) What is vitamin A and why do we need it?
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3936685/
6) Insights on the Use of α-Lipoic Acid for Therapeutic Purposes
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6723188/
7) Effects of a beetroot juice with high neobetanin content on the early-phase insulin response in healthy volunteers
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4153083/
8) NO-Rich Diet for Lifestyle-Related Diseases
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4488823/
9) Silicon as Versatile Player in Plant and Human Biology: Overlooked and Poorly Understood
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4641902/
10) Red Beetroot and Betalains as Cancer Chemopreventative Agents
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6515411/
11) Association of choline and betaine levels with cancer incidence and survival
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29606601/
12) Beetroot-Carrot Juice Intake either Alone or in Combination with Antileukemic Drug ‘Chlorambucil’ As A Potential Treatment for Chronic Lymphocytic Leukemia
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4877878/
13) Evaluation of pectin binding of heavy metal ions in aqueous solutions
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/10204240/
14) Liver-protecting effects of table beet (Beta vulgaris var. rubra) during ischemia-reperfusion
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17234508/
15) USDA Food Data Central
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/169146/nutrients
16) Beeturia
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK537012/
17) Beetroot (Beets): Uses, Health Benefits, & Side Effects
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस लेख में जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी गयी है| किसी भी उपाय/नुस्खे/दवा आदि को इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि वो आपके स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानता है|
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